पनघट के गीत : हरियाणवी लोकगीत

Panghat Ke Geet : Haryanvi Lok Geet


अंबर बरसा बड़ा चिवा मेरी सासड़

अंबर बरसा बड़ा चिवा मेरी सासड़ राणी कोई नीम्ब झलार ले सात जणी का झूमटब मेरी सासड़ राणी कोई सात्यों री पाणी नां जां राहे मसाफर जांदड़ा मेरी सासड़ राणी कोई जांदे ना पानी पला मेरा तो पाणी बिस भर्या सुण जाण वाले कोई कोई पीउंदेउ मरजा म्हारतां घर के गारडू कोई पीयांगे जहर उतार जो थारे घर के गारडू सुण सालू वाली कोई हम से क्यूं घडला उठाय घडला उठाएऊ सास ते सुण सालू वाली कोई अपणा तो हाल बता छह्या के बालम घर रहे सुण सालू वाली लिया म्हारे साथ साथ जायों मत ना रहे सुण चीरे वाले कोई दो कुल खावेंगी लाज घडला उठा घर आ गई सुण सासड़ राणी कोई सुणियों जी हमारी बात राहे मसाफर मिल्या सुण सासड़ राणी बातां मां लग गई देर कैसे सो गाबरू सुण बहुवड़ राणी कोई कैसी सूरत होणहार तकड़ा सो गाबरू सुण सासड़ राणी कोई जेठ सूरत होणहार बें तो तेरे बालमा सुण बहुवड़ मेरी कोई कस क्यों ना पकड़ी तां बां कोठा चढ़ का देखले सुण बहुवड़ मेरी कोई नेड़ा गये या दूर आखां ते दीखा नेड़ा सासड़ मेरी पैरां ते कोस पचास

उठ उठ री नणदल पानी ने चाल

उठ उठ री नणदल पानी ने चाल सरबर दिखादे अपणे बाप का चाली री नणदल कोस पचास सरबर न आया तेरे बाप का वा दीखै री भावज ऊंची नीची पाल वो दीखै सरबर मेरे बाप का तुम तै री नणदल घड़ला डबोय मैं करूं दातण हरियल जाल की आया री भावज डालिडा का साथ टूटा तै लस्कर पाणी पीवेगा घड़ला भावज दिया सै मंधाय गिरवै छुहारा घड़ला भर दिया उठ उठ री मायड़ घड़ला रिताय बोझ मरै तेरी चिड़कली हम तै हे बेटी उठा ना जाय जाय उतारो बड़े भाई कै उठ उठ री भावज घड़ला रिताय बोझ मरै तेरी नणदली म्हारी री नणदल दुखै सैं आंख गोद भतीजा थारा रोवता उठ उठ री मायड़ घड़ला उतार न फोडू तेरे बारणै किसने हे बेटी बोले सै बोल किस ने मुख कर दीह्नी गाल काटूं हे बहुड़ तेरी हे जीभा आख धतूरे मुख मैं भरूं चूमूं हे बेटी तेरी हे जीभ गिरी छुहारों तेरा मुख भरूं

कोई सात जणी पाणी जायं री

कोई सात जणी पाणी जायं री कोई कुएं रही मंडलाए री मनै बदो महीनो फागण को एरी एरी कोई अगली के कांटो लागियो फिर सातों रही मंडराए री मनै बदो महीनो फागण को एरी एरी कैं तैरो कांटो काढियो कैं तेरो पकड़ो पांय री मनै बदो महीनो फागण को एरी एरी कोई नाई का ने कांटो काढियो मेरा देवर पकड़ो पांय री मनै बदो महीनो फागण को एरी एरी कोई नाई का ने देसो परगनो कोई देवर बहण ब्याह री मनै बदो महीनो फागण को

खिल रहा चान्द लटक रहे तारे

खिल रहा चान्द लटक रहे तारे चल चन्दरावल पाणी कैसे भर लाऊं जमना जल झारी सासड़ की जाई मेरी ननद हठीली रात ने खंदा दई पाणी कैसे भर लाऊं जमना जल झारी उरले घाट मेरा घड़ा न डूबे परले किसन मुरारी कैसे भर लाऊं जमना जल झारी क्यांहे की तिरी ईंढली गुजरिया प्यारी क्यांहे की जल झारी कैसे भर लाऊं जमना जल झारी अन्दन चंदन की ईंढली कन्हैया प्यारे सोने की जल झारी कैसे भर लाऊं जमना जल झारी

