प्रेमगीत : हरियाणवी लोकगीत

Prem-Geet : Haryanvi Lok Geet


आणे का वायदा किया, हो आए ना बालमा

आणे का वायदा किया, हो आए ना बालमा घूंघट की ओर से खोल दे अंखियां, चाले हैं ठण्डी हवा हो आए ना बालमा दरवाजे की ओर से देखो, हाथ पैरों से चल के देखो डोले हे मोरा जिया, हो आए ना बालमा हाथ की रेखा देखन वाले, देख मेरे ये भाग निराले परदेसी ने ये क्या किया, हो आए ना बालमा

आया था ओ गेहूं काट कै

आया था ओ गेहूं काट कै आंदे ठाली लाठी मार छेत्त के पूछण लाग्या चोट कड़ै सी लागी

ऊंची सी अटारी मेरी पानै फूले

ऊंची सी अटारी मेरी पानै फूले छाई री कटै कैसे रात पानै फूले छाई मेरी सासू खाट बिछाई री कटै कैसे रात सासू खाट बिछाई सासू सोवण खंदाई री कटै कैसे रात सोवण खंदाई मैं तो दूध कटौरा लेगी री कटै कैसे रात दूध कटोरा लेगी राजा पीठ मोड़ के सोग्या री कटै कैसे रात पीठ मोड़ कै सोग्या मैं तो धाल खटोला सोई री कटै कैसे रात आधी सी रात मैं तो नीचै उतर आई री कटै कैसे रात नीचै उतर आई सासू पीसण लागई री कटै कैसे रात पीसण खंदाई मेरा हाथ पकड़ कै खींच्या री कटै कैसे रात हाथ पकड़ कै खींच्या मन्ने सड़सड़ मारण लाग्या री कटै कैसे रात आज्या री सासू मन्नै तैं ए छुड़ाइयो री कटै कैसे रात पीट पाट के कुणे गेरी सेर पेड़े ल्याया री कटै कैसे रात सेर पेड़े ल्याया मन्नै छाई पेड़े खाए री कटै कैसे रात ढ़ाई पेड़े खाए फेर लोटा झारी ल्याया री कटै कैसे रात लोटा झारी ल्याया मन्नै डेढ़ चलू पीई री कटै कैसे रात डेढ़ चलू पीई मेरै जाडा चढदा आया री कटै कैसे रात जाडा चढदा आया मन्नै सोड़ सोडिए ओढै री कटै कैसे रात गरमी चढगी आई मेरे पंखा ढोलण लाग्या री कटै कैसे रात पंखा ढोलण लाग्या इतणै दिन लिकड़ आया री कटै कैसे रात दिन लिकड़ आया री सासू के पैर दाबे री कटै कैसे रात

ए परदेसी चाल्या जाइये

ए परदेसी चाल्या जाइये, घर बूझे सै मारे नै ए मेरी मां बाम्हण कै जारी बाबल नम्बरदारी मैं ए मेरी भाभी माण्डे पोवै, दाल रघैं म्हारे हारे मैं ए मेरा बीरा ढोल जिमावै, जले की नजर चुबारे मैं ए मेरी माता लत्ते दिखावै, बैली करदी बाड़ै मैं

क्या यह किसमत की खूबी बालमा खोटे मिले

क्या यह किसमत की खूबी बालमा खोटे मिले एक तो नहाना बनाया दूसरे नहाते नहीं तीसरे हाजिर घड़ी हूं चौथे दिल मिलता नहीं एक तो खाना बनाया दूसरे खाते नहीं तीसरे हाजिर खड़ी हूं चौथे दिल मिलता नहीं

खिल खिल गए दो दाणे अनार के

खिल खिल गए दो दाणे अनार के, हां हां खिल गए दो दाणे अनार के मनैं नहाणा बणाया सभाल के, कैसे नहाऊं बिगैर दिलदार के खिल खिल गए दो... मनैं खाणा बनाया संभाल के, कैसे खाऊं बिगैर दिलदार के खिल खिल गए दो... मनैं चोपड़ सजाई संभाल के, कैसे खेलूं बिगैर दिलदार के खिल खिल गए दो...

