Bindesh Kumar Jha
बिंदेश कुमार झा

बिंदेश कुमार झा का जन्म 15 जुलाई 2004 को बिहार के मधुबनी जिले में हुआ था। उनके पिता का नाम आमोद झा और माता का नाम रिंकू देवी है। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा नई दिल्ली में पूरी की। बाद में उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में दाखिला लिया।
अपने करियर की शुरुआत में, वह संकलन में लिख रहे थे। बाद में उन्होंने अखबारों, पत्रिकाओं और वेबसाइटों के लिए भी लिखना शुरू किया। उन्होंने अपनी कविताओं और कहानियों के लिए कई पुरस्कार जीते हैं। उन्होंने आईआईएमटी ग्रुप ऑफ कॉलेजों से कहानी लेखन के लिए पदक, काव्य लेखन के लिए भी स्वर्ण पदक और जेईसी प्रकाशन से सर्वश्रेष्ठ सह-लेखक पुरस्कार जीता। वह विभिन्न सामाजिक सेवा संगठनों के सदस्य रहे हैं। उन्होंने पर्यावरण मुद्दों पर कई लेख लिखे हैं। उन्होंने अमर उजाला के लिए भी लिखा है। उनकी उल्लेखनीय कविता है :
मेरी पेहली होली और
कौन बैठा है आंधी तूफानों में
"Letter to my beloved "
"What was in me"?
उनके लेख : माशीन ने मनुष्यों को जन्म दिया है।
"भाग दौड़ भरी जिंदगी"

बिंदेश कुमार झा : हिन्दी कविता

Bindesh kumar Jha : Hindi Poetry

  • थक गया हूं
  • आंसू
  • हे सखी सफलता का कपाट खोलो
  • तुम्हारी करूणा का क्या फल होगा
  • स्वतंत्रता दिवस
  • बदलता दौर
  • युवा
  • सफलता का आयाम
  • जब विश्वास टूट जाता है
  • कुछ देर का आराम
  • कहां था मैं
  • आज का समय
  • प्रेम ग्रंथ
  • तुम चले ग‌ए
  • वीरता
  • जब से वह चले गए
  • ऐसा बन तू
  • वृक्ष के प्रति
  • चंद्रमा और मानव जीवन
  • कौन बैठा है इन आंधी तूफानों में
  • उलझन में
  • टूटा हुआ इंसान जीवन में
  • मित्र
  • सुनो प्रिय
  • बसंत का त्यौहार
  • अंतरआत्मा की आवाज
  • कलयुग में जीवन
  • राम आएंगे तो क्या होगा
  • बचपन
  • प्रेम
  • शहिद की कहानी
  • दादाजी
  • फेरीवाला
  • क्या तुम्हें मालूम है
  • क्या तुमने देखा है
  • वह बच्चा है एक छोटा
  • खूबसूरत चेहरा
  • गंगा उपहार हो तुम
  • दिल दिमाग
  • हे जननी शारदे
  • मेरी पहली होली
  • विदेशी शहर
  • अहंकार
  • टूटी दीवारें
  • जन्मदिन का तोहफा
  • कौन जीता है, कौन मरता है
  • तुम कौन हो ?
  • सुदामा के चने
  • रुसल कनिया
  • एक नया रास्ता