Hindi Kavita
हिंदी कविता
Home
Hindi Poetry
Punjabi Poetry
Hindi Stories
Contact Us
Poems For Children in Hindi
बाल कविताएँ
महादेवी वर्मा
कहाँ रहेगी चिड़िया
कोयल
आओ प्यारे तारो आओ
तितली से
बया
बारहमासा
दिया
ठाकुर जी
वे मुस्काते फूल, नहीं
अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’
आ री नींद
एक तिनका
एक बून्द
कोयल
मतवाली ममता
एक बून्द
खद्योत
मीठी बोली
जागो प्यारे
फूल
एक तिनका
बंदर और मदारी
बादल
सरिता
माता-पिता
हमें चाहिए
हमें नहीं चाहिए
सुशिक्षा-सोपान
भोर का उठना
जुगनू
चूँ चूँ चूँ चूँ म्याऊँ म्याऊँ
चमकीले तारे
दीया
मैथिलीशरण गुप्त
माँ कह एक कहानी
सरकस
ओला
हरिवंशराय बच्चन
चिड़िया और चुरूंगुन
खट्टे अंगूर
काला कौआ
प्यासा कौआ
ऊँट गाड़ी
चिड़िया का घर
गिलहरी का घर
सबसे पहले
आ रही रवि की सवारी
रेल
रुके न तू
अमित के जन्म-दिन पर
अजित के जन्म-दिन पर
कोयल
कलियों से
सुभद्रा कुमारी चौहान
कोयल
खिलौनेवाला
झिलमिल तारे
नीम
फूल के प्रति
बालिका का परिचय
मेरा नया बचपन
यह कदम्ब का पेड़
विजयी मयूर
सभा का खेल
पानी और धूप
रामधारी सिंह दिनकर
सूरज का ब्याह
मिर्च का मज़ा
चांद का कुर्ता
चूहे की दिल्ली-यात्रा
पढ़क्कू की सूझ
बर्र और बालक
किसको नमन करूँ मैं भारत
भगवान के डाकिए/पक्षी और बादल
भारतेंदु हरिश्चंद्र
चने का लटका
चूरन का लटका
सोहन लाल द्विवेदी
जी होता चिड़िया बन जाऊँ
हम नन्हे-नन्हे बच्चे हैं
मेरा देश
मीठे बोल
नकली शेर
मूर्ख पंडित
मेंढक और साँप
हाथी और खरगोश
गुरू और चेला
कबूतर
ओस
एक किरण आई छाई
कौन ?
क्यों ?
प्रकृति-संदेश
नटखट पांडे
उठो लाल अब आँखें खोलो
कौन सिखाता है चिडियों को
हिमालय
ओस
फूल हमेशा मुसकाता
यह है बसन्त का पहला दिन
बसन्ती पवन
बादल
अगर कहीं बादल बन जाता ?
उग रही घास
मोर
शरद्ऋतु
दीवाली
अगर कहीं मैं पैसा होता?
श्रीधर पाठक
उठो भई उठो
कुक्कुटी
देल छे आए
तीतर
बिल्ली के बच्चे
तोते पढ़ो
मैना
चकोर
मोर
कोयल
गुड्डी लोरी
सुमित्रानंदन पंत
शिशु
प्रभुदयाल श्रीवास्तव
हिन्दी भाषा का रुतवा
छुक छुक रेल
अंधकार की नहीं चलेगी
अब मत चला कुल्हाड़ी
अगर पेड़ में रुपये फलते
अब दिन शाला चलने के
अम्मा को अब भी है याद
अम्मू ने फिर छक्का मारा
अम्मू भाई
आई कुल्फी
आदत ज़रा सुधारो ना
आधी रात बीत गई
आम की चटनी
आसमान में छेद कराते दादाजी
इतिहासों में लिख जाती है
इसी देश में
ईश्वर ने जो हमें दिया है
एक-एक पल है उपयोगी
एक ज़रा सा बच्चा
औंदू बोला
कम्प्यूटर पर चिड़िया
करतब सूरज-चंदा के
कल आना है फिर संडे
कल के प्रश्न
कलयुग के मुर्गे
कहां जांयें हम
कड़क ठंड है
कड़े परिश्रम का फल मीठा
कंधे पर नदी
कितने अच्छे अम्मा बाबू
कितने पेन गुमाते भैया
कुशल वैद्य होते हैं बच्चे
कौवा और कोयल
कौवा का स्कूल
क्या होता है रमतूला
खुला पुस्तकालय जंगल में
खेल भावना
गधे से सस्ता
गप्पी
गरम जलेबी
गरमी मई की जून की
गाय सलोनी
ग़लती नहीं करूँगी
घर का मतलब
चलना है अबकी बेर तुम्हें
चल री मुनिया
चिंगारी
चींटी की शादी
चींटी बोली
चुहिया और संपादक
चुहिया रानी
चूहा भाई
चूहे की सज़ा
चूहों की चतुराई
छुट्टी का आवेदन
छोटे लोग
जब दुर्गावती रण में निकलीं
जंगल की बात
जानवरों के उसूल
जूता चोर चूहा
