राजस्थानी लोक गीत

Rajasthani Lok Geet

1. अंजन की सीटी में

अंजन की सीटी में म्हारो मन डोले
चला चला रे डिलैवर गाड़ी हौले हौले

बीजळी को पंखो चाले, गूंज रयो जण भोरो
बैठी रेल में गाबा लाग्यो वो जाटां को छोरो
चला चला रे...

डूंगर भागे, नंदी भागे और भागे खेत
ढांडा की तो टोली भागे, उड़े रेत ही रेत
चला चला रे...

बड़ी जोर को चाले अंजन, देवे ज़ोर की सीटी
डब्बा डब्बा घूम रयो टोप वारो टी टी
चला चला रे...

जयपुर से जद गाड़ी चाली गाड़ी चाली मैं बैठी थी सूधी
असी जोर को धक्का लाग्यो जद मैं पड़ गयी उँधी
चला चला रे...

(डलेवर=ड्राईवर, गाबा=गाने लगना, डूंगर=पहाड़,
नंदी=नदी, ढांडा=जानवर, जद=जब,जदी,जर,जण,
असी=ऐसा,इतना)

2. इण्डूणी

म्हारी सवा लाख री लूम
गम गयी इण्डूणी

औ इण्डूणी रे कारणे
म्हारी सासू ताना देय
गम गयी इण्डूाणी

ओ इण्डूणी रे कारणे
म्हारो ससुरा रूसो जाय
गम गयी इण्डूणी

ओ इण्डूणी रे कारणे
गयी नणद कुंआ में कूद
गम गयी इण्डूणी

ओ इण्डूणी रे कारणे
म्हारो देवर लड़े लड़ाई
गम गयी इण्डूणी

ओ इण्डूणी रे कारणे
म्हारी जेठाणी बोले बोल
गम गयी इण्डूणी

3. इतळ पीतळ

इतळ पीतळ रो भर लाई बेवड़ो
रे झांझरिया मारा छैल
कोई कांख मेला टाबरिया री आन
मैं जाऊं रे जाऊं रे पीहरिये

सासू बोले छे म्‍हाने बोलणा
रे झांझरिया मारा छैल
कोई बाईसा देवे रे म्‍हाने गाल
मैं जाऊं रे जाऊं रे पीहरिये

आया बीरो सा म्‍हाने लेवा ने
रे झांझरिया मारा छैल
ज्‍यारी कांई कांई करूं मनवार
मैं जाऊं रे जाऊं रे पीहरिये

थारे मनाया देवन ना मानूं
रे झांझरिया मारा छैल
थारा बड़ोडा़ बीरोसा ने भेज
मैं जाऊं रे जाऊं रे पीहरिये

काळी पड़गी रे मन की कामळी
रे झांझरिया मारा छैल
म्‍हारा आलीजा पे म्‍हारो सांचो जीव
मैं जाऊं रे जाऊं रे सासरिये

4. लहेरियो-इण लहेरिये रा नौ सौ रुपया रोकड़ा सा

इण लहेरिये रा नौ सौ रुपया रोकड़ा सा
म्हाने ल्याईदो नी बादिला ढोला लहेरियो सा
म्हाने ल्याईदो नी बाईसा रा बीरा लहेरियो सा
म्हाने ल्याईदो ल्याईदो ल्याईदो ढोला लहेरियो सा
म्हाने ल्याईदो नी बादिला ढोला लहेरियो सा

म्हारा सुसराजी तो दिल्ली रा राजवी सा
म्हारा सासूजी तो गढ़ रा मालक सा
इण लहेरिये रा नौ सौ रुपया रोकड़ा सा
म्हाने ल्याईदो ल्याईदो ल्याईदो ढोला लहेरियो सा
म्हाने ल्याईदो नी बादिला ढोला लहेरियो सा

म्हारा जेठजी तो घर रा पाटवी सा
म्हारा जेठानी तो घर रा मालक सा
इण लहेरिये रा नौ सौ रुपया रोकड़ा सा
म्हाने ल्याईदो ल्याईदो ल्याईदो ढोला लहेरियो सा
म्हाने ल्याईदो नी बादिला ढोला लहेरियो सा

म्हारो देवरियो तो तारा बिचलो चंदो सा
महरी द्योरानी तो आभा माय्ली बीजळी सा
इण लहेरिये रा नौ सौ रुपया रोकड़ा सा
म्हाने ल्याईदो ल्याईदो ल्याईदो ढोला लहेरियो सा
म्हाने ल्याईदो नी बादिला ढोला लहेरियो सा

म्हारा सायब्जी तो दिल रा राजवी सा
म्हें तो सायब्जी रे मनडे री राणी सा
इण लहेरिये रा नौ सौ रुपया रोकड़ा सा
म्हाने ल्याईदो ल्याईदो ल्याईदो ढोला लहेरियो सा
म्हाने ल्याईदो नी बादिला ढोला लहेरियो सा
म्हाने ल्याईदो ल्याईदो ल्याईदो ढोला लहेरियो सा

5. ऐली पैली सखरिया री पाल

ऐली पैली सखरिया री पाल
पालां रे तंबू तांणिया रे
जाये वनी रे बापाजी ने कैजो, के हस्ती तो सामां मेल जो जी
नहीं म्हारां देसलड़ा में रीत, भंवर पाला आवणों जी
जाय बनी रा काकाजी ने कैजो
घुड़ला तो सांमां भेजजो जी
नहीं म्हारे देशां में रीत, भेवर पाला चालणों जी
जाय बनीरा माता जी ने कैजो
सांमेला सामां मेल जो जी
नहीं म्हारे देशलड़ां में रीत
भंवर पाला आवणों री

6. उड़ उड़ रे म्हारा काळा रे कागला

उड़ उड़ रे
उड़ उड़ रे

उड़ उड़ रे
उड़ उड़ रे

उड़ उड़ रे
म्हारा, काळा रे कागला
कद म्हारा पीव्जी घर आवे
कद म्हारा पीव्जी घर आवे, आवे र आवे
कद म्हारा पिव्जी घर आवे

उड़ उड़ रे म्हारा काळा र कागला
कद माहरा पीव्जी घर आवे

खीर खांड रा जीमण जीमाऊँ
सोना री चौंच मंढाऊ कागा
जद म्हारा पिव्जी घर आवे, आवे रे आवे
उड़ उड़ रे उड़ उड़ रे
म्हारा काळा र कागला
कद माहरा पीव्जी घर आवे

पगला में थारे बांधू रे घुघरा
गला में हार कराऊँ कागा
जद महारा पिव्जी घर आवे

उड़ उड़ रे
महारा काळा रे कागला
कद महारा पिव्जी घर आवे
उड़ उड़ र महारा काला र कागला
कद महरा पिव्जी घर आवे

जो तू उड़ने सुगन बतावे
जनम जनम गुण गाऊँ कागा
जद मारा पिव्जी घर आवे, आवे र आवे
जद म्हारा पिव्जी घर आवे

उड़ उड़ रे
उड़ उड़ रे

उड़ उड़ रे
उड़ उड़ रे महारा काळा रे कागला
कद म्हारा पिव्जी घर आवे

उड़ उड़ रे
उड़ उड़ रे

उड़ उड़ रे
उड़ उड़ रे म्हारा काळा रे कगला
जद म्हारा पिव्जी घर आवे

7. एक बार आओजी जवाईजी पावणा

एक बार आओजी जवाईजी पावणा
थाने सासूजी बुलावे घर आज जवाई लाड्कना
सासूजी ने मालुम होवे म्हारे भाई आज होयो
म्हारे घरे से मौक्ळो काम सासूजी मने माफ़ करो...

एक बार आओजी जवाईजी पावणा...
थाने सुसराजी बुलावे घर आज जवाई लाड्कना
सुसराजी ने मालूम होवे बाप म्हारो सेहर गयो
म्हारे घर से लारलो काम
सुसराजी मने माफ़ करो

एक बार आओजी जवाईजी पावणा...
थाने साळीजी बुलावे घर आज जवाई लाड्कना
साळीजी ने मालुम होवे साढुजी ने भेजू हूँ
म्हारा साढुजी नाचेला सारी रात
साळीजी मने माफ़ करो

एक बार आओजी जवाईजी पावणा...
थाने बुवाजी बुलावे घर आज जवाई लाड्कना
बुवाजी ने मालुम होवे म्हारे भी बुवाजी आया
बुवासासुजी ने जोडू लंबा लंबा हाथ बुवाजी मने माफ़ करो

एक बार आओजी जवाईजी पावणा...
थाने लाडीजी बुलावे घर आज जवाई लाड्कना
लाडीजी बुलावे तो लाडोजी भी आवे है
मैं तो जाऊंला सासरिये आज साथिङा मने माफ़ करो

एक बार आओजी जवाईजी पावणा...
थाने सासूजी बुलावे घर आज जवाई लाड्कना....
थाने सुसराजी बुलावे घर आज जवाई लाड्कना...
थाने साळीजी बुलावे घर आज जवाई लाड्कना....
थाने बुवाजी बुलावे घर आज जवाई लाड्कना...
थाने लाडीजी बुलावे घर आज जवाई लाड्कना...

