Kisan Majdoor Sangharsh 2020
किसान मजदूर संघर्ष 2020

किसान मजदूर संघर्ष 2020 से सम्बंधित कविताएँ हम 'हलधर फिर हुंकार उठे' कृति में प्रकाशित कर रहे हैं । जो भी कवि महोदय हमें इस विषय पर अपनी रचनाएँ भेजना चाहें उनका सहृदय स्वागत है ।

हलधर फिर हुंकार उठे

Haldhar Phir Hunkar Uthe

  • हम लौट जाएँगे-नरेंद्र कुमार (जलंधर)
  • टीवी चैनलों पर-नरेंद्र कुमार (जलंधर)
  • पहली बार-गुरभजन गिल
  • कोरा जवाब-गुरभजन गिल
  • अब आगे की बात करो-गुरभजन गिल
  • संघर्षनामा-गुरभजन गिल
  • ये आग अब हो गयी बड़ी-भूपिन्दर सिंघ 'बशर'
  • सरहद पे नित मरते वीर-भूपिन्दर सिंघ 'बशर'
  • हमारे नुमाइंदे बन हमारी ही गर्दनों पर-भूपिन्दर सिंघ 'बशर'
  • जुल्म की हुई इन्तेहा-गुरप्रीत कौर
  • बड़ा विचलित है देश का चौकीदार-जोगिंदर आजाद
  • दिल जैसा तेरा नाम री दिल्ली-अरतिंदर संधू
  • मेरे गांव का किसान-सुभाष भास्कर (चंडीगढ़)
  • हल-मनोज छाबड़ा
  • किसान (1)-प्रियंका भारद्वाज
  • किसान (2)-प्रियंका भारद्वाज
  • मेरे पिता-प्रियंका भारद्वाज
  • शाही फ़कीर-मदन वीरा
  • ज़मीन से उठती आवाज़-बल्ली सिंह चीमा
  • लूट गेहूँ, बाजरे औ' धान की-प्रेम साहिल देहरादून
  • हलधर दोहे-डॉ. जसबीर चावला
  • भीष्म हलधर की निष्ठा-डॉ. जसबीर चावला
  • एक असभ्य सवाल-हूबनाथ
  • जलियांवाला बाग बना दो-डॉ. जसबीर चावला
  • खूनी रजाई, नेताजी!-डॉ. जसबीर चावला
  • हमारे पास खेत हैं-दीप इन्दर
  • यह एक कील मुबारक हो !-बोधिसत्व (मुंबई)
  • समर्पण-डॉ. जसबीर चावला
  • कोई को दुःख नहीं-डॉ. जसबीर चावला
  • मैं कौन हूं-नरेन्द्र कुमार
  • बौखला गया है चौकीदार-जोगिंदर आजाद
  • निर्मम हाकिम-जोगिंदर आजाद
  • हलधर मेल-डॉ. जसबीर चावला
  • उम्मीद की उपज-गोलेन्द्र पटेल
  • गाँव से शहर के गोदाम में गेहूँ?-गोलेन्द्र पटेल
  • ईर्ष्या की खेती-गोलेन्द्र पटेल
  • उर्वी की ऊर्जा-गोलेन्द्र पटेल
  • किसान है क्रोध-गोलेन्द्र पटेल
  • जवानी का जंग-गोलेन्द्र पटेल
  • बारिश के मौसम में ओस नहीं आँसू गिरता है-गोलेन्द्र पटेल
  • ऊख-गोलेन्द्र पटेल
  • जोंक-गोलेन्द्र पटेल
  • सावधान-गोलेन्द्र पटेल
  • किसान की गुलेल-गोलेन्द्र पटेल
  • हमारा अन्नदाता-दीपक शर्मा
  • होरियों ! सावधान हो जाओ-दीपक शर्मा
  • नई-पुरानी जमीन का रिकॉर्ड बतानेवाले-वसंत सकरगाए
  • दौड़ो, ट्रैक्टर दौड़ो !-वसंत सकरगाए
  • रोड़ा हटाने के बाद किसान जोत रहा है खेत-वसंत सकरगाए
  • दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर विष्णु नागर-वसंत सकरगाए
  • कल-परसों-वसंत सकरगाए
  • सिंघु बॉर्डर से लाइव-वसंत सकरगाए
  • जिस किसान की फसल-कवि स्वप्निल श्रीवास्तव
  • मेरे पिता किसान थे-कवि स्वप्निल श्रीवास्तव
  • किसान-श्रीप्रकाश शुक्ल
  • हम अन्नदाता कहेंगे तुम्हें-प्रोफेसर चंद्रेश्वर
  • किसान-रेनू
  • किसान-प्रोफेसर शशिकला त्रिपाठी
  • सरकारी बसंत-सीमांकन यादव
  • मिट्टी का स्वाद-सुरेन्द्र प्रजापति
  • क्या तुम सही कर रहे हो?-अरविन्द कालमा
  • हलधर-परचम-डॉ. जसबीर चावला
  • हलधरों का अमृत-महोत्सव-डॉ. जसबीर चावला
  • आकर राजधानी के तट पर-डॉ. जसबीर चावला
  • तू खेती आंसुओं की कर--राम नारायण मीणा 'हलधर'
  • अश्रुज्वाला-डा-एनुगु नरसिंहा रेड्डी
  • यह भारत किस राह पर चल पड़ा है-डॉ. जसबीर चावला
  • किसान की चाह-डॉ. जसबीर चावला
  • अपने अपने दुःख हैं अपने ही सहने हैं-डॉ. जसबीर चावला
  • हर चौराहा काला कानून वापस चाहता है-डॉ. जसबीर चावला
  • राजधानी की सरहदों पर कैद हुए हैं-डॉ. जसबीर चावला
  • आज एक लंबी सैर का इरादा लेकर निकला हूं-डॉ. जसबीर चावला
  • काला धन जो बाहर पड़ा है-डॉ. जसबीर चावला
  • किसानों के समर्थन में-डॉ. जसबीर चावला
  • जितना धूप में है उतना उजाला-डॉ. जसबीर चावला
  • दुई कर हलधर जोरि के-डॉ. जसबीर चावला