चारों सखी चारों ही पनियां को जायें

चारों सखी चारो ही पनियां को जायें कुएं पर चढ़ के चारों करें बिचार अरी सखी तुझे कैसे मिले भर्तार एरी पतले कुंवर कन्हैया हम पाये भर्तार सखी! बीस बरस के हैं वे सचमुच राज कुमार सखी! फूटा पर भाग्य हमारा अस्सी बरस के हमें मिले भर्तार वे ज्यों ही उठते गड़गड़ हिलती नाड़ सूनी अटरिया बिछी सेजरिया हमें बुलावैं पास सखी! बाबा सा लागै री हमें सेज लगे उदास सखी! ताऊ सा लागै री हमें दिया सरम ने मार भाग्य में लिखा हमारे था अरी नहीं किसी का दोष

टोकणी पीतल की रे

टोकणी पीतल की रे रोहतक तै मोल मंगाई ईठवां जाली का मैंने उसपै दोगढ़ जचाई छेल तराइये ओ तेरी हूर लरजदी आई घर ने मत आइए तेरा आ रा सुभे सिंघ भाई इतनी सी सुन कै हो सासड़ ने नणद दौड़ाई पाणी के म्हारे रिते पड़े तेरा मरियो सुबेसिंघ भाई नणद चाली गाल मत दे सूबेसिंघ की के लगै सै लुगाई

तू पाणी पाणी कर रह्या बटेऊ

तू पाणी पाणी कर रह्या बटेऊ राजा का सै डोल राजा से डोल मांग ले बटेऊ पीले जल नीर बटेऊ बटेऊ मत करै मैं तो लागूं तेरा बीर तेरे राजी भाई भतीजे मरगी तेरी मांय कहो तो बाणा बदलूं हो बीरा हो लूं तेेरी गैल क्यांह नैं बाणा बदले हे बेबे होले मेरी गैल नदियां तै पार उतर गई बीरा दीख्या नां गांव बीरा बीरा मत कर हो गोरी लागूं तेरा भरतार धोखे मैं दे कै मारी हो जुल्मी जाइयो तेरा नास मेरे छोरां छोरी रोवैं हो बैरी रोवै मेरा भरतार तेरे हो जैं छोरा छोरी हो गोरी मैं तेरा भरतार महलां सै तले नै उतरो री अम्मां चन्दा सी नार तूं किस की जाई ल्याया रे बेटा किस की सै नार राजा की जाई ल्याया री अम्मां मेरी सै नार कूएं पै नीर भरे थी अम्मां हो ली मेरे साथ धोखे में दे कर मारी बुड्ढिया जाइयो री इसका नास मेरे सासू सुसरा ढूंढै री बुड्ढिया ढूंढै भरतार

पनियां भरन चली बांकी रसीली

पनियां भरन चली बांकी रसीली सिर पर घड़ा घड़े पर झज्ञरी पतली कमरिया बल खाए रसीली पनियां भरन चली बांकी रसीली घड़े को उतार गोरी कूएं पै रख दो हम से करो दोए बातें रसीली पनियां भरन चली बांकी रसीली बातें तो राजा कै से करूं मैं छोटी ननदिया मोरे संग में रसीली पनियां भरन चली बांकी रसीली

मुझे पानी को जाने दो

मुझे पानी को जाने दो सास पै मटकी ननद पै करुवा हमने लिया है गिलास, गिलास मुझे पानी को जाने दो फूट गई मटकी तिड़क गया करुआ मजे उड़ावे गिलास, गिलास मुझे पानी को जाने दो सास लिया लड्डू ननद लिया पेड़ा हम ने लिया है अनार, अनार मुझे पानी को जाने दो फूट गया लड्डू बिखर गया पेड़ा मजे उड़ावे अनार, अनार मुझे पानी को जाने दो सास लिया बुड्ढा ननद लिया बालक हमने लिया हे गंवार, गंवार मुझे पानी को जाने दो रूस गया बुड्ढा, भग गया बालक कहने में चलता गंवार, गंवार मुझे पानी को जाने दो

मेरा मन ते रपटा पैर फूट गई झारी

मेरा मन ते रपटा पैर फूट गई झारी मेरा फट गया दखिनी चीर उलझ गई सारी मेरी सखी पड़ी बीमार मेरी ड्योढ़ी में एक बड़ा है गोपाल बैद बनवारी जंगल की बूटी डाल फिरे झोली में अरी बुलाओ गोपाल बैद बनवारी राधा ने घूंघट काढ़ नबज दिखलायी तेरे ताप नहीं नहीं कोई बिमारी तू करवाले अपना ब्याह दूर होय बिमारी राधा हो गई आग यह बात सही नहीं गई वह बोली झट से सत्य तुम कान्ह सुनाई तुम्हारे पतले पतले हाथ चांद सा मुखड़ा करवालो तुम्हीं ब्याह बांध के सेहरा