8. ओजी म्हारी सहेल्यां जोवे बाटो

ओजी म्हारी सहेल्यां जोवे बाटो, भंवर म्हांने खेलण द्यों गणगौर
खेलण द्यो गणगौर-गणगौर, भंवर म्हांने निरखण द्यो गणगौर
जी म्हांरी सहेल्यां...

के दिन की गणगौर, सुन्दर थांने कतरा दिन को चाव
सोळा दिन की गणगौर, भंवर म्हांने सोळा दिन को चाव
ओजी म्हांरी सहेल्यां...

सहेळ्यां ने ऊभी राखो, सुन्दर थांकी सहेळ्यां ने ऊभी राखो
जी थांकी सहेळ्यां ने दोवंण गोट, सुन्दर थाने खेळणं दां गणगौर
खेलण द्यो गणगौर...

9. घूमर-ओ म्हारी घूमर छे नखराळी ऐ माँ

ओ म्हारी घूमर छे नखराळी ऐ माँ
घूमर रमवा म्हें जास्याँ
ओ राजरी घूमर रमवा म्हें जास्याँ

ओ म्हाने रमता ने काजळ टिकी लादयो ऐ माँ
घूमर रमवा म्हें जास्याँ
ओ राजरी घूमर रमवा म्हें जास्याँ

ओ म्हाने रमता ने लाडूङो लादयो ऐ माँ
घूमर रमवा म्हें जास्याँ
ओ राजरी घूमर रमवा म्हें जास्याँ

ओ म्हाने परदेशियाँ मत दीजो रे माँ
घूमर रमवा म्हें जास्याँ
ओ राजरी घूमर रमवा म्हें जास्याँ

ओ म्हाने राठोडा रे घर भल दीजो ऐ माँ
घूमर रमवा म्हें जास्याँ
ओ राजरी घूमर रमवा म्हें जास्यां

ओ म्हाने राठोडा री बोली प्यारी लागे ऐ माँ
घूमर रमवा म्हें जास्याँ
ओ राजरी घूमर रमवा म्हें जास्यां

ओ म्हारी घूमर छे नखराळी ऐ माँ
घूमर रमवा म्हें जास्याँ ...

10. घाम पड़े, धरती तपै रे

घाम पड़े, धरती तपै रे, पड़े नगांरा री रोल
भंवर थारी जांत मांयने

बापाजी बिना कड़ू चालणू रे
बापा मोत्यां सूं मूंगा साथा

भंवर थारी जांन मांयने
माताजी बिना केडूं चालणू रे

माताजी हरका दे साथ
भंवर थारी जान मांयने

घाम पड़े, धरती रपै रे, पड़े नागरां री रौल
भवंर थारी जांन मांयने

11. गोरबन्द-ओ म्हारो गोरबन्द नखराळो

लड़ली लूमा झूमा ऐ लड़ली लूमा झुमा ऐ
ओ म्हारो गोरबन्द नखराळो आलिजा म्हारो गोरबन्द नखराळो
ओ लड़ली लूमा झूमा ऐ लड़ली लूमा झुमा ऐ
ओ म्हारो गोरबन्द नखराळो आलिजा म्हारो गोरबन्द नखराळो

ऐ ऐ ऐ गायाँ चरावती गोरबन्द गुंथियों
तो भेंसयाने चरावती मैं पोयो पोयो राज मैं तो पोयो पोयो राज
म्हारो गोरबन्द नखराळो आलिजा म्हारो गोरबन्द नखराळो
ओ लड़ली लूमा झूमा ऐ लड़ली लूमा झुमा ऐ
ओ म्हारो गोरबन्द नखराळो आलिजा म्हारो गोरबन्द नखराळो

ऐ ऐ ऐ ऐ खारासमद सूं कोडा मंगाया
तो बिकाणे तो गड़ बिकाणे जाए पोया पोया राज मैं तो पोया पोया राज
म्हारो गोरबन्द नखराळो आलिजा म्हारो गोरबन्द नखराळो
ओ लड़ली लूमा झूमा ऐ लड़ली लूमा झुमा ऐ
ओ म्हारो गोरबन्द नखराळो आलिजा म्हारो गोरबन्द नखराळो

ऐ ऐ ऐ ऐ देराणी जिठणी मिल गोरबन्द गुंथियों
तो नडदल साचा मोती पोया पोया राज मैं तो पोया पोया राज
म्हारो गोरबन्द नखराळो आलिजा म्हारो गोरबन्द नखराळो
ओ लड़ली लूमा झूमा ऐ लड़ली लूमा झुमा ऐ
ओ म्हारो गोरबन्द नखराळो आलिजा म्हारो गोरबन्द नाखारालो

कांच री किवाडी माथे गोरबन्द टांकयो
तो देखता को हिवडो हरखे ओ राज हिवडो हरखे ओ राज
म्हारो गोरबन्द नखराळो आलिजा म्हारो गोरबन्द नखराळो
ओ लड़ली लूमा झूमा ऐ लड़ली लूमा झुमा ऐ
ओ म्हारो गोरबन्द नखराळो आलिजा म्हारो गोरबन्द नाखारालो

ऐ ऐ ऐ ऐ डूंगर चढ़ ने गोरबन्द गायो
तो झोधाणा तो झोधाणा क केडी हैलो सांभळो जी राज हैलो सांभळो जी राज
म्हारो गोरबन्द नखराळो आलिजा म्हारो गोरबन्द नखराळो
ओ लड़ली लूमा झूमा ऐ लड़ली लूमा झुमा ऐ
ओ म्हारो गोरबन्द नखराळो आलिजा म्हारो गोरबन्द नाखारालो

12. गोर गोर गोमती-गणगौर गीत

(गणगौर राजस्थान का एक त्यौहार है जो चैत्र
महीने की शुक्ल पक्ष की तीज को आता है |
इस दिन कुवांरी लड़कियां एवं विवाहित महिलायें
शिवजी (इसर जी) और पार्वती जी (गौरी) की
पूजा करती हैं | पूजा करते हुए दूब से पानी के
छांटे देते हुए गोर गोर गोमती गीत गाती हैं)

गोर गोर गोमती, इसर पूजे पार्वती
म्हे पूजा आला गिला, गोर का सोना का टिका
म्हारे है कंकू का टिका
टिका दे टमका दे,राजा रानी बरत करे
करता करता आस आयो, मास आयो
छटो छ: मास आयो, खेरो खंडो लाडू लायो
लाडू ले बीरा ने दियो, बीरा ले भावज ने दियो
भावज ले गटकायगी, चुन्दडी ओढायगी
चुन्दडी म्हारी हरी भरी, शेर सोन्या जड़ी
शेर मोतिया जड़ी, ओल झोल गेहूं सात
गोर बसे फुला के पास, म्हे बसा बाणया क पास
कीड़ी कीड़ी लो, कीड़ी थारी जात है
जात है गुजरात है, गुजरात का बाणया खाटा खूटी ताणया
गिण मिण सोला, सात कचोला इसर गोरा
गेहूं ग्यारा, म्हारो भाई ऐमल्यो खेमल्यो, लाडू ल्यो, पेडा ल्यो
जोड़ जवार ल्यो, हरी हरी दुब ल्यो, गोर माता पूज ल्यो

13. घुमेरदार लंजो

बादिला लेता आइजो जी घुमेरदार लंजो
आलीजा लेता आइजो जी घुमेरदार लंजो
घुमेरदार लंजो...
अन्दाता लेता आइजो जी घुमेरदार लंजो

म्हारे माथा ने मैमद लाइजो और रखडी रतन जड़ाई जो...
बादिला लेता आइजो जी घुमेरदार लंजो
आलीजा लेता आइजो जी घुमेरदार लंजो
घुमेरदार लंजो...
अन्दाता लेता आइजो जी घुमेरदार लंजो

म्हारी बैयाँ ने चुडलो लाइजो, म्हारी नथनी रतन जड़ाई जो...
बादिला लेता आइजो जी घुमेरदार लंजो
आलीजा लेता आइजो जी घुमेरदार लंजो
घुमेरदार लंजो...
अन्दाता लेता आइजो जी घुमेरदार लंजो

