Akkitham Achuthan Namboothiri

अक्कित्तम अच्युतन नंबूदिरी

मलयालम कवि अक्कितम अच्युतन नंबूदरी (8 मार्च 1926-15 अक्टूबर 2020) का जन्म केरल के पलक्कड़ के कुमारानेल्लोर गांव में हुआ था। बचपन में ही उन्होंने संस्कृत, संगीत और ज्योतिषशास्त्र की शिक्षा ली। उन्होंने इसी गांव के एक सरकारी स्कूल में पढ़ाई की। नंबूदिरी को दर्शन का कवि माना जाता है और वे प्रेम की शक्ति में यकीन करने वाले कवि थे। अपनी कविताओं में उन्होंन प्रत्येक वस्तु के प्रति प्रेम प्रदर्शन करने की वकालत की है। कवि होने के साथ-साथ उन्होंने पत्रकार के रूप में भी अपनी सेवाएं दीं। और बचपन से ही उनकी रुचि साहित्य और कला की ओर थी। कविता के अलावा अक्कितम ने नाटक और उपन्यास भी लिखे हैं।महाकवि नंबूदिरी ने अपने पूरे जीवनकाल में कुल 47 किताबें लिखीं। कविताओं के अलावा उन्होंने नाटक, लघु कथाएं, निबंध भी लिखे। उनकी कुछ विख्यात रचनाओं में “वीरवाडम”, “बालदर्शनम्”, “निमिषा क्षेतराम”, “अमृता खटिका”, “अक्चितम कवितातक्का”, “महाकाव्य ऑफ ट्वेंटीथ सेंचुरी” और “एंटीक्लेमम” शामिल हैं । ज्ञानपीठ पुरस्कार पाने वाले वे छठे मलयाली कवि हुए। साथ ही उन्हें पद्म श्री से भी सम्मानित किया गया। इनके द्वारा रचित कविता–संग्रह बालिदर्शनम् के लिये उन्हें सन् 1973 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। केरल साहित्य अकादमी पुरस्कार (दो बार) मातृभूमि पुरस्कार, वायलर पुरस्कार और कबीर सम्मान से भी नवाजा जा चुका है।

मलयालम कविता हिन्दी में : अक्कित्तम अच्युतन नंबूदिरी

Malayalam Poetry in Hindi : Akkitham Achuthan Namboothiri