खूंटी पै तै झोला तार कै रै

खूंटी पै तै झोला तार कै रै मन्ने झोला दीए पकड़ा रै मन्ने जाणा नौकरी पोली में बिस्तर गेर कै रे रे वो बैठ्या तखत बिछाय रै गोरी कह दे जाण की जाणै की कहैगी तेरी मां ओ पिआ जाणे की कहूं ना मूल जी के गए थे नौकरी बूझ कै मूड् तुड् महलें चढ़ गई चीरे वाला चमकदा जाय री नदियां की ओट में हो लिआ महलां तै नीचै ऊतरी पोलां मैं मेरी सास री औबरै मैं बड़ कै रो पड़ी किस का पीसूं पीसणा री सासड़ किस के खिलाऊं नंदलाल री मन्नै किस के भरोसै छोडग्या जेठा का पीसो पीसणा ए बहू देवर के खिलाले नंदलाल री तन्नै म्हारै भरोसै छोड़ग्या बगड़ बखेरूं पीसणा री सासड़ बालकां की तोडूं नाड़ री मन्नै राम भरोसै छोड़ग्या बीरण आया लेण नै री सासड़ मैं तो चली बीरण के साथ पीहर मैं दिनड़े तोड़ ल्यूं भाभी तान्नै मारदी री म्हारा ग्या ननदोई परदेस छात्ती पै छलेवा छोड़ग्या बार तै मायड़ आ गई ए बेट्टी किस नै बोले बोल ए बेट्टी साच्ची साच बता दीए भावज तान्ने मारदी री मायड़ तेरा ग्या री जमाई परदेस री छात्ती पै छलेवा छोड़ग्या

गांधी का फोटू खिंचा है सांवरिआ

गांधी का फोटू खिंचा है सांवरिआ मेरे सुसर जी का स्योने का बंगला डाका पड़ै लुट जाय हो सांवरिया गांधी जी का फोटू... मेरे जेठ जी का काठ का बंगला आग लगे जल जो हो सांवरिया गांधी जी का फोटू... मेरे देवर जी का कागज का बंगला हवा लगे उड़ जाय हो सांवरिया गांधी जी का फोटू... मेरे कन्थ जी का पान्नां का बंगला दोन्नू रल मिल हवा खंय हो सांवरिया गांधी जी का फोटू...

जानी छज्जै तै ईंट गिरी होती

जानी छज्जै तै ईंट गिरी होती मेरी बच गई ज्यान मरी होती जानी तुम तो फिरी किन सैलां नै मेरी भरीए जिवानी थारे महलां मैं घोड़ै के आगे खूंटी नहीं परदेसी बालम की छुट्टी नहीं ज्यानी घोड़ै कै आगै दाणा नहीं परदेसी बालम का आणा नहीं ज्यानी घोड़ै कै आगै घास नहीं परदेसी बालम की आस नहीं ज्यानी कल्ले दुकल्ले मत आया करो यारों की जोड़ी ल्याया करो ज्यानी धूप पड़ै जद आया करो यारों की जोड़ी ल्याया करो ज्यानी रीता रूमाल मत ल्याया करो मथरा के पेड़े थम ल्याया करो

