हरियाणवी कविता : रामकिशन व्यास

Haryanvi Poetry : Ramkishan Vyas


आजादी खातर हिन्दवालो नै

आजादी खातर हिन्दवालो नै ब्होत मुसिबत ठाई, क्यूं द्यो सो बुराई तिलक गोखले और मालावी नारोजी परेशान हुऐ नाना साहिब अजीमुलाखाँ क्रान्ति के इन्सान हुऐ सन् अठारा सौ सतावन मैं दो देश भक्त बलिदान हुऐ मंगल पाण्डे तात्याँ टोपे हिन्द खातिर कुर्बान हुऐ आजादी के बदले उनको फाँसी की सजा सुणाई सन् उन्नीस सौ उन्नीस में एक कष्ट हिन्द पै आया था रोल्ट एक्ट अंग्रेजो नैं भारत में नया चलाया था जलिया वाळे बाग मैं भाईयो जलशा एक रचाया था जनरल पापी डायर नैं जलशे में जुल्म कुमाया था मारे गये हजारों बच्चे भारत के लोग लुगाई सन् अठाईस में अंग्रेज कमिशन ले लाहौर में आऐ थे लाला लाजपत नै उनको काळे झण्डे दिखाये थे सान्डरस की लाठी से लाला मरे लाजपत राय थे राजगुरू सुखदेव भगत सिंह शेखर संग बतलाये थे उन चारों नै मार दिया वो साण्डरस अन्याई बटुकेश्वरदत भगत सिंह नै हिन्द के लिए कमाल किया आठ, चार सन् उनतीस को असैम्बली में बम्ब बगा दिया नही भागणे पाये पुलिस नै उन दोनों को पकड़ लिया तेईस मार्च इक्तीस को भारत का गया काँप हिया राजगुरू, सुखदेव, भगत सिंह फाँसी पै चढग़े भाई तेईस दो सन् इकतीस मैं चन्द्रशेखर इलहाबाद गये लिये पुलिस नै घेर आप से मर शेखर आजाद गये सन् चालिस मैं आजादी की नेता बाँध बुनियाद गये सन् बीयालिस में आई. एन. ए. के नेता बण उस्ताद गये रामकिशन आजादी मिलगी नेता जी दिये ना दिखाई

कम्मों- पाकिस्तान नहीं चालूं

कम्मों- पाकिस्तान नहीं चालूं क्यूं सहम करो धिंगताणा दरोगा- अमृतसर म्हं रहै नहीं सकती तन्नै पड़े लाजमी जाणा कम्मों- अमृतसर तैं चलणे का मेरा कती विचार नहीं सै दरोगा- हिन्द देश म्हं रहणे की कम्मों हकदार नहीं सै कम्मों- कोण काढ़ दे हिन्द देश तैं के मेरा घरबार नहीं सै दरोगा- पाकिस्तान बिना तेरी अड़ै बिल्कुल ठहार नहीं सै कम्मों- कितका पाकिस्तान बण्या मेरा छुटग्या न्हाणा खाणा दरोगा- क्यूं पछतावै कम्मों गया बख्त हाथ नहीं आणा कम्मों- कोण सख्श था भारत का जो पाकिस्तान बणाग्या दरोगा- लन्दन का था चालबाज चर्चिल बेईमान बणाग्या कम्मों- हिन्दू मुस्लिम लड़ मरग्ये काफी नुकसान बणाग्या दरोगा- हिन्दू मुस्लिम के वा रद्दों बदल मकान बणाग्या कम्मों- चर्चिल जैसा चाहिए था गोली गेल्यां मरवाणा दरोगा- थे नर नार गुलाम हिन्द म्हं था जब राज पुराणा कम्मों- आपस के म्हं फू ट पड़ी प्यारयां के प्यार टूट गये दरोगा- फूट खिण्डा लन्दन आळे भारत म्हं बहार लुटग्ये कम्मों- पाकिस्तान हिन्द म्हं इब कोण से हकदार छूटग्ये दरोगा- पाकिस्तान म्हं जिन्ना हिन्द म्हं वीर जवाहर उठग्ये कम्मों- पाकिस्तान आळां नै चाहिए हिन्द तैं मेल मिलाणा दरोगा- जुग पाटण तै श्यार मरै सब जाणै याणा स्याणा कम्मों- दरोगा जी मैं बुझूं कैसा पाकिस्तान वहां सै दरोगा- मिस्टर जिन्ना नवाब ब्यास कह मुसलमान वहां सै कम्मों- के रामकिशन नारनौंदिए कैसा खान-पान वहां सै दरोगा- गेहूं चावल का खाणा नूण सिन्धां की खान वहां सै कम्मों- कोण जगह पर छोड़ोगे मन्ने चाहिए पता बताणा दरोगा- छ: नम्बर तम्बु लाहौर म्हं होणा तेरा ठिकाणा

