विनायकी : बुन्देली लोकगीत

Vinayaki : Bundeli Lok Geet

	

मेरौ पूनौ जैसो चंद बना

(बारात प्रस्थान के दिन दूल्हे की पूरी वेश-भूषा में लड़के का गाँव में घूमना) मेरौ पूनौ जैसो चंद बना जग कौ उजियारो रे। बना की सासो ने दै राखौ माथे कौं सैरो। बाँधो बाँधो रे हजारी बनरा क्या छवि सोहै रे। मेरौ पूनो जैसो चंद बना जग कौ उजियारो रे। मेरौ सब भैयन सरदार बना कौ क्या छवि सोहै रे। मेरौ पूनौ जैसो चंद बना जग कौ उजियारो रे।

बना के अँगना गेंदी फूल

बना के अँगना गेंदी फूल कुसुंभ रंग फीकौ लागौ रे बना के आजुल सजी है बरात सजन घर हलचल कंपै रे। बना के सज गए तबल निसान पतुरिया ठमुका नाचै रे। बना के दारू गोला साथ हवाई छूटत जावै रे। बना के बाबुल सजी है बरात सजन घर हलचल कंपै रे। बना के सज गए तबल...हवाई छूटत जावे रे।

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