सामा-चकेबा : मैथिली लोकगीत

Sama-Chakeba : Maithili Lokgeet

सामा-चकेवा लोकनाट्य बिहार में प्रत्येक वर्ष कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी से पूर्णिमा तक किया जाता है। इस लोकनाट्य में कुमारी कन्याएँ अभिनय प्रस्तुत करती हैं, जिसमें मुख्य रूप से 'सामा' (श्यामा) और 'चकेवा' की भूमिकाएँ निभायी जाती हैं। इसमें सामूहिक रूप से गाए जाने वाले गीतों के माध्यम से प्रश्नोत्तर शैली में विषयवस्तु प्रस्तुत की जाती है।

	

आ गे डिहुली, आ गे डिहुली

आ गे डिहुली, आ गे डिहुली सामा जाइ छै ससुरा किछु गहनो चाही गे डिहुली आ गे डिहुली, आ गे डिहुली धऽ ला सोनरबा के गढ़ाइये देबौ गे डीहुली सामा जाइ छै ससुरा किछु पौती चाही गे डीहुली आ गे डीहुली, आ गे डीहुली धऽ ला डोमिनियाँ के बुनबाइये देबौ गे डीहुली सामा जाइ छै ससुरा किछु सेनुर चाही गे डीहुली आ गे डिहुली, आ गे डिहुली धऽ ला पटतिबनियाँ के किनिय देबो गे डिहुली आ गे डिहुली, आ गे डिहुली

आजु वृन्दावन मे बंसिया बजाबे हे

आजु वृन्दावन मे बंसिया बजाबे हे बंसिया शब्द सुनि राधा दौड़ल आबे हे राधा गेली दही बेचऽ कृष्ण कयलनि चोरी हे आजु वृन्दावन मे बंसिया बजाबे हे

कथी केर घोड़बा कथी केर लगमुआ

कथी केर घोड़बा कथी केर लगमुआ कथीए चढ़ि हमरो भइया जयता ससुररिया सोना केर घोड़बा, रूपे केर लगमुआं ताहि चढ़ि हे हमरो भइया जयता ससुररिया माटी केर हे घोड़बा, जउड़े लगमुआं ताहि चढ़ि हे चुगिया भरूआ जेता घासचरिया

कौने भइया रोपल आमुन-जामुन

कौने भइया रोपल आमुन-जामुन कौने भइया रोपल गुलाब गे माइ कौने भइया रोपल अड़हुल फुलबा तोड़ि-तोड़ि सामा के चढ़ाएब गे माइ फलां भइया रोपल आमुन-जामुन फलां भइया रोपल गुलाब गे माइ फलां भइया रोपल अड़हुल फुलबा तोड़ि-तोड़ि सामा के चढ़ाएब गे माइ कथी डाली तोड़ब आमुन जामुन कथी डाली तोड़ब गुलाब गे माइ कथी डाली तोडू़ अड़हुल फुलबा तोड़ि-तोड़ि सामा के चढ़ाएब गे माइ सीकी डाली तोड़ब आमुन जामुन रूपे डाली तोड़ब गुलाब गे माइ सौने डाली तोड़ब अड़हुल फुलबा तोड़ि-तोड़ि सामा के चढ़ाएब गे माइ जुगे-जुगे जीबथु भइया दुलरुआ भउजीक बढ़नु अहिबात गे माइ

गाम के अधिकारी तोहे फलां

गाम के अधिकारी तोहे फलां भइया हे भइया हे हाथ दस पोखरि बना दैह चम्पा फूल लगा दैह हे भइया लोढ़ल भउजो हार गांथू हे आहे सेहो हार पहिरथु फलां बहिनो सामा चकेबा खेल करू हे कहमा बझाएब वन तितिर हे आहे कहमा बझाएब राजा हंस चकेबा बहिनो खेल करू हे जाले बझाएब वन तितिर हे आहे बकुली बझाएब राजा हंस चकेबा बहिनो खेल करू हे गाम के अधिकारी तोहें फलां भइया हे भइया हाथ दस पोखरि बना दैह चम्पा फूल लगा दैह हे

गे माइ अरही बन सँ खरही

गे माइ अरही बन सँ खरही कटाओल वृन्दावन बिट बाँस गे माई ताहि बाँस के बंगला छड़ाओल झिहिर झिहिर बहय बसात गे माइ ताहि पैसि सुतला भइया से फलां भइया आबि गेल आलसक नीन गे माइ उठबय गेलथिन बहिनो से फलां बहिनो उठू भइया भए गेल परात गे माइ एहन दोचारिनि ननदि कतहु नहि देखल आधे राति कहय परात

गे माइ कौने भइया जयता

गे माइ कौने भइया जयता अटना पटना कौने भइया जयता मुंगेर गे माइ कौने भइया शहर दरभंगा कौने भइया जयता मनेर गे माइ फलां भइया जयता अटना पटना फलां भइया जयता मुंगेर गे माइ फलां भइया जयता शहर दरभंगा फलां भइया जयता मनेर गे माइ फलां भइया लौता आलरि-झालरि फलां भइया लौता पटोर गे माइ फलां भइया लौता झिलमिल केचुआ फलां भइया कामी सिन्दूर गे माइ फलां बहिनो पहिरथु आलरि झालरि फलां बहिनो पहिरथु पटोर गे माइ फलां बहिनो पहिरथु झिलमिल केचुआ फलां बहिनो कामी सिन्दूर सामा खेलाय बहिनो आशीष देलनि जगे-जगे जीबथु भइया मोर

