वरुण सिंह गौतम Varun Singh Gautam

वरुण सिंह गौतम (१५ मार्च २००३ - ) का जन्म बिहार के बेगूसराय जिले के फतेहा गांव में हुआ था। इनके पिता का नाम धीरेन्द्र सिंह उर्फ दीपक कुमार और माता का नाम रूबी देवी है। वरुण सिंह गौतम अपने माता - पिता की इकलौती सन्तान हैं। इन्होंने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा गांव के डॉक्टर देव नारायण चौधरी सरस्वती शिशु विद्या मन्दिर से की है। उसके बाद की शिक्षा जवाहर नवोदय विद्यालय बेगूसराय, बिहार में की है तथा वर्तमान में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी से हिन्दी स्नातक के लिए अध्ययनरत हैं।
वरुण सिंह गौतम हिन्दी तथा अंग्रेजी की मार्मिक कविताओं और कहानियों जैसी अन्य विधाओं के लिए जाने जाते हैं। ये नए उभरते हुए भारतीय कवियों और लेखकों में से एक हैं। इनकी पहली पुस्तक मँझधार ( काव्य संग्रह ) है, जिसको इन्होंने कोरोना काल के दौरान लिखा है।
इनकी बहुत सारे रचनाएँ, जो प्रकृतिवादी और रहस्यवादी भावों आदि का संचलन लोगों को जाग्रत करने का अनवरत ही प्रयत्न करती रहती हैं। इनका एक ही उद्देश्य है भारत का ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ नागरिक बनना तथा राष्ट्र की सेवा करना । इनके जीवन संघर्ष के प्रणेता भारत के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में विद्यमान सम्राट महान अशोक हैं। जीवन के शुरुआती समय में ही लेखक साहित्य के प्रेम रूपी बन्धन में बँध चुके हैं। उन्हें यह विश्वास है कि इनकी लेखनी अबाध गति से निरन्तर चलती रहेगी, चलती रहेगी, चलती रहेगी.......

हिन्दी कविताएँ : वरुण सिंह गौतम

Hindi Poetry : Varun Singh Gautam