सैनिक गीत : हरियाणवी लोकगीत

Sainik Geet : Haryanvi Lok Geet


कदी दुनिया में रणधीर डर्या नहीं करदे

कदी दुनिया में रणधीर डर्या नहीं करदे जिननै सै नहीं मरणा आन्दा उन नै हर कोई डर दिखलान्दा हरियाणा के वीर कदी डर्या नहीं करदे मौत तै डर्या करैं वे पापी जिन नै पाप करें हो काफी माफी की याचना वीर कर्या नहीं करदे

कर देस की रकसा चाल

कर देस की रकसा चाल, लाल मेरे सज धज के सुन दुसमन ने सीमा तेरी, चारां तरफ से आकै घेरी, क्या इस का नहीं ख्याल, लाल मेरे सज धज के कर देस की रकसा चाल, लाल मेरे सज धज के जिस दिन के लिये तन्नै दूध पिलाया, वो दिन लाडले आज सै आया, कर दे दिखा कमाल, लाल मेरे सज धज के कर देस की रकसा चाल, लाल मेरे सज धज के भूरे की माता बोलती सुण भूरा मेरा ये सोलह सौ पद्मनी तेरे खड़ी चौफेरा तनें देवर देवर कह रही क्यों मुखड़ा फेरा रे राणी आंसू गेरै मोर ज्यों हिया लरजै मेरा तोड़ बगादे कांगणा पकड़ो समसेरा गौरी साह के दलां में रह ब्याह होजा तेरा सांग्यां होजा आरता तलवारां फेरा बैरी थाते तै के हुआ भाई था तेरा सेर गढ़ां के पकड़िये तूं रहा भगेरा तूं ओढ़ै ना चूंदड़ी मनें दे चीरा मैं पडूं दलां में टूटके मार ढादूं ढेरा

जरमन तेरा जाइयो नास

तन्ने मारे बिराणे लाल जहाज भर भर के मैं किस पै करूं सिंगार कालजा धड़के

जरमन ने गोला मार्‌या

जरमन ने गोला मार्या जा फूट्या अम्बर में गारद में सिपाही भाजे रोटी छोड़ गए लंगर में उन बीरां का के जीणा जिन के बालम छः नम्बर में

जा साजन या तेरी जवानी

जा साजन या तेरी जवानी पूंजी मां धरती की रही भुजा फड़क मेरी बी तन्नै बिदा करती की

पिया भरती मैं होले ना

पिया भरती मैं होले ना पट्टजा छतरापन का तोल जरमन में जाके लड़िए अपने मां बापां का नां करिए तैं तोपां के आगे अड़िए अपणी छाती ने दे खोल पिया भरती में होले ना पट्टजा छतरापन का तोल

बांका रहिए जगत में

बांका रहिए जगत में बांके का ही आदर होय। बांकी बन की लाकड़ी काट सके ना कोय।।

भरती हो लो रै बाहर खड़े रंगरूट

भरती हो लो रै बाहर खड़े रंगरूट अड़ै मिलैं ना टूटी जूती ओड़े मिलैं फुलबूट भरती हो लो रै बाहर खड़े रंगरूट अड़ै मिलै ना पाट्टे लीतर ओड़े मिलैंगे सूट भरती हो लो रै बाहर खड़े रंगरूट

माना की माता बोलती मेरा माना आइये

माना की माता बोलती मेरा माना आइये बेटा बादसाह के दलां में तू सन्मुख जाइये तेग झमकती देख के भय मत ना खाइये लोथा ऊपर लोथ पड़ै मत एडी ठाइये रतनसिंह के नाम पर सम्मुख मर जाइये जै तूं आवै भाज के मुंह मत दिखलाइये अच्छा सा जोगी देख कै जा कान पड़ाइये ठेकरा ले लीये हाथ में मांगिये अर खाइये और घणी रे माना के कहूं मां के दूध कै मत लाणा लाइये

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