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Desh Bhakti/Patriotic Poems in Hindi
देश-भक्ति कविताएँ
राम प्रसाद बिस्मिल
सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है
जिन्दगी का राज-चर्चा अपने क़त्ल का
मिट गया जब मिटने वाला (अन्तिम रचना)
मुखम्मस-हैफ़ हम जिसपे कि तैयार थे मर जाने को
न चाहूँ मान दुनिया में, न चाहूँ स्वर्ग को जाना
हे मातृभूमि ! तेरे चरणों में सिर नवाऊँ
अरूज़े कामयाबी पर कभी तो हिन्दुस्तां होगा
भारत जननि तेरी जय हो विजय हो
ऐ मातृभूमि तेरी जय हो, सदा विजय हो
बला से हमको लटकाए अगर सरकार फांसी से-तराना
देश की ख़ातिर मेरी दुनिया में यह ताबीर हो
दुनिया से गुलामी का मैं नाम मिटा दूंगा
आज़ादी-इलाही ख़ैर ! वो हरदम नई बेदाद करते हैं
देश हित पैदा हुये हैं देश पर मर जायेंगे
सुब्रह्मण्य भारती
यह है भारत देश हमारा
जय भारत
सब शत्रुभाव मिट जाएँगे
चलो गाएँ हम
वन्देमातरम
रे विदेशियो! भेद न हममें
निर्भय
वंदे मातरम्
नमन करें इस देश को
भारत सर्वोत्कृष्ट देश है
अशफ़ाकउल्ला खाँ
बहार आई शोरिश जुनूने फ़ितना सामाँ की
खुदाया देख ले हम, कैसे निसार हो के चले
सुनायें गम की किसे कहानी
कस ली है कमर अब तो, कुछ करके दिखाएंगे
महादेवी वर्मा
क्रांति गीत
देशगीत : अनुरागमयी वरदानमयी
देशगीत : मस्तक देकर आज खरीदेंगे हम ज्वाला
ध्वज गीत: विजयनी तेरी पताका
अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’
जन्मभूमि
क्रान्ति
गौरव गान
मैथिलीशरण गुप्त
मातृभूमि
भारतवर्ष
भारत माता का मंदिर यह
भारत का झण्डा
मातृ-मूर्ति
भारतवर्ष की श्रेष्ठता
हमारा उद्भव
स्वराज्य
भारत का झण्डा
मातृ-मूर्ति
हरिवंशराय बच्चन
स्वतन्त्रता दिवस
आज़ाद हिन्दुस्तान का आह्वान
आज़ादों का गीत
शहीदों की याद में
शहीद की माँ
राष्ट्र ध्वजा
भारतमाता मन्दिर
नौ अगस्त, '४२
क्रांति दीप
कवि का दीपक
घायल हिन्दुस्तान
आज़ादी का नया वर्ष
देश के सैनिकों से
देश के युवकों से
आज़ादी के बाद
देश-विभाजन-१
देश-विभाजन-२
देश-विभाजन-३
देश के नेताओं से
देश के नाविकों से
आजादी की पहली वर्षगाँठ
आजादी की दूसरी वर्षगाँठ
गणतंत्र दिवस
गणतन्त्र पताका
झण्डा
बन्दी
बन्दी मित्र
सुभद्रा कुमारी चौहान
जलियाँवाला बाग में बसंत
झांसी की रानी
झाँसी की रानी की समाधि पर
वीरों का कैसा हो वसंत
स्वदेश के प्रति
रामधारी सिंह दिनकर
कलम, आज उनकी जय बोल-शहीद-स्तवन
किसको नमन करूँ मैं भारत?
जनतन्त्र का जन्म
जियो जियो अय हिन्दुस्तान
भारत/जब आग लगे
सिपाही
हे मेरे स्वदेश!
सुमित्रानंदन पंत
१५ अगस्त १९४७
जन्म भूमि
ज्योति भारत
भारत गीत
भारतमाता
सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला
ख़ून की होली जो खेली
दिल्ली
कहाँ देश है
भारती वन्दना-भारति, जय, विजय करे !
