खेती-बाड़ी के गीत : हरियाणवी लोकगीत

Kheti-Bari Ke Geet : Haryanvi Lok Geet


अरे न्यूं रोवै बुड्ढा बैल

अरे न्यूं रोवै बुड्ढा बैल, मन्नै मत बेच्चै रे पापी तेरे कुआं कोल्हू में चाल्या नाज कमा कै तेरे घरां घाल्या इब्ब तन्नै करली सै बज्जर की छाती तिरा बंज्जड़ खेत मन्नै तोड्या, गाड्डी तै मुंह ना मोड्या इब्ब तै मेरी बेच्चै से माटी

ईख नलाई के फल पाई

ईख नलाई के फल पाई ईख नलाई मन्ने कंठी घड़ाई ले गया चोर बहू के सिर लाई सुसरा तै लडूंगी पीठ फेर कै लडूंगी आजा हे सासड़ तन्ने डंडा तै घडूंगी जेठ तै लडूंगी दिल खोल के लडूंगी आजा हे जिठानी तेरा धान सा छउूंगी देवर तै लडूं घूंघट खोल कै लडूंगी आजा हे द्यौरानी तन्नै खूटिया धरूंगी पड़ोसी तै लडूंगी दिल खोल के लडूंगी आजा हे पड़ोसन तन्नै पाड़ के धरूंगी बालम तै लडूंगी महलां बैठी हे लडूंगी आजा हे सोकन तेरा डंडा बित्ती घडूंगी

उड़ जा रे कागा लेजा रे तागा

उड़ जा रे कागा लेजा रे तागा जांदा तो जइये मेरै बाप कै मैं तो नाम न जाणू बेब्बे गाम ना जाणू कौणसी तो मैड़ी तेरै बाप की नाम बताद्यूं गाम बताद्यूं मैड़ी तो बताद्यूं मेरे बाप की एक ऊंची सी मैड़ी लाल किवाड़ी, वो घर कहिए मेरे बाप का एक मेरे बाप के चार धीअड़ थी, चारों तो ब्याही चारों कूट में एक बागडण में दूजी खादर में तीजी हरियाणा चौथी देस में मेरे सिर पर कागा हाथ भुआरी भरूंट भुवारूं में खड़ी खड़ी मैं सट सट मारूं डस डस रोवूं रोवूं नाई का तेरे जीव नै

ऊपरां बादलिड़ा ऊपरां क्यूं जा

ऊपरां बादलिड़ा ऊपरां क्यूं जा बरसै तै क्यूं ना हे म्हारे देस छन में पालिड़ा धूलम धूल छन में तो भर दे जोहड़ डाबड़ा सूता रे पालिड़ा रूखा की छां खेत उजाड़ा मेरे बाप का ह्यो रे पालिड़ा तेरेड़ी रांड खेत उजाड़ा मेरे बाप का मत दे हे सुन्दर मन्नै तैं गाल तेरे सरीकी म्हारै बी गोरड़ी आइये हे सुन्दर म्हारेड़े देस लहए रंगा हे ऊपर चुन्दड़ी

एक रोटी को बैल बिका

एक रोटी को बैल बिका अर पैसा बिक गया ऊंट चौतींसा नै खोदिया भैंस गाया का बंट चौंतीसा ने चौंतीसा मारै जिये वेश कसाई औह मारै तकड़ी अर उस ने छुरी चलाई

कात्यक बदी अमावस आई

कात्यक बदी अमावस आई दिन था खास दिवाली का आंख्यां के म्हें आंसू आग्ये देख्या घर जद हाली का सबी पड़ोसी बच्चां खात्तर खील खिलोने ल्यावें थे दो बच्चे हाली के बैट्ठै उन की ओर लखावें थे रात कूच की बची खीचड़ी घोल सीत में खावें थे दो कुत्ते बैट्ठे मगन हुए उनकी ओर लखावें थे तीन कटोरे एक बखोरा काम नहीं था थाली का आंख्यां कै म्हें आंसू आग्ये देख्या घर जद हाली का कहीं कहीं तो खीर पके कहीं हलुवे की मंहकार ऊठ री हाली री बहू एक ओड़ ने खड़ी बाजरा कूट री हाली बैठ्या खाट बिछा कै पांयतांकानी टूट री हुक्का भर के पीवण लाग्या चिलम तलै तै फूट री चाकी धोरे डंडूक पड़ा था जर लाग्या एक फाली का आंख्यां कै म्हें आंसू आग्ये देख्या घर जद हाली का