पगल्या ने पायल लाइजो म्हारा बिछया रतन जड़ाई जो...
बादिला लेता आइजो जी घुमेरदार लंजो
आलीजा लेता आइजो जी घुमेरदार लंजो
घुमेरदार लंजो...
अन्दाता लेता आइजो जी घुमेरदार लंजो

14. गाढ़ो जोती न रणु बाई आया

गाढ़ो जोती न रणु बाई आया
यो गोडो कुण छोड़ोवे
गाढ़ो छोज्ञावे ईश्वरजी हो राजा
वे थारी सेवा संभाले
सेवा संभाले माता अगड़ घड़ावे, सासरिये पोचावे
सासरिये नहीं जाँवा म्हारी माता पिपरिया में रे वां
भाई खिलावां भतीजा खिलावां, तो भावज रा गुण गांवा

15. कुरजां लोक गीत

सूती थी रंग महल में,
सूती ने आयो रे जंजाळ,
सुपना रे बैरी झूठो क्यों आयो रे
कुरजां तू म्हारी बैनडी ए, सांभळ म्हारी बात,
ढोला तणे ओळमां भेजूं थारे लार।
कुरजां ए म्हारो भंवर मिला देनी ए।

सुपनो जगाई आधी रात में २
तनै मैं बताऊँ मन की बात
कुरजां ऐ म्हारा भंवर मिलाद्यो ऐ sss
संदेशो म्हारे पिया ने पुगाद्यो ऐ !!

तूं छै कुरजां म्हारे गाँव की
लागे धर्म की भान
कुरजां ऐ राण्यो भंवर मिलाद्यो ऐ
संदेशो म्हारे पिया ने पुगाद्यो ऐ !!

पांखां पै लिखूं थारै ओळमों
चान्चां पै सात सलाम
संदेशो म्हारै पिया ने पुगाद्यो ऐ !!
कुरजां ऐ म्हारा भंवर मिलाद्यो ऐ !!

लश्करिये ने यूँ कही
क्यूँ परणी छी मोय
परण पाछे क्यों बिसराई रे
कुरजां ऐ भंवर मिलाद्यो ऐ
कुरजां ऐ म्हारा भंवर मिलाद्यो ऐ !!

ले परवानो कुरजां उड़ गई
गई-गई समदर रे पार
संदेशो पिया की गोदी में नाख्यो जाय
संदेशो गोरी को पियाजी ने दीन्यो जाय !!

थारी धण री भेजी मैं आ गई
ल्याई जी संदेशो ल्यो थे बांच
थे गोरी धण ने क्यों छिटकाई जी
कुरजां ऐ साँची बात बताई जी
के चित आयो थारे देसड़ो
के चित आयो माय’र बाप
साथीड़ा म्हाने सांच बतादे रे
उदासी कियां मुखड़े पे छाई रे !!
आ ल्यो राजाजी थारी चाकरी
ओ ल्यो साथीड़ा थांरो साथ,
संदेशो म्हारी मरवण को आयोजी
गोरी म्हाने घरां तो बुलाया जी
नीली घोड़ी नौ लखी
मोत्यां से जड़ी रे लगाम
घोड़ी ऐ म्हाने देस पुगाद्यो जी
गोरी से म्हाने बेगा मिलाद्यो जी !!

रात ढल्याँ राजाजी रळकिया
दिनड़ो उगायो गोरी रे देस
कुरजां ऐ सांचो कोल निभायो ऐ
कुरजां ऐ राण्यो भंवर मिलाया ऐ !!
सुपनो जगाई आधी रात में
तने मैं बतायी मन की बात
कुरजां ऐ म्हारा भंवर मिलाया ऐ !!
सुपनो रे बीरा फेरूँ -फेरूँ आजे रे !

16. खेजड़लो

म्हारै मुरधर रो है सांचो,
सुख दुख साथी खेजड़लो।
तिसां मरै पण छयां करै है,
करड़ी छाती खेजड़लो।।

आसोजां रा तप्या तावड़ा,
काचा लोही पिळघळग्या,
पान फूल री बात करां के,
बै तो कद ही जळबळग्या,
सूरज बोल्यो छियां न छोडूं,
पण जबरो है खेजड़लो,
सरणै आय'र छियां पड़ी है,
आप बळै है खेजड़लो।।

सगळा आवै कह कर ज्यावै,
मरु रो खारो पाणी है,
पाणी क्यां रो ऐ तो आंसू,
खेजड़लै ही जाणी है,
आंसू पीकर जीणो सीख्यो,
एक जगत में खेजड़लो,
सै मिट ज्यासी अमर रवैलो,
एक बगत में खेजड़लो।।

गांव आंतरै नारा थकग्या,
और सतावै भूख घणी,
गाडी आळो खाथा हांकै,
नारां थां रो मरै धणी,
सिंझ्या पड़गी तारा निकळ्या,
पण है सा'रो खेजड़लो,
'आज्या' दे खोखां रो झालो,
बोल्यो प्यारो खेजड़लो।।

जेठ मास में धरती धोळी,
फूस पानड़ो मिलै नहीं,
भूखां मरता ऊंठ फिरै है,
ऐ तकलीफां झिलै नहीं,
इण मौकै भी उण ऊंठां नै,
डील चरावै खेजड़लो,
अंग-अंग में पीड़ भरी पण,
पेट भरावै खेजड़लो।।

म्हारै मुरधर रो है सांचो,
सुख दुख साथी खेजड़लो,
तिसां मरै पण छयां करै है,
करड़ी छाती खेजड़लो।।

17. चरखो तो ले ल्यूँ, भँवरजी, रांगलो जी

चरखो तो ले ल्यूँ, भँवरजी, रांगलो जी
हाँ जी ढोला, पीढ़ा लाल गुलाल
तकवो तो ले ल्यूँ जी, भँवरजी, बीजलसार को जी
ओ जी म्हारी जोड़ी रा भरतार
पूणी मंगा ल्यूँ जी क बीकानेर की जी
म्होरे म्होरे री कातूँ, भँवर जी, कूकड़ी जी
हाँ जी ढोला, रोक रुपइये रो तार
म्हे कातूँ थे बैठा विणज ल्यो जी
ओ जी म्हारी लल नणद रा ओ वीर
अब घर आओ प्यारी ने पलक न आवड़े जी
गोरी री कमाई खासी राँडिया रे
हाँ ए गोरी, कै गांधी कै मणियार
म्हे छाँ बेटा साहूकार रा जी
ए जी म्हारी घणीए प्यारी नार
गोरी री कमाई सूँ पूरा न पड़े जी

18. चढ़ लाडा, चढ़ रे ऊँचे रो

चढ़ लाडा, चढ़ रे ऊँचे रो, देखाधूं थारो सासरो रे
जांणे जाणें जोगीड़ो रा डेरा, ऐंडू के शार्रूं सासरो रे

चढ़ लाड़ा चढ़ रे ऊँचो रो, देखांधू थारा सुसरा रे
जाणें जाणें पड़गो रा वौरा, ऐड़ा रे थारा सुसरा रे

चढ़ लाड़ा चढ़ रे ऊँचे रे देखांधू थारो सासरो रे
जाणें जाणें पड़गा री "बोंरी' ऐड़ी तो थारी सासूजी रे

चढ़ लाड़ा चढ़ रे ऊँचे रो, देखांधू थारो सासरो रे
जाणें जाणें जोगीड़ा री छोरी, ऐड़ी तो थारी साली रे

19. चम चम चमके चुन्दडी बिण्जारा रे

चम चम चमके चुन्दडी बिण्जारा रे
कोई थोडो सो म्हारे सामे झांक रे बिण्जारा रे

चम चम चमके चुन्दडी बिण्जारा रे
चम चम चमके चुन्दडी बिण्जारा रे
कोई थोडो सो म्हारे सामे झांक रे बिण्जारा रे
कोई थोडो सो म्हारे सामे झांक रे बिण्जारा रे

म्हारी तो रंग दे चुन्दडी बिण्जारा रे
म्हारे साहेबा रो , म्हारे पिवजी रो,
म्हारा साहेबा रो रंगदे रूमाल रे बिण्जारा रे
म्हारा साहेबा रो रंगदे रूमाल रे बिण्जारा रे

चम चम चमके चुन्दडी बिण्जारा रे
कोई थोडो सो म्हारे सामे झांक रे बिण्जारा रे
कोई थोडो सो म्हारे सामे झांक रे बिण्जारा रे

जोधाणा सरीखा पैर मैं बिण्जारा रे
कोई सोनो तो घड़े रे सुनार रे बिण्जारा रे
कोई सोनो तो घड़े रे सुनार रे बिण्जारा रे

चम चम चमके चुन्दडी बिण्जारा रे
कोई थोडो सो म्हारे सामे झांक रे बिण्जारा रे
कोई थोडो सो म्हारे सामे झांक रे बिण्जारा रे