जीजे कै सिरहाणे साली कद की खड़ी

जीजे कै सिरहाणे साली कद की खड़ी जीजा बोलदा कोन्या कहो तो जीजा तेरा हैट बण जाऊं जीजा बोलदा कोन्या पठ्यां के अन्दर अन्दर सारी रम जाऊं जीजा बोलदा कोन्या जीजे कै सिरहाणे साली कद की खड़ी जीजा बोलदा कोन्या कहो तो जीजा तेरा चसमा बण जाऊं जीजा बोलदा कोन्या नैणा कै अन्दर अन्दर सारी रम जाऊं जीजा बोलदा कोन्या जीजे कै सिरहाणे साली कद की खड़ी जीजा बोलदा कोन्या कहो तो जीजा तेरा बिसतर बण जाऊं जीजा बोलदा कोन्या तकिये कै अन्दर अन्दर सारी रम जाऊं जीजा बोलदा कोन्या जीजे कै सिरहाणे साली कद की खड़ी जीजा बोलदा कोन्या कहो तो जीजा तेरी घड़ी बण जाऊं जीजा बोलदा कोन्या चेन के अन्दर अन्दर सारी रम जाऊं जीजा बोलदा कोन्या जीजे कै सिरहाणे साली कद की खड़ी जीजा बोलदा कोन्या

जैपर जाइओ जी ढोला

जैपर जाइओ जी ढोला हम नै बंद बंगड़ी का चा कौण निरखैगा हे गोरी तेरा पिआ बसै परदेस चिट्ठी लिख भेजूं जी ढोला थम तो सांझ पड़ी घर आओ किस बिध आऊं हे गोरी मेरी मायड़ कै चढ़ रह्या ताप क्यूं ब्याही थी जी ढोला मेरा ब्याह कै मार्या मान न्यूं ब्याही थी ए गोरी मेरा घर का करिओ काम आग लगाद्यूं जी ढोला थम तो खड्या तमासा देखिओ जी इसी मत करिओ रे गोरी मेरी सात फेरयां की नार ना मर जइयो हे गोरी तेरे बिना तज द्यूं सारा संसार इब समझे ओ जी ढोला थारा घर बसाऊं दिन रात

झिल मिल साफा बांध दिखे री

झिल मिल साफा बांध दिखे री दिल्ली में भरती हो लिया छुट्टी आया री भरतार दिखे री मेरा ठंडा कालजा हो गया झट पट मांडे पौए दिखे री आलू का साग बणा लिया पूरी मांगी ना साग दिखे री मनै घाल्या उतणा खा लिया निकल्या बिचली गाल दिखे री भावज के घर नै जा रह्या खोलो भाभी अजड़ किवाड़ी दिखे री भाभी सांकल खोलो लोहै सार की खुलगे अजड़ किवाड़ दिखे हो देवर सांकल खुलगी लोहै सार की आओ देवर मूढै पै बैठ दिखे तैं तो घणे दिन्यां मैं बाह्वड़ा हम नौकर सरकार दिखे री भाभी छुट्टी मिली जद आ लिया।

ठहर बटेऊ ठहर बटेऊ के नै जाइये

ठहर बटेऊ ठहर बटेऊ के नै जाइये म्हारे बाग का मिसरी मेवा चाख कै नै जाइये तेरे हाथ की रै माली की रोटी ना भावै कच्चे पाक्के फल तोड़ै मनै आच्छे ना लागैं सेठ की सिठाणी पै तेरी रोटी पुआ द्यूंगी मांज कै नै बालटी जल नीर पिता द्यूंगी

तेरे पकडूं घोड़े की लगाम जाण न दूं पिया नौकरी

तेरे पकडूं घोड़े की लगाम जाण न दूं पिया नौकरी छोड़ ए गोरी घोड़े की लगाम साथां के साथी म्हारे धुर गए छूट गई घोड़े की लगाम आंसू तो गिरे हरियल मोर ज्यूं

नाई की तेरे लाम्बे लाम्बे खेस

नाई की तेरे लाम्बे लाम्बे खेस आधे बिछा ल्यो आधे ओढ़ ल्यो राजा जी मेरी मां के पाले खेस क्यूंकर बिछा ल्यूं क्यूंकर ओढ ल्यूं राजा जी तेरी चाल सरूप जणू रै हाथी घूमै गाल मैं राजा जी तेरा बोल सरूप जणू रै पपीहा बोल्या रेल का नाई की तेरा बोल सरूप जणू रै कोयल बोली बाग में नाई की तेरी चाल सरूप जणू मुरगाई तिरगी ताल मैं