ताकतवर बलवान बना

ताकतवर बलवान बना, क्यूं भुंडी सकल बनाई रे के बुज्झेगा मन मेरे की घणी मुसीबत आई रे दइ्र खुदा ने टांग बड़ी जो दो दो गज तक जाती रे ऊपर बोज्झा लदे घणा जब तीन तीन बल खाती रे पेट उभरमा छाती चठमा इडर से सज जाती रे लगें रगड़के इडर के ना मिलता कोई हिमाती रे धन धन तेरे नाती तेरी माता बाबल भाई रे के बुज्झेगा मन मेरे की घणी मुसीबत आई रे

धरती माता नै हर्‌यो कर्‌यो

धरती माता नै हर्यो कर्यो गऊ के जाये नै हर्यो कर्यो जीव जंत के भाग नै हर्यो कर्यो ढाणा खेड़े नै हर्यो कर्यो जमना माई नै हर्यो कर्यो धना भगत को हर तै हेत बिना बीज उपजायो खेत बीज वच्यो सो सन्तां नै खायो घर भर आंगन भर्यो

न्यूं कह रही धौली गाय

न्यूं कह रही धौली गाय मेरी कोई सुणता नाई मेरे कितने सिरी भगवान मैं दुख पा रही मेरा दूध पिवै संसार घी तै खावै खीचड़ी मेरे पूत कमावें नाज मैंघे भा की रूई जब भी मेरे गल पै छुरी

पड़ते अकाल जुलाहे मरे

पड़ते अकाल जुलाहे मरे, और बीच में मरे तेली उतरते अकाल बनिये मरे, रुपये की रहगी धेली चणा चिरौंजी हो गया, अर गेहूं होगे दाख सत्रह भी ऐसा पड़ा, चालीसा का बाप

पड़ा रहा छप्पनियां का काल

पड़ा रहा छप्पनियां का काल पड़ रहा कैसा री दुकाल दिया री महंगाई नै मार दमड़ी के हो गए चार कपड़ा मिलै न टाट अन्न दाल का टोटा पड़ गया बालक सारे रोते डोलें जीना जी का जंजाल पड़ रहा छप्पनियां का काल आया जमाई धड़का जी कहां से लाउं सक्कर घी मान महत मेरा सारा मर गया कौन ओड़ निभावे करतार पड़ रहा छप्पनियां का काल

पांच पंचास की नाथ घड़ाई

पांच पंचास की नाथ घड़ाई पड़गी लामनी पहरन ना पाई सांज ताहीं करी लामनी सांज पड़ै घरां डिगराई आगै सासड़ लड़ती पाई देखा क्यूंना काम बखत क्यूं ना आई सास मिरी नरै मक्की री सुकाई ढाई सेर की कूंडी बखत उठ कै आधी पीस कै कंथा धोरै आई के सोवै हो कै जागै नणदी के भाई मक्की मत बोइए हो कलावती के भाई डिगगी धरण ठिकाने नहीं आई सास मर जागी नणद घर जागी तेरे मेरे राज में मक्की छूट जागी

बनवारी हो लाल कोन्या थारै सारै

बनवारी हो लाल कोन्या थारै सारै, गिरधारी हो लाल कोन्या थारै सारै ऐ महल मालिया थारै। थारी बरोबरी म्हें करांस, कोई टूटी टपरी म्हारै गिरधारी हो लाल कोन्या थारै सारै ऐ कामधेनवा थारै। थारी बरोबरी म्हें करांस, कोई भैंस पाडड़ी म्हारै गिरधारी हो लाल कोन्या थारै सारै ऐ हाथी घोड़ा थारै। थारी बरोबरी म्हें करोस, कोई ऊंट टोरड़ा म्हारै गिरधारी हो लाल कोन्या थारै सारै ऐ भाला बरछी थारै। थारी बरोबरी म्हें करांस, कोई जेली गंडासी म्हारै गिरधारी हो लाल कोन्या थारै सारै ऐ रतनागर सागर थारै। थारी बरोबरी म्हें करांस, कोई ढाब भर्या है म्हारै गिरधारी हो लाल कोन्या थारै सारै ऐ तोसक तकिया थारै। थारी बरोबरी म्हें करांस, कोई पाटी गूदड़ी म्हारै गिरधारी हो लाल कोन्या थारै सारै आ राधा रानी थारै। थारी बरोबरी म्हें करांस, कोई एक जाटणी म्हारै बनवारी हो लाल कोन्या थारै सारै, गिरधारी हो लाल कोन्या थारै सारै

