Nida Fazli
निदा फ़ाज़ली

निदा फ़ाज़ली (12 अक्टूबर 1938-08 फ़रवरी 2016) जिनका असली नाम मुक़्तदा हसन था, दिल्ली में पिता मुर्तुज़ा हसन और माँ जमील फ़ातिमा के घर पैदा हुए । वह हिन्दी और उर्दू के मशहूर शायर, लेखक संपादक और फिल्मी गीतकार थे । निदा फ़ाज़ली उनका लेखन का नाम है। निदा का अर्थ है स्वर/आवाज़। फ़ाज़िला क़श्मीर के एक इलाके का नाम है जहाँ से निदा के पुरखे आकर दिल्ली में बस गए थे। एक दिन सुबह वह एक मंदिर के पास से गुजरे जहाँ पर उन्होंने किसी को सूरदास का भजन 'मधुबन तुम क्यौं रहत हरे? बिरह बियोग स्याम सुंदर के ठाढ़े क्यौं न जरे?' गाते सुना, जिसका उनके मन पर गहरा प्रभाव पड़ा । उनकी रचनाएँ हैं; कविता-संग्रह: लफ़्ज़ों का पुल, मोर नाच, आँख और ख़्वाब के दरमियाँ, खोया हुआ सा कुछ, आँखों भर आकाश, सफ़र में धूप तो होगी, मौसम आते जाते हैं; आत्मकथा: दीवारों के बीच, दीवारों के बाहर, निदा फ़ाज़ली (संपादक: कन्हैया लाल नंदन); संस्मरण: मुलाक़ातें, सफ़र में धूप तो होगी, तमाशा मेरे आगे । उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार समेत कितने ही पुरस्कार और सम्मान मिले ।

आँखों भर आकाश निदा फ़ाज़ली

  • यह बात तो ग़लत है
  • जब भी दिल ने दिल को सदा दी
  • सोचने बैठे जब भी उसको
  • ऐसा नहीं होता
  • सिखा देती है चलना
  • मौत की नहर
  • देखा गया हूँ
  • बूढ़ा मलबा
  • बैसाखियाँ
  • एक लुटी हुई बस्ती की कहानी
  • मन बैरागी
  • फ़क़त चन्द लम्हे
  • किताबघर की मौत
  • खेल
  • दो खिड़कियाँ
  • एक तस्वीर
  • तुमसे मिली नहीं है दुनिया
  • दो सोचें
  • वक़्त से पहले
  • इतनी पी जाओ
  • बेख़बरी
  • क़ौमी एकता
  • एक ही ग़म
  • एक बात
  • बस का सफ़र
  • एक मुलाकात
  • भोर
  • सर्दी
  • पहला पानी
  • मोरनाच
  • एक दिन
  • पैदाइश
  • फुरसत
  • सलीक़ा
  • सहर
  • दोपहर
  • म्यूज़ियम
  • नक़ाबें
  • संसार
  • जंग
  • कितने दिन बाद
  • रुख़्सत होते वक़्त
  • जब भी घर से बाहर जाओ
  • आत्मकथा
  • चौथा आदमी
  • मुहब्बत
  • हैरत है
  • खुदा ख़ामोश है
  • लफ्ज़ों का पुल
  • जो हुआ वो हुआ किसलिए
  • दर्द पुराना है
  • जब वह आते हैं
  • तुझ बिन मुझको
  • कोई नहीं है आने वाला
  • बहुत मैला है ये सूरज
  • रस्ते में नोकीली घाम
  • जीवन शोर भरा सन्नाटा
  • खोया हुआ सा कुछ निदा फ़ाज़ली

  • देर से
  • हम्द
  • कहीं-कहीं से
  • गरज-बरस
  • रौशनी के फ़रिश्ते
  • सफ़र को जब भी
  • मैं जीवन हूँ
  • दिन सलीके से उगा
  • चरवाहा और भेड़ें
  • उठके कपड़े बदल
  • यहाँ भी है वहाँ भी
  • छोटा आदमी
  • ये ज़िंदगी
  • मौसम आते जाते हैं
  • दिल में न हो जुर्रत
  • अपनी मर्ज़ी से कहाँ
  • धूप में निकलो
  • देखा हुआ सा कुछ
  • बेसन की सोंधी रोटी
  • दो-चार गाम
  • मैं ख़ुदा बनके
  • एक लुटी हुई बस्ती की कहानी
  • जो थे वही रहे
  • नयी-नयी आँखें
  • दोहे
  • सपना झरना नींद का
  • सातों दिन भगवान के, क्या मंगल क्या पीर
  • दस्तकें
  • मुँह की बात
  • जाने वालों से
  • छोटी-सी हंसी
  • सपना ज़िंदा है
  • समझौता
  • कोई अकेला कहाँ है
  • जो खो जाता है मिलकर ज़िन्दगी में
  • जब भी किसी ने ख़ुद को सदा दी
  • मिलजुल के बैठने की
  • एक जवान याद
  • हम हैं कुछ अपने लिए
  • चांद से फूल से
  • ख़ुदा ही जिम्मेदार है
  • आख़री सच
  • एक ख़त
  • एक राजनेता के नाम
  • जो एक दर्द है सांसों में
  • शिकायत
  • मुझी में ख़ुदा था
  • मेरा घर
  • ये ख़ून मेरा नहीं है
  • याद आता है
  • एक मुस्कुराहट
  • जानता नहीं कोई
  • हमेशा यूँ ही होता है
  • चुनिंदा ग़ज़लें निदा फ़ाज़ली