  • देते रहे जो दे रहे देते भी रहेंगे-डॉ. जसबीर चावला
  • जहाँ सवाल पूछने के भी पैसे लगते हैं-डॉ. जसबीर चावला
  • संसद का बोझ किसानों के सर-डॉ. जसबीर चावला
  • हलधरों ने व्हिप जारी किया-डॉ. जसबीर चावला
  • यह दर्द क्यूं किस बात का है-डॉ. जसबीर चावला
  • आकाश बांट दिया खांचों में-डॉ. जसबीर चावला
  • हम अपने घरों को जलता हुआ पाते हैं-डॉ. जसबीर चावला
  • इंदिरा इज़ इंडिया कहने वाले भी थे इस देश में-डॉ. जसबीर चावला
  • आज़ादी के महोत्सव में हलधर ने-डॉ. जसबीर चावला
  • अपने प्यारे देश वासियों को-डॉ. जसबीर चावला
  • बड़ी मुश्किल से सहर आई है-डॉ. जसबीर चावला
  • कच्चा भी खोलेंगे पक्का भी खोलेंगे-डॉ. जसबीर चावला
  • हलधर स्तुति-डॉ. जसबीर चावला
  • पूंजी की लाठी मेहनत के सर-डॉ. जसबीर चावला
  • हे हलधर, हमारी उलझन समझो-डॉ. जसबीर चावला
  • एक गुजराती ने एक कर दिया था-डॉ. जसबीर चावला
  • घोर गलत हुआ है-डॉ. जसबीर चावला
  • सांसद और विधायक क्या कर रहे हैं?-डॉ. जसबीर चावला
  • थैली वही एक है-डॉ. जसबीर चावला
  • वे सिर्फ कहते थे-डॉ. जसबीर चावला
  • महज पत्थर नहीं हलधर ने उछाला यारो-डॉ. जसबीर चावला
  • रौशनी इस तरह छिन जायेगी-डॉ. जसबीर चावला
  • फूट डालो राज करो-डॉ. जसबीर चावला
  • हलधर को डर है-डॉ. जसबीर चावला
  • विजय दिवस मनाना जब-डॉ. जसबीर चावला
  • वे साम-दाम-दंड-भेद कूटनीति-डॉ. जसबीर चावला
  • ये पेड़ क्यों चिल्लाने लगे हैं-डॉ. जसबीर चावला
  • अब जो भी मंज़र नज़र आयेंगे हलधर वेख लेंगे-डॉ. जसबीर चावला
  • रात लंबी थी मील के पत्थर जैसी-डॉ. जसबीर चावला
  • दुनिया का सबसे ऊँचा स्टैचू-डॉ. जसबीर चावला
  • वो कल जो था आज कहां है-डॉ. जसबीर चावला
  • मुँह पे तारीफ पीठ पीछे जड़ ही काटेंगे-डॉ. जसबीर चावला
  • तेरी गठरी में लागा चोर-डॉ. जसबीर चावला
  • सर्व-विक्रय-साधना-तंत्र में-डॉ. जसबीर चावला
  • इतना ही गर है प्यार अहंकार क्यों है-डॉ. जसबीर चावला
  • धन्यवाद-डॉ. जसबीर चावला
  • आज़ादी के अमृत महोत्सव पर-डॉ. जसबीर चावला
  • कब बोलना कब चुप रहना-डॉ. जसबीर चावला
  • भेड़िए की नीयत खराब हो-डॉ. जसबीर चावला
  • नफरत भरी हुई प्यार से फैली-डॉ. जसबीर चावला
  • बीती विभावरी जाग री!-डॉ. जसबीर चावला
  • गांधी बिरहमन था कि हिंदू था-डॉ. जसबीर चावला
  • किसान मजदूर का संयुक्त समाज है-डॉ. जसबीर चावला
  • सियासत के खेतों में पूंजी की पराली है-डॉ. जसबीर चावला
  • ऐम ऐस पी थी ऐमेसपी है एमसपी रहेगी-डॉ. जसबीर चावला
  • हलधर सिंहासन नहीं दिलों पर विराजता है-डॉ. जसबीर चावला
  • बड़ी संजीदगी से मन की बातें करने आये थे-डॉ. जसबीर चावला
  • चश्मा नहीं फिर से, आंखों को अपनी खोज-डॉ. जसबीर चावला
  • सारे सपने उड़ा दे ऐसी थकान हो-डॉ. जसबीर चावला
  • दल बदलते जैसे कबूतर मुंडेरे-डॉ. जसबीर चावला
  • लड़ने का सिर्फ नाटक करना-डॉ. जसबीर चावला
  • काले कानूनों के दौर से अभी उबरे नहीं हो-डॉ. जसबीर चावला
  • सत्ता का खेल इस सफाई से खेला गया-डॉ. जसबीर चावला
  • हर जगह पूंजी का बोल बाला है-डॉ. जसबीर चावला
  • धुंध जिधर से मर्जी देख लो धुंध है-डॉ. जसबीर चावला
  • समाज के सारे दलित वंचित ,हलधर के साथ हैं-डॉ. जसबीर चावला
  • आठ सौ शहीदों के लिए-डॉ. जसबीर चावला
  • कोई जोर जबरदस्ती नहीं कर सकता-डॉ. जसबीर चावला
  • वादे नेता करता है-डॉ. जसबीर चावला
  • बात सामाजिक समता की होगी-डॉ. जसबीर चावला
  • हलधर बुद्धू, तुमसे धोखा हुआ है-डॉ. जसबीर चावला
  • महज़ लफ़्ज़ नहीं लिखकर मिटा दिया-डॉ. जसबीर चावला
  • हलधर, चुनाव इस बार बहुत आसान है-डॉ. जसबीर चावला
  • डबल इंजन वाली सरकार-डॉ. जसबीर चावला
  • सरकारें हिल गईं-डॉ. जसबीर चावला
  • मर्यादा घातक हो जाती है जब-डॉ. जसबीर चावला
  • ऊपर आओ ठंढे जल!-डॉ. जसबीर चावला
  • हा दा नारा देकर सियासत कर लेते हैं-डॉ. जसबीर चावला