पायल घड़ दे बाजणी बिण्जारा रे
म्हारी नथली पळ्कादार रे बिण्जारा रे
म्हारी नथली पळ्कादार रे बिण्जारा रे
चम चम चमके चुन्दडी बिण्जारा रे
कोई थोडो सो म्हारे सामे झांक रे बिण्जारा रे
कोई थोडो सो म्हारे सामे झांक रे बिण्जारा रे

20. चौमासो

सावन लाग्यो भादवो जी
यो तो बरसन लाग्यो मेह, बनिसा
मोरीया रे झट चौमासो लाग्यो रे झट सियाळो लाग्यो रे
झट चौमासो लाग्यो रे झट सियाळो लाग्यो रे

म्हारी द्योराणियां जेठाणियां रूसगी रे
म्हारा सासूजी बनाबा ने जाए, बनिसा
मोरीया रे झट चौमासो लाग्यो रे झट सियाळो लाग्यो रे
झट चौमासो लाग्यो रे झट सियाळो लाग्यो रे

उगण लागी बाजरी रे म्हारी उगन लागी बाजरी रे
म्हारी उगण लागी जवार, बनिसा
मोरिया रे झट चौमासो लाग्यो रे झट सियाळो लाग्यो रे
झट चौमासो लाग्यो रे झट सियाळो लाग्यो रे

काटूं मैं काटूं बाजरी रे म्हारी काटूं मैं काटूं बाजरी रे
म्हारी काटूँ मैं काटूं जवार, बनिसा
मोरिया रे झट चौमासो लाग्यो रे झट सियाळो लाग्यो रे
झट चौमासो लाग्यो रे झट सियाळो लाग्यो रे

आळ्या में पड़गी बाजरी जी म्हारी आळ्या में पड़गी बाजरी जी
म्हारी कोठा में पड़गी जवार, बनिसा
मोरीया रे झट चौमासो लाग्यो रे झट सियाळो लाग्यो रे
झट चौमासो लाग्यो रे झट सियाळो लाग्यो रे

म्हारी द्योराणियां जेठाणियां रूसगी रे
म्हारा सासूजी मनाबा ने जाए, बनिसा
मोरिया रे झट चौमासो लाग्यो रे सियाळो लाग्यो रे
झट चौमासो लाग्यो रे सियाळो लाग्यो रे...
झट चौमासो लाग्यो रे सियाळो लाग्यो रे...

21. जय जय राजस्थान

गोरे धोरां री धरती रो
पिचरंग पाणा री धरती रो, पीतल पातल री धरती रो, मीरा करमा री धरती रो
कितरो कितरो रे करां म्हें बखाण, कण कण सूं गूंजे, जय जय राजस्थान ...
धर कुंचा भई धर मंजलां
धर कुंचा भई धर मंजलां
धर मंजलां भई धर मंजलां

कोटा बूंदी भलो भरतपुर अलवर अर अजमेर
पुष्कर तीरथ बड़ो की जिणरी महिमा चारूं मेर
दे अजमेर शरीफ औलिया नित सत रो फरमान
रे कितरो कितरो रे करा म्हें बखाण, कण कण सूं गूंजे, जय जय राजस्थान....

धर कुंचा भई धर मंजलां
धर कुंचा भई धर मंजलां
धर मंजलां भई धर मंजलां

दसो दिसावां में गूंजे रे मीरा रो गुण गान
हल्दीघाटी अर प्रताप रे तप पर जग कुरबान
चेतक अर चित्तोड़ पे सारे जग ने है अभिमान
कितरो कितरो रे करां म्हें बखाण, कण कण सूं गूंजे, जय जय राजस्थान

धर कुंचा भई धर मंजलां
धर कुंचा भई धर मंजलां
धर मंजलां भई धर मंजलां

उदियापुर में एकलिंगजी गणपति रंथमभोर
जैपुर में आमेर भवानी जोधाणे मंडोर
बीकाणे में करणी माता राठोडा री शान
कितरो कितरो रे करा म्हें बखान कण कण सूं गूंजे जय जय राजस्थान

धर कुंचा भई धर मंजलां
धर कुंचा भई धर मंजलां
धर मंजलां भई धर मंजलां

आबू छत्तर तो सीमा रो रक्षक जैसलमेर
किर्ने गढ़ रा परपोटा है बांका घेर घूमेर
घर घर गूंजे मेड़ततणी मीरा रा मीठा गान
कितरो कितरो रे करां म्हें बखाण, कण कण सूं गूंजे, जय जय राजस्थान

धर कुंचा भई धर मंजलां
धर कुंचा भई धर मंजलां
धर मंजलां भई धर मंजलां

राणी सती री शेखावाटी जंगळ मंगळ करणी
खाटू वाले श्याम धणी री महिमा जाए न वरणी
करणी बरणी रोज चलावे बायेड़ री संतान
कितरो कितरो रे करा म्हें बखाण, कण कण सूं गूंजे, जय जय राजस्थान

धर कुंचा भई धर मंजलां
धर कुंचा भई धर मंजलां
धर मंजलां भई धर मंजलां

गोगा पाबू, तेजो दादू, झाम्बोजी री वाणी
रामदेव की परचारी लीला किण सूं अणजाणी
जैमल पन्ना भामाशा री आ धरती है खान
कितरो कितरो रे करा म्हें बखाण, कण कण सूं गूंजे, जय जय राजस्थान

धर कुंचा भई धर मंजलां
धर कुंचा भई धर मंजलां
धर मंजलां भई धर मंजलां

22. चिर्मी

चिरमी रा,
चिरमी रा,
चिरमी रा डाणा चार
वारि जाऊं चिरमी ने...

चढ़ती ने दीखे मेड्तो
उतरती ने दीखे अजमेर
वारि जाऊं चिरमी ने...

चढ़ती रो चमक्यो चुडलो सा
उतरती ने चमक्यो नोसर हार
वारि जाऊं चिरमी ने...

चिरमी बाबोसा री लाडली सा
चिरमी बाबोसा री लाडली सा
या तो दौड़ी दौड़ी पीहर जाए
वारि जाऊं चिरमी ने...

म्हारी पीहरियारी रे चुनडी सा
म्हे तो ओडूं वार त्यौहार
वारि जाऊं चिरमी ने...

ऊपर रे डाले म्हारा जेठजी सा
काईँ नीचले डाला भरतार...
वारि जाऊं चिरमी ने...

के वारि जाऊं चिरमी ने
के वारि जाऊं चिरमी ने
के वारि जाऊं चिरमी ने

23. जीरो

मत बाओ म्हारा परनिया जीरो
मत बाओ म्हारा परनिया जीरो
यो जीरो जीव रो बैरी रे
मत बाओ म्हारा परनिया जीरो

पाडत कर पीरा पगला रे गया
म्हारा पडला घस गिया चांदी रा
मत बाओ म्हारा परनिया जीरो
यो जीरो जीव रो बैरी रे
मत बाओ म्हारा परनिया जीरो

सो रूपया की जोड़ी थांकी
म्हारो देवर भाग्यो लाखिनो
मत बाओ म्हारा परनिया जीरो
यो जीरो जीव रो बैरी रे
मत बाओ म्हारा परनिया जीरो

पीलो ओढ़ पीयरे चाली
म्हारो जीरो पड़ गयो पीलो रे
मत बाओ म्हारा परनिया जीरो
यो जीरो जीव रो बैरी रे
मत बाओ म्हारा परनिया जीरो

काजल घाल महेल मे चाली
म्हारो जीरो पड़ गयो कालो रे
मत बाओ म्हारा परनिया जीरो
यो जीरो जीव रो बैरी रे
मत बाओ म्हारा परनिया जीरो

24. छपनिया काल रे छपनिया काल

ओ म्हारो छप्पन्हियो काल्ड
फेरो मत अज भोल्डी दुनियाँ में

बाजरे री रोटी गंवार की फल्डी
मिल जाये तो वह ही भली

म्हारो छप्पन्हियो काल्ड
फेरो मत अज भोल्डी दुनियाँ में

25. चाँद चड्यो गिगनार

चाँद चड्यो गिगनार
फिरत्या ढल रहिया जी
अब बाई घराँ पधार
भाऊजी मारेला
बाबूसा देला गहल बडोरा
बीर बरजेला
मत दयो बाई ने गाल
भाई म्हारी चिड़ी कली
आज उड़े पर मान
तडके उड़ जासी जी

