Suryakumar Pandey सूर्यकुमार पाण्डेय

सूर्यकुमार पाण्डेय का जन्म 10 अक्टूबर 1954 में बलिया, उत्तर प्रदेश में हुआ था। ये कवि, हास्य, व्यंग्यकार और लेखक हैं। अपने साहित्यिक जीवन के दौरान, सूर्य कुमार पांडे ने हिंदी साहित्य की विभिन्न विधाओं में योगदान दिया है, जिनमें हास्य कविता, व्यंग्य और बाल कविता (बच्चों की कविताएँ) आदि शामिल हैं। इन्होंने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा बलिया के प्राथमिक विद्यालय से ग्रहण की। लखनऊ विश्वविद्यालय से गणितीय सांख्यिकी में मास्टर्स करने के बाद, सूर्य कुमार पांडेय ने उत्तर प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य विभाग में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। वह दिसंबर 2015 में अपने सरकारी कर्तव्यों से सेवानिवृत्त हो गए।
इन्होंने चार दशकों में 4,000 से अधिक शो और कवि सम्मेलन आयोजित किए हैं। 2016 में, इन्होंने अमेरिका में हिंदी साहित्य के प्रचार के लिए अंतर्राष्ट्रीय हिंदी संघ द्वारा आयोजित हिंदी कवि सम्मेलन और सम्मेलनों के लिए यूएसए और कनाडा में 20 से अधिक शहरों का दौरा किया और उन्होंने ‘वाह-वाह क्या बात है’ टीवी शो भी किया।
इन्होंने रेडियो और टेलीविजन के साथ भी सक्रिय रूप से कार्य किया। सूर्यकुमार पाण्डेय लंबे समय से दूरदर्शन और आकाशवाणी (ऑल इंडिया रेडियो) की स्क्रिप्टिंग शो, गाने लिखने, एकल कविता पाठ और कवि सम्मेलन के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने दूरदर्शन, डीडी भारती, एबीपी न्यूज़, आजतक, न्यूज़ नेशन, ईटीवी नेटवर्क, एसएबी टीवी, सोनी पल, ज़ी न्यूज़, सहारा समय, एपीएन न्यूज़ सहित कई राष्ट्रीय टेलीविजन चैनलों के लिए अपनी कविता का पाठ किया है।
पुस्तकें : सूर्यकुमार पांडे ने हिंदी साहित्य की विभिन्न विधाओं में 23 से अधिक पुस्तकें लिखी हैं। उनकी कुछ प्रमुख पुस्तके हैं – पाण्डेयजी के पटाखे, चिकने घड़े, वाह वाह, रुकावत के लिय खेद है, पांडेयजी के ठहाके, वाह जी पांडे जी वाह वाह, अपने यहाँ सब चलता है, हास्य व्यंग्य सरताज सूर्यकुमार पांडे, 101 गीत, लाट साहब के ठाठ आदि।
पुरस्कार और सम्मान : अंतर्राष्ट्रीय हिंदी एसोसिएशन, वाशिंगटन, डीसी, 2016 द्वारा अंतर्राष्ट्रीय व्यंग्य शिरोमणि सम्मान, काका हाथरसी पुरस्कार, उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान द्वारा पं। श्रीनारायण चतुर्वेदी व्यंग्य पुरस्कार, उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान द्वारा सूर पुरस्कार, उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान द्वारा सोहनलाल द्विवेदी सम्मान, अट्टहास सम्मान, सूचना और प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा भारतेंदु हरिश्चंद्र पुरस्कार मधुबन द्वारा व्यंग्यश्री सम्मान, के।पी। सक्सेना वरिष्ठ व्यंग्यकार सम्मान (2017), हिंदी-उर्दू साहित्य पुरस्कार समिति द्वारा साहित्यश्री सम्मान, फनकार सोसायटी द्वारा अमृतलाल नगर सम्मान, उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान द्वारा बाल साहित्य भारती सम्मान (2018)।

बाल कविताएँ : सूर्यकुमार पाण्डेय

Baal Kavitayen : Suryakumar Pandey

  • अंकल जी
  • अपना देश
  • आँधी आयी
  • आ गये बादल
  • आया अन्धड़
  • एक पान का पत्ता
  • काका-काकी ने देखी हॉकी
  • काला धुआँ
  • किसने क्या बोला
  • कौन
  • गाँधी जी
  • गीदड़ की शामत
  • गुड फ़्राइडे और ईस्टर सण्डे
  • चाँद
  • चिड़िया-सी धूप
  • चिड़िया कैसे गाएगी
  • छूटा छक्का
  • जाड़े की विदाई
  • जाड़े की विदाई का गीत
  • दाँत
  • दाढ़ी
  • दो बन्दर
  • नये साल की प्रार्थना
  • नहीं डाँटें
  • नाक
  • नेता चूहेनाथ
  • पोथी-पत्रा लेकर
  • बन जाएगा तू नेता
  • बस्ते में
  • बादल जी
  • बाल
  • बुड्ढा गुड्डा
  • बैठी है गर्मी
  • बोर हो रहा हूँ मैं घर में
  • महँगाई के दौर में
  • मामा जी की दाढ़ी
  • मुझको बतलाओ
  • मैं तितली हूँ
  • मोटे सेठ
  • रात
  • रामदीन
  • रावण का नाम मिटेगा
  • रूप धूप के
  • लू
  • विकलांग बच्चों के गीत
  • शोर
  • सबके अपने-अपने गुण हैं
  • समय-रथ के ध्वजा वाहक
  • स्कूल खुले
  • हम उसको दोस्त बनाएँगे
  • हालत ख़स्ता
  • होते जब भी दंगे फसाद
  • एक अजूबा
  • देश हमारा
  • पतंग
  • कंघी
  • बादल आए
  • बनाना है तो