  • पहले शोर की धुंध थी,अब चुप्पी की धुंध है-डॉ. जसबीर चावला
  • बाईस जीरो बाईस जीरो बाईस-डॉ. जसबीर चावला
  • फूल, तुम उगे हो, अच्छी बात है-डॉ. जसबीर चावला
  • चल रहे हैं बशर नाक मुँह खोलकर-डॉ. जसबीर चावला
  • टुकड़े टुकड़े होकर-डॉ. जसबीर चावला
  • कोटि कोटि कंठों के कर्कश-डॉ. जसबीर चावला
  • जनतंत्र टैंकी पर टकटकी लगाये है-डॉ. जसबीर चावला
  • तेल नहीं है कि जब मर्जी दाम बढ़ा दो-डॉ. जसबीर चावला
  • हे भगवन्, हे भगवन्, हे भगवन्-डॉ. जसबीर चावला
  • जो युद्ध के व्यापारी हैं-डॉ. जसबीर चावला
  • थारी तारीफ होन लागे,कान खड़े कर लो-डॉ. जसबीर चावला
  • कितनी मेहनत से पहले इतनी ऊँची-ऊँची-डॉ. जसबीर चावला
  • मन की बात कम, कम्म दी जादा करना-डॉ. जसबीर चावला
  • जनता को टोपी पहनाते-डॉ. जसबीर चावला
  • जो माफिया खत्म करना चाहते हैं-डॉ. जसबीर चावला
  • नफरत में हिंसा का बीज दबा होता है-डॉ. जसबीर चावला
  • धोखों का शिकार हलधर हैं-डॉ. जसबीर चावला
  • कल चलीं, आज और तेज़ चल रही हैं-डॉ. जसबीर चावला
  • वक्त आने पर बतला ही देंगे मेरे दोस्त-डॉ. जसबीर चावला
  • तुम क्या होली मनाओगे हलधर-डॉ. जसबीर चावला
  • चारों किसान नेता राज्य सभा में जायें-डॉ. जसबीर चावला
  • इंसान में दोनों हैं, राम और रहीम-डॉ. जसबीर चावला
  • भगत सिंह सुखदेव राजगुरु क्रांतिकारी थे-डॉ. जसबीर चावला
  • दुर्योधन को कितना मोह था सिंहासन से-डॉ. जसबीर चावला
  • हल्का-हल्का बुखार रहता है-डॉ. जसबीर चावला
  • दरख्त से बूँदें चूकर-डॉ. जसबीर चावला
  • फिर से बहस शुरू करने के पहले-डॉ. जसबीर चावला
  • पानी की आदतों को पहचानो हलधर-डॉ. जसबीर चावला
  • बाहर आओ, देखो हलधर-डॉ. जसबीर चावला
  • जो है अदालत है-डॉ. जसबीर चावला
  • देश ने राज्य पर चढ़ाई कर दी-डॉ. जसबीर चावला
  • डालनी थी खाद, डाल दी फूट-डॉ. जसबीर चावला
  • मन में कपट, कपट में मन है-डॉ. जसबीर चावला
  • प्रधान मंत्री से होता है कौन ऊपर-डॉ. जसबीर चावला
  • तुम्हें यह इल्म नहीं-डॉ. जसबीर चावला
  • सैर को बदलो सवार को बदलो-डॉ. जसबीर चावला
  • सुनी सुनाई बात पर-डॉ. जसबीर चावला
  • तुम्हारे गुरु उनके आदर्श हैं हलधर!-डॉ. जसबीर चावला
  • हर कोई सच बोलने से कतराता है-डॉ. जसबीर चावला
  • हो सके तो हलधर के खेत पर मुँह धोओ-डॉ. जसबीर चावला
  • एक दाना भी होगा तुम्हारे शरीर पर-डॉ. जसबीर चावला
  • खेती व्यापार होती तो-डॉ. जसबीर चावला
  • अपनी आँखों के लिए खुद जिम्मेवार हो-डॉ. जसबीर चावला
  • रात की किस्मत में-डॉ. जसबीर चावला
  • यह सियासत है पैंतरे बदल के देख-डॉ. जसबीर चावला
  • गदर ज्ञान-डॉ. जसबीर चावला
  • सबको अपनी सियासत की पड़ी है-डॉ. जसबीर चावला
  • देखना न, पारा आकाश छुएगा-डॉ. जसबीर चावला
  • कणक कनक ते सौगुनी मादकता अधिकाय-डॉ. जसबीर चावला
  • सच से सच का सामना, पहला सच है कौन-डॉ. जसबीर चावला
  • आज़ादी के पहले से भी-डॉ. जसबीर चावला
  • अनेक खेत अनेक फसलें हैं-डॉ. जसबीर चावला
  • हलधर, तुम्हें अपनी संसद को खुद ही चलाना है-डॉ. जसबीर चावला
  • हलधर पृथ्वीराज-डॉ. जसबीर चावला
  • नबी की शान में ऊलजलूल मत बोलो-डॉ. जसबीर चावला
  • दो आरजू में कटे, दो इंतज़ार में कट जायेंगे-डॉ. जसबीर चावला
  • ईस्ट इंडिया कंपनी नहीं-डॉ. जसबीर चावला
  • आप ये कैसी योजनायें बनवाते हैं-डॉ. जसबीर चावला
  • तुम्हारा मत कितने में खरीदता-डॉ. जसबीर चावला
  • मंत्री और अफसर लूटते रहे-डॉ. जसबीर चावला
  • तीन तलाक बोलके-डॉ. जसबीर चावला
  • आरती----मकड़ी के जाले-डॉ. जसबीर चावला
  • अंधेरे में अपना रस्ता कैसे ढूँढ़ लेते हैं-डॉ. जसबीर चावला
  • किसी गोदी बैठना आसान नहीं होता-डॉ. जसबीर चावला
  • अग्निवीरों के आगे छप्पन ईंची छातियाँ-डॉ. जसबीर चावला
  • हलधर का कोई पार्थिव शरीर नहीं होता-डॉ. जसबीर चावला
  • सवाल यह नहीं है कि फुँकने वाली लाशों का-डॉ. जसबीर चावला
