मुँह मड़ई : बुन्देली लोकगीत

Munh Madai : Bundeli Lok Geet

	

कौना के अँगना फाग मची है

कौना के अँगना फाग मची है कौना के आ गये सजना मोरो भलौ महीना फागौना। जनकजू के अँगना फाग मची है दशरथजू से आ गये सजना। मोरो भलौ महीना... कौना की भीगें सुरख चुनरियाँ कौना के भीगें पागाना। मोरो भलौ महीना... सुनैना की भीगें सुरख चुनरियाँ काना दशरथ के भीगें पागाना। मोरो भलौ महीना... काना जो सूखें सुरख चुनरियाँ काना सूखें पागाना मोरो भलौ महीना... खुटिलन सूखें सुरख चुनरियाँ छत्तन सूखें पागाना। मोरो भलौ महीना फागौना।

हमाई माई की चूनरी

हमाई माई की चूनरी औ पिता की पाग रंगों भले राय करौंदा हम भले। काना करौंदा ऊपजे औ काना पसरी है बेल औ करौंदा हम भले। अजुद्धा करौंदा ऊपजे सो मिथिला पसरी है बेल। करौदा... कौने बरन बाकीं बौड़िया कौने बरन फुल होय। करौंदा... हरदी बरन बाकी बौड़िया सो कुसुंभ बरन फुल होय। करौंदा... एक फूल धर तोड़ियो सो नौ गडुआ रंग होय। करौंदा... रंगियो सजन बऊ की चूनरी और पचरंग सजनजू की पाग। काना जो सूखे चूनरी काना जो पचरंग पाग। करौंदा... खुटिलन सूखे चूनरी सो छत्तन पचरंग पाग। करौंदा...

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