26. झालो अलगियों तो ऐयूं जालो मांए

झालो अलगियों तो ऐयूं जालो मांए
के धिया बाई सा रो पीवरियो तो एयूं मीडक मांए
सासूरियूं तो लीन्यूं नजरा मांए
बाइसा रो बापा जी तो रेग्या मीडंक भांए
ससुरा जी तो लीन्या नजरां मांए
सासू जी ने लीवों नजरां मांए।
बाई री साथणियां तो रैगी माड़क मांय
नणदल बाई सा ने लेवो नजरां मांए।

27. ढोलर बाज्यो रे, बाज्यो रे

ढोलर बाज्यो रे, बाज्यो रे
सईयों आई सावण तीज सुहावणी,
नान्ही-नान्ही बूँद पड़े छे
म्हारो लहरयो भीज्यो रे
सईयों आई सावण तीज सुहावणी,
ढोलर बाज्यो रे, बाज्यो रे
सईयों आई सावण तीज सुहावणी
कदम्बा की डाल पे
ढोलर घाल्यो, हीदड चाल्यो
हरिया बन की कोयल बोले
लागे चोखो भलो रे
सईयों आई सावण तीज सुहावणी,
ढोलर बाज्यो रे, बाज्यो रे
सईयों आई सावण तीज सुहावणी
आपस में हिलमिल झूला-
झोंटा दे द्यो रे
सईयों आई सावण तीज सुहावणी,
ढोलर बाज्यो रे, बाज्यो रे
सईयों आई सावण तीज सुहावणी

28. ढोला ढोल मंजीरा बाजे रे

ढोला ढोल मंजीरा बाजे रे, काळी छींट को घाघरो निजारा मारे रे
ओ ढोला
ढोला ढोल मंजीरा बाजे रे,काळी छींट को घाघरो निजारा मारे रे
ओ ढोला

साठ कळी रो घाघरो जी, कळी कळी में घेर
पैर बिचारा निसरे रुपया रो हो गयो ढेर
ढोला ढोल मंजीरा बाजे रे काळी छींट को घाघरो निजारा मारे रे
ओ ढोला

म्हे ढोला थाने घणी कही जी भक्तन के मत जाई,
टको लगावे गाँठ को जीरो लगाकर आई,
ढोला ढोल मंजीरा बाजे रे काळी छींट को घाघरो निजारा मारे रे
ओ ढोला

म्हे ढोला थाने घणी कही जी परदेसां मत जाये,
परदेसां की नारियां में मत न प्रीत लगाए,
ढोला ढोल मंजीरा बाजे रे काळी छींट को घाघरो निजारा मारे रे
ओ ढोला

जयपुर के बाज़ार में, पड्यो पेमली बोर,
नीची हुर उठावन लागी, पड्यो कमर में जोर,
ढोला ढोल मंजीरा बाजे रे काळी छींट को घाघरो निजारा मारे रे
ओ ढोला

29. तालरिया मगरिया रे मोरू बाई लारे रया

तालरिया मगरिया रे मोरू बाई लारे रया
आयो रे धोरां वाळो देश बीरो बिण्जारो रे
बीरो बिण्जारो रे मोरू ने लागे प्यारो रे
बीरो बिण्जारो रे यो म्हाने लागे प्यारो रे
आयो रे धोरां वालो देश बीरो बिण्जारो रे
आयो रे धोरां वालो देश बीरो बिण्जारो रे

कुण थाने बोल्या रे मोरू बाई बोलणा
कुण तो दिनी झिणी गाळ बीरो बिण्जारो रे
बीरो बिण्जारो रे मोरू ने लागे प्यारो रे
बीरो बिण्जारो रे मोरू ने लागे प्यारो रे
आयो रे धोरां वाळो देश बीरो बिण्जारो रे
आयो रे धोरां वालो देश बीरो बिण्जारो रे

सासूजी बोल्या रे मोरू बाई ने बोलणा
नळदल तो दिनी झिणी गाळ बीरो बिण्जारो रे
बीरो बिण्जारो रे मोरू ने लागे प्यारो रे
बीरो बिण्जारो रे मोरू ने लागे प्यारो रे
आयो रे धोरा वाळो देश बीरो बिण्जारो रे
आयो रे धोरा वाळो देश बीरो बिण्जारो रे

30. तारा री चुंदरी

बई-सा रा बीरा, जयपुर जाजो जी
आता तो लाइ जो, तारा री चुंदरी...
सुन्दर गौरी, पोत बतावो जी
कसिक ल्यावा, तारा री चुंदरी...
बई-सा रा बीरा, हरा हरा पल्ला जी
कसुमल रंग की, तारा री चुंदरी...
म्हारी मिरगा नैनी, ओढ़ बतावो जी
कसिक सोवे, तारा री चुंदरी...
बई-सा रा बीरा, ननद हटीली जी,
ओढ़न नहीं दे, तारा री चुंदरी...
म्हारी चंदा बदनी, ओढ़ बतावो जी,
महेला में निरखा, जाली री चुंदरी...
बाई-सा बीरा, जयपुर जाजो जी,
आता तो लाइ जो, तारा री चुंदरी,
महेला में निरखा, जाली री चुंदरी

31. नैना रा लोभी

एजी हाँसा म्हारी रुणक झुणक पायल बाजेसा
नैणा रा लोभी की कर आऊँसा

एजी हाँसा म्हारी सासू सूती ने नन्दल जागे सा
नैणा रा लोभी की कर आऊँसा
म्हारा बाई सा रा बीरा की कर आऊँसा

एजी हाँसा म्हारी रुणक झुणक पायल बाजेसा
नैणा रा लोभी की कर आऊँसा
ननदी रा बीरा की कर आऊँसा
बाई सा रा बीरा की कर आऊँसा

एजी हाँसा म्हारी जेठानी सूती द्योरानी जागे सा
नैणा रा लोभी की कर आऊँसा
भई सागर ढोला की कर आऊँसा

एजी हाँसा म्हारी रुणक झुणक पायल बाजेसा
नैणा रा लोभी की कर आऊँसा
भई सागर ढोला की कर आऊँसा

एजी हांसा म्हे तो आऊँ ने पाछी फिर फिर जाऊं सा
नैणा रा लोभी की कर आऊँसा
कम दजिया राजा की कर आऊँसा

एजी हाँसा म्हारी रुणक झुणक पायल बाजेसा
नैणा रा लोभी की कर आऊँसा
कम दजिया राजा की कर आऊँसा

एजी हाँसा म्हारो नानो देवर उभो जांखे सा
पाड़ोसन झाला देवे म्हे कइयां आऊँसा
पाड़ोसन झाला देवे म्हे कइयां आऊँसा

एजी हाँसा म्हारी रुणक झुणक पायल बाजेसा
नैणा रा लोभी की कर आऊँसा
कम दजिया राजा की कर आऊँसा

32. तूँ क्यों रान्याँ का भैय्या!

(भाई को बहन से मिलने ससुराल जाने को कहा
जा रहा है कि हे भैय्या! तुम्हारी बहन तो ससुराल
में फ़िक्र करते हुए कमज़ोर हो गई है जाओ मिल आओ..)
तूँ क्यों रान्याँ का भैय्या!
नीन्दडली में सूत्याँ राज।
थारी तो माँ की जाया
सासरियो में झूरे राज,
झूरेगी झूर मरे,
कोई काल्ड़ो काग उडावे राज
उड़ रे म्हारो काल्ड़ो कागो,
जे मेरो वीरो आवै राज
आवैगों आधी रात,
पिलंगन ताजन सूती राज
ऊठी छी वीर मिलन,
न टूटयो बाई रो हारो राज
हारो तो फेर पुओसां,
वीरान सूँकद मिल्स्याँ राज,
चुग देगी सोन चिड़ी
और पो देगो बणजारो राज,
कैठे की सोन चिड़ी
न कैठे को बणजारो राज,
दिल्ली की सोन चिड़ी
और जेपुर को बणजारो राज,
के मांगे सोन चिड़ी
और के मांगे बणजारो राज,
घी मांगे सोन चिड़ी
न गुड मांगे बणजारो राज,
घी देस्याँ सोन चिड़ी
और गुड देस्याँ बणजारो राज,
तूं क्यों रायाँ का भैय्या
नीन्दडली में सूत्याँ राज!

33. दिन उग्यो कूकड़ी बोले रे

दिन उग्यो कूकड़ी बोले रे
आई नव प्रभात
गवाँराँ गीगां हंस ल्यो रे
गयी अंधारी रात
नवाँ नवाँ हो झाड़ हाथ ले
सोत्डला में चालो चालो
खेतडला में चालो
अब हिम्मत, अब हिम्मत, अब हिम्मत,
की है बात रे
आयो नव प्रभात
कान खोल के सुण लो जवानो
धरती सोणा निपजे रे,
मेहनत सूँ, मेहनत सूँ, मेहनत सूँ
निपजे रे
गयी अंधारी रात
दिन उग्यो कूकड़ी बोले रे
आयो नव प्रभात

34. माथा न मेंमद लाओ

माथा न मेंमद लाओ, भंवर म्हांरी रखडी रतन जडाय।
ओजी म्हारी सहेल्यां जोवे बाटो, भंवर म्हांने खेलण द्यों गणगौर।
खेलण द्यो गणगौर-गणगौर, भंवर म्हांने निरखण द्यो गणगौर।
जी म्हांरी सहेल्यां ..........

