फौजी मेहर सिंह Fauji Mehar Singh

शहीद कवि मेहर सिंह दहिया (1916-1945) जिन्हें आमतौर पर फौजी मेहर सिंह और जाट मेहर सिंह के नाम से जाना जाता है, प्रसिद्ध हरियाणवी कवि थे। उनका जन्म बरोणा, तहसील-खरखौदा (जिला-सोनीपत) हरियाणा में नंदराम के घर हुआ। चार भाइयों भूप सिंह, मांगेराम, कंवर सिंह व एक बहन सहजो में वह सबसे बड़े थे। परिवार की माली हालत के चलते पढऩे में होशियार होने के बावजूद वे तीसरी जमात से आगे नहीं पढ़ सके। पढ़ाई छूट जाने के कारण वे पशु चराने व कृषि कार्यों में हाथ बंटाने लगे। घर में रागनी पर पाबंदी होने के कारण जब भी जहां भी मौका मिलता, रागनी गाने बैठ जाते। रागनी गाने में इतने मशगूल हो जाते कि उन्हें अपने काम व समय का ख्याल नहीं रहता था।
उनकी प्रमुख रचनाएँ हैं : अंजना-पवन, अजीत सिंह-राजबाला, काला चाँद, चापसिंह-सोमवती, जगदेव-बीरमति, पद्मावत, पूर्णमल-सुंदरा दे, राजा हरिश्चन्द्र, रूप-बसंत, वीर हकीकत राय, सत्यवान-सावित्री, सरवर-नीर, नेताजी सुभाषचन्द्र बोस, भजन संग्रह और फुटकर रागनियाँ।

  • जीवन परिचय : फौजी मेहर सिंह
  • विविध रागनियां, भजन व मुक्तक : फौजी मेहर सिंह
  • किस्सा सरवर-नीर : फौजी मेहर सिंह
  • किस्सा अंजना-पवन : फौजी मेहर सिंह
  • किस्सा नेता जी सुभाषचंद्र बोस : फौजी मेहर सिंह
  • किस्सा सत्यवान-सावित्री : फौजी मेहर सिंह
  • किस्सा वीर हकीकत राय : फौजी मेहर सिंह
  • किस्सा अजीत सिंह-राजबाला : फौजी मेहर सिंह
  • किस्सा चापसिंह-सोमवती : फौजी मेहर सिंह
  • किस्सा काला चाँद : फौजी मेहर सिंह
  • किस्सा जगदेव-बीरमति : फौजी मेहर सिंह
  • किस्सा पद्मावत : फौजी मेहर सिंह
  • किस्सा पूर्णमल-सुंदरा दे : फौजी मेहर सिंह
  • किस्सा राजा हरिश्चन्द्र : फौजी मेहर सिंह
  • किस्सा रूप-बसंत : फौजी मेहर सिंह
  • किस्सा हरनन्दी का भात : फौजी मेहर सिंह
  • किस्सा हीर-रांझा : फौजी मेहर सिंह
  • विविध रागनियां, भजन व मुक्तक : फौजी मेहर सिंह

