Yogesh Chhibber Anand
योगेश छिब्बर ‘आनन्द’

प्रोफेसर योगेश छिब्बर ‘आनन्द’ (24 अक्तूबर 1955 - 23 अक्तूबर 2010) मूलरूप से देहरादून (उत्तराखंड) के रहने वाले थे। उनका जन्म पिता हरबंशलाल छिब्बर और माता सुभाषदेवी छिब्बर के घर में हुआ था। उच्च शिक्षा हासिल करने के उपरांत उनका चयन सहारनपुर के महाराज सिंह डिग्री कॉलेज में बतौर अंग्रेजी प्रोफेसर हुआ। इसी दौरान हिंदी साहित्य के प्रति उनका प्रेम किताबों की शक्ल लेने लगा। एक के बाद एक कई किताबों का प्रकाशन किया, जिनमें गीत और कविताएं शामिल होती थीं, लेकिन उनकी खास रचनाएं जो लोगों को आज भी अविस्मरणीय हैं, वह हैं हिंदी के टप्पे। मूलत: टप्पे पंजाबी विधा है, जिसे योगेश छिब्बर हिंदी में प्रयोग करते थे। उनकी प्रमुख रचनाएं हैं : चिडिया बम नहीं बनाएगी, सांसों के वृंदावन में, तुम अपनी प्यास जितने हो, नैना गिरवी रख लिए, हाथों में ताजमहल, जिकर प्यारे का ।

योगेश छिब्बर ‘आनन्द’ की कविताएँ

Hindi Poetry Yogesh Chhibber Anand