के दिन की गणगौर, सुन्दर थांने कतरा दिन को चाव।
सोळा दिन की गणगौर, भंवर म्हांने सोळा दिन को चाव।
ओजी म्हांरी सहेल्यां ..........

सहेळ्यां ने ऊभी राखो, सुन्दर थांकी सहेळ्यां ने ऊभी राखो।
जी थांकी सहेळ्यां ने दोवंण गोट, सुन्दर थाने खेळणं दां गणगौर।
खेलण द्यो गणगौर

35. मोरया आछो बोल्यो रे

मोरिया आछो बोलियों रे ढलती रात ने
मोरिया आछो बोलियों रे ढलती रात ने, रात ने, रात ने
औ, म्हारे हिवडे में बेगी रे गुजार मोरिया
आछो बोलियों रे ढलती रात ने

36. म्हें तो सगलाई देवता भेट्यां रे भंवरा

म्हें तो सगलाई देवता भेट्यां रे भंवरा
म्हारे मायाजी रे तोले कोई नहीं भंवरा
म्हे तो सगलाई कुलदेव भेंट्या रे भंवरा
म्हारे भोपाजी रै तैल सिंदूर चढ़े रे भंवरा
म्हें तो सगलाई देवां ने भेंट्या रे भंवरा
म्हारे मायाजी रे तोले कोई नहीं रे भंवरा

37. बनी ! थूंई मत जाणे बना सा ऐकला रै

बनी ! थूंई मत जाणे बना सा ऐकला रै
झमकू ! थूंई मत जाणे "राइवर" ऐकला रै!
साथे चूड़ीदार, चौपदार, हाकिम ने हवालदार
कागदियों से कांमदार, काका ऊभा किल्लेदार
भौमा ऊबा मज्जादार, सखाया सब लारोलार
फूल बिखौरे गजरों गंधियों रै
बनी थूंई मत जाणे बनासा एकला रै

38. म्हें थांने पूछां म्हारी धीयड़ी

म्हें थांने पूछां म्हारी धीयड़ी
म्हें थांने पूछां म्हारी बालकी
इतरो बाबा जी रो लाड़, छोड़ र बाई सिध चाल्या।

मैं रमती बाबो सो री पोल
मैं रमतो बाबो सारी पोल
आयो सगे जी रो सूबटो, गायड़मल ले चाल्यो।

म्हें थाने पूंछा म्हारी बालकी
म्हें थाने पूंछा म्हारी छीयड़ी
इतरों माऊजी रो लाड़, छोड़ र बाई सिध चाल्या।

आयो सगे जी रो सूबटो
हे, आयो सगे जी रो सूबटो
म्हे रमती सहेल्यां रे साथ, जोड़ी रो जालम ले चाल्यो।

हे खाता खारक ने खोपरा
रमता सहेलियां रे साथ
मेले से हंसियों लेइ चाल्यों

हे पाक्या आवां ने आबंला
हे पाक्यां दाड़म ने दाख
म्लेइ ने फूटर मल वो चाल्यो

म्हें थाने पूंछा म्हारी धीयड़ी
इतरों बापा जी रो लाड़, छोड़ने बाई सिध चाल्यो।

39. म्हारों बालूड़ों ग्यो तो सासरे

म्हारों बालूड़ों ग्यो तो सासरे, जरमरियो
काईं काईं लायो रे वीरा डायजिये ... जरमरियो ढ़ोलो
लाड़ी आयो ने अनुअर डायजिये ... जरमरियो ढ़ोलो
बेड़ो लायो ने थाली डायजिये ... जरमरियो ढ़ोलो
लोटो लायो ने लोटी डायजिये ... जरमरियो ढ़ोलो
सीरस लायो ने ढ़ाल्यो डायजिये ... जरमरियो ढ़ोलो
म्हारो बालूड़ो ग्यो तो सासरे ... जरमरियो ढ़ोलो
काईं काईं लायो रे वीरा डायजिये ... जरमरियो ढ़ोलो।

40. म्हारी ऐ मंगेतर

बनी म्हारी आवे रे बनी मुस्काती आवे रे
के झीणे घूँघट में दीखे है मुखडो सोवनों रे

म्हारी ऐ मंगेतर काजळ वाळी
सुरमे वाळो रे नवाब के जोड़ी रो जवाब नहीं
सुरमे वाळो रे नवाब जोड़ी रो जवाब नहीं
जवाब नही जवाब नही
सुरमे वाळो रे नवाब के जोड़ी रो जवाब नहीं

म्हारी ऐ मंगेतर नथणी वाळी
मुंछो वाळो रे नवाब के जोड़ी रो जवाब नहीं
जवाब नहीं जवाब नहीं
मुंछो वाळो रे नवाब के जोड़ी रो जवाब नहीं

म्हारी ऐ मंगेतर कुरती वाळी
चोळे वालो रे नवाब के जोड़ी रो जवाब नहीं
जवाब नहीं जवाब नहीं
चोळे वालो रे नवाब के जोड़ी रो जवाब नहीं

म्हारी ऐ मंगेतर चुडियों वाळी
घड़ियों वाळो रे नवाब के जोड़ी रो जवाब नहीं
जवाब नहीं रे जवाब नहीं
घड़ियों वाळो रे नवाब जोड़ी रो जवाब नही

म्हारी ऐ मंगेतर लहेंगे वाळी
धोती वाळो रे नवाब के जोड़ी रो जवाब नही
जवाब नहीं जवाब नहीं
धोती वाळो रे नवाब के जोड़ी रो जवाब नहीं

म्हारी ऐ मंगेतर नखरेवाळी
गुस्से वाळो रे नवाब के जोड़ी रो जवाब नहीं
जवाब नहीं के जवाब नहीं
गुस्से वाळो रे नवाब के जोड़ी रो जवाब नहीं

41. म्हारे से डरपत नहीं चूहा

म्हारे से डरपत नहीं चूहा
सेंध चलावै छप्पर में

कैसे पतो पड़ो बणजारिन
चूंटी ना छोड़ो चून
बहिन मेरी कर दियो
छेट चपटिया में

कोठी और कुठिला में
पंसेरी कर दिये मींग
बहिन मेरी जौ की
कर दई बेजरिया

चूहा मारन मैं गई
झट्ट बिलन में जाये
बहिन मेरी मौंछ
हिलावे गिट्टे में

42. पोदिनो

ओ लुळ ओ झुक
ओ लुळ जाई रे हरिया पोदीना
ओ झुक जाई रे हरिया पोदीना
ओ तने सिल पे बटांऊं हरिया पोदीना
ओ झुक जाई रे हरिया पोदीना

क्यारियां में बाऊं केवडो़ खेताँ में बाऊं हरियो पोदिनो
ओ लुळ ओ झुक
ओ लुळ जाई रे हरिया पोदीना
ओ झुक जाई रे हरिया पोदीना

माथा पे ल्याई केवडो़ झोळी में ल्याई हरियो पोदिनो
ओ लुळ ओ झुक
ओ लुळ जाई रे हरिया पोदीना
ओ झुक जाई रे हरिया पोदीना

सासूजी ने भावे केवडो़ सुसराजी ने भावे हरियो पोदिनो
ओ लुळ ओ झुक
ओ लुळ जाई रे हरिया पोदीना
ओ झुक जाई रे हरिया पोदीना

जेठजी ने भावे केवडो़ जेठाणी ने भावे हरियो पोदिनो
ओ लुळ ओ झुक
ओ लुळ जाई रे हरिया पोदीना
ओ झुक जाई रे हरिया पोदीना

देवेरजी ने भावे केवडो़ देवरानी ने भावे हरियो पोदिनो
ओ लुळ ओ झुक
ओ लुळ जाई रे हरिया पोदीना
ओ झुक जाई रे हरिया पोदीना
ओ तने सिल पर बटांऊं हरिया पोदीना
ओ झुक जाई रे हरिया पोदीना

43. बाजूबंद री लूम

टूटे बाजूडा री लूम लड़ उलझी उलझी जाए
टूटे बाजूबंद री लूम लड़ उलझी उलझी जाए
कोई पंचरंगी लहेरिया रो पल्लो लहेराए
धीरे चालो नी बायरिया हौळे हालो नी बयारिया
झालो सहयो नही जाए

