फागु : मैथिली लोकगीत

Phagu : Maithili Lokgeet

	

आब चलहुँ कुँवर हो खेलन होरी

आब चलहुँ कुँवर हो खेलन होरी जहाँ राधे श्याम बनल जोड़ी अपने - अपने घर सँ निकसी मोतियन माँ भरे गोरी, आब चलहुँ... श्याम के हाथ रंग - पिचकारी राधा के हाथ अबीर झोरी, आब चलहुँ... सूरदास प्रभु तुम्हरे दरस के रंग खेलहुँ बलजोरी, आब चलहुँ... यमुना तट, यमुना तट श्याम खेलै होरी, यमुना तट... सब सखियन मिलि जमुना नहइहौं सबहक चीर भये चोरी, यमुना तट... सब सखियन मिलिी गोर लगतु छथि चीर दिऔ हमर जोड़ी, यमुना तट... श्याम के हाथ रंग - पिचकारी बोड़ि देलनि हमर चुनरी, यमुना तट... यमुना तट, यमुना तट श्याम खेलै होरी, यमुना तट

तुम्हरे संग नहि खेलब होरी

तुम्हरे संग नहि खेलब होरी, तुम्हरे संग फागुन मे हम फगुआ खेलायब चैत खेलब बरजोरी, तुम्हरे संग... बैसाखहिमे सखि गरमी लगतु हैं जेठक गर्म मचे होरी, तुम्हरे संग... आषाढ़ में सखि रिमझिम वर्षा साओन सर्व मचे होरी, तुम्हरे संग... भादवमे सखि निशि अन्धी रतिया आसिन आस पूरल होली, तुम्हरे संग... कार्तिक कनत नहि आएल सखि हे अगहन धान मचे होरी, तुम्हरे संग... पूसक जाड़ हाड़ मोर कांपे माघक सर्द मचे होरी, तुम्हरे संग...

परदेसिया के नारि सदा दुखिया

परदेसिया के नारि सदा दुखिया, परदेशिया चारि महीना के गरमी लगतु हैं कहियो ने सुतलौं डोला के बेनिया, परदेशिया चरि महीना बुन्द पड़तु हैं कहियो ने सुतलौं छेबा के बंगला, परदेशिया चारि महीना जाड़ लगतु हैं कहियो ने सुतलौं भरा के सिरका परदेसिया के नारि सदा दुखिया, परदेशिया

परदेशिया के धोतिया रंगा दे

परदेशिया के धोतिया रंगा दे गोरिया जब परदेशिया नगर बिच आयल सिकिया से अंगना बहारे गोरिया, परदेशिया जब परदेशिया दरबज्जा बिच आयल दूध से अंगना निपाबे गोरिया, परदेशिया जब परदेशिया अंगना बिच आयल दूध से चरण पखारे गोरिया, परदेशिया जब परदेशिया असौरा बिच आयल जल्दी से पुरिया छनाबे गोरिया, परदेशिया जब परदेशिया घर बिच आयल पलंगा पर तकिया लगाबे गोरिया, परदेशिया

प्रीतम श्याम बिनु दुख कतेक दिन

प्रीतम श्याम बिनु दुख कतेक दिन करब कथी बिनु सुन भेल वन के हरिनियां कथ बिनु झामरि देह प्रीतम श्याम बिनु दुख कतेक दिन करब खढ़ बिनु सुन भेल बनकेँ हरिनियाँ पहु बिनु झामरि देह प्रीतम श्याम बिनु दुख कतेक दिन करब खाट तुराइ सेहो भेल सपना भुइयां लोटे नामी-नामी केश प्रीतम श्याम बिनु दुख कतेक दिन करब तेल फुलेल सेहो भेल सपना भस्म भुइयां लोटत इहो केश प्रीतम श्याम बिनु दुख कतेक दिन करब सूरदास प्रभु तोहरे दरस के ईहो फागुन दिन चारि प्रीतम श्याम बिनु दुख कतेक दिन करब