पिया पतले जी पतंग जैसे पैर

पिया पतले जी पतंग जैसे पैर सिखर दुपहरी मत आइयो मोरे बालमा ये जल जाए जी पतंग जैसे पैर पिया पतले जी... सई सांझ मत आइयो मोरे बालमा ओहो जागे जी नणद और सास पिया पतले जी... आधी आधी रात मत आइयो मोरे बालमा ओहो जागे जी ड्योढी का पहरेदार पिया पतले जी... सास गई बाप कै नणद गई सोहरै ओहो अब होई जी मिलण आली रात पिया पतले जी... सास आई सोह्रे नणद आई बाप कै अब होई जी बिछोड़ै आली रात पिया पतले जी...

बागां के मैं मत जाइये नार सैन मार तक लेगा

बागां के मैं मत जाइये नार सैन मार तक लेगा सनकतरा सा गात नार कोए आग बाल सिक लेगा गांला मैं मत जाइयो नार को परदेसी तक लेगा सनकतरा सा गात नार कोए आग बाल सिक लेगा हरी कन्नी लाल कन्नी या कन्नी असमानी इस बीर नै कुछ मत कहियो या सै बीर बिराणी

बेकदर को दिल दिया है देखना कैसे निभे

बेकदर को दिल दिया है देखना कैसे निभे एक तो सरदी की मौसम दूसरे पाला पड़े तीसरे राजा नहीं है रैन रो रो के कटे एक तो गरमी महीना दूसरे लूआं चले तीसरे टपके पसीना बूंद जीवन मैं पड़े एक तो बरखा की मौसम दूसरे मैंहा पड़ै तीसरे बोले पपीहा ठेस सीने मैं लगे एक तो सावन महीना दूसरे हींडा घले तीसरे झूलेगी सखियां चीर सीन पै खिले

बोये चले थे भंवर जी पीपली

बोये चले थे भंवर जी पीपली हांजी कोए हो गई घुमर घुमेर बैठण की रुत चाले चाकरी

मेरा नैफा डिगर ग्या भरतार मेरे तै लड़कै

मेरा नैफा डिगर ग्या भरतार मेरे तै लड़कै हे री लड़ कै उन्ने चिट्ठी गेरी ना तार गुस्सै में भर कै हे री भर कै मन्ने दस का गेर्या तार, पांच की चिट्ठी हे री चीट्ठी मेरा बांच रह्या भरतार गोड्या मैं धर के हे री धर कै ओ आया आधी रात लील्ले घोड़े पै चढ़कै हे री चढ़ कै ओ बैठ्या भाइआं बीच नमस्ते करके हे री करके भाई कित गई मेरी हूर बतलादे भाई बतलादे भाई मरगी तेरी हूर कूएं मैं पड़ कै हे री पड़ कै भोत रोया मेरा भरतार ओबरे मैं बड़ कै हे री बड़ कै तेरा ल्याया रेसमी सूट करेवा भर कै हे री भर कै तेरा ल्याया बूंट बिलाती करेवा भर कै हे री भर कै तेरी पहरै छोटी सोक कूएं पै चढ़ कै हे री चढ़ कै मैं करूं सुपनै मैं बात पति तै अड़ कै हे री अड़ कै मैं तो तोडूंगी उसकी नाड़ कूएं पै चढ़ कै हे री चढ़ कै

मेरी भूरी भूरी पींडी री सासड़ काली जराब

मेरी भूरी भूरी पींडी री सासड़ काली जराब मन्नै सोला सिंगार करे री सासड़ बलमा नदान बाहर सै बालम आया री माता कहां गई साजन जाई टग-टग महलों चढ़गी रे बेटा कर के सिंगार तैं सोच समझ के जइयो रे बेटा बहू सै जुआन तन्नै खाटी ल्हासी प्याई री सासड़ रह गया नदान मन्नै हंस के दूध पीए री सासड़ हो गी जुआन दिन दस पीहर चली जा री बहुअड़ कर ल्यूं जुआन ऊपर तै नीचे पटक री माता हो ज्या नुकसान तै ओड ओड बोल ना बोलै रे बेटा बहू सै जुआन

