कर्म चन्द केसर Karam Chand Kesar

कर्म चन्द केसर (18-08-1969-)
पिता : श्री छतर सिंह, माता: श्रीमती लक्ष्मी देवी
जन्म स्थान: गांव कसौर (कैथल)
शिक्षा : एम.ए.,बी.एड.
व्यवसाय : अध्यापन
सम्प्रति : राजकीय विद्यालय में हिन्दी प्राध्यापक
रचना विधा : हिन्दी व हरियाणवी बोली में ग़ज़ल व कविता लेखन।
प्रकाशित पुस्तकें : 'कुणक', 'गुल्लर के फूल' (हरियाणवी ग़ज़ल संग्रह)
विशेष : पत्र-पत्रिकाओं में रचना प्रकाशन।
कवि सम्मेलन तथा काव्य गोष्ठियों में सहभागिता।
अनेक सामाजिक एवं साहित्यिक संस्थाओं द्वारा सम्मानित।
आकाशवाणी केंद्रों से काव्य पाठ
पता : गांव कसौर, डा०मस्तगढ़, तह०गुहला, जिला कैथल पिन-136035 (हरियाणा)
मोबाइल : 9354316065 , 9467794988 - अनुपिन्द्र सिंह अनूप

हरियाणवी ग़ज़लें : कर्म चन्द केसर

Haryanvi Ghazals : Karam Chand Kesar

  • जोबन कहर कमांदा देख्या
  • सीळी बाळ रात चान्दनी आए याद पिया
  • कलजुग के पहरे म्हं देक्खो
  • हालात तै मजबूर सूँ मैं
  • जीन्दे जी का मेल जिन्दगी
  • सादी भोली प्यारी माँ
  • नफरत नै भी प्रीत समझ ले
  • गलती इतनी भारी नां कर
  • कोय देख ल्यो मेहनत करकै
  • बुरे मणस का संग करै क्यूँ
  • दुक्ख की इसी होई बरसात
  • मुसाफिर जाग सवेरा होग्या
  • रुक्खाँ जिसा सुभा बणा ले
  • बुरी संगत म्हं जो भी पड़ग्या
  • बुराई तै बस वो बच्या सै
  • रहयी भारत माँ फटकार बखत
  • अफरा-तफरी मच रीह् सै संसार म्हं
  • अपणा फरज भुलावण लाग्गी
  • तखत बदलग्ये, ताज बदलग्ये
  • दिल की बात सुनाऊँ क्यूकर
  • राम नाम का कर ले जाप
  • देस्सी खाणा आच्छा लाग्या
  • हेल्ली-महल चबारे देक्खे
  • मेरे हालात नां पूच्छै
  • यार छोड़ तकरार की बातां
  • भूली बिसरी याद पराणी लिख द्यूं के
  • ठेकेदार का देक्खो हाजमा क्यूकर उनैं डकारे
  • दरद छिपाकै न्यूँ मुस्कराणा कितना मुसकल सै
  • अपणे दिल तै बात करकै देख कदे
  • बैर-बरोध मिट्या दिए सारे
  • खेच्चळ करदा-करदा मरग्या
  • आग बिरह की धधक रहयी सै
  • उसकै घरां अंधेरा सै इब
  • कर-करकै नैं करतब काळे बड़े-बड़े
  • इक झटके म्हं सारे रिश्ते तोड़ गए
  • बिस्वास का किला तो कदका ढह गया
  • चाल पड़्या दिलदार छोड़कै
  • जिसनैं लाग्गै डर दुनियां म्हं
  • ऊँ तो तूँ दिल तै दूर नहीं थी
  • पंचैत थी म्हारी सरकार, मेरै याद सै
  • ऊँच-नीच बड़-छोट बणाकै लोगां नैं
  • हरी फ़सल लहरावै खेत म्हं