Dr. Satya Vrat Shastri डॉ. सत्यव्रत शास्त्री

सत्यव्रत शास्त्री (29 सितम्बर, 1930; - 14 नवम्बर, 2021) संस्कृत भाषा के विद्वान एवं महत्वपूर्ण मनीषी रचनाकार हैं। वे तीन महाकाव्यों के रचनाकार हैं, जिनमें से प्रत्येक में लगभग एक हजार श्लोक हैं। 'वृहत्तमभारतम्', 'श्रीबोधिसत्वचरितम्' और 'वैदिक व्याकरण' उनकी प्रमुख रचनाएँ हैं। वर्ष 2007 में सत्यव्रत शास्त्री को उनके महत्त्वपूर्ण योगदान के लिये 'ज्ञानपीठ पुरस्कार' से सम्मानित किया गया था। डॉ॰ सत्यव्रत शास्त्री पंजाब विश्वविद्यालय से संस्कृत में एम.ए. और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से 'भर्तृहरि कृत वाक्यपदीय में दिक्काल मीमांसा' विषय पर पीएच.डी. हैं।
डॉ. सत्यव्रत शास्त्री ने १९५५ में दिल्ली विश्वविद्यालय में अध्यापन कार्य शुरू किया। अपने चालीस वर्ष के कार्यकाल में वे विभागाध्यक्ष तथा कलासंकायध्यक्ष का पदभार सम्भाला। वे जगन्नाथ विश्वविद्यालय, पुरी के भी कुलपति रहे। उन्होंने न केवल देश में बल्कि विदेशों में भी संस्कृत के प्रचार-प्रसार का कार्य किया। इन्हीं के प्रयासों से सिल्पाकोर्न विश्वविद्यालय, थाईलैंड में संस्कृत अध्ययन केंद्र की स्थापना हुई। उनकी अध्यक्षता में द्वितीय संस्कृत आयोग की स्थापना की गयी थी जिसने अपनी संस्तुतियाँ दे दीं हैं।