मेरे टांडै मैं सोला सै राणी

मेरे टांडै मैं सोला सै राणी पर तेरै सिकल की नहीं सै तैं तो चाल मेरे ए टांडे मैं राणी ओड़ै बिछ रहे पिलंग जरी के तेरे आग लागै टांडै कै जले बल जाइयो हो पिलंग जरी के तेरी गठड़ी में दाम कोन्या जले तैं तो ठगदा फिरै सै जगत नै मेरी गठड़ी मैं दाम भतेरे दिन छिपदे ए ले ल्यूंगा फेरे पर तिरिआ ना अपणी होवै नार चाहे कितणे ए लाड लडाले काग्गा ना हंसा होवै जले चाहे चारों बेद पढाले

मेरे राजा भीजै मेरी चम्पा साड़ी

मेरे राजा भीजै मेरी चम्पा साड़ी मैं तुम ते पूछूं हो मेरे राजा कैसी लगै पनिहारी जैसी दूध पै जमे मलाई मेरी गोरी ऐसी लगै पनिहारी मेरे राजा... मैं तमतै पूछूं हो मेरे राजा कैसे लगै घर-आली जैसी चुभच्चै मैं आवै बदबोई मेरी गोरी ऐसी लगै घर-आली मेरे राजा... लिख-लिख चीट्ठी बीरण पै भेजूं मेरे राजा आ गए बीरण हजारी मेरे राजा... मैं तमतै पूछूं हो मेरे जीजा कैसे लगै पनिहारी जैसी चुभच्चै मैं आवै बदबोई मेरे साला ऐसी लगै पनिहारी मेरे राजा... मैं तमतैं पूछूं हो मेरे जीजा कैसे लगै मेरी बहणां जैसी दूध पै आवै मलाई जी साला ऐसी लगै थारी बहणां मेरे राजा... मैं थम तै पूछूं जी मेरे राजा अब कैसी तेरी मत मारी मैं तम तै बोलूं हे मेरी गोरी अब डरदै की मत मारी मेरे राजा भीजै मेरी चम्पा साड़ी

ये जुल्मी नैण बुरे कोए दिन याद करो

ये जुल्मी नैण बुरे कोए दिन याद करो एक न्हाणा न्हाण आले दो जणै न्हा न्हा मस्त हुए कोए दिन याद करो एक खाणा खाण आले दो जणै खाए खाए मस्त हुए कोए दिन याद करो ये जुल्मी नैण बुरे कोए दिन याद करो

राजा गर्मी के मारे अंगिया भीजै हमारी

राजा गर्मी के मारे अंगिया भीजै हमारी कुछ गर्मी से कुछ सर्दी से दूजा जोर जवानी का कोठे चढ़न ते देवर बुलावै आजा राज दुलारी अंगिया भीजै हमारी मैं कैसे आऊं मेरे छोटे से देवरिया कदम कदम हुआ भारी अंगिया भीजै हमारी बारां बरस पिया चाकरी से आए रोवै राज दुलारी अंगिया भीजै हमारी

राजा पतले रे राजा पतले रे

राजा पतले रे राजा पतले रे जिसे पतंग में डोर। सिखर धपैरी मत आइयो रे बालमा जागे रे ननद अर सास। राजा पतले रे राजा पतले रे जिसे पतंग में डोर। सई सांझ मत आइयो रे बालमा जागे रे गली का पहरेदार। आधी रात चले आइयो रे बालमा सोवै ननद अर सास। राजा पतले रे राजा पतले रे जिसे पतंग में डोर।

