Ali Sardar Jafri अली सरदार जाफ़री

अली सरदार जाफरी (29 नवम्बर, 1913 -01 अगस्त 2000) का जन्म बलरामपुर में हुआ था। वह प्रगतिशील लेखक आंदोलन के संस्थापकों में से एक थे। उन्होंने दिल्ली के अंग्लो-अरेबिक कॉलेज से स्नातक की उपाधि की थी। सरदार जाफ़री ने कई विधाओं और स्टाइल में लिखा। वह आलोचक भी थे। अच्छे फ़िल्मसाज़ भी थे। प्रभावशाली वक़्ता भी थे और उनके साथ 99 शायरी के संकलनों के शायर भी थे। सरदार जाफ़री ने नए शब्दों और विचारों के साथ रचनाएँ कीं। जाफ़री की शायरी की भाषा का बड़ा हिस्सा ईरान के उस असर से आज़ाद है, जिससे उर्दू शायरी का बड़ा हिस्सा बोझिल है, उनके यहाँ ऐसी पंक्तियाँ जैसे, 'गाय के थन से निकलती है चमकती चाँदी', 'धुएँ से काले तवे भी चिंगारियों के होठो से हँस रहे हैं' या 'इमलियों के पत्तों पर धूप पर सुखाती है' आदि शायरी में नए लहजे की पहचान कराते हैं।
आठ वृत्तचित्रों, धारावाहिकों का लेखन/निर्देशन। बाईस देशों की यात्राएँ।
कृतियाँ : कविता : परवाज़, खून की कहानी, अम्न का सितारा, एशिया जाग उठा, पत्थर की दीवार, लहू पुकारता है, मेरा सफ़र।
नाटक : नई दुनिया को सलाम, यह खून किसका है, पैकार।
कहानी : मंज़िल।
आलोचना : तरक्कीपसंद अदब, इक़बालशनासी, पैगम्बराने-सुखन, ग़ालिब का सूफ़ियाना ख़याल।
संस्मरण : लखनऊ की पाँच रातें।
सम्पादन : कबीर बानी, दीवाने-ग़ालिब, दीवाने-मीर, प्रेम वाणी मीरा।
पुरस्कार/सम्मान : ज्ञानपीठ पुरस्कार, सोवियत लैण्ड नेहरू पुरस्कार, उ.प्र. उर्दू अकादेमी पुरस्कार, कुमारन आशान पुरस्कार, इक़बाल सम्मान एवं पद्मश्री।

हिन्दी ग़ज़लें : अली सरदार जाफ़री

Ghazals in Hindi : Ali Sardar Jafri

  • अक़ीदे बुझ रहे हैं शम-ए-जाँ गुल होती जाती है
  • अब आ गया है जहाँ में तो मुस्कुराता जा
  • अभी और तेज़ कर ले सर-ए-ख़ंजर-ए-अदा को
  • आए हम 'ग़ालिब'-ओ-'इक़बाल' के नग़्मात के बा'द
  • आँधियाँ चलती रहें अफ़्लाक थर्राते रहे
  • इक सुब्ह है जो हुई नहीं है
  • इश्क़ का नग़्मा जुनूँ के साज़ पर गाते हैं हम
  • इत्र-ए-फ़िरदौस-ए-जवाँ में ये बसाए हुए होंट
  • उलझे काँटों से कि खेले गुल-ए-तर से पहले
  • कभी ख़ंदाँ कभी गिर्यां कभी रक़सा चलिए
  • काम अब कोई न आएगा बस इक दिल के सिवा
  • कितनी आशाओं की लाशें सूखें दिल के आँगन में
  • खुले हैं मश्रिक-ओ-मग़रिब की गोद में गुलज़ार
  • ख़िरद वालो जुनूँ वालों के वीरानों में आ जाओ
  • ख़ूगर-ए-रू-ए-ख़ुश-जमाल हैं हम
  • चश्मा-ए-बद-मस्त को फिर शेवा-ए-दिल-दारी दे
  • ज़ुल्म की कुछ मीआ'द नहीं है
  • तख़्लीक़ पे फ़ितरत की गुज़रता है गुमाँ और
  • तुम्हारे ए'जाज़-ए-हुस्न की मेरे दिल पे लाखों इनायतें हैं
  • दिल की आग जवानी के रुख़्सारों को दहकाए है
  • नग़्मा-ए-ज़ंजीर है और शहर-ए-याराँ इन दिनों
  • फ़रोग़-ए-दीदा-ओ-दिल लाला-ए-सहर की तरह
  • फ़स्ल-ए-गुल फ़स्ल-ए-ख़िज़ाँ जो भी हो ख़ुश-दिल रहिए
  • बैठे हैं जहाँ साक़ी पैमाना-ए-ज़र ले कर
  • मस्ती-ए-रिंदाना हम सैराबी-ए-मय-ख़ाना हम
  • मैं जहाँ तुम को बुलाता हूँ वहाँ तक आओ
  • मौसम-ए-रंग भी है फ़स्ल-ए-ख़िज़ाँ भी तारी
  • याद आए हैं अहद-ए-जुनूँ के खोए हुए दिलदार बहुत
  • ये बेकस-ओ-बेक़रार चेहरे
  • लग़्ज़िश-ए-गाम लिए लग़्ज़िश-ए-मस्ताना लिए
  • लू के मौसम में बहारों की हवा माँगते हैं
  • वतन से दूर यारान-ए-वतन की याद आती है
  • वही हुस्न-ए-यार में है वही लाला-ज़ार में है
  • वही है वहशत वही है नफ़रत आख़िर इस का क्या है सबब
  • वुफ़ूर-ए-शौक़ की रंगीं हिकायतें मत पूछ
  • वो मिरी दोस्त वो हमदर्द वो ग़म-ख़्वार आँखें
  • शबों की ज़ुल्फ़ की रू-ए-सहर की ख़ैर मनाओ
  • शम्अ' का मय का शफ़क़-ज़ार का गुलज़ार का रंग
  • शाख़-ए-गुल है कि ये तलवार खिंची है यारो
  • शिकस्त-ए-शौक़ को तकमील-ए-आरज़ू कहिए
  • सर्द हैं दिल आतिश-ए-रू-ए-निगाराँ चाहिए
  • सितारों के पयाम आए बहारों के सलाम आए
  • सुब्ह हर उजाले पे रात का गुमाँ क्यूँ है
  • हम जो महफ़िल में तिरी सीना-फ़िगार आते हैं
  • मेरा सफ़र : अली सरदार जाफ़री