  • दर्द अभी हद से नहीं गुजरा है-डॉ. जसबीर चावला
  • जल्दी में गलती से किसी के मुँह से-डॉ. जसबीर चावला
  • एक-एक रग दुख रही-डॉ. जसबीर चावला
  • जो अपने वतन की दौलत-डॉ. जसबीर चावला
  • निठ के ना बैठ हलधर-डॉ. जसबीर चावला
  • तुम धरना -जीवी नहीं-डॉ. जसबीर चावला
  • बिना ऑक्सीजन तड़पे कोरोना कवलित-डॉ. जसबीर चावला
  • मँहगाई यहाँ की नहीं-डॉ. जसबीर चावला
  • जिनके हजारों करोड़ कर्जे राईट ऑफ हुए-डॉ. जसबीर चावला
  • तिरंगे, तुझे पता है-डॉ. जसबीर चावला
  • युद्ध हूँ-डॉ. जसबीर चावला
  • इससे पहले भी कहीं कुछ था-डॉ. जसबीर चावला
  • पहाड़ों को जिस रफ्तार से छेदा गया है-डॉ. जसबीर चावला
  • हलधर इस हुँकार को फुँकार में बदलो-डॉ. जसबीर चावला
  • तुम्हीं नहीं हर वोटर ठगा गया है-डॉ. जसबीर चावला
  • यहाँ इंसानों की तो सुनता नहीं-डॉ. जसबीर चावला
  • हलधर तेरी सोच पे कौन देगा ठोक के पहरा-डॉ. जसबीर चावला
  • फसलों पे आँख है, पानी की लूट है-डॉ. जसबीर चावला
  • सत्य उजागर मत कर, झूठ के लंबे हाथ-डॉ. जसबीर चावला
  • ऐ हलधर है मुश्किल जीना यहाँ-डॉ. जसबीर चावला
  • वह जो इतना माल लेकर उड़ गया है-डॉ. जसबीर चावला
  • दलगत राजनीति में देश हुआ तबाह-डॉ. जसबीर चावला
  • कुछ ऐसे मुद्दे उछाल देंगे-डॉ. जसबीर चावला
  • सजा दे रहे हैं, कसूर बता ही नहीं रहे-डॉ. जसबीर चावला
  • हमारी राष्ट्र-भक्ति का अच्छा मज़ाक उड़वाया है-डॉ. जसबीर चावला
  • धूप निकली थी जाने कहाँ खो गई-डॉ. जसबीर चावला
  • जो मंत्री सरकार कर्ज में गर्क कर गये-डॉ. जसबीर चावला
  • तू जिन राजों की बात करता है-डॉ. जसबीर चावला
  • धरम शरम दोनों छुप खड़े हैं-डॉ. जसबीर चावला
  • विजयादशमी विश्व-गुरू-डॉ. जसबीर चावला
  • कोई भारत जोड़ रहा है-डॉ. जसबीर चावला
  • तुम्हें उन लोगों की तलाश है-डॉ. जसबीर चावला
  • वे कभी नहीं लौटेंगे हलधर!-डॉ. जसबीर चावला
  • सुख चाहते हो तो-डॉ. जसबीर चावला
  • कानूनी सजायें काट चुके-डॉ. जसबीर चावला
  • तीर देखे, निशाने देखे ही नहीं-डॉ. जसबीर चावला
  • गद्दी देवताओं के देख तो लो-डॉ. जसबीर चावला
  • मतदाता ही नहीं, अन्नदाता भी है-डॉ. जसबीर चावला
  • किसी चीज को ठंडी होने से-डॉ. जसबीर चावला
  • ऑक्सीजन बिना जो मौतें हुईं-डॉ. जसबीर चावला
  • मैं घायल पंजाब बोल रहा हूँ-डॉ. जसबीर चावला
  • सत्ता मिलते मते खतम-डॉ. जसबीर चावला
  • हलधर! यह कैसा बंदीछोड़ दिवस ?-डॉ. जसबीर चावला
  • दुनियाभर के सपने हैं-डॉ. जसबीर चावला
  • रेवड़ी वैसी ही बाँटो-डॉ. जसबीर चावला
  • इतने इतने भगत सिंह बन जायेंगे-डॉ. जसबीर चावला
  • तू उसके साथ चल-डॉ. जसबीर चावला
  • बहुत खुशी है नानक जन्म की-डॉ. जसबीर चावला
  • सेवन फिफ्टी कत्ल कर दिये-डॉ. जसबीर चावला
  • हम लाये थे तूफानों से कश्ती निकाल के-डॉ. जसबीर चावला
  • जीने मरने के जो हालात बने हैं-डॉ. जसबीर चावला
  • कोई चारागर तो कोई दिल का-डॉ. जसबीर चावला
  • ईंच ईंच की लड़ाई सरहद पर-डॉ. जसबीर चावला
  • शीत लहरी और घना कोहरा-डॉ. जसबीर चावला
  • मंज़िल भी तय है,रास्ता भी तय है-डॉ. जसबीर चावला
  • जो कहा-डॉ. जसबीर चावला
  • दिल ही नहीं किया कि तुमसे-डॉ. जसबीर चावला
  • ठाकुर ने कोई ग़लती नहीं की-डॉ. जसबीर चावला
  • शहादत मतलब गवाही-डॉ. जसबीर चावला
  • धूप उंगलियां घुसा कर-डॉ. जसबीर चावला
  • आपकी शराफत हर कोई भुना लेगा-डॉ. जसबीर चावला
  • तू खालिस शीशा है-डॉ. जसबीर चावला
  • हर जगह धन का बोलबाला है-डॉ. जसबीर चावला
  • रुपयों से हर सौदा है-डॉ. जसबीर चावला
  • उनको पता लग चुका है-डॉ. जसबीर चावला
  • कड़ाके की ठंड में-डॉ. जसबीर चावला
  • नकली दूध और कचरा पानी-डॉ. जसबीर चावला
  • भयंकर भयंकर हादसे हो रहे हैं-डॉ. जसबीर चावला
  • अंग्रेजों ने नील की खेती कराई थी-डॉ. जसबीर चावला
  • अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है-डॉ. जसबीर चावला
