Vinayaka Krishna Gokak विनायक कृष्ण गोकाक

विनायक कृष्ण गोकक (1909-1992) कन्नड़ भाषा के लेखक थे। वो ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता पाँचवे लेखक थे। उनकी सबसे विख्यात कृति भारत सिन्धु रश्मि है। इनके द्वारा रचित एक कविता–संग्रह द्यावा पृथ्वी के लिये उन्हें सन् १९६० में साहित्य अकादमी पुरस्कार (कन्नड़) से सम्मानित किया गया। उनके महाकाव्य भारत सिंधु रश्मी के लिए 1990 में कन्नड़ भाषा के लिए ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया। भरत सिंधु रश्मी वैदिक युग से संबंधित है और शायद 20 वीं शताब्दी में किसी भी भाषा में सबसे लंबी महाकाव्य कथा है। 1961 में गोकक को दयावा पृथ्वी के लिए भारत सरकार की ओर से पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।कवि, उपन्यासकार, समालोचक, नाटककार और निबंध लेखक के रूप में आधी से भी अधिक शताब्दी का उनका सक्रिय कार्यकाल 1934 में आरम्भ हुआ, जब उनका प्रथम कविता संकलन 'कलोपासक' प्रकाशित हुआ था।

कन्नड़ कविता हिंदी में : विनायक कृष्ण गोकाक

Kannada Poetry in Hindi : Vinayaka Krishna Gokak