कर्जे दाखिल दे लाला

कर्जे दाखिल दे लाला मन्नै पूरे पांच सै ब्याह करणा कम्मों बेटी मेरी हुई जवान सै करै दया दे दिए मांगू आज रूपये मैं ब्याह म्हं चाहिए ना मांगू आज रूपये मैं छटे महीने दे दयूंगी तेरे ब्याज रूपये मैं आपणी तेरी नहीं बिगाडूं ल्हाज रूपये मैं ना पुग्गे तो खोस लिए जो मेरा मकान सै ना काफी जायदाद मेरै चाहे लिखवा ले लाला जोणसे सैं तेरे मुनीम भेज कै दिखवा ले लाला बही मंगा के अंगुठा मेरा टिकवा ले लाला उतरी जा सै इज्जत तेरी रखवा ले लाला जिन्दगी भर ना भूलूं यो तेरा जबर अहसान सै पांच सात दस दिन म्हं ब्याह मन्नै करणा कम्मों का फिक्का लागै बालम बिन सिंगरणा कम्मों का मेरै सिर तैं चाहिए फरज उतरणा कम्मों का बिना पति ना गति सहम हो मरणा कम्मों का बिन बालम कम्मों की जिन्दगी हुई बिरान सै अठारा साल की बेटी घरां कंवारी कम्मों सै ब्यास कहे बिन बालम दुखी विचारी कम्मों सै कामदेव न तंग करी दुख ठाहरी कम्मों सै बेट्यां तैं भी ज्यादा बेटी प्यारी कम्मों सै रामकिशन नारनौंदिए यो मेरा सही अलान सै

कह रहा मनियारा हो कोई

कह रहा मनियारा हो कोई चूड़ी पहरण वाळी लाल चूड़ी नाभी चूड़ी हरी चूड़ी रंग देखो नीली ओर सुनहरी चूड़ी हरी चूड़ी संग देखो मोतिया अंगूरी चूड़ी सब नै करती दंग देखो खाकी और आसमानी चूड़ी गुलाबी का ढंग देखो तितर पंखी बासन्ती चूड़ी का कैसा अंग देखो नारंगी तरबूजी चूड़ी मौकळी और तंग देखो रंग गिणा दूं अठारह चूड़ी पीळी धौळी काळी चूड़ी की चिताई करी सारे करकै गौर देखो चूड़ी पै जिठानी जेठ भाभी और द्योर देखो चूडिय़ों पै तोता मैना बुलबुल करती शोर देखो कोयल और पपीहा चूड़ी ऊपर नाचै मोर देखो चूड़ी ऊपर फूल भौंरा चांद ओर चकोर देखो चूड़ी पै लिखा फूल हजारा किते बाग किते माळी चूड़ी पै तस्वीर तारी सारी न्यारी न्यारी देखो चूड़ी ऊपर नेजू डोल कुआ और पनिहारी देखो चूडिय़ों पै हाथी घोड़े बैठी दुनिया सारी देखो चूड़ी ऊपर रायफल, भाला, चालै किरच कटारी देखो चूडिय़ों पै रामलखन सीता जी उतारी देखो चूड़ी ऊपर कृष्ण जी की कुब्जा गेल्या यारी देखो चूड़ी पै जा आशिक मार्या इनकी अदा न्यारी देखो चूड़ी पै दयानन्द ऋषि नारों तिलक पास देखो चूड़ी ऊपर मालवीय और गोखले कर ख्यास देखो चूड़ी पै भगत सिंह नेता भारत मां का दास देखो चूड़ी पै जवाहरलाल, गांधी और सुभाष देखो चूड़ी पै पटेल नेता श्री जयप्रकाश देखो चूड़ी ऊपर सांग करता नारनौंद वाला ब्यास देखो चूड़ी का लगै चमकारा जब जा नहीं होश सम्भाळी

सुणो पिताजी मनै किशन भाई से

सुणो पिताजी मनै किशन भाई से न्यारा करदे जो कुछ घर मै चीज म्हारी अलग बांट के धरदे न्यारे नहीं हुऐंगे तो घर में राड़ कसुती जागै ईब सीर मै नहीं निभै चाहे कितना दुख हो आगै मूस्सल तै के डर लागै जीब ऊखल के म्हां सिर दे मन मौती और दुध बताया इनका एक सुभा से पाटे पिछे फेर मिले ना यो कुदरत का न्या सै न्यूके दुख देख्या जा सै टुकड़ा सब ने ईश्वर दे कलह काल का बासा हो सब दुनिया कहती आई ना कोऐ ल्याता देख्या ना कोए लेगा गैल कमाई ना चाहिये कौडी पाई मने अलग बसण नै घर दे पिता सीर मै रहणे का मेरा आज हो लिया टाळा रामकिशन न्यूं कहर्या सै यो ब्यास नारनौंद वाळा वो के भाई साळा जड़ भाई की जो आप कतर दे

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