खेलौना : मैथिली लोकगीत

Khelauna : Maithili Lokgeet

	

अय बाबू, चैत रामनवमी अयोध्या मे

अय बाबू, चैत रामनवमी अयोध्या मे रामजी के जन्म भेलै ना बक्खो जे दान मांगै अंगना नचौनी पमरिया जे दान मांगै चिल्हका खेलौनी अयोध्या में रामजी के जन्म भेलै ना दगरिन जे दान मांगै नाड़ के छिलौनी नउइन जे दान मांगै आरत लगौनी अयोध्या में रामजी के जन्म भेलै ना धोबिन जे दान मांगै सीरक धोऔनी ननदो जे दान मांगै कजरा सेदौनी अयोध्या में रामजी के जन्म भेलै ना

आंगन मे, अगने मे ठाढ़ पिया

आंगन मे, अगने मे ठाढ़ पिया, पीड़ा हरू, अंगने मे दौड़ि दौड़ि जाउ पिया दगरिन बोलाउ, अंगने मे नारि छिलवायब अंगने मे दौड़ल दौड़ल जाउ पिया नाउनि बजाउ, अंगने मे नह टोंगबायब अंगने मे दौड़ल दौड़ल जाउ पिया धोबिया बजाउ, अंगने मे कपड़ा धोआएब अंगने मे अंगनेमे, अंगनेमे ठाढ़ पिया, पीड़ा हरू, अंगने मे

कोन गली मे आजन-बाजन

कोन गली मे आजन-बाजन कोन गली शहनाइ कोन भइया घर बेटा जनम लेल नन्दो मांगे बधाइ हे नकबेसर लेती गढ़ाइ हे टीका लेती गढ़ाइ पूब गलीमे आजन-बाजन पछिम गली शहनाइ बड़का भैया घर बेटा जनम लेल ननदो मांगे बधाइ जौं हम जनितौं ननदो औती जंगल पैसि बिअइतौं आद-गूड़ एको नहि खइतौं झाड़ि हम बेटी बिअइतौं हे नकबेसर लेती गढ़ाइ हे टीका लेती गढ़ाइ

दुर की केलौं गे जंजाल ननदि के

दुर की केलौं गे जंजाल ननदि के आनि बैसेलौं विपत्ति बड़ भारी ननदो छथि सवारी ओ सूती साड़ी नहि उलीयो के नहि पुछती इच्छा छनि गजीसिल्क लितौं खरिदाइ ओ बाली नहि पहिरती ओ झुमका के नहि पुछती इच्छा छनि लॉकेट लितौं गढ़ाइ ओ अपना घर नहि जेती ओ देवर के नहि पुछती ओ सैंया घर नहि जेती ओ देवर के नहि पुछती इच्छा छनि अपन भैया लितौं अपनाइ दूर की कयलौं गे जंजाल ननदि के आनि बैसलौं

नैहरबा हम नहि जेबै पिया

नैहरबा हम नहि जेबै पिया पहिल समाद लऽ कऽ हजमा एलखिन हजमा समाद अहाँ फेरू पिया, नैहरबा दोसर समाद लऽ कऽ भइया एलखिन भइया समाद अहाँ फेरू पिया, नैहरबा तेसर समाद लऽ कऽ बाबा एलखिन बाबा समाद कोना फेरब पिया, नैहरबा ठुनुकि ठुनुकि धनी डोलियामे पैसली हमराकेँ कहिया मंगैब पिया, नैहरबा उतरैत फागुन जाइछऽ हे धनी चढ़िते फागुन मंगैबऽ हे, नैहरबा

पहिल वेदन जब उठल अंगना मे

पहिल वेदन जब उठल अंगना मे मुड़िया पटकल हे सासु अब ने खेलायब हे, तोरा बेटा संग लटगेनमा सासु आब ने खेलायब हे दोसर वेदन जब उठल पटिये पर मुड़िया पटकल हे ननदी आब ने खेलायब हे, तोरा भइया संग लटगेनमा, ननदी आब ने खेलायब हे तेसर वेदन जब उठल, चौकठिये पर मूड़ी पटकल हे गोतनी आब ने खेलायब हे, तोरा देओर संग लटगेनमा, गोतनी आब ने खेलायब हे चारिम वेदन जब उठल घरबामे मूड़ी पटकल हे देओरा आब ने खेलायब हे, तोरा भइया संग लटगेनमा, देओरा आब ने खेलायब हे पाँचम वेदन जब उठल पलंगहि पर मुड़िया पटकल हे बालमु आब ने खेलायब हे, तोरा संग लटगेनमा, बालम आब ने खेलायब हे छठम वेदन जब उठल लाल जनम लेल हे सासु फेरो खेलब हे, तोरा बेटा संग लटगेनमा, सासु फेरो खेलब हे