राधा चली गई मेले

राधा चली गई मेले स्याम जी रह गए अकेले इस मेले में के के बिकत है नींबू नुरंगी केले स्याम जी रह गये अकेले तात्ता सा पाणी साबण की टिकिआ न्हा कै नुहा कै चले गए स्याम जी रह गए अकेले राधा चली गई मेले स्याम जी रह गए अकेले तात्ती सी पूरी अर गुलदाणा खा कै खिला कै चले गए स्याम जी रह गए अकेले राधा चली गई मेले दमड़ी के तीन पान बीड़ा लगाया चाव कै चबा कै चले गए स्याम जी रह गए अकेले सीसै की बोतल मीनैं का प्याला पी के पिला के चले गए स्याम जी रह गए अकेले राधा चली गई मेले फूलों की सेज मोती झालर के तकिए सो कै सुला कै चले गए स्याम जी रह गए अकेले इस मेले में के के बिकत है नींबू नुरंगी केले स्याम जी रह गए अकेले

रोटी पूई धरी तड़के की देखूं बाट तेरे लड़के की

रोटी पूई धरी तड़के की देखूं बाट तेरे लड़के की जब देखूं जब चांद सिखर मैं मर गई हो पिया तेरे फिकर मैं एक हाथ दिवला एक हाथ झारी चढ़ गई हो मैं तो पिया की अटारी कठै मेलूं दिवला कठै झारी, कठै हो पिया सेज तुम्हारी धरण पै दिवला पटक दे ना झारी, पड़ जाओ हे गोरी पांयतै हमारी पांयत सै रै सिरहाणै नै आई, जद बी ना बोला हो मरद कसाई रो रो के मनैं आंख सुजा लई पांच रपइए सेर मिटाई या ले गोरी रूसे की मनाई धर दे रपइए पटक दे मिठाई, रूसें पाछै हो पिया मनैं नां लुगाई

लम्बी नाड़ लटकमा चोटी

लम्बी नाड़ लटकमा चोटी साफा बान्धै मेरा राजा हे पट्ठे बाह्वै तेल रमावै सोकण तै बतलावै हे सांझ पड़े महलों में आवै बिजली सी वे पाटे हे उठ सवेरे चाकी झो देई कुएं में पड़न की ध्या लेई हे पीस-छाण दोघड़ धर लई हम पानी भर लावां हे पहले तो बहू रोटी खाले फिर पानी भर लाइयो हे तुम खावो थारा बेटा खुआओ मेरी सासू हे दोघड़ मेली घाट में फेर चारों तरफ लखाई ए नार गम्म गम्म कूवे मैं जान टका सी खो देई ए सासू भी रोवै सुसरा भी रोवै बलमा नै रुधन मचा दिया हे सासू तो मेरी ये दुख देखे मने रे पीसना दे गई रे सुसरा तो मेरा ये दुख रोवै बालक बोहड़िया मर गई रे बलमा तो मेरा ये दुख रोवै मेरी बैटरी बुझ गई रे

ले ले हे गोरी म्हारी नमस्ते हम तो नौकर चाल पड़े

ले ले हे गोरी म्हारी नमस्ते हम तो नौकर चाल पड़े ना लेऊं हो पिया थारी नमस्ते तुम तो नौकर चाल पड़े आ रह्या सै तेरा बड़ला बीरा गैल बीर के डिगर जाइये पीहर जाऊं ना रहूं सासरे, संग बालम तेरे चालूंगी बारा वर्ष में पिया घर आये लेण गया उस नाजों नै क्यूं हो बेटा के दुख लाग्या के दुख लाग्या मेरी जाई ने हम तो री माता नौकर चाले आप की या नौकरी से नाटै सै झूठ पति तू झूठ मत बोले संग जाण की कह रही सूं ला दे हो साफा छत्री झोला घर अपणे ने डिगर जांगा घाल खटोला आंगण मैं सो गया भावज आण जगा रही सै क्यूं हो देवर क्यूं नहीं ल्याया क्यूं छोड़ आया मां बापां कै बोलै मत ना बिघन हो जागा नार छुटा दी हथणी सी उस ने छोड़ कै दूसरी ब्याह ले रह लेण दे मां बापां कै उस ने छोडूं ना दूसरी ब्याहूं, ना लाऊं गा उस नाजो नै