  • अच्छी नहीं ये ख़ामुशी शिकवा करो गिला करो
  • अपना ग़म लेके कहीं और न जाया जाये
  • अपनी मर्ज़ी से कहाँ अपने सफ़र के हम हैं
  • अब खुशी है न कोई ग़म रुलाने वाला
  • आएगा कोई चल के ख़िज़ाँ से बहार में
  • आज ज़रा फ़ुर्सत पाई थी आज उसे फिर याद किया
  • आनी जानी हर मोहब्बत है चलो यूँ ही सही
  • इंसान हैं हैवान यहाँ भी है वहाँ भी
  • उठ के कपड़े बदल घर से बाहर निकल जो हुआ सो हुआ
  • उस के दुश्मन हैं बहुत आदमी अच्छा होगा
  • उस को खो देने का एहसास तो कम बाक़ी है
  • एक ही धरती हम सब का घर जितना तेरा उतना मेरा
  • कच्चे बख़िये की तरह रिश्ते उधड़ जाते हैं
  • कठ-पुतली है या जीवन है जीते जाओ सोचो मत
  • कभी कभी यूँ भी हम ने अपने जी को बहलाया है
  • कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता
  • कभी बादल, कभी कश्ती, कभी गर्दाब लगे
  • कहीं छत थी दीवार-ओ-दर थे कहीं
  • काला अम्बर पीली धरती या अल्लाह
  • किसी भी शहर में जाओ कहीं क़याम करो
  • किसी से ख़ुश है किसी से ख़फ़ा ख़फ़ा सा है
  • कुछ तबीअ'त ही मिली थी ऐसी
  • कुछ दिनों तो शहर सारा अजनबी सा हो गया
  • कुछ भी बचा न कहने को हर बात हो गई
  • कोई किसी की तरफ़ है कोई किसी की तरफ़
  • कोई किसी से ख़ुश हो और वो भी बारहा हो
  • कोई नहीं है आने वाला फिर भी कोई आने को है
  • कोई हिन्दू कोई मुस्लिम कोई ईसाई है
  • कोशिश के बावजूद ये इल्ज़ाम रह गया
  • गरज-बरस प्यासी धरती पर फिर पानी दे मौला
  • गिरजा में मंदिरों में अज़ानों में बट गया
  • घर से निकले तो हो सोचा भी किधर जाओगे
  • चाँद से फूल से या मेरी ज़बाँ से सुनिए
  • चाहतें मौसमी परिंदे हैं रुत बदलते ही लौट जाते हैं
  • जब किसी से कोई गिला रखना
  • जब भी किसी ने ख़ुद को सदा दी
  • जब से क़रीब हो के चले ज़िंदगी से हम
  • जहाँ न तेरी महक हो उधर न जाऊँ मैं
  • जाने वालों से राब्ता रखना
  • जितनी बुरी कही जाती है उतनी बुरी नहीं है दुनिया
  • जिसे देखते ही ख़ुमारी लगे
  • जो भला है उसे बुरा मत कर
  • जो हो इक बार वो हर बार हो ऐसा नहीं होता
  • ज़मीं दी है तो थोड़ा सा आसमाँ भी दे
  • ज़िहानतों को कहाँ कर्ब से फ़रार मिला
  • ठहरे जो कहीं आँख तमाशा नज़र आए
  • तन्हा तन्हा दुख झेलेंगे महफ़िल महफ़िल गाएँगे
  • तन्हा हुए ख़राब हुए आइना हुए
  • तलाश कर न ज़मीं आसमान से बाहर
  • तुम ये कैसे जुदा हो गये
  • तू क़रीब आए तो क़ुर्बत का यूँ इज़हार करूँ
  • तेरा सच है तिरे अज़ाबों में
  • तेरा हिज्र मेरा नसीब है तेरा ग़म ही मेरी हयात है
  • दरिया हो या पहाड़ हो टकराना चाहिए
  • दिन सलीक़े से उगा रात ठिकाने से रही
  • दिल में न हो जुरअत तो मोहब्बत नहीं मिलती
  • दीवार-ओ-दर से उतर के परछाइयाँ बोलती हैं
  • दुआ सलाम में लिपटी ज़रूरतें माँगे
  • दुख में नीर बहा देते थे सुख में हँसने लगते थे
  • दुनिया जिसे कहते हैं जादू का खिलौना है
  • देखा हुआ सा कुछ है तो सोचा हुआ सा कुछ
  • दो चार गाम राह को हमवार देखना
  • धूप में निकलो घटाओं में नहा कर देखो
  • नई नई आँखें हों तो हर मंज़र अच्छा लगता है
  • न जाने कौन सा मंज़र नज़र में रहता है
  • नज़दीकियों में दूर का मंज़र तलाश कर
  • नयी-नयी पोशाक बदलकर, मौसम आते-जाते हैं
  • नशा नशे के लिए है अज़ाब में शामिल
  • नील-गगन में तैर रहा है उजला उजला पूरा चाँद
  • फिर गोया हुई शाम परिंदों की ज़बानी
  • बदला न अपने आपको जो थे वही रहे
  • बात कम कीजे ज़ेहानत को छुपाए रहिए
  • बिंदराबन के कृष्ण-कन्हैया अल्लाह-हू
  • बे-नाम सा ये दर्द ठहर क्यूँ नहीं जाता
  • बेसन की सौंधी रोटी पर खट्टी चटनी जैसी माँ
  • मन बै-रागी तन अनूरागी क़दम क़दम दुश्वारी है
  • मुट्ठी भर लोगों के हाथों में लाखों की तक़दीरें हैं
  • मुँह की बात सुने हर कोई दिल के दर्द को जाने कौन
  • मेरी तेरी दूरियाँ हैं अब इबादत के ख़िलाफ़
  • मैं अपने इख़्तियार में हूँ भी नहीं भी हूँ
  • मोहब्बत में वफ़ादारी से बचिए
  • यक़ीन चाँद पे सूरज में ए'तिबार भी रख
  • यूँ लग रहा है जैसे कोई आस-पास है
  • ये कैसी कश्मकश है ज़िंदगी में
  • ये जो फैला हुआ ज़माना है
  • ये दिल कुटिया है संतों की यहाँ राजा भिकारी क्या
  • ये न पूछो कि वाक़िआ' क्या है
  • रात के बा'द नए दिन की सहर आएगी
  • राक्षस था न ख़ुदा था पहले
  • वक़्त बंजारा-सिफ़त लम्हा ब लम्हा अपना
  • वो ख़ुश-लिबास भी ख़ुश-दिल भी ख़ुश-अदा भी है
  • सफ़र को जब भी किसी दास्तान में रखना
  • सफ़र में धूप तो होगी जो चल सको तो चलो
  • हर इक रस्ता अँधेरों में घिरा है
  • हर एक घर में दिया भी जले अनाज भी हो
  • हर एक बात को चुप-चाप क्यूँ सुना जाए
  • हर घड़ी ख़ुद से उलझना है मुक़द्दर मेरा
  • हर चमकती क़ुर्बत में एक फ़ासला देखूँ
  • हर तरफ़ हर जगह बे-शुमार आदमी
  • हुए सब के जहाँ में एक जब अपना जहाँ और हम
  • होश वालों को ख़बर क्या बे-ख़ुदी क्या चीज़ है
  • चुनिंदा नज़्में निदा फ़ाज़ली