  • धरम शरम दोनों छुप खड़े हैं-डॉ. जसबीर चावला
  • पैसे से पैसा बने और मेहनत से घाव-डॉ. जसबीर चावला
  • घने कोहरों बाद भी धूप निकलती देखी है-डॉ. जसबीर चावला
  • जो रौंद गये वो मवाली थे-डॉ. जसबीर चावला
  • सियासत जनता को भटकाने में लगी है-डॉ. जसबीर चावला
  • धूप जब खुद आगे बढ़-डॉ. जसबीर चावला
  • तुम नहीं पीते-डॉ. जसबीर चावला
  • शराबबंदी हो सकती है-डॉ. जसबीर चावला
  • इधर डिजिटल इंडिया-डॉ. जसबीर चावला
  • गुलों को शाख से टूटने का-डॉ. जसबीर चावला
  • बंदी सिख अब कहां-डॉ. जसबीर चावला
  • शवों के आदान-प्रदान के लिए-डॉ. जसबीर चावला
  • हिंसा हारती है अहिंसा से-डॉ. जसबीर चावला
  • तुर्की हुआ तबाह पा भूकंप के झटके-डॉ. जसबीर चावला
  • जो आया है कुछ सोचके आया होगा-डॉ. जसबीर चावला
  • नाम इतने हैं कि रटते-रटते-डॉ. जसबीर चावला
  • अहिंसक को हिंसक बना डालो-डॉ. जसबीर चावला
  • वक्त बीमार है, हल्के बोलो-डॉ. जसबीर चावला
  • कैसा तो ख्वाब था, जगते बिसर गया-डॉ. जसबीर चावला
  • हलधर सावधान!-डॉ. जसबीर चावला
  • हम तो पहले दिन से-डॉ. जसबीर चावला
  • यह पगड़ी, यह धर्म है?-डॉ. जसबीर चावला
  • जो हो देखा जायेगा-डॉ. जसबीर चावला
  • मैं इधर से चलूं तुम उधर से चलो-डॉ. जसबीर चावला
  • दिल रहता तो आरज़ू करता-डॉ. जसबीर चावला
  • कोई भी आपके जैसा नहीं है-डॉ. जसबीर चावला
  • क्या बताऊं मेरा इस देश से-डॉ. जसबीर चावला
  • हर प्यार का कोई नाम हो-डॉ. जसबीर चावला
  • पदयात्रा सही हो तो-डॉ. जसबीर चावला
  • कहां तो प्रयास चल रहा था-डॉ. जसबीर चावला
  • खेला और किसको कहते हैं-डॉ. जसबीर चावला
  • तुम पहले नहीं हो-डॉ. जसबीर चावला
  • मोदी मोदी करत हौ-डॉ. जसबीर चावला
  • धूप भी है , हवा भी है-डॉ. जसबीर चावला
  • कहना बड़ा आसां है-डॉ. जसबीर चावला
  • इति माने बीती-डॉ. जसबीर चावला
  • करनी है तो बेपनाह मोहब्बत कर-डॉ. जसबीर चावला
  • काला धन भी आ गया-डॉ. जसबीर चावला
  • क्या फ़र्क पड़ता है-डॉ. जसबीर चावला
  • बाड़ ही खेत को खाने लगी है-डॉ. जसबीर चावला
  • खोल दो, चारों तरफ से खोल दो-डॉ. जसबीर चावला
  • चलते रहोगे तो पहुंच जाओगे-डॉ. जसबीर चावला
  • एक जला एक घुणखाया है-डॉ. जसबीर चावला
  • चमड़े की जुबान फिसली जाती है-डॉ. जसबीर चावला
  • बिकता है, क्योंकि खरीदते हैं-डॉ. जसबीर चावला
  • कब तक रूठे रहोगे सनम से-डॉ. जसबीर चावला
  • जिंदगी ने कड़े इम्तिहान दिये हैं-डॉ. जसबीर चावला
  • पानी में बुलबुले दिखाई दें-डॉ. जसबीर चावला
  • घाव हैं जो वक्त भी भर न पाया-डॉ. जसबीर चावला
  • यह कैसी लंका बना डाली है?-डॉ. जसबीर चावला
  • कहते कुछ हैं, करते कुछ हैं-डॉ. जसबीर चावला
  • गरजते रहे गरजते रहे बड़ी देर-डॉ. जसबीर चावला
  • पहलवाननियों ने अमृत छका होता-डॉ. जसबीर चावला
  • आग बुझ जाती है, सेंक रह जाता है-डॉ. जसबीर चावला
  • अरे शुकर करो बस हाथ से रस लिया-डॉ. जसबीर चावला
  • ना कोई जीतेगा,न कोई हारेगा-डॉ. जसबीर चावला
  • अपनी याददाश्त पर मुस्कुरा न पाया-डॉ. जसबीर चावला
  • झूठ तो झूठ, सच पर पर्दे तानते हैं-डॉ. जसबीर चावला
  • किसाननियां -किसान पक्ष में नहीं हैं-डॉ. जसबीर चावला
  • जज्बाती होता है,चालाक नहीं होता-डॉ. जसबीर चावला
  • दुबारा वही पत्ते खेले जायेंगे-डॉ. जसबीर चावला
  • कोरोना अब महामारी नहीं रहा-डॉ. जसबीर चावला
  • तौबा तौबा यह हमने क्या देखा-डॉ. जसबीर चावला
  • हराया तो ऐसा कि मशीनें भी कराह उठीं-डॉ. जसबीर चावला
  • खाली अन्नदाता कहने से नहीं चलेगा काम-डॉ. जसबीर चावला
  • पहले होता था खेला शतरंजी बिसात पर-डॉ. जसबीर चावला
  • नजर से नहीं ,पहले अपनी आंख से मुझे देख-डॉ. जसबीर चावला
  • खालिस्तानी खंभा खिसियानी बिल्ली नोंचेगी-डॉ. जसबीर चावला
  • मैं हौं, मैंहौं ,करते मोर-डॉ. जसबीर चावला
  • बहुतों को बहुत खुशी मिली इस हार से-डॉ. जसबीर चावला
