Mahesh Kumar Keshri महेश कुमार केशरी

महेश कुमार केशरी (6 नवंबर 1982 - ) हिंदी भाषा के कवि, कहानीकार व लेखक हैं । उनका जन्म - ( बलिया, उ. प्र.) में हुआ।
शिक्षा : 1-विकास में श्रमिक में प्रमाण पत्र (सी. एल. डी. , इग्नू से),
2- इतिहास में स्नातक ( इग्नू से),
3- दर्शन शास्त्र में स्नातक ( विनोबा भावे वि. वि. से) ।
प्रकाशन : उनकी रचनाएँ विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पत्र, पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रहती हैं ।
अनुवाद : कुछ लघुकथाओं और व्यंग्य का पंजाबी, उड़िया, नेपाली और मराठी भाषाओं में अनुवाद और प्रकाशन हुआ है ।
पुरस्कार - सम्मान : उनकी रचनाएँ विभिन्न प्रतियोगताओं में पुरस्कृत हो चुकी हैं ।
नव साहित्य त्रिवेणी के द्वारा - अंर्तराष्ट्रीय हिंदी दिवस सम्मान -2021.
फोन नम्बर : 9031991875

हिन्दी कविताएँ : महेश कुमार केशरी

Hindi Poetry : Mahesh Kumar Keshri

  • जीवित पिता का दु:ख
  • पिता दु:ख को समझते थें
  • पिता पुराने दरख़्त की तरह होते हैं
  • माँ का कमरा
  • परिणत होते पिता
  • इंतज़ार में है गली..
  • पच्छिम दिशा का लंबा इंतजार
  • तहरीर में पिता
  • हवा की तरह जरूरी है प्रेम
  • एक दिन ऐसा भी आयेगा
  • युद्धविराम
  • इतनी फिक्र अब कौन करता है !
  • नहीं लौटना चाहता
  • तुम हर्फ़ नहीं थे
  • भूख
  • युद्ध पर बात नहीं होनी चाहिए
  • चार लोग थे
  • इसी देश में कहीं
  • दु:ख बुनना चाहिए....
  • बेहतर बहुत बेहतर
  • पहाड़ और दु:ख
  • पिता और पेड़
  • सेब के बारे में कौन सोचता है
  • हिमालय का ये कैसा प्रलाप
  • लड़कियों की हँसी
  • कूड़ेदान पर नौकरी की बात लिखी थी...!
  • अब लगता है , कि ये पूरी दुनिया
  • धरती पर के मौसम
  • दु:ख -1
  • दु:ख -2
  • लौट आओ भाई ...
  • पिता की तरह
  • तो , चलो फिर , विदा लेते हैं
  • उस दिन "दशरथ केदारी" भी मरा था !
  • तबसे आदमी भी पेंड़ होना चाहता है ..!
  • आओ मिलकर दीप जलायें
  • कील -1
  • कील - 2
  • इंतज़ार में है गली..!