माता पूजन : बुन्देली लोकगीत

Mata Poojan : Bundeli Lok Geet

	

लटक रये मड़ माझ लौंग के बिरछा

लटक रये मड़ माझ लौंग के बिरछा झालरे हो महाराज। कौना लगा दई मैया बेला औ चमेली सो कौना ने लाल अनार। लौंग के बिरछा झालरे हो महाराज। मलिया लगा दई मैया बेला औ चमेली मालिन लाल अनार लौंग के बिरछा .... काये कें सीचों मैया बेला औ चमेली सो काये कैं लाल अनार मोरी माता लौंग के बिरछा .... ददुअन सीचौं मया बेला औ चमेली सो झमृत लाल अनार। लौंग के बिरछा .... कै फुल फूलै मैया बेला औ चमेली सो कै फुल लाल अनार। मोरी माता जगतारिन माँ लौंग के बिरछा .... नौ फुल फूले मैया बेला औ चमेली सो दस फुल लाल अनार मोरी माता लौंग के बिरछा .... किये चढ़ा दऊँ बेला औ चमेली कौना को लाल अनार। देवी जू चढ़ा देऔ बेला औ चमेली सो लँगुरे लाल अनार। मोरी माता जगतारन माँ लौंग के बिरछा ....

हनुमान बाबा हो तुमई निमंते हो

हनुमान बाबा हो तुमई निमंते हो, साँज साँजूते आइयो, काज समारन आइयो। गनेश बाबा हो तुमई निमंते हो, साँज सँजते आइयौ, काज समारन आइयो। हरदौल सँजते आइयो, काज समारन आइयो। घटोई बाबा हो तुमई निमंते हो, साँज सँजूते आइयो काज समारन आइयो। देवी मैया हो तुमई निमंते हो, साँज सँजूते आइयो, काज समारन आइयो।

अटरिया छाय रही लौंगन में

अटरिया छाय रही लौंगन में सेजरिया महक रही फुलवन में। लौंगन छायी कछु लायचन छायी जायफल की है अधिकाई। सबरेई देवी देवता आये मिसल सें सो गनेस देव काये नई आये। अटरिया छाय रही... सबरेई देवी देवता आये मिसल सें सो भोले बाबा काये नई आये।

ऊँचों खैरो डगमगो गुन गाइये

ऊँचों खैरो डगमगो गुन गाइये औ जा पै बैठे गनेस, गनेस मनाइये। टूटे जुरे सनेह गनेस मनाइये। इ कलजुग में दो बाड़े इक धरनी दूजौ मेघ। मेघा बरसे धरनी उपजे जासें घर पूरन हो जाये। गुन गाइये... इ कलजुग में दो बाड़े इक घोड़ी दूजी गाय गाय कौ बछड़ा हल जाते घोड़ी कौ रन फाराये। गणेस मनाइये... इ कलजुग में दो बाड़े इक माई दूजी सास। माई की कुखियन जनम लिये औ सासो दिये घर बार। इ कलजुग में दो बाड़े इक साईं दूजे वीर। बीरन की पैरें चोखी चूनरी साईं को विलसें राज। इ कलजुग में दो बाड़े इक चूलौ दूजी खाट खाट चढ़ बेटा जाइयौ चूले पै चरूआ धराऔ। गाँवन गाँवन वे बसें औ घर घर दीपक लजायें। ऊँचो खैरो...

गोरी गोरी बहियाँ हरी पीरी चुरियाँ

गोरी गोरी बहियाँ हरी पीरी चुरियाँ ईंगुर डोरे ककना मकनपुर ले चलौ बलमा। सैअर मकनपुर में झिंझरियन लटक रहे फुदना झिंझरियन ढिग ले चलौ बलमा। मकनपुर... सासो मोरी उमई ननद मोरी उमई उमये चले बलमा मकनपुर ले... सैअर मकनपुर में भीर बहुत है बिछुर गये बलमा। मकनपुर... सासो ननदिया तुमरे पैयाँ लागों बिछुरे मिलाओ बलमा। मकनपुर... देवरानी जिठानी तुमें गुड़ दैहें बिछुरे मिलाओ बलमा। सैअर मकनपुर की भीर उपट गई सो बिछुरे मिले बलमा। सासो ननदिया तुमई झक मारौ पियरा मिलाये बलमा। मकनपुर... देवरानी जिठानी तुमई झक मारौ पियरा मिलाये बलमा। सीस अन्हाउतन बहू कौ पेट रऔ है पुल पर भए ललना। रूप रूपैया मैं दाई खों देहों इनने जनाये ललना। मकनपुर... मुहर अशर्फी पुरोहित खों देहों नाव धराये ललना। सासो कहै बहू बाँझ बँझूठी कबहूँ न भए ललना। मकनपुर... इक दिना बहू परीन आई पीरन दये ललना। गोरी गोरी बहियाँ...

तीन दिना दोइ रात बरन

तीन दिना दोइ रात बरन नोनो मूँदियो। मूँदो मूँदो जिठनिया की जीभ बरन ऐसो मूँदियो। मकरी माछी मूँदियो मूँदों पगरेतन की जीभ। बिच्छू किच्छू मूँदियो मूँदों जेठे बड़न की जीभ। आँधी बैहर मूँदियों मूँदों कुटुम भरे की जीभ। तीन दिना दोई रात असुभ नोनो मूँदियो।

हमाये ठाकुर राजा बाखर में आये

हमाये ठाकुर राजा बाखर में आये। हमाये गनेस जू बाबा बाखर में आये। हमाय मदार बाबा बाखर में आये। टेका की पिड़ियाँ उनका बैठक डारौं। औ दूदा मलीदा उनका जेवन खों चाहें। सोने के लोटा उनको पीवन खों चाहें। पानन की बिरिया उनको चावन खों चाहें। नौ रंग पलका उनको सोवन खों चाहें। सौरा सुपेती उनको सोवन खों चाहें। फूलन के पंखा झलवै खों चाहें। चंदन की चौपर खेलवे को चाहें। फूलन के हिंडोला झूलन खों चाहें। हमाये सब देवी देवता बखरन में आये।

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