Khayal Ladakhi
ख़याल लद्दाखी
ख़्याल लद्दाखी बौद्ध उर्दू कवि हैं । उनका असली नाम जिगमेत नोर्बू है ।
उनकी लिखी “इब्तिदा-ए-ख़याल”, उर्दू/फ़ारसी शायरी की पहली किताब है
जो किसी लद्दाखी शायर ने लिखी है । ‘उनकी तीन किताबें छप चुकी हैं
और जल्द ही दो और आ रही हैं’ (प्रीत लड़ी) । लेह से ये एकमात्र ऐसे
कवि हैं जो राष्ट्रीय स्तर के मुशायरों में शामिल होते हैं।