पतित पावनी, गंगे
जयशंकर प्रसाद
अरुण यह मधुमय देश हमारा
हिमाद्रि तुंग श्रृंग से प्रबुद्ध शुद्ध भारती
भारत महिमा
सोहन लाल द्विवेदी
हल्दीघाटी
राणा प्रताप के प्रति
आज़ादी के फूलों पर
हथकड़ियाँ !
मुक्ता
बढ़े चलो, बढ़े चलो
जय राष्ट्रीय निशान!
ध्वजा-गीत
यह भारतवर्ष हमारा है!
मातृभूमि
भारत
वंदना
तुम्हें नमन
गयाप्रसाद शुक्ल 'सनेही'
सुभाषचन्द्र
हमारा प्यारा हिन्दुस्तान
असहयोग कर दो
परतंत्रता की गाँठ
पावन प्रतिज्ञा
भारत संतान
राष्ट्रीयता
वह हृदय नहीं है पत्थर है
शैदाए वतन
गिरिजा कुमार माथुर
हम होंगे कामयाब
पन्द्रह अगस्त (आज जीत की रात)
माखनलाल चतुर्वेदी
पुष्प की अभिलाषा
प्यारे भारत देश
राष्ट्रीय झंडे की भेंट
अमर राष्ट्र
लाल टीका
कैदी और कोकिला
सिपाही
कैदी की भावना
जबलपुर जेल से छूटते समय
जलियाँ वाला की बेदी
बलि-पन्थी से
यह अमर निशानी किसकी है?
सेनानी
सेनानी से
श्रीधर पाठक
भारत-धरनि
स्मरणीय भाव
भारत-गगन
सुंदर भारत
देश-गीत
स्वराज-स्वागत-1
स्वदेश-विज्ञान
निज स्वदेश ही
बलि-बलि जाऊँ
हिंद-महिमा
भारत-श्री
गोपालदास नीरज
तन तो आज स्वतंत्र हमारा
दुष्यंत कुमार
देश
देश-प्रेम
गांधीजी के जन्मदिन पर
डाक्टर मुहम्मद इकबाल
सारे जहां से अच्छा हिन्दुसतां हमारा-तराना-ए-हिन्द
त्रिलोक सिंह ठकुरेला
देश
देश हमारा
तिरंगा
नानक सिंह
जख्मी दिल
ज़फ़र अली ख़ाँ
नवेदे-आज़ादी-ए-हिन्द
फ़ानूस-ए-हिन्द का शोला
हिन्दोस्तान
इंक़लाब-ए-हिन्द
सुख़नवरान-ए-अहद से ख़िताब
अल्लामा ताजवर नजीबाबादी
बम चख़ है अपनी शाहे रईयत पनाह से
बृज नारायण चकबस्त
उन्हें ये फ़िक्र है हर दम नई तर्ज़-ए-जफ़ा क्या है
कभी था नाज़ ज़माने को अपने हिन्द पे भी
कुछ ऐसा पास-ए-ग़ैरत उठ गया इस अहद-ए-पुर-फ़न में
ज़बाँ को बंद करें या मुझे असीर करें
दिल किए तस्ख़ीर बख़्शा फ़ैज़-ए-रूहानी मुझे
नए झगड़े निराली काविशें ईजाद करते हैं
फ़ना नहीं है मुहब्बत के रंगो बू के लिए
मिटने वालों को वफा का यह सबक याद रहे
ख़ाक-ए-हिंद
मज़हब-ए-शायराना
मर्सिया गोपाल कृष्ण गोखले
मर्सिया बाल-गंगा-धर-तिलक
वतन का राग
हुब्ब-ए-क़ौमी
श्रीकृष्ण सरल
भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के बलिदान
धरा की माटी बहुत महान
जियो या मरो, वीर की तरह
देश के सपने फूलें फलें
शहीद
देश से प्यार
सैनिक
गोपालप्रसाद व्यास
खूनी हस्ताक्षर
नेताजी का तुलादान
नेताजी सुभाष चंद्र बोस
हिन्दुस्तान हमारा है
मुक्ति-पर्व
प्रयाण-गीत
शहीदों में तू नाम लिखा ले रे!