पिया तोरा गोरे लागी, ननदी मंगा दे

पिया तोरा गोरे लागी, ननदी मंगा दे राजा तोरा गोर लागी, ननदी मंगा दे जखन रे ननदी गाम बीच आयलि ननदीक कानब बड़ा नीक लागे, पिया .... जखन रे ननदी दरबजबा बिच आयलि चङेरा महक पूरी बड़ा नीक लागे, पिया .... जखन रे ननदी आंगन बिच आयलि छांछ महक दही बड़ा नीक लागे, पिया .... जखन रे ननदी सोइरी बिच आयलि सुठौरा के खाइते बड़ा नीक लागे, पिया .... जखन रे ननदी दान मांगऽ लागलि देतो जे प्राण बड़ा कठिन लागे, पिया ....

मरि गेलों हे पजरबा व्यथा सँ

मरि गेलों हे पजरबा व्यथा सँ मरि गेलों दरदिया व्यथा लियऽ लियऽ सासु अपन पोता आब ने होइए परभुता, सासु हे मरि गेलौं लियऽ लियऽ गोतनो अपन अलंगा, आब सोहाइए पिया पलंगा लियऽ लियऽ ननदो अपन चोली, आब ने सोहाइए पिया बोली दियऽ दियऽ सासु अपन पोता, आब होइए परभुता सासु हे जीबि गेलौं पंजरबा व्यथासँ जीबि गेलौं दियऽ दियऽ गोतनी हमर अलंगा, आब सोहाइए पिया पलंगा दियऽ दियऽ ननदो हमर चोली, आब सोहाइए पिया बोली

मांगू रे बहिनों कोने फल मांगब

मांगू रे बहिनों कोने फल मांगब आजुक मांगल सभ पायब गे दैया अगिला हर के हरबाहा मांगब पछिला हर के बरदबा हो भैया घर निपन के चेरिया हम मांगब आओरो मांगब खबसबा हो भैया दूध पिऐ के गैया मांगब आओरो मे मांगब कटोरबा हो भैया पिया चढ़न के घोड़ा मांगब आओरो मे मांगब महिसबा हो भैया बाहर लुटै भाट-पमरिया, घर लुटै ननदिया ई हम जनितौं ननदी अयती केदली वन जाय बिअइतौं गे दैया

सुठौरा नञि खायब राजा तीत लगैए

सुठौरा नञि खायब राजा तीत लगैए सासु जे बजती बाजिकऽ की करती छठियारी पुजाबऽ लए माय अबैए सुठौरा ने खायब पिया... गोतनो ने बजती बाजिकऽ की करती हलुआ बनाबऽ लए भौजी अबैए सुठौरा ने खायब पिया... ननदो जे बजती बाजिकऽ की करती कजरा सेदै लए बहिन अबैए सुठौरा ने खायब पिया... देओर जे बजता बाजि कऽ की करता दगरिन बजबै ले भाय अबैए

हे दर्द सहलौं हम, पिया के लाल भेलनि कोना

हे दर्द सहलौं हम, पिया के लाल भेलनि कोना आबधु सासु बइसधु पलंग चढ़ि हे झगड़ा अहीं छोड़ाउ पिया के लाल भेलनि कोना चो पुतोहु मारू चाहे गारि पढू हे, लाल बउए के भेलनि ना आबथु ननदो बइसथु पलंग चढ़ि हे, झगड़ा अहीं छोड़ाउ पिया के लाल भेलनि कोना चाहे भउजी मारू, चाहे गारि पढू, हे लाल भइए के भेलनि ना आबथु गोतनो, बइसथु पलंग चढ़ि, हे झगड़ा अहीं छोड़ाउ पिया के लाल भेलनि कोना चाहे गोतनो मारू, चाहे गारि पढू, हे लाल देओरे के भेलनि ना आबथु पड़ोसिन, बइसथु पलंग चढ़ि, हे झगड़ा अहीं छोड़ाउ पिया के लाल भेलनि कोना चाहे पड़ोसिन मारू चाहे गारि पढू, हे लाल दुनूकेँ भेलनि ना एसगर लाल कोना भेलनि ना, लाल दुनूकेँ भेलनि ना

  • मुख्य पृष्ठ : मैथिली लोकगीत
  • मुख्य पृष्ठ : हिन्दी लोक गीत
  • मुख्य पृष्ठ : हिन्दी कविता वेबसाइट (hindi-kavita.com)