    Vividh Ragniyan, Bhajan Va Muktak : Fauji Mehar Singh

  • अपने रहन सहन की खातिर मनै ऐसा संविधान बनाया है
  • आड़ै डर डर कै मर ज्यांगी पिया देख कै घटा घन घोर नै
  • इन उतां का सांग देख थरी क्यूं अकल बैहरी सै
  • इन्सानां पै करा दिये भाई के-के काम बख्त नै
  • इस एमटी. के दुःख घने किस ढ़ाल गिणऊ मैं
  • इसी रकम की चाहना कोन्या मत जाणे का नाम लिए
  • उमर कैद हो माणस की मैं न्यूं ना ब्याह करवाता
  • करकै कौल करार बखत पै नाटणियां रैहरे सैं
  • करकै नेत्र लाल द्रोपद बात कह मत बोदी
  • कहै जाट तूं डूम हो लिया बाप मेरा बहकाया
  • काला सूं तै के होग्या दुनियां में मेरा उजाला
  • किसनै ना मान घटाया रै
  • कुछ जाणता हो तै हाथ देखीऐ मेरा
  • के बातां का जिक्र करूं बस
  • कोए रहया ना सब नै जाणा दो दिन आगै और पिछै
  • खूनी पकड़ रहया सरकार नै छन्द समझणियां नै टोहवै
  • गरीब किसान की जिन्दगी क्युकर बितै सै मर पड़कै
  • चोर जार नशे बाज जुआरी खड़े पाप हत्थे पै
  • चौगरदे कै खड़ी कम्पनी
  • छ: मिहने मैं
  • छाती धड़कै ईब तलक वा ज्यान का गाला करगी
  • छुट्टी काट चला छौरा
  • छुट्टी के दिन पूरे होगे बांध बिस्तरा
  • छुट्टी के दिन पूरे होग्ये न्यू सोचण लाग्या
  • छोड़ कै खाट खड़या होग्या
  • जगत म्हं देख्या है अजब तमाशा
  • जब इकतालीस के सन म्हं
  • जो कुछ बीती मेरे संग म्हं बता दियों समझा कै
  • टोटा नफा और लाभ हाणी आदम देह खातर तारी
  • तेरे ऊपर मुश्ताक रहूं बणी बिजली घन के म्हां
  • तेरै पाप जबर, मनै ना थी खबर
  • दिन ढलज्या जब फेर खेत नै बाह लिए हाली
  • दुःख का कैसे पता लगाऊं सुण प्रेमकौर मेरी प्यारी
  • दुनिया भर की लावैं बुराई और दूसरा काम नहीं
  • देख देख ढंग दुनिया कर मनै अचरज सा आवै सै
  • देखे नकली महाशय भाई
  • देश के उपर ज्यान झोंक दी लिख चिठी मैं गेर दियो
  • नखरा करकै मनैं जगागी सुते का हाथ पकड़ कै
  • नीचे चाले टैंक कॅरियर
  • नुगरा माणस आंख बदलज्या समझणियां की मर हो सै
  • न्यू नै लखा कै देख यार किसा चाला सा कठर्या सै
  • पत्ते चुगती फिरो बणा म्हं श्यान शक्ल की प्यारी सो
  • परदेशां म्हं चाल दिया दिल
  • पिलंग की जड़ म्हं आकै डटगी ज्यान काढ ली मेरी
  • पीसण खातर चाक्की झो दी फौजी की होगी त्यारी
  • प्रदेसां मैं जां सूं गौरी
  • प्रथम उत्तर दे मेरी बात का जो विद्यावन्त कहावै
  • प्रेम कौर मनैं तेरे ओड़ की चिन्ता भारी होगी
  • फोटू ले लो फोटू ले लो न्यू कानां मैं भनक पड़ी
  • फ़ौज मै जाकै भूल ना जाइये
  • बज्जर कैसा ह्र्दय करकै
  • बांध बिस्तरा चाल पड़्या कुछ बाकी रही ना तन म्हं
  • बिन बालम तेरी उम्र कटै ना या अरजी सै मेरी
  • बिन भूमि जमीदारा सूना बिन बालम के गौरी
  • बिस्तर बांध कै चाल पड़्या
  • बेरा ना कद लेवण आवै मेरी मां का खास जमाई हे
  • बेरा ना छोहरयों या गाड़ी कित ले ज्यावगी
  • बैरक कै म्हां पड़े पड़े कै याद अंगुरी आगी
  • बैहरा क्यूं बणै सै सुण ले खोल कै नै कान
  • भई की आब शिखर मैं हो तै जल्या नहीं करते
  • भई मतना लावै हाथ मेरै मैं सूं पति भरता नारी
  • भीतरले का भेद नहीं दे मिठे बोलैं सारे
  • मेरे फिकर म्हं मेरी बहू नै रोटी भी ना खाई
  • मैं कदकी रूक्के दे रही
  • मैं का बोल मर्द नै डोबै चोर नै डोबै खांसी
  • मैं तेरी गैल चलूंगी हो जै मेरा कहण पुगावै
  • मैं मर ज्या त सोंख दूसरी
  • रट कै करतार की माला
  • रणभूमि म्हं जां सूं गोरी मेरी राम राम लिए
  • रै गया बिगड़ जमाना ल्याज शर्म सब तारी
  • रै मन डटज्या क्यूं ना
  • लत्ते बढ़िया ओढ़ पहर कै देखी एक लुगाई
  • लड़ाई मैं जां सूं रै गौरी
  • शक्ति के बल कर लिया अपना
  • शर्म बिन लाज, लाज बिन मतलब, मतलब बिन कोए यार नहीं
  • सपना ऊत निराला रै मेरी रे-रे माटी करग्या
  • सबकी भाभी होया करै सै बहु
  • सामण में उल्हार,उठैं बागा में
  • सारे कै बदनाम हो लिया
  • सुणो सबक उस्ताज जी द्यूं साराए सुणा जुबानी
  • सुथरापन आच्छा ना होता
  • सुपने म्हं सुसराड़ डिगर ग्या बांध कै साफा खाकी
  • सोच समझ कै चाल गलती मैं बणी सो बणी
  • हल छूटग्या तै सब मिट ज्यांगे जितने फैल लागरे
  • हे परम पिता परमात्मा
  • हे बनकै आधीन पराया करके खाणा हो
  • होए ससुर मेरा भी छोह मैं आवै
  • होगे मर्द गुलाम बीर के घर मैं राज लुगाई का
  • हो परदेशी गैल मेरे तूं बांध क्यूंना हाड लेग्या