ब्रजमंडल रास रचाबे रसिया

ब्रजमंडल रास रचाबे रसिया ओहि रे ब्रजमंडल मोर बहुत छै कुहकय मोरफटत छतिया, ब्रजमंडल... ओहि रे ब्रजमंडल पपीहा बहुत छै पिहुकत पपीहा फटत छतिया, ब्रजमंडल... ओहि रे ब्रजमंडल गौआ बहुत छै दुहत दूध मटुक मटुकिया, ब्रजमंडल... ओहि रे ब्रजमंडल नारि बहुत छै खेलत होरी ब्रज रसिया ब्रजमंडल रास रचाबे रसिया

बहुरिया खोलू ने केबरिया

बहुरिया खोलू ने केबरिया, अहाँ संग खेलब अबीर किनका के हाथ कनक पिचकारी, किनका के हाथ अबीर रामक हाथ कनक पिचकारी, सियाजीक हाथ अबीर किनका के पहिरन पियर पिताम्बर, किनका के पहिरन चीर रामजी के पहिरन पियर पिताम्बर, सियाजी के पहिरन चीर

बाबाजी के बगियामे कुसुम फूल

बाबाजी के बगियामे कुसुम फूल, फूल फुलय कचनार लाल रंग होरी ओ ब्रजहोरी हो फूल लोढ़य गेली सुन्नरि, रंग होरी जो ब्रजहोरी बेसरि लटकल डारि कानय लगली खीजय लगली सुन्नरि, रंग होरी ओ ब्रजहोरी के देत बेसरि उतारि घोड़बा चढ़ल ननदोसी आबय, रंग होरी ओ ब्रजहोरी हम देब बेसरि उतारि जौं तोरा बेसरि उतारि देब, रंग होरी ओ ब्रजहोरी हमरो के कीये देब दान हो तोहरो के देब हाथ मुनरी, रंग होरी ओ ब्रजहोरी आओर देब गृमहार डाहब जाड़ब हाथ मुनरी, रंग होरी ओ ब्रजहोरी समुद्र भसायब गृमहार लेबहुमे लेबहु ओहो दुनू यौवना जाहि सँ खेलब सारी राति, रंग होरी ओ ब्रजहोरी

माघक जाड़ निरायल, रंग होरी

माघक जाड़ निरायल, रंग होरी ओ ब्रज होरी हो मोरो पिया चोलिया सियाबय, लाल रंग होरी कय रग चोलिया सियाबय, रंग होरी ब्रज होरी हो कय रंग फुदना लगाबय, लाल रंग होरी आठे रंग चोलिया सियाबय, रंग होरी ब्रज होरी हो नओ रंग फुदना लगाबय, लाल रंग होरी सेहो चोलिया पहिरथु सुन्नरि, लाल रंग होरी पहिरि चलू लट झारि, लाल रंग होरी

माघ मास सिरपंचमी, रंग होरी

माघ मास सिरपंचमी, रंग होरी ओ ब्रज होरी हो भोर सँ मचय घामार लाल रंग होरी ओ ब्रज होरी हो ककरा सँ लिखनी लिखाय ककरा पठायब केये जायत हुनि पास, खबरि हम पायब कयथे सँ लिखनी लिखायब, हजमा पठायब देओर जायत हुनि पास, खबरि हम पायब

मिथिला में राम खेलथि होरी

मिथिला में राम खेलथि होरी अबीर गुलाल कुमकुम केसर सखियन के सोभे नकबेसर हाथ में लेलन अबीर झोरी, मिथिला में... आजू जनकपूर रंग में सनल मैथिल हिया आनन्द समायल सब देखे प्रेमक टोली, मिथिला में... सीता राम छवि अति प्यारी नवल बसंतक महिमा न्यारी युगल सरस मन की भोरी हो, मिथिला में...