टूटे बाजूडा री लूम लड़ उलझी उलझी जाए
टूटे बाजूबंद री लूम लड़ उलझी उलझी जाए
कोई पंचरंगी लहेरिया रो पल्लो लहेराए
धीरे चालो नी बायरिया हौळे हालो नी बयारिया
झालो सहयो नही जाए

लागी प्यारी फुलवारी आतो झूम झूम जाए
ल्याई गोरी रो संदेशो घर आओ नी सजन
बैरी आंसुडा रो हार बिखर नही जाए
कोई चमकी री चुंदरी में सळ पड़ जाए
धीरे चालो नी बायरिया हौळे हालो नी बयारिया
झालो सहयो नही जाए
धीरे चालो नी बायरिया हौळे हालो री बयारिया
झालो सहयो नही जाए

44. बन्ना रे बागां में झुला घाल्या

1.
बना रे बागां में झुला घाल्या
म्हारे हिवडे री, म्हारे जिवड़े री, म्हारे मन डे री कोयल बोले झुला छैल भंवरसा
म्हारे मन डे री कोयल बोले झुला छेल भंवरसा

गोरी ऐ बागां में झुला घाल्या
म्हारे हिवडे रो, म्हारे जिवड़े रो, म्हारे मनडे रो मोरियो नाचे झुला जान कंवरसा
म्हारे मनडे रो मोरियो नाचे झुला जान कंवरसा

बना रे फागण री रुत आई
मैं लुक छिप, मैं छुप छुप, मैं छाने छाने आई, म्हारा छैल भंवरसा
मैं छाने छाने आई, म्हारा छैल भंवरसा

गोरी ऐ रंग गुलाबी थारो
थारे नैणा सूं, थारे गालां सूं, थारे होठा सूं रंग मन म्हारो म्हारी जान कंवरसा
थारा होठा सूं रंग मन म्हारो म्हारी जान कंवरसा

बना रे रंग में रंग रळ जावे
जद मनडे सूं, जद तनडे सूं, जद मन डे सूं मन मिल जावे म्हारा छैल भंवरसा
जद मन डे सूं मन मिल जावे म्हारा छैल भंवरसा

गोरी ऐ प्रीत री डोर न टूटे
इण जनम ने, ऊण जनम ने, सौ जनम में साथ न छूटे म्हारी जान कंवरसा
सौ जनम में साथ न छूटे म्हारा छैल भंवरसा
सौ जनम में साथ न छूटे म्हारी जान कंवरसा

2.
बन्ना रे बागा में झूला डाल्या, म्हारी बन्नी ने झूलण दीजो बन्ना गेन्द गजरा.
बन्ना रे बाग में झूला डाल्या, म्हारी लाडी ने झूलण दीजो बन्ना गेन्द गजरा.
बन्ना रे जैपुरिया ते जाज्यो, म्हारी बन्नी ने रखदी ल्याइजो बन्ना गेन्द गजरा.
बन्ना रे कोटा बून्दी जाज्यो, म्हारी लाडी ने लहेरिओ ल्याइजो बन्ना गेन्द गजरा
बन्ना रे चूडीगड ते जाज्यो, म्हारी लाडी ने चुड्लो ल्याइजो बन्ना गेन्द गजरा

45. म्हाने चूंदड़ी मंगादे रे

म्हाने चूंदड़ी मंगादे रे
ओ नण्दी के बीरा
तने यूँ घूंघट में राखूंगी ओ नण्दी के बीरा

म्हाने रखड़ी घड़ादे रे ओ नण्दी के बीरा
तने यूँ माथे पर सजालूंगी ओ नण्दी के बीरा
म्हाने चूंदड़ी मंगादे रे
ओ नण्दी के बीरा

46. पिळो रंगावो जी

पाँच मोहर को साहिबा पिळो रंगावो जी
हाथ बतीसी गज बीसी गाढा मारू जी
पिळो रंगावो जी

दिल्ली सहर से साईबा पोत मंगावो जी
जैपर का रंगरेज बुलावो गाढा मारू जी
पिळो रंगावो जी

पिला तो पल्ला साईबा बन्धन बन्धाऊँ जी
अध बीच चाँद चपाऊँ गाढा मारू जी
पिळो रंगावो जी

रंग्यो ऐ रंगायो जच्चा होया संजोतो जी
पण बेरे माएं पकडायो जी गाढा मारूं जी
पिळो रंगावो जी

पिळो तो औढ़ म्हारी जच्चा पाटे पर बैठी जी
दयोराणी जेठाणी मुखड़ो मोड्यो गाढा मारूं जी
पिळो रंगवो जी

पिळो तो औढ़ म्हारी जच्चा सर्वर चाली जी
सारो ही सहर सरायो गाढा मारू जी
पिळो रंगावो जी

47. म्हारे आलीजा री चंग

म्हारे आलीजा री चंग, बाजै अलगौजा रे संग,
फागण आयो रे!

रूंख-रूंख री नूंवी कूपळा, गीत मिलण रा अब गावै
बन-बागां म काळा भंवरा, कळी-कळी ने हरसावै
गूंझै ढोलक ताल मृदंग, बाजे आलीजा री चंग
फागण आयो रे!

आज बणी हर नारी राधा, नर बणिया है आज किसन
रंग प्रीत रो एडो बिखर्यो, गली-गली है बिंदराबन
हिवडै-हिवडै उठे तरंग, बाजे आलीजा री चंग
फागण आयो रे!

48. पल्लो लटके

अँखियों में छोटे-छोटे सपने सजाइके
बहियों में निंदिया के पंख लगाइके
चँदा में झूले मेरी बिटिया रानी
चाँदनी रे झूम, हो, चाँदनी रे झूम ...

यही तो कली है प्यारी मेरी सारी बगिया में
मैंने यही मोती पाया जीवन नदिया में
ममता लुटाऊं ऐसी मच जाए धूम
चाँदनी रे झूम, हो, चाँदनी रे झूम ...

निंदिया के संग-संग राजा कोई आएगा
बिंदिया लगाएगा रे माला पहनाएगा
लेगा फिर प्यारे-प्यारे मुखड़े को चूम
चाँदनी रे झूम, हो, चाँदनी रे झूम ...


आ: ( पल्लो लटके रे म्हारो पल्लो लटके ) २
ज़रा सा टेढ़ो हो जा बालमा म्हारो पल्लो लटके

कि: गोरी ( जियो भटके रे म्हारो जियो भटके ) २
ज़रा सा ऊँ ज़रा सा आ
ज़रा सा सीधो हो जा ज़ालिमा म्हारो जियो भटके

आ: ( इस खातिर से तेरे द्वार लियो मैं ने पल्लो डार ) २
पर छाती में ना सीधो लागे म्हारे नैन कटार
ज़रा सा आ ज़रा सा ऊँ
ज़रा सा टेढ़ो हो जा बालमा म्हारो पल्लो लटके ...

कि: ( मूंगे जैसे लाले होंठ मोती जैसे गोरे गाल ) २
ज़रा सा घुंघटा ऊपर फेर दिखादे मो को भी ये माल
ज़रा सा ऊँ ज़रा सा आ
ज़रा सा सीधो हो जा ज़ालिमा म्हारो जियो भटके ...

आ: (मैं हूँ जिस बस्ती की हूर नगर गुलाबी है मशहूर)

कि: गोरी हँस के बैया डाल यही पे दिखला तू...ऊर)
ज़रा सा ऊँ ज़रा सा आ
ज़रा सा सीधो हो जा ज़ालिमा म्हारो जियो भटके ...

49. म्हारा दादाजी के जी मांडी गणगौर

म्हारा दादाजी के जी मांडी गणगौर
म्हारा काकाजी के मांडी गणगौर
रसीया घडी दोय खेलवाने जावादो

घडी दोय जावता पलक दोय आवता
सहेलियाँ में बातां चितां लागी हो रसीया
घडी दोय खेलवाने जावादो

थारो नथ भलके थारो चुड़लो चमके
थारा नेना रा निजारा प्यारा लागे हो मारुजी
थारा बिना जिवडो भुल्यो डोले

50. मोरू भाई पांवणा

आया आया रे
मोरू भाई पांवणा

कांई आगे धोरा वाळो देश
बीरो बणजारो रे
कांई आया म्‍हारा देवर जेठ
बीरो बणजारो रे

सासू रांध्‍या रे मोरू भाई बांकळा
म्‍हारी नणद बिलोवे खाटी छाछ
बीरो बणजारो रे

मंगरिया उंछाळू रे
मोरू भाई बांकळा
नदिया में लिमोऊं खाटी छाछ
बीरो बणजारो रे

माथा धोऊं रे
मोरू भाई मेट सूं
कांई घालूं चमेली रो तेल
बीरो बणजारो रे

51. भँवर म्हाने खेलण दयो गणगौर

(इस गीत में पत्नि पति से गणगौर उत्सव में
शृंगार पदार्थ लाकर देने का निवेदन करती है..)