मेरी नाजुक नरम कलाई रे

मेरी नाजुक नरम कलाई रे, पनियां कैसे जाऊं? अपने ससुर की मैं ऐसी लाडली आंगन में कुई खुदवाई रे, पनियां कैसे जाऊं? मेरी नाजुक नरम... अपने जेठ की मैं ऐसी लाडली रेसम की डोर बंटवाई रे, पनियां कैसे जाऊं? मेरी नाजुक नरम... अपने देवर की मैं ऐसी लाडली, सोने की झारी मंगवाई रे, पनियां कैसे जाऊं? मेरी नाजुक नरम... अपने पिया की मैं ऐसी लाडली, दो दो पनिहारी रखवाई रे, पनियां कैसे जाऊं? मेरी नाजुक नरम... सास ननद मेरी जनम की बैरन, आंगन की कुई मुंदवाई रे, पनियां कैसे जाऊं? मेरी नाजुक नरम... दौरानी जेठानी मेरी जनम की बैरन, लगी पनिहारी हटवाई री, पनियां कैसे जाऊं? मेरी नाजुक नरम...

मेरी बावन गज की बूंद

मेरी बावन गज की बूंद सास डीब के बीच धरी हे री डीबे के बीच धरी ओढ़ पहर पाणी जां सास पाड़छे में आण खड़ी हे री पाड़छे में आण खड़ी पाणी भर के उल्टी आऊं, सास सन्टर के बीच खड़ी हे री सन्टर के बीच खड़ी सासू जल्दी सी दौघड़ तार मेरी तो नाड़ी छूट लई हे री नाड़ी छूट लई बाहरणै ते आया भरतार आज मां किसी खाट घली हे री किसी खाट घली बेटा कहूं कही ना जा तेरी नोटंकी के नजर हुई तेरी रे नोटंकी नजर हुई बैदा लेले डेढ़ हजार मेरी नौटंकी नै कर दै खड़ी हे रे नौटंकी करदे खड़ी बच्चा पीसा ल्यूं ना एक तेरी नौटंकी मरी पड़ी हे रे नौटंकी मरी पड़ी तनै याके करी भगवान मेरी तो माया लूट लई हे रे माया लूट लई म्हारी सास केसी जोट आज इकले नै छोड़ चली हे रे इकलै ने छोड़ चली पिलंग्या पै सोवण आली आज धरती में ल्हास पड़ी हे री धरती में ल्हास पड़ी तेरा देबी बरगा रूप मुट्ठी भर राख होई हे रे मुट्ठी भर राख होई

मेरे सीस पै घड़ा घड़े पै झारी

मेरे सीस पै घड़ा घड़े पै झारी पतली जी पाणी जाए नार सांवलड़ी कोए काहे बटेऊ जाय कुएं पै पाहुचा कोए बूझण लाग्या नार बात सांवलड़ी गोरी एक घूंट पाणी पिलाय दूर का प्यासा मेरा संग अकेला जाए पाणिडा पिला दे मैं तो क्यूंकर पाणिडा पिलाऊं नहर जल भारी कूएं का जल खारी रे मेरी सास बड़ी जल्लाद खसम मेरा खूनी रे कोए इतणी सी सुण के बात मुसाफिर जा जादू डार्या रे मेरी नेजू के नो टूक डोल उत रह ग्या रे तैं चाल म्हारे घरां पिलाद्यूं तनै पाणी रे तेरी भोत करूं मिजबानी म्हारे घरां चाल रे मैं क्यूंकर घर ने चालूं सुण मेरी बात हे तेरी सास बड़ी जल्लाद खसम तेरा खूनी रे तैं भर बैदे का भेस गली में आइयो रे मैं जाय पडूँ बेमार तुरत बुलवाऊं रे सासू उठ जलदी सी घड़ा तार सास मैं (मरी) री मेरा उठ्या कमर मैं दरद पेट मेरा दूखै री सुण ले सासू बात पिरान मेरे चाले री गलियां में हांडे बैद नबज दिखलादे री इतनी सी सुण के बात सास दौड़ी गई री गलिआं में पोंहची जाय बैद तै बोली हे चाल रे बैदा म्हारे घर ने तन्नै लेण नै आई रे मेरी बहू पड़ी बेमार नबज तुम देखो रे कोए बहू का पकड्या हाथ नबज उसनै देखी रे मेरा मिट्या कमर का दरद सास मैं राजी री बैदे नै देदे फीस सास मैं अच्छी री लेके नै अपनी फीस बैद घर गया रे बहू किस पै धोए पैर अर किस पै झुकाई तन्ने पटिआं बहू किस पै पाड़ी मांग सुणा द्यो हे बहु बतिआं सासू मन पै धोएै पैर दिल पै पटिआं बहूं ज्यों कै चाल्लो चाल जमाणा खोटा तेरा सुसर बसैं परदेस बालम तेरा छोटा