बाजरे की रोटी पोई रे हालिड़ा

बाजरे की रोटी पोई रे हालिड़ा, बथुए का रांध रै साग आठ बलधां का रै हालिड़ा नीरणा चार हालिड़ा की छाक बरसन लागी रे हालिड़ा बादली सास नणद का रे हालिड़ा ओलणा इब कूण उठाये छाक कसकै तै रे बांधो गोरीधन लाऊणा झटदे उठाल्यो छाक ड्योलै तै ड्योला रे हालिड़ा मैं फिरी कितै ना पाया थारा खेत ऊंच्चे चढ़कै गोरीधण देख ले म्हारे धोले बलध कै टाल पाछा तैं फिर कै रे हालिड़ा देख ले, कोई बोझ मरै छकियार किसाक जाम्या रे हालिड़ा बाजरा किसीक जाम्मी सै जुआर लाम्बे तै सिरटे गोरीधण बाजरा, मुड़वां सिरटै जुआर कै मण बीघे निपजै रे हालिड़ा बाजरा, कै मण बीघे जुआर नौ मण बीघे निपजा गोरी बाजरा, दस मण बीघे जुआर अपणै घड़ाले रे हालिड़ा गोखरू मेरी भंवर की नाथ

बोया बोया री मां मेरी बणी

बोया बोया री मां मेरी बणी आला खेत खेत रूखाली मैं गई राही राही री मां मेरी दो पंछी जायं एक गोरा एक सांवला जी गोरा जी मां मेरी राही जा सांवल म्हारे खेत में री ‘के रे सांवल भूला सै राह के तेरी ब्याही बाप कै जी ‘ना मैं है सुन्दर भूला सूं राह न मेरी ब्याही बाप कै जी’ ‘हम तै हे सुन्दर तेरे लगवाल बाप तेरे के साजना जी’ ‘तेरे कैसे रे सांवल तीन सौ साठ बाप मेरे के मेहनती जी’ ‘तेरी कैसी हे सुन्दर तीन सौ साठ बाप मेरे की झीमरी जी’

बोहत सताई ईखड़े तन्नै बोहत सताई रे

बोहत सताई ईखड़े तन्नै बोहत सताई रे बालक छोड्डे रोवते रै तन्नै बोहत सताई रे डालड़ी में छोड्या पीसणा अर छोड्डी सै लागड़ गाय नगोड़े ईखड़े तन्नै बोहत सताई रे कातनी में छोड्या कातना अर छोड़ै सैं मां अर बाप नगोड़े ईखड़े तन्नै बोहत सताई रे बहोत सताई ईखड़े रे तन्नै बोहत सताई रे बालक छोड्डे रोवते तन्नै बोहत सताई रे

हालिड़े हालिड़े हल घड़वा ले ओरणा

हालिड़े हालिड़े हल घड़वा ले ओरणा घड़वाले हरियल बांस का आया हो हालिड़े साढज मास बाजरा तै बोदे डूंगे क्यार में थारा हो हालिड़े देस कुदेस बासी तै टुकड़े खाटी राबड़ी म्हारा रे गोरी देस सुदेस दामण तै ऊपर चून्दड़ी थारा रे गोरी देस कुदेस पाटी घघरिया धोली लूगड़ी आइये हो हालिड़ा म्हारैड़े देस चावल रांधू ऊजले आइये रै गोरी म्हारैड़े देस तील सिमादें रेसमी हालिड़े हो हालिड़े हल घड़वा ले ओरणा घड़ाले हरियल बांस का

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