  • आदमी की तलाश
  • इक़रारनामा
  • इतनी पी जाओ
  • इत्तिफ़ाक़
  • इंतिज़ार
  • एक कहानी
  • एक चिड़िया
  • एक तस्वीर
  • एक दिन
  • कल रात
  • क़ौमी यक-जेहती
  • खेल
  • खेलता बच्चा
  • ख़ुदा का घर नहीं कोई
  • ख़ुदा ख़ामोश है
  • चौथा आदमी
  • छोटी सी शॉपिंग
  • छोटी सी हँसी
  • जीवन क्या है चलता फिरता एक खिलौना है
  • जेब कटने के ब'अद
  • तुम्हारी कब्र पर
  • तेरा नाम नहीं
  • दीवानगी रहे बाक़ी
  • नक़ाबें
  • नज़्म बहुत आसान थी पहले
  • नया दिन
  • नया सफ़र
  • नहीं यह भी नहीं
  • नींद पूरे बिस्तर में नहीं होती
  • पिघलता धुआँ
  • पैदाइश
  • फ़क़त चंद लम्हे
  • फ़ातिहा
  • फ़ासला
  • बस यूँही जीते रहो
  • बुझ गए नील-गगन
  • बूढ़ा
  • बे-ख़्वाब नींद
  • मलाला मलाला
  • मशीन
  • मस्जिदों-मन्दिरों की दुनिया में
  • मोर नाच
  • मोहब्बत
  • मैं रोया परदेस में भीगा माँ का प्यार
  • ये ज़िन्दगी
  • रुख़्सत होते वक़्त
  • लफ़्ज़ों का पुल
  • वक़्त से पहले
  • वालिद की वफ़ात पर
  • वो लड़की
  • वो शोख शोख नज़र सांवली सी एक लड़की
  • सच्चाई
  • सब की पूजा एक सी
  • सरहद-पार का एक ख़त पढ़ कर
  • सलीक़ा
  • सितंबर 1965
  • सुना है मैंने
  • सोने से पहले
  • हिजरत
  • हुआ सवेरा