रंग घोरू ने प्रिय मिथिला के गोरी

रंग घोरू ने प्रिय मिथिला के गोरी मिथिला के कुल-रीति एहन थिक खेलत फागु सबै जोड़ी, रंग घोरू... किनका हाथ कनक पिचकारी किनका हाथ अबिर झोरी, रंग घोरू... रामजी के हाथ कनक पिचकारी सखियन हाथ अबिर झोरी, रंग घोरू... खेलत फागु रंग - रस मातल मिलत गले एक-एक टोली, रंग घोरू...

श्याम रंग दुलहा, दुलहिन गोरी

श्याम रंग दुलहा, दुलहिन गोरी युग-युग बनल रहय जोड़ी, युग-युग बनल रहय युगल जोड़ी रामजी के माथे शोभय मुकुटबा सियाजी के शोभय पटोर जोड़ी, युग-युग बनल रहय युगल जोड़ी सियाजी के माँग मके शोभय सिन्दुरबा रामजी के भाल तिलक रोरी, युग-युग बनल रहय युगल जोड़ी श्याम रंगे दुल्हा दुलहिन गोरी

होरी केये संग खेलब माधव

होरी केये संग खेलब माधव हमरो विदेश अपनो ने आबथि, लिखि ने पठाबथि लिखियो ने भेजथि उदेश, होरी केये संग होरी केये संग खेलब, माधव हमरो विदेश केये संग रंग मचाउ हे सखि आब तऽ होरी बीति गेल, होरी केये संग होरी केये संग खेलब, माधव हमरो विदेश बृन्दावनमे कुंजगलिन मे केये मोर करत उदेस, होरी केये संग होरी केये संग खेलब, माधब हमरो विदेश राधा करत उदेश, होरी केये संग होरी केये संग खेलब, माधव हमरो विदेश

होरीमे लाज ने करू गोरी, होरी मे... हम ब्रजकेँ रसिया तो गोरी करे मिलान इहो जोरी, होरीमे, होरीमे... जे हमरा सौं होरी नहि खेलय खेलब रंग बरजोरी, होरीमे, होरीमे... सूरदास जी कहथि कृष्ण सँ छुटलनि राधा गोरी, होरीमे, होरीमे...

होरी रंग महलमे खेलत अवध नरेश अतर गुलाल अबीरक झोरी, लखन सहित जगदीश आनन्द अति छाय हृदयमे, खेलत अवध नरेश झालि मृदंग पखावज बाजे डफली बांसुरी झमकार, होरी रंग महल मे.... गान करत सब सखियन मिलि ध्यान रहित भेला नरेश वीणा धुनि कए नारद थकित भयो ऋषि मुनि सभ धायो, तुरत इन्द्रादि देव सभ आयो खेलय चाहत फनीश, मही मानो डोलत

होली कुंजभवनमे खेलतु हैं नन्दलाल

होली कुंजभवनमे खेलतु हैं नन्दलाल लाले श्याम लाल भेली राधा लाले सकल बृजबाल, होली कुंजभवनमे... लाले रंग सब गोपियन रंगाय गेल लाल भेला भूपाल, होली कुंजभवनमे... अबीर गुलाल रंग पिचकारी सब लेलनि कर सम्हारि, होली कुंजभवनमे... मारतु हैं ताकि - ताकि छतियन पर चोली भेल गुलजार, होली कुंजभवनमे... हारि गेली राधा रस दंगलमे हँसि खेलतु नन्दलाल, होली कुंजभवनमे... सब सखियन बिच राधा सोहागिन मानहु बाल मराल, होली कुंजभवनमे... मधुर रस पिक गण मोहय सुनत उठय उर ज्वार, होली कुंजभवनमे... राधा कृष्ण युगल जोड़ी छवि ऋतु वसन्त विशाल, होली कुंजभवनमे... नीरस श्याम चरण के चाहत छोड़ाउ सब जंजाल, होली कुंजभवनमे...

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