पाँव पखरई का गीत : बुन्देली लोकगीत

Paanv Pakhrai Geet : Bundeli Lok Geet

	

राम सीता की जोड़ी अनोखी मड़वा के नीचे सुहावै

राम सीता की जोड़ी अनोखी मड़वा के नीचे सुहावै मोरे लाल। सर पै मुकुट माथे पै बिंदी खोरें अजब लगाई मोरे लाल। राम सीता की जोड़ी अनोखी... गले में माला मोतिन की है हार अजब सुहावै मोरे लाल। राम सीता की जोड़ी अनोखी... दोई मिल कै गठबंधन हो गये ऐसी कैसी लीला है अपार मोरे लाल। आजुल आजी चरन पखारें बलि बलि जात निछावर मोरे लाल। राम सीता की जोड़ी अनोखी... बाबुल मैया चरन पखारें बलि बलि जात निछावर मोरे लाल। राम सीता की जोड़ी अनोखी... दोई मिल कै गठबंधन हो गये ऐसी कैसी है लीला अपार। मामा माई चरन पखारें बलि बलि जात निछावर मोरे लाल। राम सीता की जोड़ी अनोखी...

  • मुख्य पृष्ठ : बुन्देली लोक गीत
  • मुख्य पृष्ठ : हिन्दी लोक गीत
  • मुख्य पृष्ठ : हिन्दी कविता वेबसाइट (hindi-kavita.com)