  • आमो! पको और नीचे‌ गिर जाओ!-डॉ. जसबीर चावला
  • आंख जो कहती है, जुबां क्यूं नहीं कहती-डॉ. जसबीर चावला
  • भ्रष्टाचार करेंसी -नोटों में नहीं-डॉ. जसबीर चावला
  • आंखों से नींद चली जाये तो क्या रहता है ?-डॉ. जसबीर चावला
  • लोग दोनों पैरों लंगड़ाने लगे हैं-डॉ. जसबीर चावला
  • शराब फैक्ट्री का कण-कण ज़हरीला है-डॉ. जसबीर चावला
  • उसने मेरी दुआओं का असर देख लिया है-डॉ. जसबीर चावला
  • पहले पेट, मज़हब बाद का मसला है-डॉ. जसबीर चावला
  • हर इंच इक सवाल करती है-डॉ. जसबीर चावला
  • कारवां गुज़रा नहीं गुबार दुनिया भर का है-डॉ. जसबीर चावला
  • धरती का कोई बदल नहीं-डॉ. जसबीर चावला
  • प्रजातंत्र की जुल्फ खुलके बिखर जाए-डॉ. जसबीर चावला
  • अमरता के लिए लोग क्या-क्या नहीं करते-डॉ. जसबीर चावला
  • आंखें जमीन में गाड़ दो-डॉ. जसबीर चावला
  • पहलवान में किसान शामिल है-डॉ. जसबीर चावला
  • साफ नहीं, जगह गंदी करेगा-डॉ. जसबीर चावला
  • पहलवाननियों ने दी पटखनी-डॉ. जसबीर चावला
  • गाछपका ही असल पका है-डॉ. जसबीर चावला
  • हर किरपा कीजे राम-डॉ. जसबीर चावला
  • हलधर! वे तुम्हीं को चाकू बनायेंगे-डॉ. जसबीर चावला
  • हर आंदोलन को दरकार कुछ सिखों की-डॉ. जसबीर चावला
  • सूरजमुखी उगानेवालो सूरज को-डॉ. जसबीर चावला
  • मंथरा ने चाणक्य से कुछ कह दिया है-डॉ. जसबीर चावला
  • सिर्फ़ ज़ुल्फें ही नहीं बेचैनी का सबब-डॉ. जसबीर चावला
  • हलधर जगह ढूंढ़ते हैं-डॉ. जसबीर चावला
  • आहत मन टटोला गया है-डॉ. जसबीर चावला
  • इससे अच्छा कुंओं में गिर जाते-डॉ. जसबीर चावला
  • उसने इंसानियत के दांव सीखें हैं-डॉ. जसबीर चावला
  • उसने एक की, तुमने दो-डॉ. जसबीर चावला
  • पंद्रह रुपए वाले मेडलों की माला-डॉ. जसबीर चावला
  • पेड़ों के आसरे गर्मी से लोहा ले लो-डॉ. जसबीर चावला
  • जो पेड़ गिर जाते हैं-डॉ. जसबीर चावला
  • धूप निकली तो लोग बाहर निकल आए हैं-डॉ. जसबीर चावला
  • बरसाती डड्डुओ! बेशक एक पलड़े न चढ़ो-डॉ. जसबीर चावला
  • जो बोये हो सो काटो-डॉ. जसबीर चावला
  • जो वोट पे चोट करेगा-डॉ. जसबीर चावला
  • किसका वज़न बढ़ता जा रहा है-डॉ. जसबीर चावला
  • उल्टा रथ क्यूं चल पड़ा?-डॉ. जसबीर चावला
  • खूब यह मालूम था फट जायेगा-डॉ. जसबीर चावला
  • तुमने ही महलों पहुंचाया-डॉ. जसबीर चावला
  • बला की खूबसूरत थी-डॉ. जसबीर चावला
  • नख मांस का रिश्ता है-डॉ. जसबीर चावला
  • पप्पू को याद है जब दादी रोई थी-डॉ. जसबीर चावला
  • पानी खारा नहीं, कठोर है-डॉ. जसबीर चावला
  • शहर फिर शहर है, अपना बना लेता है-डॉ. जसबीर चावला
  • समझ नहीं आता-डॉ. जसबीर चावला
  • बात ही तलवार, बात ही ढाल है-डॉ. जसबीर चावला
  • हवा परिधि से दबती है-डॉ. जसबीर चावला
  • सबको अपने-अपने कपड़ों की पहचान है-डॉ. जसबीर चावला
  • सरकारें नशा खत्म करने का वादा करती हैं-डॉ. जसबीर चावला
  • दो शब्दों में क्या-डॉ. जसबीर चावला
  • पूछिए मत हाल जो अपना हुआ है-डॉ. जसबीर चावला
  • देश एक पार्टी बन गया है-डॉ. जसबीर चावला
  • कल देर रात तक जगते रहे थे-डॉ. जसबीर चावला
  • कहां -कहां से हवा आती है-डॉ. जसबीर चावला
  • अंबानी -अडाणी से हटाओ-डॉ. जसबीर चावला
  • सपनों का मर जाना उतना खतरनाक नहीं-डॉ. जसबीर चावला
  • तुम्हारे यह कहने से नहीं चलेगा भगवन्!-डॉ. जसबीर चावला
  • तुम्हें तक-तक दिल नहीं भरता-डॉ. जसबीर चावला
  • बोलने के लिए अब बचा ही क्या है?-डॉ. जसबीर चावला
  • भगोड़े नहीं, रणछोड़ हैं-डॉ. जसबीर चावला
  • राज्य और केंद्र लड़ रहे हैं-डॉ. जसबीर चावला
  • पंजाब को मिलकर लूटो!-डॉ. जसबीर चावला
  • बाढ़ में पंजाब के काफी जिले हैं-डॉ. जसबीर चावला
  • वह कहां है जो तुम्हारे साथ था-डॉ. जसबीर चावला
  • एक सौ बयालीस करोड़ जनता की नंगी परेड-डॉ. जसबीर चावला
  • निजी महीन संवेदनाओं को मर जाने दो-डॉ. जसबीर चावला