जूनियर गधा
जो चलता अपने पैरों पर
झब्बू का नया साल
झूठे मक्कारों को दंड
ट्रेफिक सिगनल
डेडू
तिलचट्टे का चिट्ठा
तुमको सजा मिलेगी
तुलसी चौरा मुस्कराता
थाने का कारकून
थाने में शेरू भाई
दहेज
दादाजी का डंडा
दादी का जन्म दिवस
दादी को समझाओ जरा
दादीजी के बोल
दादी ने जब खो खो खेली
दादी बोली
दाल बाटियों के दिन
दिन और रात
दीपक बनकर
दूध गरम
धन्य धरा बुंदेली
नदी ताल भर जाने दो
नया साल
नर्मदा में नौका विहार
नहीं बूंद भर पानी
नाना आये
नुस्खे सीखो दादी से
पता नहीं क्यों
प्रकृति की मौलिकता
पर्यावरण बचाओ
प्रजातंत्र का राजा
पतंगें
पानी नहीं नहानी में
बचपन का चेहरा
बच्चे सरकार चलायेंगे
बर्फी की शादी
बादल जी
बादल भैया ता-ता थैया
बाबू गधाराम
बाबूजी का दिवाला
बिना परीक्षा
बिल्ली की दुआएँ
बुखार की दवा
बेईमानी का फल
बेटे की सीख
बेसन की मिठाई
भालू का रसगुल्ला
भालू की दावत
भालू की हजामत
भूल गये मोबाईल
भैयाजी को अच्छी लगती
मछली है रंगीन
मत करना मनमानी
मन को भा जानेवाले दिन
महिने में पंद्रह इतवार
माल खाऒ
मुट्ठी में है लाल गुलाल
मुन्ना बोला
मुन्नी बोली ही ही ही ही
मेरी नींद नहीं खुल पाती
मेंढक मामा
मोबाईल का आर्डर
योगाभ्यास
रस भरे आम
राखी का त्यौहार
राम कटोरे
रोटी का सम्मान
लौटे घर को गंगाराम
वन्स मोर
वही सफलता पाता है
व्यर्थ हँसी न उड़वायें
श्रम करने पर रुपये मिलते
सच बतलाना
सच्चा मित्र
सच्चे घर
सब ओलंपिक जीत लिये हैं
सभी पेश आते इज़्ज़त से
सॉरी मत बोलो दादाजी
सूरज ऊंगत से उठबो
सूरज चाचा
सूरज भैया
सूर्य ग्रहण
सोच रहा हूँ
हथिनी दीदी
हमारी माँ अगर होती
हमें उजाला करना है
हाथी और चूहा
हाथी दादा पूजे जाते
हाथी बड़ा भुखेला
हाथी भैया कहां चले
हाथी मामा
हिसाब किताब
हुए साक्षर चूहेराम
होगी पेपर लेस पढ़ाई
होती व्यर्थ कपोल कल्पना
त्रिलोक सिंह ठकुरेला
सात रंग के घोड़े (बाल कविता संग्रह)
ऐसा वर दो
मीठी बातें
उपवन के फूल
पेड़
पापा, मुझे पतंग दिला दो
चिड़िया
देश हमारा
भोजन
पढ़ना अच्छा रहता है
मुर्गा बोला
आओ, मिलकर दीप जलाएँ
वर्षा आई
चींटी
सूरज
मीठे और रसीले आम
नया वर्ष
नया सवेरा लाना तुम
अंतरिक्ष की सैर
तिरंगा
बढ़े चलो
चिड़ियाघर
प्यारे बच्चे, जागो
मैया, मैं भी कृष्ण बनूँगा
सीख
चन्दा मामा
जागरण
रेल
तितली
गुब्बारे
वर दो, लड़ने जाऊँगा
सपने
साईकिल
हम नन्हे नन्हे बच्चे
प्यारी नानी
दीवाली
प्रेम सुधा बरसायें
पानी
गाड़ी
बादल
बारिश
संकल्प
हम भी परहित करना सीखें
भला कौन है सिरजनहार
साहस
हम हैं वीर सिपाही
आओ, मिलकर खेलें खेल
पिचकारी नयी दिलायी
मेला
सूरज और कलियाँ
जीवन सुगम बनायें
नई सदी के बच्चे
गौरैया
शैलेन्द्र
नन्हें-मुन्ने बच्चे ! तेरी मुट्ठी में क्या है
नींदपरी लोरी गाए, माँ झुलाए पालना
आ जा रे आ निंदिया तू आ
एक दौर नया दुनिया में शुरु बच्चों के क़दम से होगा
नानी तेरी मोरनी को मोर ले गए
जूही की कली मेरी लाडली
तितली उड़ी, उड़ जो चली
मुन्ना बड़ा प्यारा, अम्मी का दुलारा
मैं गाऊँ तुम सो जाओ
प्रेम धवन
ओ नन्हे से फ़रिश्ते, तुझ से ये कैसा नाता
तुझे सूरज कहूं या चंदा
पद्मा सचदेव
सो जा बिटिया, सो जा रानी
जो कली सो गई रात को
शुचिता अग्रवाल 'शुचिसंदीप'
खेलो कूदो
अनिता सुधीर आख्या
नभ
नदिया