हिन्दी कविताएँ : यशु जान

Poetry in Hindi : Yashu Jaan



1. जब ये दिल किसी की

लम्हा वो ज़िंदगी का भुलाना मुश्किल होता है, जब ये दिल किसी की सूरत का आशिक होता है हक़ीक़त भूल जाते हैं दिलों में डूबने वाले, जो कोई अनजाना आकर हमसे वाक़िफ़ होता है भूल जाते हैं सब रिश्ते सिर्फ़ उन्हें छोड़कर, याद रखना उन्हीं को फिर मुनासिब होता है ज़ेहन में है यही आता नाम क़ातिल रख दें उनका, हमें वो मारकर ज़िंदा ना ख़ुद ही क़ातिल होता है वो फ़िर ख़ुश ना होते हैं ‘यशु’ की जान को लेकर, मुनाफ़ा इस तरह का आशिक़ों को हासिल होता है

2. ये किस कदर प्यार करते हैं

वो हमसे कैसा ये किस कदर प्यार करते हैं? कि बार-बार मेरी मौत का इंतज़ार करते हैं साज़िश रचते हैं हमें जब भी मारने की वो, क्युं हमला करने से पहले होशियार करते हैं? छुपाते हैं अपने इश्क़ को ज़माने से फिर भी, दुनियां के सामने ही मेरे सीने पे वार करते हैं खाकर चोट ख़ूब हसना अब आदत सी हो गई, क्या कहें वो किस तरह की हदें पार करते हैं? प्यार में आशिक़, दीवाने ही बता दूं यशु जान, मरकर भी माशूक़ा पे ही जांनिसार करते हैं

3. थक गया हूँ

थक गया हूँ मैं तेरे बहाने सुनकर, अब ना ज़िंदा रह सकूंगा ताने सुनकर मेरा दिल भी दिल ही है, छोटी सी महफिल ही है, इस दिल पे क्या बीती ना जाने सुनकर, थक गया हूँ मैं तेरे बहाने सुनकर, अब ना ज़िंदा रह सकूंगा ताने सुनकर हो गया सारा ग़ैर ज़माना, बंद किया है आना जाना, दुख होता है बंद पड़े हैं मयख़ाने सुनकर, थक गया हूँ मैं तेरे बहाने सुनकर, अब ना ज़िंदा रह सकूंगा ताने सुनकर तेरा सच या उनका झूठ, ज़हर ही मिल जाये दो घूँट, कैसे होगा उनकी बात ना मानें सुनकर, थक गया हूँ मैं तेरे बहाने सुनकर, अब ना ज़िंदा रह सकूंगा ताने सुनकर अपने दिल दिमाग़ की मान, हुआ बहुत अब यशु जान, हम तो अब हैरान हैं उनके पैमाने सुनकर, थक गया हूँ मैं तेरे बहाने सुनकर, अब ना ज़िंदा रह सकूंगा ताने सुनकर

4. फ़ेसबुक मौत का घर

इस्तेमाल करने वाले पछताते ज़िन्दगी भर हैं, वॉट्स अप, टिक-टौक, फ़ेसबुक मौत का घर हैं ब्लू व्हेल, पब जी, कितनों को गई है खा, चाहे लग गया प्रतिबंध फ़िर भी लगता डर है और अश्लीलता का दर्पण टिक-टौक ही तो है, कुछ मज़ेदार बनाते हुए ही जाता बंदा मर है फ़ेसबुक ने भी चेहरे बिगाड़ दिए बहुत सारे, हर कोई डूबा हुआ है इसमें मादा या नर है यशु अपनी सोच से भी काम लेना चाहिए, मौत आने से पहले कौनसा देती खबर है

5. घनघोर अशुद्धियां

पढ़ने में मज़ा तो है आता इन छाओं में, घनघोर अशुद्धियां हैं तेरी कविताओं में पहली अशुद्धि सच लिखना, है दूसरी इनका ना बिकना, चोर ना छिप सकता है इनके गांव में, घनघोर अशुद्धियां हैं तेरी कविताओं में तीसरी अशुद्धि चुभते शब्द, इनमें सब कुछ है उपलब्ध, जो होना चाहिए देश के इन युवाओं में, घनघोर अशुद्धियां हैं तेरी कविताओं में और पांचवीं इनमें देश-भक्ति, छटी तेरे गुरुदेव की शक्ति, छिपा बहुत कुछ है इनकी अदाओं में, घनघोर अशुद्धियां हैं तेरी कविताओं में सातवीं इनका जोश दिखाना, आठवीं सच पर मर मिट जाना, यशु जान तू मरेगा सब खताओं में, घनघोर अशुद्धियां हैं तेरी कविताओं में, पढ़ने में मज़ा तो है आता इन छाओं में

6. इतिहास के पन्नों में हमारा भी नाम

जब कोई विश्व के अतीत की खोल रहा किताब होगा, इतिहास के उन पन्नों में लिखा हमारा भी नाम होगा हम कर जाएंगे अपने देश के लिए कुछ ऐसा कर्म, जो पूरे विश्व के लिए एक महान कीर्तिमान होगा जिसकी वज़ह से जनता में आयेगी जागरुकता, ख़ुशी - ख़ुशी फ़ल - फ़ूल रहा हिन्दुस्तान होगा पढ़ा जाएगा उसे विश्व के हर कोने - कोने में, हर किताब पे अख़बार पे छपा यशु जान होगा

7. ईद के ख़ास मौके पर कोई ख़ुदाई से मिले

ईद के ख़ास मौके पर कोई ख़ुदाई से मिले, दुश्मन - दुश्मन से मिले भाई - भाई से मिले दुनियां वालों तुम्हें क्यों जलन होती है अग़र, मुस्लिम सीख़ से मिले या सीख़ ईसाई से मिले उस बंटवारे को अल्लाह भी क़बूल नहीं कर्ता, जो हिस्सा इंसानों को ख़ून की लड़ाई से मिले ग़ले ज़रूर मिलो मग़र ग़ला काटने के लिए नहीं, क़ल को क्या पता किसका वक़्त जा बुराई से मिले ये शायर तेरा आशिक़ है एक ही बात कहता है हमसे जब भी जो भी मिले दिल की गहराई से मिले

8. जन्म दिन पर शायरी ग़ज़ल

क़ाश ऐसा भी एक काम करदे ख़ुदा, आपका ये दिन ख़ुशियों से भरदे ख़ुदा  आपके मुँह से जो निकले सच हो जाए, आपकी दुआ में ऐसा असर दे ख़ुदा मेरी ज़िन्दग़ी से ज़्यादा आप क़ीमती हैं, दुआ करते हैं आपको भी लंबी उम्र दे ख़ुदा  तुम्हारे जश्न का ख़ज़ाना कभी ख़ाली न हो, आपको ख़ुशियाँ भी इस क़दर दे ख़ुदा  हमारी सदियों से ये है फ़रयाद कि आपको, अच्छी नौक़री, अच्छा पति ख़ूबसूरत घर दे ख़ुदा

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