  • भरोसा रखना है तो सच्चाई पर रख-डॉ. जसबीर चावला
  • तुमने प्रजातंत्र का गला घोंट दिया था-डॉ. जसबीर चावला
  • ओ रे मणिपुर के हलधरों!-डॉ. जसबीर चावला
  • दोनों एक-दूसरे को अहंकारी-डॉ. जसबीर चावला
  • एक अकेली सोने की चिड़िया नहीं भारत-डॉ. जसबीर चावला
  • हलधर हर तरह की नाइंसाफी के खिलाफ-डॉ. जसबीर चावला
  • सारे दोष अपने सर ले लेगा-डॉ. जसबीर चावला
  • कैसे कहते हो संवेदना हीन है-डॉ. जसबीर चावला
  • आज जब सत्ता में हो गिनवा रहे हो-डॉ. जसबीर चावला
  • गांव के गांव बह गए-डॉ. जसबीर चावला
  • संत कह जाते हैं कि मिलकर प्रेम से रहो-डॉ. जसबीर चावला
  • मेघा बरस लो! यहीं बरस लो!-डॉ. जसबीर चावला
  • कौन बोलता नहीं बोलता है-डॉ. जसबीर चावला
  • हलधर को उन्होंने कभी गंभीरता से नहीं लिया-डॉ. जसबीर चावला
  • डबल इंजिन सरकार का यह फायदा होता-डॉ. जसबीर चावला
  • राष्ट्र -सेवक हलधर-डॉ. जसबीर चावला
  • कैसे चलनी चाहिए, कैसे तुम चलाते-डॉ. जसबीर चावला
  • तपस्या में उनके कमी रह गई-डॉ. जसबीर चावला
  • अफसोस हलधर !-डॉ. जसबीर चावला
  • ट्रॉली टाइम्स की ऐतिहासिक भूमिका है-डॉ. जसबीर चावला
  • प्यास देती हैं निगाहें कुछ कह-डॉ. जसबीर चावला
  • अपने-अपने साज हैं, अपने-अपने राग-डॉ. जसबीर चावला
  • मौसेरे भाईयों की बहस में-डॉ. जसबीर चावला
  • खाने+ खिलाने की कविता-डॉ. जसबीर चावला
  • आंखें धरी हैं चश्मे की निगाहों में-डॉ. जसबीर चावला
  • कोई ग़म तुझे खाये जाता है -डॉ. जसबीर चावला
  • मुद्दे भटकाने में वे सिद्ध हस्त हैं-डॉ. जसबीर चावला
  • सिंधु नदी के इस पार जो है, हिंदू है-डॉ. जसबीर चावला
  • वही शेषनाग जो प्रभु राम का अनुज बन-डॉ. जसबीर चावला
  • सोना आज भी शुद्ध है-डॉ. जसबीर चावला
  • देश-भक्ति झंडों की ऊंचाई से नहीं नपती-डॉ. जसबीर चावला
  • सब एक मौका मांगते, हलधर !-डॉ. जसबीर चावला
  • बारिश रुक गई, धूप निकल आई है-डॉ. जसबीर चावला
  • लोकतंत्र इमारत नहीं है-डॉ. जसबीर चावला
  • जहां चुप से काम चलता हो, बोलके क्या फ़ायदा ?-डॉ. जसबीर चावला
  • प्रगति प्रगति दुहराओ, तिहराओ-डॉ. जसबीर चावला
  • पड़ोसी भी लूटेंगे, पड़ोसी के पड़ोसी भी-डॉ. जसबीर चावला
  • कुछ भी नहीं बदला-डॉ. जसबीर चावला
  • आकाश में जाना हो-डॉ. जसबीर चावला
  • चारों तरफ इलेक्शन है-डॉ. जसबीर चावला
  • मूल से ज्यादा सूद, पूंजी करती राज-डॉ. जसबीर चावला
  • एक मुठभेड़-डॉ. जसबीर चावला
  • हलधर लीडरों ने तेरी बात ही नहीं की-डॉ. जसबीर चावला
  • अंबानी अडानी एक मानसिकता है-डॉ. जसबीर चावला
  • अग्निवीर अमृतपाल को श्रद्धांजलि-वश -डॉ. जसबीर चावला
  • इंसान की तल्ख गहराई में न जा-डॉ. जसबीर चावला
  • फसलों की लूट का राज़-डॉ. जसबीर चावला
  • यानि धोखेबाजी का इक सिलसिला-डॉ. जसबीर चावला
  • दिल्ली में जितने सिख सरदार हैं-डॉ. जसबीर चावला
  • गो' नशेमन झीना-झीना बीना-डॉ. जसबीर चावला
  • सुनो हलधर !-डॉ. जसबीर चावला
  • चलिए चला जाए-डॉ. जसबीर चावला
  • धुंए पर सियासत मत कर जसबीर!-डॉ. जसबीर चावला
  • बारूद के जिस ढेर पर बैठी दुनिया-डॉ. जसबीर चावला
  • हर एक को दूसरे में रावण दिखे-डॉ. जसबीर चावला
  • दिले बर्बाद दीवाले के जलाये दीये-डॉ. जसबीर चावला
  • मेहनत की जीत हो-डॉ. जसबीर चावला
  • मणिपुरी हिंसा के लिए कोई जिम्मेवार था-डॉ. जसबीर चावला
  • आदमी चैन की सांस कब लेता है-डॉ. जसबीर चावला
  • रात लंबी इसलिए हो जाती है-डॉ. जसबीर चावला
  • धुंआ पंजाब का दिल्ली को सीधा जाता है-डॉ. जसबीर चावला
  • योग नफरत सिखाता है ?-डॉ. जसबीर चावला
  • मोदी है तो मुमकिन है-डॉ. जसबीर चावला
  • जो ठान लिया कर दिखाया-डॉ. जसबीर चावला
  • क्या पराली साड़ना विरोध प्रदर्शन है?-डॉ. जसबीर चावला
  • बुद्ध ही हैं जो टकराने से बचा सकते हैं-डॉ. जसबीर चावला
  • नेताओं की घर-वापसी होती है-डॉ. जसबीर चावला
  • बन्दियों - बंधकों की अदला-बदली-डॉ. जसबीर चावला