    Mera Safar : Ali Sardar Jafri

  • तराना-ए-उर्दू
  • हाथों का तराना
  • एशिया जाग उठा
  • अवध की ख़ाके-हसीं
  • पत्थर की दीवार
  • तुम्हारी आँखें
  • नींद
  • भूखी माँ, भूखा बच्चा
  • अनाज
  • एक ख़्वाब और
  • ग़ज़ल
  • हसीन-तर
  • लम्हों के चिराग़
  • मेरा सफ़र
  • दो शे’र
  • ग़म का हीरा
  • प्यास भी एक समन्दर है
  • अजनबी आँखें
  • बहुत क़रीब हो तुम
  • चाँद को रुख़्सत कर दो
  • जब तिरा नाम लिया
  • तिरे प्यार का नाम
  • तुम नहीं आये थे जब
  • तू मुझे इतने प्यार से मत देख
  • तुम्हारे हाथ
  • नसीम तेरी क़बा
  • प्यास की आग
  • क़त्ले-आफ़ताब
  • सरे-तूर
  • पैराहन-ए-शरर
  • एक बात
  • निवाला
  • दो चिराग़
  • दो शे’र
  • सुब्‌ह-ए-फ़र्दा
  • ताशक़न्द की शाम
  • गुफ़्तगू
  • क़त्‌आ
  • बरहना फ़की़र
  • कार्ल मार्क्स
  • पॉल रोबसन
  • एक शे’र
  • हमसफ़र कोई नहीं दूरी-ए-मंज़िल के सिवा (ग़ज़ल)
  • कुछ शे’र
  • नवम्बर, मेरा गहवारा
  • सितारों के पयाम आए बहारों के सलाम आए (ग़ज़ल)
  • दिल और शिकस्त-ए-दिल
  • ख़्वाब-ए-परीशाँ
  • आबला-पा
  • आये हम ग़ालिब-ओ-इक़बाल के नग़्मात के बाद (ग़ज़ल)
  • करबला
  • ऐ शहसवारो!
  • अल्‌अ़तश
  • शो’लः-ए-ख़ुर्शीद-ए-महशर
  • पस-ए-दीवार-ए-ज़िन्दाँ
  • चार शे’र
  • हवस-ए-दिल
  • दो शे’र
  • नयी नस्ल के नाम
  • ये बेकसो-बेक़रार चेहरे(ग़ज़ल)
  • राज निराज
  • एक शे’र
  • कोई हो मौसम थम नहीं सकता रक़्से-जुनूँ दीवानों का (ग़ज़ल)
  • अपनी पलकों पे लिए जश्ने-चराग़ाँ चलिए (ग़ज़ल)
  • शह्‌र-ए-याराँ
  • एक शे’र
  • एक शे’र
  • नज़्म
  • समन्दर की बेटी
  • दो शे’र
  • दौलत-ए-दुनिया का हिसाब
  • रक़्स-ए-खि़ज़ाँ
  • करिश्मा
  • परवीन शाकिर
  • सिफ़ारतख़ानःए-जाँ
  • नज़्र-ए-अख़्तर-उल-ईमान
  • तीन शे’र
  • अहमद फ़राज़ के नाम
  • वेद-ए-मुक़द्दस
  • चण्डालिका
  • लू के मौसम में बहारों की हवा माँगते हैं (ग़ज़ल)
  • एक शे’र
  • एक शे’र
  • एक शे’र