सरवर पाणी नै गई सुण आई नई नई बात

सरवर पाणी नै गई सुण आई नई नई बात बिरजो एक जोबन झिरवै एकला एक लुगाई न्यूं कहै तिरे हाकम का ब्याह बिरजो एक जोबन झिरवै एकला किस गुण ब्याही दूसरी मेरे औगुण दो ना बताय बिरजो एक जोबन झिरवै एकला ओगुण थोड़े गुण घणे छोटी बंदड़ी का चा बिरजो एक जोबन झिरवै एकला सौकण आई मैं सुणी हलहल चढ़ गया ताप बिरजो एक जोबन झिरवै एकला मेरी दूखै आंगली सोकण की दूखै आंख बिरजो एक जोबन झिरवै एकला आच्छी हो गई मेरी आंगली सौकण की फूटगी आंख बिरजो एक जोबन झिरवै एकला सौकण मरी मैं सुणी हलहल उतरा सै ताप बिरजो एक जोबन झिरवै एकला घूंघट रोवै मन हंसै हिया हिलोडे लेय बिरजो एक जोबन झिरवै एकला

सुसराल पणै मैं चाल पड़ा रे

सुसराल पणै मैं चाल पड़ा रे छोरा साइकल त्यार कर के ओले हाथ कै घड़ी बांध रह्या टेढा साफा धर कै गाम गोठ जद पहुंच लिया छोटा साला मिल गया जद साले नै करी नमस्ते साइकल नोहरै मैं डाट लिया सांझ होई जद दिया चासण नाई का आया चाल बटेऊ चालिए कुछ भोजन सा खाया थाली पै बैठ कै जद जीमण भी लाग्या चारों तरफ लखा कै मैं तो चुपका सा हो गया जद मन्ने लेण का जिकर कर्या मेरी सासू नाट गी दूर ढाल की बाल उस नै सोच के कही थाली पै तै उठ कै मैं नौहरै मैं आया मन मैं करू विचार भगवान तेरी अपरमपार माया घाल दे ओ साला घाल दे तेरी बहन खजानी नै नौकर छोड़ डिगर जा गां इस भरी जवानी मैं ले जा हो जीजा लेजा हो मेरी बहिन खजानी नै नौकर मत ना जाइये इस भरी जवानी मैं

सोह्‌रा मेरा लोभी बेटे न भरती घालै सै

सोह्रा मेरा लोभी बेटे न भरती घालै सै सास मेरी चाली मनै झूठे ताने मारे सै छेल छुट्टी आया मनै लील्ये लोट दिखावै सै नोटां नै के फूक्कूं मनै सारा कुणबा तास्सै सै गेल तेरी चालू पलटन मा भरती हो जूं व्हां चालें बम्ब के गोले तौं डर डर के मर ज्यागी वे आवैंगे सिपाही जोबन न कडै लकोवेगी

हाय ला दो पान पिटारी, हमारे जाने की तैयारी

हाय ला दो पान पिटारी, हमारे जाने की तैयारी हाथ तुम तो राजा मेरे नीचे खड़े हो हाय हम खड़े हैं अटारी, हमारे जाने की तैयारी हाय तुम तो राजा मेरे चले दूकानों ले जाओ छलला निसानी, हमारे जाने की तैयारी हाय तुम तो राजा मेरे बम्बई चले हो दे जाओ फोटू निसानी, हमारे जाने की तैयारी डोली भी आ गई कहार भी आ गए आ गये वो बीरण हजारी, हमारे जाने की तैयारी डोली भी चल दई कहार भी चल दिये चल दिये हम बीरण हजारी, हमारे जाने की तैयारी डोली का पड़दा उठा के जो देखूं राजा ने खाई है पछाड़ी, हमारे जाने की तैयारी हाय तुम तो राजा मेरे चुपके भी हो जाओ जाने की कर दूंगी टाली, हमारे जाने की तैयारी

