Sudarshan Faakir सुदर्शन फ़ाकिर

सुदर्शन फ़ाकिर (1934 – 19 फ़रवरी 2008), जिनका वास्तविक नाम सुदर्शन कामरा था, भारतीय शायर और गीतकार थे। उनकी कई ग़ज़लें, ठुमरियाँ और नज़्में बेग़म अख़्तर और जगजीत सिंह द्वारा स्वरबद्ध की गयीं। सुदर्शन फ़ाकिर का जन्म जालंधर में हुआ। हाईस्कूल की पढ़ाई पूरी कर वे जालंधर चले गए और डी.ए.वी. कॉलेज से बी.ए. की पढ़ाई पूरी की। कॉलेज के दौरान वे नाटकों और शायरी में बहुत सक्रिय रहे। 'ग़ालिब छुटी शराब' और ट्रिब्यून को दिए एक साक्षात्कार के अनुसार, फ़िरोज़पुर में एक असफल प्रेम संबंध की वजह से उन्होंने अपना जन्मस्थान हमेशा के लिए छोड़ दिया और जालंधर में ठिकाना बना लिया जहाँ वे शुरुआत में एक गंदले कमरे में एकाकी जीवन जिए। यह कमरा उनके कवि-शायर दोस्तों के मिलने की जगह भी था। ऐसा कहा जाता है कि इस दौरान, वे मजनू के भेष में रहे, फ़कीर की तरह फिरते रहे (शायद यहीं उनके फ़ाकिर तख़ल्लुस की वजह रही) और शराब की लत में पड़ गए। इस दौरान की लिखी उनकी ग़ज़लें और नज़्में अधिकतर उनके असफल प्रेम संबंध की व्यथा को ही प्रतिबिंबित करती हैं।[।

हिंदी ग़ज़लें, गीत और नज़्में : सुदर्शन फ़ाकिर

Ghazal, Geet, Nazmein in Hindi : Sudarshan Faakir

  • अगर हम कहें और वो मुस्कुरा दें
  • अहल-ए-उल्फ़त के हवालों पे हँसी आती है
  • आज के दौर में ऐ दोस्त
  • आज तुम से बिछड़ रहा हूँ
  • आदमी आदमी को क्या देगा
  • इश्क़ में ग़ैरत-ए-जज़्बात ने रोने न दिया
  • उल्फ़त का जब किसी ने लिया नाम रो पड़े
  • किसी रंजिश को हवा दो कि मैं ज़िंदा हूँ अभी
  • कुछ तो दुनिया की इनायात ने दिल तोड़ दिया
  • ग़म बढ़े आते हैं
  • चराग़-ओ-आफ़ताब ग़ुम
  • ज़ख़्म जो आप की इनायत है
  • जब भी तन्हाई से घबरा के
  • ज़िंदगी तुझ को जिया है कोई अफ़्सोस नहीं
  • जिस मोड़ पर किये थे
  • ढल गया आफ़ताब ऐ साक़ी
  • तुम न घबराओ मिरे ज़ख़्म-ए-जिगर को देख कर
  • दिल के दीवार-ओ-दर पे क्या देखा
  • दुनिया से वफ़ा कर के सिला ढूँढ रहे हैं
  • पत्थर के ख़ुदा पत्थर के सनम पत्थर के ही इंसाँ पाए हैं
  • फ़लसफ़े इश्क़ में पेश आए सवालों की तरह
  • फिर आज मुझे तुम को
  • मिरी ज़बाँ से मिरी दास्ताँ सुनो तो सही
  • मेरे दुख की कोई दवा न करो
  • शायद मैं ज़िंदगी की सहर ले के आ गया
  • शैख़ जी थोड़ी सी पीकर आइये
  • सामने है जो उसे लोग बुरा कहते हैं
  • हम तो यूँ अपनी ज़िन्दगी से मिले
  • एक प्यारा-सा गाँव
  • ये दौलत भी ले लो
  • ये शीशे ये सपने ये रिश्ते ये धागे
  • उस मोड़ से शुरू करें