वंशीधर शुक्ल
क़दम क़दम बढ़ाये जा : वंशीधर शुक्ल
उठो सोने वालो : वंशीधर शुक्ल
उठ जाग मुसाफ़िर भोर भई : वंशीधर शुक्ल
खूनी पर्चा : वंशीधर शुक्ल
उठो स्वदेश के लिए : वंशीधर शुक्ल
अटल बिहारी वाजपेयी
स्वतंत्रता दिवस की पुकार
गगन मे लहरता है भगवा हमारा
उनकी याद करें
अमर है गणतंत्र
मातृपूजा प्रतिबंधित
कण्ठ-कण्ठ में एक राग है
आए जिस-जिस की हिम्मत हो
जंग न होने देंगे
स्वाधीनता के साधना पीठ
सुदामा पांडेय धूमिल
जनतन्त्र के सूर्योदय में
सुदामा पाण्डे का प्रजातंत्र (एक)
सुदामा पाण्डे का प्रजातंत्र (दो)
लोकतंत्र
गुलज़ार
जय हिन्द हिन्द, जय हिन्द हिन्द
हिंदुस्तान में दो दो हिंदुस्तान दिखाई देते हैं
जाँ निसार अख़्तर
आवाज़ दो हम एक हैं
मैं उनके गीत गाता हूं
जावेद अख़्तर
पन्द्रह अगस्त
पंडित नरेंद्र मिश्र
पद्मिनी-गोरा-बादल
महाराणा प्रताप-मेवाड़ का वीर योद्धा
साहिर लुधियानवी
ये देश है वीर जवानों का
अब कोई गुलशन न उजड़े अब वतन आज़ाद है
तू हिन्दू बनेगा ना मुसलमान बनेगा
गंगा तेरा पानी अमृत
गोपाल सिंह नेपाली
मेरा देश बड़ा गर्वीला
स्वतंत्रता का दीपक
तुम आग पर चलो
हिमालय ने पुकारा
श्यामनारायण पाण्डेय
हल्दीघाटी
जौहर
कवि प्रदीप
ऐ मेरे वतन के लोगों
हम लाये हैं तूफ़ान से किश्ती निकाल के
आज हिमालय की चोटी से फिर हम ने ललकरा है
आओ बच्चो तुम्हें दिखाएं झाँकी हिंदुस्तान की
चल चल रे नौजवान
बिगुल बज रहा आज़ादी का
जन्मभूमि माँ
सुनो सुनो देश के हिन्दू - मुस्लमान
शैलेन्द्र
होठों पे सच्चाई रहती है
ये चमन हमारा अपना है
देश की धरती ने ललकारा
मत रो माता, लाल तेरे बहुतेरे
आ अब लौट चलें
मेरा जूता है जापानी
मेरा नाम राजू घराना अनाम
प्रेम धवन
ऐ मेरे प्यारे वतन, ऐ मेरे बिछड़े चमन
ऐ वतन ऐ वतन हमको तेरी क़सम
मेरा रंग दे बसंती चोला
छोड़ो कल की बातें, कल की बात पुरानी
इंदीवर
मेरे देश की धरती
है प्रीत जहाँ की रीत सदा
दुल्हन चली, ओ पहन चली, तीन रंग की चोली
कुमार विश्वास
है नमन उनको
होठों पर गंगा हो, हाथों में तिरंगा हो
अनिल कुमार मिश्र
वीरों का दिल से अभिनन्दन
वीरों ने ली जब अंगड़ाई
शूरों के तन का है सिंगार
दूर कहीं घर से जाकर
मुझको सैनिक ही बनना है
जख्मी जब वीर हुआ रण में
सैनिक का अंत समय आया
जाते-जाते कह गये वीर
भारत की सेना है विशाल
मनोहर लाल 'रत्नम' सहदेव
राष्ट्रगान मुझको भी आता है
चलो तिरंगे को लहरा लें
एखलाक ग़ाज़ीपुरी
भारत भाग्य संवारो तुम
सब मिल कर इनको नमन करो
श्याम सिंह बिष्ट
जिंदाबाद, जिंदाबाद ऐ मेरे वतन
जय हिंद, जय भारत
जश्न ए आज़ादी
मुबारक तुमको तुम्हारी आजादी
शुचिता अग्रवाल 'शुचिसंदीप'
जलियाँवाला बाग
भारत