डाला लऽ बहार भेली बहिनो से

डाला लऽ बहार भेली बहिनो से मुन्नी बहिनो अप्पु भैया लेल डाला छीन सुनू राम सजनी दुरबा बैसल अहाँ बाबा हे बरइता अहाँक बेटा लेल डाला छीन सुनू राम सजनी कथीये के आहे बेटी डाला तोहर छल कथिये सजाओल चारू कोर सुनु राम सजनी कांचहि बाँस केर डाला हे बाबा हमर फुलबा सजाओल चारू कोर सुनु राम सजनी दय दही आरे बेटा बहिनिक डाला सामा खेलऽ जायत बड़ी दूर सुनू राम सजनी जँ तोहेँ आहे दिदिया डाला दय देब हमरा के की देब दान सुनू राम सजनी घोड़बा चढ़न देब, पोथी पढ़न देब छोटकी ननदि करब दान सुनू राम सजनी

दुभिया भोजन करू सामा

दुभिया भोजन करू सामा हे चकेबा लागि गेल पान केर दोकान गे माइ सेहो पान खयलनि भइया से फल्लां भइया रंगि गेल बत्तीसो मुख दाँत गे माइ दुभिया भोजन करू सामा हे चकेबा लागि गेल सिनूरक दोकान गे माइ सेहो सिनूर पहिरथु भउजो से ऐहब भउजो जुगे - जुगे बढ़नु अहिबात गे माइ दुभिया भोजन करू सामा हे चकेबा लागि गेल टिकुली केर दोकान गे माइ सेहो टिकुली पहिरथु बहिनो से फलां बहिनो झलकैत जाथु ससुरारि गे माइ झलकैत जाथु ससुरारि

नदिया के तीरे-तीरे फलां भइया

नदिया के तीरे-तीरे फलां भइया खेलथि शिकार गे माइ जा कए कहियनु फलां बहिनो हे आजु भइया औता मेहमान गे माइ नहि मोरा कोठी अरबा चाउर पनबसना नहि गूआ-पान गे माइ कौने विधि राखब भइयाक मान गे माइ अछि मोरा कोठी अरबा चाउर तमोलिन मंगाएब गुआ-पान आगे माइ ताहि विधि राखब भइयाक मान गाइक गोबर आंगन निपाएब मधुर राखब मंगाइ गे माइ ताहि विधि राखब भइयाक मान

सोनमा फुलेबै हम फलां भइया

सोनमा फुलेबै हम फलां भइया रे बाड़ी हे ओहि रे बाड़ी हे चकेबा मोरा भेटलनि हे ओहि रे बाड़ी आगि लगेबै हम चुगिला भरूआ के बाड़ी हे आहि रे बाड़ी हे चकेबा मोर हेरयली हे ओहि रे बाड़ी

साम चक साम चक अबिहऽ हे

साम चक साम चक अबिहऽ हे अबिहऽ हे कूर खेतमे बैसिहऽ हे बैसहिऽ हे सभ रंग पटिया ओछबिहऽ हे ओछबिहऽ हे ओहि पटिया पर कय-कय जना कय-कय जना छोट-बड़े नबो जना नबो जना एक-एक जना के कय-कय पुरी कय-कय पुरी एक-एक जना के सात-सता पुरी सात-सात पुरी साम-चक साम-चक अबिहऽ हे अबिहऽ हे कूर खेत मे बैसिहऽ हे ढेपा फोड़ि-फोड़ि खइहऽ हे सीत पी-पी रहिहऽ हे आसिस भाइ के दीहऽ हे अगिला साल पुनि अबिहऽ हे

सामा खेलऽ गेलौं माइ हे नितेश भैया

सामा खेलऽ गेलौं माइ हे नितेश भैया आंगन आहे, कनियां भौजी लेलनि लुलुआय कि ननदि कतऽ अयलौं हे जुनि लुलुआउ हे भौजो, जुनि पढ़ू गारि आहे जाबत रहबै माय-बाप राजमे ताबत खेलब सामा हे आहे माय-बापक राज जहिया छुटि जेतै हमरो छुटि जैते तोहरो आंगन हे आहे, जाबत रहबै माय-बाप राजमे सामा खेलऽ आयब हे आहे, एतबा वचन जे सुनल मोर भइया मारल बरछी घुमाय कि बहिन मोर पाहुन रे

सामा फेरलो ने जाय

सामा फेरलो ने जाय गे माइ कोना कऽ कथी केर नाव नवेरिया कथी करुआरि कथीए चढ़ि हमर भइया जयता ससुरारि सामा फेरलो ने जाइ गे माइ कोना कऽ सोना केर नाव नवेरिया रूपे करुआरि ताहि चढ़ि हमर भइया जयता ससुरारि कथी केर नाव नवेरिया कथी करुआरि कथी चढ़ि चुगिला भरुआ जयता भनसारि काठ केर नाव नवेरिया बांसे करुआरि ताही चढ़ि चुगिला भरुआ जयता भनसारि सामा फेरलो ने जाय गे माइ कोना कऽ

हम्मर भइया कइसे आबय

हम्मर भइया कइसे आबय? हाथी पर बइसल आबय पान ठोर रंगैत आबय रुमाले मुह पोछैत आबय कंघीये केस थकरैत आबय चुगिला भरुआ कइसे आबय? गदहा पर बइसल आबय कोइले ठोर रंगैत आबय खापड़ि मुह पोछैत आबय झारुये केस थकरैत आबय हमर भउजो कइसे आबय? पालकी बैसि हँसैत आबय सेनुर मांग करैत आबय अयना मुह देखैत आबय चुगिलाक मौगी कइसे आबय? खटुली चढ़ल भरछूही आबय कोइला मांग करैत आबय तरबा मुह देखैत आबय

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