Alexander Pushkin अलेक्सांद्र पूश्किन

अलेक्सांद्र सेर्गेयेविच पूश्किन (6 जून [O.S. मई 26] 1799 – 10 फरवरी [O.S. जनवरी 29] 1837) रूसी भाषा के छायावादी कवियों में से एक थे जिन्हें रूसी का सर्वश्रेष्ठ कवि माना जाता है। उन्हें आधुनिक रूसी कविता का संस्थापक भी माना जाता है। पूश्किन के 38 वर्ष के छोटे जीवनकाल को हम 5 खंडों में बाँटकर समझ सकते हैं। 26 मई 1799 को उनके जन्म से 1820 तक का समय बाल्यकाल और प्रारंभिक साहित्य रचना को समेटता है। 1820 से 1824 का समय निर्वासन काल है। 1824 से 1826 के बीच वे मिखायेलोव्स्कोये में रहे। 1826-1831 में वे ज़ार के करीब आकर प्रसिद्धि के शिखर पर पहुँचे। 1831 से उनकी मृत्यु (29 जनवरी 1837) तक का काल उनके लिए बड़ा दुःखदायी रहा।

Russian Poetry in Hindi : Alexander Pushkin

रूसी कविताएँ हिन्दी में : अलेक्सांद्र पूश्किन

  • प्रेमपत्र को विदाई
  • गायक
  • सब ख़त्म हो गया
  • कात्या उषाकोवा के लिए
  • धीरे-धीरे लुप्त हो गया दिवस-उजाला
  • उड़ते हुए जलद, दल-बादल बिखरे जाते सारे
  • जाड़े की शाम
  • जार्ज़िया के गिरी-टीलों को रात्रि-तिमिर ने घेरा है
  • जाड़े की सुबह
  • बादल
  • रात
  • ...के नाम
  • आया के प्रति
  • अरी रूपसी, मेरे सम्मुख मत गाओ
  • मैंने प्यार किया था तुमको
  • क्या रखता है अर्थ तुम्हारे लिए नाम मेरा
  • मन ही मन दुलरा लूँ मैं प्रिय बिम्ब तुम्हारा
  • मेरी प्यारी, वह क्षण आया
  • चदाएव के नाम
  • बन्दी
  • अनक्रिओन की क़ब्र
  • तीन झरने
  • भूल चुका हूँ
  • क्या रखा है मेरे नाम में
  • दूर अपने घर जातीं तुम
  • एक जादुई पल
  • सलामत रखना मुझे, ऐ मेरे ताबीज़
  • मेरा स्मारक
  • जाड़े की राह
  • शोकगीत
  • बैखस की स्तुति में