Umesh Dadhich
उमेश दाधीच

उमेश दाधीच (30 जून 1986-) का जन्म गांव चौसला, तहसील: नावां सिटी, जिला: नागौर (राजस्थान) में हुआ। उनके पिता जी का नाम श्री सतीश कुमार दाधीच और माता जी का नाम श्रीमती शकुंतला दाधीच है । वह जैव प्रौद्योगिकी में स्नातक हैं और स्नाकोत्तर विपणन प्रबंधन (MBA) में किया है । आप कार्य-विपणन प्रबंधक (बीकानेर जे के प्लेटिनम सीमेंट) के औहदे पर कार्यरत हैं । उनके शौक- गीत व गज़ल लिखना और गाना हैं।

उमेश दाधीच की प्रसिद्ध कविताएँ

  • शिकायत
  • शमसान
  • प्यार
  • गीत-प्यार मे गीत मैं लिखता हूं
  • खोज
  • राहगीर
  • धूल
  • आखर
  • गजल-गजल मे तुम हो बसी
  • जीवन
  • अधूरी दास्ताँ
  • वो तक़्दीर अपनी थी
  • मैं तुझसे प्यार नहीं करता
  • फिर तुम आये
  • ख्वाबों की माला
  • उनसे फिर मुलाकात हुई
  • तू मुझमें मुझसे भी खास हुआ
  • कैसे बतलाऊं क्या क्या करता था
  • वो दौर था
  • काश
  • तुमको देखा तो
  • मिजाज
  • कभी प्रेयशी, कभी प्रीत
  • इजहार की वो कहानी
  • इजाजत
  • अपना सा एहसास
  • अकेले में वो
  • फिर प्यार हो गया है
  • फासले हमारे दरमियां
  • लौटा दे मुझको वो मुलाकात
  • डर लगता है
  • मन्नत की देवी
  • इश्क़ का चान्द
  • छूटा जो तेरा साथ
  • वो अल्हड़ जवानी
  • प्रेम-गीत (पल ये कट जायेंगे)
  • प्रेम-गीत (तुम बिन प्यासा)
  • चलो फिर आगाज करते हैं
  • आ गले लग जा
  • शहर उनके पेश हुये हम आज
  • तेरा इन्तजार रहे
  • धुँध की ओट में खोने चला
  • मैं उलझ जाता हूं
  • क्या क्या बनी तुम
  • इश्क़ वाली शायरी
  • तुम्हे कौन समझाए
  • डिस्को की वो रात
  • बात होती है
  • तुम्हारी याद आती है
  • किरदार तेरे है
  • रोशन हुआ
  • उदास हूँ मैं
  • तुम कह रही बचपना
  • शामिल है तू इस तरह
  • ख्वाब तुम चले आओ
  • तारो को किसी ने नही देखा
  • वो यादों की गुलज़ार बस्ती
  • बड़ा इश्क़ इश्क़ करते हो
  • मैं जिसे लिखता-गुनगुनाता हूँ
  • प्रेम सिर्फ श्याम है
  • मेरी लेखनी से सजे हो साजन
  • कैसी पहेली है ये
  • दिल के कोरे कागज पर एक गीत
  • जो लफ्ज़ कहे थे हमारे जवाब में
  • उनका पैगाम आया है
  • बस तुम मिल जाओ ना
  • इश्क़ को इश्क़ सा हम समझते रहे
  • तेरी खामोशियाँ बतयाती है
  • गंगा में बहा देना
  • कोई दस्तक नही जमाने से
  • सूर्य है तू अगर तो
  • तेरी तस्वीर छुपा रखी है
  • मलंग हो तुम मस्त हो
  • तलब तेरी रोज़गार ने ढक रखी है
  • किताबों से निकल मेरी जाना-1
  • किताबों से निकल मेरी जाना-2
  • तुम ना रही बस कहानियां रह गयीं
  • तुम ना रहे बस पहेलियां रह गयीं
  • गीत तुम्हीं को जीते-जीते खुद को जीना भूल गया
  • आंखों में जो दबा तेरा सैलाब है
  • वक़्त
  • ख्वाब जिसका था मुझे
  • एक शक्स को गज़ल बनते देखा है मैंने
  • देख तेरे बिन शहर में क्या क्या चल रहा है
  • एक शक्स अक्सर सुनाई देता है
  • मन के मन्दिर में तुम रहना
  • लब्ज़ चीखते हैं, कागज़ रोता है
  • धाम धाम में बसे (राम गीत)
  • तेरी यादों का धाम लिये मन
  • तो जनाब मरना पड़ेगा