मैं तो धुर टांडे तै आया परी

मैं तो धुर टांडे तै आया परी तेरी सुण के धमक बाजे की थोड़ा सा नीर पिला दे परी मैं तो प्यासा मरूं सूं नीर का तैं तो कोन्या नीर का प्यासा जले तैं तो भूखा फिरै सै बीर का मेरी मूट्ठी मंह की गूट्ठी परी गूट्ठी मैं सबज नगीना मैं तो पाणी रे पीके जांगा नार चाहे हो जाओ एक महीना

रसीले नैन गोरी के रे

रसीले नैन गोरी के रे चलो एक नार पानी को रे मिला एक छेल गबरू सा रे किसे तुम देख मचले हो रे किसे तुम देख अटके हो रे सूरत तेरी देख मचला हूं रे जोबन तेरा देख अटका हूं रे कहां तेरे चोट लागी है रे कहां तेरे घाव भारी है रे हिवड़े में मेरे चोट लागी है रे कलेजे मेरे घाव भारी है रे आओ ना मेरी सेज पर गोरी रे रसीले नैन गोरी के रे

सिर पर दोगढ़ ठा नणद री

सिर पर दोगढ़ ठा नणद री ठाले नेजू बाल्टी हमतो चलैंगे थारे साथ भावज री ना ठावैंगे नेजू बाल्टी उल्टी दोगढ़ तार बिखेरी मैं तो भीतर बड़ कै रो पड़ी कोरा सा कागज मंगा दिखे मनै लिख कै गेरा अपणे बीर पै दिया डाकिये के हाथ डाकिये रे जा दिये मेरे बीर नै काली सी मोटर जोड़ दिखे री वो तो आण डटा धमसाल मैं साची बताए मौसी के दुख दिया मेरी बाहण ने काम करे ना एक मेल सिंह कहूं तो आवै खाण ने साची साच बता बसन्ती के दुख दिया तेरे गात ने काम करूं दिन रात मेल सिंह रोट्टी ना देंदी खाण ने गठडी मुठडी बांध बसन्ती होले मेरी साथ ने हम तो चले अपणे देस नणद री लोटदी फिरो धमसाल में चाली जाइए मेरी भावज दिखे री में तो हट के ब्याहूं अपणै बीर ने नौ सौ बीघे जमीन बसन्ती आधी राम करा लिये नाम कराऊं ना मूल मेल सिंह बासी रोटी दे दिये।

सिर पै बंटा टोकणी

सिर पै बंटा टोकणी मैं तो कूएं की पणिहार री रस्ते में सासड़ फेंटगी तेरे मरिओ नोंओं बीर री तूं किस नै खंदाई एकली तेरी घर मैं बूझूं बात री तन्ने गाल कसूती दे दई कूएं पै दोघड़ तार के री मैं तो चारूं तरफ लखाय कै री मन्ने जान कूएं मैं झोकदी काढ़े देवर जेठ री मेरा टस टस रोवे भरतार री तन्ने नार कसूती सोचली पढ़ रही सात जमात री बुरजी पै लिख दिया नाम री सासड़ कै बोल पै ढै पड़ी

हे री सासड़ आजपाणी नै जांगी

हे री सासड़ आजपाणी नै जांगी घल रह्या खटकै का डोल हे री मन्ने झट दे दोघड़ तारी पास्या खटके का डोल हेरी एक राही जांदा बटेऊ दीखै माई जाया बीर रे कूएं की पनिहारी इक घूंट नीर पिलादे रे बीरा एक बर घर नै चाल प्याद्यूंगी गऊआं का दूध ए बहू आज पाणी नै गई थी ल्याई किस ने साथ ए री सासड़ झट दे दोघड़ तार आया मेरा माई जाया बीर हे री सासड़ एक बार दूध पिला दे पीवै माई जाया बीर रे बीरा एक बर घर ने चाल पूछूं घर कां की बात ए बेबे घर के राजी खुसी सैं मरगी बुड्ढिया सी मां रे बीरा तारूं हार सिंगार हो ल्यूं रे तेरी साथ रे बीरा चलदी के गोडे टूटे कित सी आवै रे गाम गोरी तावली तावली चाल आजा ले ल्यूं अपण रे साथ ए री माता खोलो अजड़ किवाड़ ल्याया पतंगा सी नार रे बेटा किसका बस्या उजाड्या किस का कर आया नास ए री माता ना मन्ने बस्या उजाडा ना मैं कर आया नास री माता कूएं पे जल ने भरै थी होली म्हारी साथ हे री मायड़ जल नै भयं थी बण गया माई जाया बीर ए रे जित ल्याया उत छोड़ आ ना कर द्यूंगी तेरा नास

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