  • हल मारापिट्टी नहीं-डॉ. जसबीर चावला
  • खिड़कियां कांच से ढंक दो-डॉ. जसबीर चावला
  • जिताऊंगा ताकि आखीर हराने काबिल बना रहूं-डॉ. जसबीर चावला
  • आये हो तो जाने की तैयारी साथ कर लो-डॉ. जसबीर चावला
  • आज पहलू में हो इतना बहुत है-डॉ. जसबीर चावला
  • करता हूं, करूंगा, आखीर कब करोगे-डॉ. जसबीर चावला
  • जब-जब धर्म की ग्लानि हु-डॉ. जसबीर चावला
  • गलतियां किसी की हों-डॉ. जसबीर चावला
  • जिसे पाने के लिए तबाही मचाये हो-डॉ. जसबीर चावला
  • आज़ादी मिलने से गुलामी नहीं मिटती-डॉ. जसबीर चावला
  • वे तो सिक्खों पर संगीनें ताने-डॉ. जसबीर चावला
  • सब कुछ पक्ष में हो तो-डॉ. जसबीर चावला
  • २२ दिसम्बर २०२३-डॉ. जसबीर चावला
  • कैंसर का एक सेल न रहे-डॉ. जसबीर चावला
  • इंसानियत मर चुकी है-डॉ. जसबीर चावला
  • २०२४ जश्न नहीं, चुनौती है-डॉ. जसबीर चावला
  • पहला दिन, नया साल-डॉ. जसबीर चावला
  • सत्यमेव जयते, चूर-चूर हो जाये तो भी-डॉ. जसबीर चावला
  • दिन और रात में फरक न रहा-डॉ. जसबीर चावला
  • दुनिया की 100 पावरफुल औरतें-डॉ. जसबीर चावला
  • संकट के समय एक ही नहीं-डॉ. जसबीर चावला
  • पानी के बिना कौन-डॉ. जसबीर चावला
  • सड़क पर पहाड़ औंधा पड़ा है-डॉ. जसबीर चावला
  • मैंने पहाड़ों को रोते देखा है-डॉ. जसबीर चावला
  • चांद का मुंह ही नहीं-डॉ. जसबीर चावला
  • बच्चों के लिए किसके मन में दर्द?-डॉ. जसबीर चावला
  • हिंदू जब कमजोर होता है-डॉ. जसबीर चावला
  • मोहित तेरे रूप पर देव, गंधर्व, पिशाच-डॉ. जसबीर चावला
  • तीसरा दौर है आगे रहिए-डॉ. जसबीर चावला
  • शहर में कहीं इत्मीनान नहीं-डॉ. जसबीर चावला
  • डालियां काट दी गईं कुसुमाते ही-डॉ. जसबीर चावला
  • जी करे तो उधर चले जाना-डॉ. जसबीर चावला
  • तू मेरे दोस्त क्यों बाहर खड़ा है-डॉ. जसबीर चावला
  • मुझसे कुछ इस कदर नाराज मिले-डॉ. जसबीर चावला
  • धुंध कब तक छाई रहेगी?-डॉ. जसबीर चावला
  • लाखों लाखों की बात करते हैं-डॉ. जसबीर चावला
  • आदमी मौत से भी टकराता है-डॉ. जसबीर चावला
  • मौसम जो खराब हुआ, खराब ही रहा-डॉ. जसबीर चावला
  • और जो हो, राष्ट्र द्रोही हो ही नहीं सकता-डॉ. जसबीर चावला
  • मन की कहानियां हैं-डॉ. जसबीर चावला
  • अब फिर वही मौसम रहेगा-डॉ. जसबीर चावला
  • खाली की गारंटी-डॉ. जसबीर चावला
  • वास्तों से वास्ता छूट गया-डॉ. जसबीर चावला
  • राम ने रावण का उद्धार किया-डॉ. जसबीर चावला
  • एक बार बनाओगे-डॉ. जसबीर चावला
  • पेड़ों में ही छांव होती है-डॉ. जसबीर चावला
  • चौतरफा धुंध न सही-डॉ. जसबीर चावला
  • नियति पता नहीं कहां देख रही है-डॉ. जसबीर चावला
  • सत्ता फूट का फायदा उठायेगी-डॉ. जसबीर चावला
  • जनता क्या है जिसे गारंटी दे रहे हैं-डॉ. जसबीर चावला
  • लोकतंत्र की हत्या-डॉ. जसबीर चावला
  • चुनाव इस बार रद्द हो जायेंगे-डॉ. जसबीर चावला
  • तभी चुपके से चला आया हूं-डॉ. जसबीर चावला
  • तू अन्नदाता नहीं, अन्न -उत्पादक है हलधर-डॉ. जसबीर चावला
  • जो झूठ सीधे नहीं बोल सकते-डॉ. जसबीर चावला
  • मन रे! और कितनी बातें बनायेगा-डॉ. जसबीर चावला
  • शीशा जसबीर को शायर नहीं कहता-डॉ. जसबीर चावला
  • कितने शहर कितने गांव आये-डॉ. जसबीर चावला
  • जुमलों को तकिया कलाम बना दिया-डॉ. जसबीर चावला
  • गब्बर के अंदाज में गारंटी देता है-डॉ. जसबीर चावला
  • जुबां क्या करे, आंखों से बयां होती है-डॉ. जसबीर चावला
  • एक इसे हिंदू राष्ट्र बनाना चाहते हैं-डॉ. जसबीर चावला
  • बीच का रास्ता सा निकल आए-डॉ. जसबीर चावला
  • भारत भर यात्रायें हो रहीं-डॉ. जसबीर चावला
  • बिकें पखेरू पिंजरे बिकते-डॉ. जसबीर चावला
  • पंछी पिंजरे समेत फरार है-डॉ. जसबीर चावला
  • हवाओं को मौका मिला है-डॉ. जसबीर चावला
  • आपकी आस्था चुनावी चश्मे जांचने लगे हैं
  • चंद लकीरों के सिवा अपने हाथ में क्या है-डॉ. जसबीर चावला