दर्द भरी शायरी : यशु जान

Dard Bhari Hindi Shayari : Yashu Jaan

1.
ख़ुदा ने तुझे ऐसी कारीगरी से बनाया है,
दुनियां बनाने का आधा समय तुझ पर लगाया है,
यशु ने जब भी आईना देखा है मेरे महबूब,
उसे अपनी जगह तेरा ही चेहरा नजर आया है

2.
दूर हो ही गए हो तो अब पास मत होना,
ये तकदीर है मेरी रोज़ कुछ ना कुछ खोना,
यशु ढूंढ लेता था खुशी किसी और की ख़ुशी में,
मेरी किस्मत में लिख दिया तूने अब उमर भर का रोना

3.
मैंने दिल अपने की बात ना मानी होती,
ना ही इश्क़ में डूबी ये जवानी होती,
यशु ज़िन्दगी बसर कर रहा है बिन साये की,
काश मैंने तेरी असलियत पहचानी होती

4.
एक-दूसरे को जा रहे हैं दर्द दिए,
आँगन में बुझ रहे हैं जलते दिए,
पैरों के नीचे फूल देख हैरान यशु,
क्या यही हैं बंदे जो तूने पैदा किये

5.
बहुत समय लगता है किसी को समझाने के लिए,
गुलाब भी वक़्त लेता है आँगन को महकाने के लिए,
कामयाबी के लिए यशु ने उस्तादों की मार खाई है,
और धोख़े बहुत खाये हैं अकल पाने के लिए

6.
प्यार में किस पर लगाएं इलज़ाम जान,
कसूरवार वो होता है जिसने पहल की

7.
दुनियां में भेजने की गलती तो की तूने,
मेरी तकदीर मत लिखना मैं ख़ुद बना लूंगा

8.
ये एहसान है उनका उन्होंने ग़म दिए,
मैंने भी उनपर थे यारों सितम किए,
फर्क सिर्फ़ इतना था यशु जान,
उसने ज़्यादा दिए मैंने कम दिए

9.
मैं पहले इतराता था उसका मुझपर प्यार देखकर,
वो भी ख़ुश थे ख़ुद पर मेरा ऐतबार देखकर,
मैंने कहा यशु को प्यार में गम ही चाहिए,
हम हैरान हैं अब गमों की बौछार देखकर

10.
मैं कुछ ऐसा कर दिखाऊंगा,
मरने के बाद भी मिलने आऊंगा,
ऐसा करना मुनासिब है तेरे इश्क़ में जान,
जब तेरा भर जाएगा मन कबर में लौट जाऊंगा

11.
मेरे दिल के ज़ख्मों पे तेरा रोना मलहम हो गया,
मुझे मुड़कर ना देखना तेरे लिए कोई कसम हो गया,
पूछ रहे हो अब ‘जान’ से ज़िंदा हैं या मर गए,
जब सब कुछ हमारा ख़तम हो गया

12.
कभी हाथ फैलाकर किसी से मांगना रोटी,
फिर उसी हाथ से दिल खोलकर बांटना रोटी,
ख़ुद ही बीज यशु काटना ये ऐसी खेती है,
ज़िंदगी तो ऐसे ही इम्तिहान लेती है

13.
सुना जान एक ऐसा ठेका,
जहाँ ना मिले शराब,
कूद डूबकर पीले बन्दे,
भरा पड़ा तालाब

14.
ख़ुदा का लिखा बेशक मिटाना मुश्किल है,
उसकी कायनात के भेद का पार पाना मुश्किल है,
वो लिखदे ‘जान’ कुछ भी तेरी तकदीर में लेकिन,
जो लिख दिया फ़कीर ने मिटाना नामुमकिन है

15.
मेरी आँखों में आँखें डाल अगर तुझमें दम है,
वरना तेरा मेरा समझले ये प्यार ख़तम है,
किसी ने सच कहा है ‘जान’ ख़्वाबों में रहने वाले,
किसी की असलियत को पहचानते कम हैं

16.
तूने रुकावटें डालकर हद कर दिखाई है,
राहों में मुश्किल ‘यशु’ को आई ही आई है,
रोकने के लिए कोई और अब तू पैंतरा आज़मा,
हमने कांटों से चलने की कला पाई है

17.
बहुत सह लिए ज़ुल्म अब और नहीं,
रिश्ते बिगाड़ दिए हैं जिसने वो कोई गैर नहीं,
प्यार मुहब्बत तो सिर्फ़ अब किताबी बातें हैं ‘जान’,
मैं दिल्ली ना हो सका और तू लाहौर नहीं

