समधी की विदा : बुन्देली लोकगीत

Samdhi Ki Vida : Bundeli Lok Geet

	

सजनन सें मिलन भए आज

सजनन सें मिलन भए आज हितुअन सें मिलन भए आज। तुम तो सजन मोरे भाग भगौरे तुमसें सजना मेरे मिलन भए आज। तुमरी चुनरी समधिन एक टका की। सो मेरो सेला रे परगने का मोल। सजनन से मिलन भए... तुमरो लहँगा समधिन एक टका कौ सो मोरी धोती रे परगने को मोल।

जान न देहौं सजन खों

जान न देहौं सजन खों जान न देहौं। घुँघटन में विलमाहौ सजन खों जान न देहौं। नैनन में विलमाहौ सजन खों जान न देहौं। अरे जान न... चोली में समाहौ सजन खों सजन खों जान न देहौं। अंकन में समैटो सजन खों जान न देहौं। जान न देहौं सजन खों जान न देहौं।

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