O. N. V. Kurup

ओ.एन.वी. कुरुप

ओट्टपलाक्कल नीलकंठन वेलु कुरुप/Ottaplakkal Neelakandan Velu Kurup (27 मई, 1931 – 13 फरवरी, 2016), मलयाली कवि और गीतकार थे। वे 'ओ.एन.वी. कुरुप' के नाम से अधिक जाने जाते हैं। इनके द्वारा रचित एक कविता–संग्रह अक्षरम् के लिए उन्हें सन् 1975 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उन्हें वर्ष 2007 के लिए ज्ञानपीठ पुरस्कार प्रदान किया गया जो भारत का सर्वोच्च साहित्यिक पुरस्कार है।
ओ एन. वी., मलयालम सिनेमा के के गीतकार भी थे। नाटकों और टीवी सिरियलों के लिए भी उन्होने बहुत से गीत लिखे। उन्हें 1998 में पद्मश्री तथा 2011 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। 2007 में उन्हें केरल विश्वविद्यालय, तिरुवनंतपुरम द्वारा डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। ओ एन. वी. को अपने वामपंथी झुकाव के लिए जाना जाता है।
प्रमुख काव्य संग्रह- अग्निशलभंगल, अक्षर, उप्पू, करुत्त पक्षियुडे पाट्टू, भूमिक्क ओरु चरम गीतम, गार्ग पक्षिकल, मृगया, अपराहनम, उज्जयिनी, स्वयंवर और भैयरवंडे तुडि। कविताओं से संबंधित दो निबंध संग्रह प्रकाशित।
पुरस्कार एवं सम्मान- कविता के लिये केरल साहित्य अकादमी पुरस्कार, केंद्र साहित्य अकादमी पुरस्कार, सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार, वयलार पुरस्कार, उललूर पुरस्कार, आशान पुरस्कार, ओडकुषल पुरस्कार, भारतीय भाषा परिषद पुरस्कार और जोषुवा पुरस्कार से सम्मानित। फ़िल्मी गीतकार के रुप में १२ बार केरल राज्य सरकार से पुरस्कृत। १९९८ में पद्मश्री से सम्मानित, २००७ के लिये प्रतिष्ठित भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित।

मलयाली कविता हिन्दी में : रूपांतरकार : अनिल जनविजय

मलयालम से हिंदी अनुवाद : एन० ई० विश्वनाथ अय्यर

मलयालम से हिंदी अनुवाद : एन.पी. कुट्टन पिल्लै