18.
मुश्किल आने से पहले भांप लेना आदत है मेरी,
गरजती बिजलियों को बांध लेना आदत है मेरी,
तूफानों यशु को कमज़ोर मत समझ लेना,
आँखों से समंदर की गहराई नाप लेना आदत है मेरी

19.
मुझे फ़रक ना पड़ा दवा से ना दुआ से,
ऐसी इश्क़ की बीमारी लग गई है कहाँ से,
मुझे कुछ होश ही नहीं जान हो क्या रहा,
मैं वहीं पे खड़ा हूं आज चला था मैं जहाँ से

20.
मैंने कहा मौत से तेरी वजह से मेरी साँसें थमीं थीं,
मेरे दिल की धड़कन तेज़ थी आँखों में नमी थी,
जाते हुए ज़िन्दगी ने मुँह भी ना दिखाया ‘जान’,
सिर्फ़ इसी बात की ही तो कमी थी

21.
हम क्या बताएं ज़माने ने कितना लूटा है,
इतना लूटा दिल हर बार मेरा टूटा है,
ख़ुदा ने बिन पूछे तेरी किस्मत में मुझे लिख़ दिया,
‘जान’ आज लगा पता वो कितना बड़ा झूठा है

22.
हमने बिन तेल के दीये खूब जलाए हैं,
दुश्मनों के साथ भी त्योहार मनाये हैं,
लोगों ने सिर्फ़ खाएं होंगे धोखे,
मगर यशु ने धोखों से भी धोखे खाए हैं

23.
मैंने बहुत बार देखा है उस खुदा को,
हुए माशूक से किसी आशिक जुदा को,
माना कि आशिकों को उसने दर्द ही दिए यशु,
मगर कबूल भी करता सिर्फ आशिकों की दुआ को,

24.
तूने मेरे जिस दिल को ठुकरा रखा है,
मैंने उसी दिल में तेरा आशियाना बसा रखा है,
दिल तो करता है मरकर समा जाऊं इसमें यशु,
पर तूने मेरी मौत को भी ग़ुलाम बना रखा है

25.
मैं तेरे दिल में ना सही पर यादों में तो हूँ,
मैं तेरे लफ़्ज़ों में ना सही चल फ़रयादों में तो हूँ,
तुझसे दूर रहकर भी यशु तेरे इतना करीब हैं,
मैं तेरी हर बात में ना सही मगर वादों में तो हूँ|

26.
सुन ख़ुदा इतनी मुहब्बत उनके साथ हो,
मौत मेरी हो और ख़ंजर उनके हाथ हो,
'यशु' पहले मरे उनसे या बाद में 'जान'
सिर्फ़ इतना करना मेरी क़ब्र उनके पास हो |

27.
मैं एक सूरज हूँ चढ़ता ढलता रहूँगा,
सरकार कोई भी आये मैं यूँ ही चलता रहूँगा,
मेहनत करके ही कुछ मिलेगा किस्मत से ही नहीं,
राही हूँ मुश्किलों का 'यशु' गिरता संभलता रहूँगा

28.
वो देखते रहे हमें अजनबी बनकर,
दिल में समा गए मेरी आशिक़ी बनकर,
छोड़ के चले हैं 'यशु' मौत की आग़ोश में हमें,
कभी मिलते ते हमारी ज़िंदग़ी बनकर

29.
इश्क का रास्ता इतना आसान नहीं होता,
जान दे देने पर भी मेरी जान नहीं होता,
मरने पर रस्मों रिवाजों की ज़रूरत पड़ती नहीं यशु,
क्यूंकि मरने के बाद नसीब शमशान नहीं होता

30.
किस्मत अपनी को मैंने,
हावी कर दिया है ख़ुद पर,
अब वो बात नहीं मुझमें,
जो ढूंढ रहे हो तुम

31.
कभी मेरे दिल सही सलाह ना दी,
और ज़िंदगी ने जीने की वजह ना दी,
हम भी मनमर्जियां करते रहे यशु जान,
अंजामों की हमने भी कभी परवाह ना की

32.
बहुत से दर्द हैं जो दिखा नहीं सकता,
आपने हिस्से का ज़हर तुझे पिला नहीं सकता,
इतनी पाबंदियां लगा दीं हैं तूने जान,
चाह कर भी तेरे रास्ते में अब आ नहीं सकता