हार सै सिंगार छोरियो कुरता ढीला हे

हार सै सिंगार छोरियो कुरता ढीला हे किसी सखस नै मोहली चन्द्रो बोल रसीला हे सुनरे के नै हार घड्या था ज्योड़ा बाट लिया बेरा ना कद मिलणा होगा छोरा नाट लिया चलो हे छोरियो छोडण चालो उल्टी बोहड़ ले जिस साले नै गरज पड़ैगी हाथ जोड़ ले आ जा जीजा बैठ पिलंग पै दुख-सुख की बतला ले मैं तेरी छोटी साली जीजा बढ़िया सूट सिमा दे।

हे मेरा पति बड़ा धोखे बाज मिरै तै दे गया धोखा

हे मेरा पति बड़ा धोखे बाज मिरै तै दे गया धोखा हे ऊं नै न्यारी बिछा ली खाट मिरे ते फेर गया पाच्छा सिखरी मैं झूलै चांद यार नै दे दिया रूका रै उतर्या नै मिरे यार भतेरा बतला लिया होगा ऊं नै धोला पैर्या कमीज सैड़दे हो लिया बैठ्या हे मेरी जड़ तै तजूरी खोल रेल का ले लिया भाड़ा मेरी जड़ तै ट्रंक खोल के गुलाबी ले लिया साफा मेरी रुके मारै सास लाल मेरा सोवंता होगा री क्यूं रूके मारै मेरी सास अटेली जा लिया होगा हे लत्ते कपड़े काढ़ के पांद्यां नै धरदा होगा न्यूं तो मैं बी जाण गई भीतर नै बड़दा होगा हे थर थर तो मेरा गात काम्बा सीढ़ी पर तै पड़गी भाज्जी तो मेरी नणदल आई भावज कड़ै डिगरगी ऊपर चढ़कै देख नणद जी तेरा बीर आंवदा होगा कन्धै ऊपर गोल बिसतरा लांवदा होगा रसते कै मैं सै लेटडी उठै नाह्वंदा होगा हाथ के मैं कंघा सीसा मांग जचांवदा होगा

हे मेरे नौकर गए भरतार

हे मेरे नौकर गये भरतार मिरा जी लागता कोन्या ऊं नै खत गैर्या ना तार रपिये भेजता कोन्या डाई का गैर्या तार तार नै हे बांचता कोन्या हे वो आया महल के बीच महल में च्यान्दणां कोन्या ऊं नै देख्या पल्ला ऊघाड़ के आंखियां खोलती कोन्या पौंचे तै पकड्या हाथ के नाड़ी चालती कोन्या बुलवा द्यूं बैद भतेरे आड़ै को बैद बी कोन्या हे वो रोया बड़ के लाग मेरे मां-बाप बी कोन्या फिर आया रै च्यारूं कूंट तेरे रे केस्सी की हूर बी कोन्या

हो बरसाणे वाली कदम्ब नीचे आइयो री

हो बरसाणे वाली कदम्ब नीचे आइयो री सद नूणी मक्खन की लाइयो री तू अपने हाथ खिलाइयो री हो बरसाने वाली कदम्ब नीचे आइयो री जो तेरी द्यौर-जिठाणी लड़ैगी एक की लाख सुणाइयो री जो तेरा बाला कन्थ लड़ैगा तू हम से परीत लगाइयो री चन्द्र सखी भज बाल किरसन छवि तू हर के चरण चित लाइयो री हो बरसाणे वाली कदम्ब नीचे आइयो री

हो रास्ते में पड़ गयो झील, छेल तेरे आने जाने में

हो रास्ते में पड़ गयो झील, छेल तेरे आने जाने में हो तेरा बाप घर पर नहीं, छेल तेरी मय्या बुला रही सै हो मेरी अम्मां गंगा नीर, नीर के दोष लगावो मत ना हो तेरा भय्या घर पर नहीं, छेल तेरी भाभी बुला रही सै हो मेरी भाभी जमना नीर, नीर के दोष लगावो मत ना हो तेरा जीजा घर पर नहीं, छेल तेरी बहिन बुला रही सै हो मेरी बहिन कच्चा दूध, दूध के दोष लगावो ना

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