Dr. Sughra Sadaf डॉ. सुग़रा सदफ़

सुग़रा सदफ़ लाहौर (पाकिस्तान) में रहनेवाली उर्दू और पंजाबी की लेखिका, कहानीकार और बेहतरीन शायरा हैं ।

ग़ज़लें : डॉ. सुग़रा सदफ़

Ghazals in Hindi : Dr. Sughra Sadaf

  • अजनबी से चेहरों पर आश्ना सी आँखें हैं
  • इस जहाँ पे हाल-ए-दिल आश्कार करना है
  • इसे गुज़ार मगर इस पे ए'तिबार न कर
  • उस के चेहरे पर अजब सा रूप था अच्छा लगा
  • कब तक भँवर के बीच सहारा मिले मुझे
  • कब जहाँ से है दुश्मनी मेरी
  • करती ही नहीं दिल से कभी नक़्ल-ए-मकानी
  • ख़्वाहिश के रास्ते में दीवार बन गया है
  • ख़्वाहिश जो दिल में थी उसे मरने नहीं दिया
  • चारों ओर हिसार बनाओ
  • जज़्बों पे जमी बर्फ़ पिघल जाएगी इक दिन
  • जब तक अब्र-ए-इश्क़ न बरसा
  • जिस दिन से ज़िंदगी में तिरा ग़म नहीं रहा
  • जुगनू तिरी यादों के उड़े दिल के नगर से
  • जो कह दिया वो कर के दिखाना पड़ा मुझे
  • तुग़्यानियों से अपनी निकाला न कर मुझे
  • तेरे एहसास के हिसार में हूँ
  • दिन रहा याद तो शब याद नहीं
  • दिल जिस वक़्त अकेला होगा
  • दुख अपना छुपाने में ज़रा वक़्त लगेगा
  • नतीजा सुनने का अब हौसला तो करना है
  • पहाड़ की तरह अतराफ़ में खड़ी है शब
  • पुर-ख़ार रहगुज़र पे ही चलना नहीं सदा
  • फ़ज़ा में परिंदों की चहकार क्या थी
  • बना दिया है मुझे बेवफ़ा वफ़ा कर के
  • बीते हुए ज़माने की तस्वीर खींच कर
  • मिलना एक बहाना होगा
  • मुद्दतों जिस से मुलाक़ात न थी
  • मैं जागी हुई कि सोई हुई हूँ
  • रह-ए-जानाँ पे बढ़ती जा रही हूँ
  • साथ अपने लोग कुछ ऐसे चले
  • हिज्र की दुहाई दे