33.
मेहनत करे जो बंदा मुश्किलों से पार होता है,
जज़्बा जिसका दूसरों से बेमिसाल होता है
मंजिलें तो नज़दीक ही होती हैं जान,
सिर्फ़ रास्ता ही उनका घुमावदार होता है

34.
आम आदमी हो, बसपा हो, सत्ता किसी की भी हो,
काले सफ़ेद धन पे नज़र चाहे मोदी जी की हो,
तुझे तो कमाकर खानी पड़ेगी जान,
सरकार कांग्रेस की हो या बी जे पी की हो

35.
ऐ ढीठ इंसान मरना ही तेरा नसीब था,
ज़िद करना, फसना, सज़ा पाना तेरा अजीब था,
अकल तो तुझे तब ना आई यशु जान,
जब तू अपनी मौत के करीब था

36.
सुबह उठना और मुर्शिद को याद करना यही मेरी तकदीर हो जाए,
और सदा के लिए तू मेरी आँखों की तस्वीर हो जाए,
यशु जान को कदमों में सोने की जगह दे दो
इतनी रहमत करना के तेरा ये बंदा फ़कीर हो जाए

37.
रातों को हम क्यों सोते नहीं पूछते हो तुम,
इस बात पे हर दफ़ा ही रूठते हो तुम,
याद रखना यशु जान को भुला ना पाओगे,
हम सो गए जिस दिन फिर जगा ना पाओगे

38.
मैंने तेरे लिए बहुत कुछ किया,
तूने सिर्फ़ मेरा इस्तेमाल किया,
दिए मैंने प्यार के कुछ लम्हे तुझे,
तूने यशु मगर धोख़ा ही दिया

39.
मैंने तेरे जीने की दुआ की है,
मुहब्बत भी बेइंतहा की है,
बेवफ़ा होकर हमें बदनाम किया,
तूने कभी ना शर्म हया की है

40.
हरक़त तेरी ने तुझको मुझसे दूर कर दिया,
मेरे प्यार को ही मेरे लिए कसूर कर दिया,
‘जान’ तेरी ख़िदमत में कोई कमी क्या छोड़ दी,
तूने दिल पे ज़ख्म दे उसे नासूर कर दिया

41.
जो मेरे लिखे हुए लफ़्ज़ों की कदर नहीं करता,
मैं कभी उसके आसरे ज़िंदगी बसर नहीं करता,
पी तो सकते हैं यशु हाथों से ज़हर भी उनके,
मगर हकीक के पयालों में ज़हर असर नहीं करता

42.
अजीब सी कशिश है उनकी आंखों में यशु,
लूट लेना कोई इन्हीं से सीखे

43.
तेरे दर पे खड़ा हूँ कुछ कहने आया हूँ,
मत सोचना कि कुछ मांगने आया हूँ,
अपनी मेहनत से हिला दूंगा कायनात को,
तू सच है या झूठ ये परखने आया हूँ

44.
लोग उनकी शिकायत ख़ुदाह से करते हैं,
उनकी ख़ूबसूरती देख इस कदर जलते हैं,
वो जानते नहीं 'यशु' ख़ुदाह के फ़रिश्ते भी,
उनके क़दमों में गिरकर सजदा करते हैं

45.
ख़ुदा तेरा एहसान चुका रहा हूँ एक एहसान के बदले,
तू 'यशु' की ज़िन्दगी लेले उसकी एक मुस्कान के बदले

46.
सच्चा वो जो दूसरों को झूठा करदे,
अंधा वो जो देखकर अनदेखा करदे,
यशु जान हम क्या कहें किसी के बारे,
मुर्शिद वो जो बन्दे को मौला करदे

47.
अलग नहीं वो तेरे से,
तुझमें ही छिपकर है बैठा,
शीशे में ग़ौर से देखले ‘जान’,
शायद हो तेरे जैसा

48.
बाहर कहाँ तू ढूंढे ‘जान’,
दोज़ख यहीं है जन्नत यहीं है

49.
जो प्यार के लफ़ज़ों को मुँह में पालते हैं,
दोस्ती यारी को चालाकी से संभालते हैं,
ऐसे बन्दों से बचकर रहना यशु जान,
वो इज़्ज़तों को सिक्के की तरह उछालते हैं

50.
हम किसी दिन इस तरह से लेटेंगे,
लोग रोएंगे और हमको देखेंगे,
चाहने वाले तो यशु बोलते रहेंगे,
पर हम कभी ना उठकर ही अलविदा कहेंगे

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