भँवर म्हाने खेलण दयो गणगौर
ऐसी म्हारी
लाड बरण का बीर
भँवर म्हाने पूजन दयो गणगौर
माथे पे मेमद ल्याओ ऐसी
म्हारी रखडी रतन जडायो
भँवर म्हाने चूडला ल्याओ
भँवर म्हारे पाँव मैं पायल ल्याओ
ऐसा म्हारा
बिछुआ जुटणा बैठ घडायो
भँवर म्हाने खेलण दयो गणगौर

52. म्हारी गुदली हथेली मं छालो पड़ गयो

गौरी की नर्म हथेली पर छाले पड़ गए हैं, वह काम नहीं
कर सकती...पर उसे जयपुरिया लहरिया दुपट्टा व मधुपुरिया
घाघरा तो चाहिए...)

म्हारी गुदली हथेली मं छालो पड़ गयो
मधुआ म्हारो जी!

मैं पलो नहीं काटूँ सा
घास नहीं खूदे से महं सूँ
परले नहीं कटे से
म्हारी भोली सूरत
काली पड़ गी
मधुआ म्हारो जी

रखड़ी भी ले लो थे
थारी बेगडी भी ले लो
म्हाने जेपुरिया लहरयो मंगवादो
मधुआ म्हारो जी!

जुटड़ा भी ले लेलो जी
थारा बिछुआ भी ले लो
म्हाने मधुआपुर सूं घाघरा मंगवादो
मधुआ म्हारो जी!

53. पींपळी

बाय चाल्या छा भंवर जी पींपळी जी
हांजी ढोला हो गई घेर घुमेर
बैठण की रूत चाल्या चाकरीजी
ओजी म्हारी सास सपूती रा पूत
मत ना सिधारो पूरब की चाकरी जी ।। स्थाई ।।
परण चाल्या छा भंवर जी गोरड़ी़ जी
हांजी ढोला हो गई जोध जवान
विलसण की रुत चाल्या चाकरी जी
ओ जी म्हारी लाल नणद बाई रा बीर

मत ना सिधारो पूरब की चाकरी जी ।।
कुण थांरा घुड़ला कस दिया जी
हांजी ढोला कुण थानै कस दीनी जीन
कुण्यांजी रा हुकमा चाल्या चाकरी जी
ओजी म्हारे हिवड़ा रो नौसर हार
मत ना सिधारो पूरब की चाकरी जी ।।

रोक रुपैया भंवर जी मैं बणूं जी
हां जी ढोला बण ज्याऊं पीळी पीळी म्होर
भीड़ पड़ै जद सायबा बरत ल्योजी
ओजी म्हारी सेजां रा सिणगार
पिया की पियारी ने सागे ले चलो जी ।।
कदेई नां ल्याया भंवर जी चूनड़ी जी
हां जी ढोला कदेई ना करी मनवार
कदेई नां पूछी मनड़ै री बारता जी
हां जी म्हारी लाल नणद रा बीर
थां बिन गोरी नै पलक ना आवड़ै जी

बाबोसा नै चाये भंवर जी, धन घणों जी
हां जी ढोला कपड़े री लोभण थारी माय
सैजां री लोभण उडीकै गोरड़ी जी
हां जी थारी गोरी, उड़ावै काळा काग
अब घर आओ, धाई थारी नौकरी जी ।।
चरखो तो लेल्यो भंवर जी रांगलो जी
हां जी ढोला पीढ़ो लाल गुलाल
मैं कातूं थे बैठ्या बिणजल्यो जी
ओजी म्हारी लाल नणद रा बीर
घर आओ प्यारी ने पलक ना आवड़ै जी ।।

सावण सुरंगों लाग्यो भादवो जी
हां जी कोई रिमझिम पड़े है फुहार
तीज तिंवारा घर नहीं बावड़्या जी
ओजी म्हारा घणा कमाऊ उमराव
थारी पियारी नै पलक ना आवड़ै जी ।।

फिर-घिर महिना भंवर जी आयग्या जी
हाँ जी ढोला हो गया बारा मास
थारी धण महला भंवर जी झुर रही जी
हाँ जी म्हारे चुड़ले रा सिणगार
आच्छा पधारया पूरब की नौकरी जी
उजड़ खेड़ा भंवर जी फिर बसे जी
हाँ जी ढोला निरधन रे धन होय
जोबन गयां पीछे नांही बावड़े जी
ओजी थाने लिख हारी बारम्बार
ओजी घर आओ थारी धण एकली जी ।।
जोबन सदा नां भंवर जी थिर रवे जी
हाँ जी ढोला फिरती घिरती छाँव
कुळ का तो बाया मोती नीपजे जी
ओ जी थारी प्यारी जोवै बाट
जल्दी पधारो गोरी रे देस में जी ।। स्थाई ।।

54. राजी राजी बोल बनी तो चुड़लो पेरादूं

राजी राजी बोल बनी तो चुड़लो पेरादूं
बेराजी बोले तो म्हारी लाल चिटियो, म्हारी फूल चिटियो
नवी नारंगी रो खेल बतादूं रसिया... मीठी खरबूजो
राजी राजी बोल बनी तो तीमणियौ पैराधूं
बैराजी बोले तो म्हारी लाल चिटियों... म्हारी फूल चिटियों
नई नारंगी रो खेल बता दू रसिया... मीमो खरबूजों।

55. शहर बाजार में जाइजो हो बना जी हो राज

शहर बाजार में जाइजो हो बना जी हो राज
पान मंगाय वो रंगतदार बनजी बांगा माहे
पांन खाय बनी सांभी सभी, बना हजी हो राजे
बनो खीचे बनी से हाथ... हो बांगा माहे
हाव्यलड़ों मत खीचों बना जी हो राजे
रुपया लेस्सूँ सात हजार... हो बांगा माहे
ऊधार फुझाब मैं नहीं करां हो राज
रुपया गिगलां सात हजार... हो बांगा माहे
शहर बाजरां मती जाइजो हो राज
म्हांने परदेसी रो कांई रे विसवास... हो बांगा माहे...

56. रुमाल

लेता जैजो जी दिल्डो देता जैजो
म्हारी लाल ननद बाई रा बीरा रे रूमाल म्हारो लेता जैजो
छोटी ननद बाई रा बीरा रे रूमाल म्हारो लेता जैजो
लेता जैजो जी दिल्डो देता जैजो
छोटी ननद बाई रा बीरा रे रूमाल म्हारो लेता जैजो
म्हारी लाल ननद बाई रा बीरा रे रूमाल म्हारो लेता जैजो

आप रे कारण म्हे तो बाग़ लगायो सा
घुमण रे मिस आजो नैना रा लोभी
हरियो रुमाल म्हारो लेता जैजो जी दिल्डो देता जैजो
छोटी ननद बाई रा बीरा रे रूमाल म्हारो लेता जैजो

आप रे कारण म्हे तो थाळ परोस्यो सा
आप रे कारण म्हे तो भोजन परोस्यो सा
जीमण रे मिस आजो नैना रा लोभी
हरियो रुमाल म्हारो लेता जैजो जी दिल्डो देता जैजो
लाल ननद भाई रा बीरा रे रुमाल म्हारो लेता जैजो

आप रे कारण म्हे तो होद भरायो सा
नहावण रे मिस आजो नैना रा लोभि
हरियो रुमाल म्हारो लेता जैजो जी दिल्डो देता जैजो
छोटी ननद बाई रा बीरा रे रूमाल म्हारो लेता जैजो
लेता जैजो जी दिल्डो देता जैजो
छोटी ननद बाई रा बीरा रे रूमाल म्हारो लेता जैजो
म्हारी लाल ननद बाई रा बीरा रे रूमाल म्हारो लेता जैजो

57. रिमझिम-रिमझिम मेहा बरसे

रिमझिम-रिमझिम मेहा बरसे, काळा बादळ छाया रे
पिया सूं मलबां गांव चली, म्हारे पग में पड ग्या छाला रे
रिमझिम...

भरी ज्वानी म्हांने छोड गया क्यूं, जोबन का रखवाला रे
सोलह बरस की रही कुंवारी, अब तो कर मुकलावां रे
रिमझिम...

घणी र दूर सूं आई सजनवां, थांसू मिलवा रातां रे
हाथ पकड म्हांने निकां बिठाया, कान में कर गया बातां रे
रिमझिम...

58. रणुबाई रणुबाई रथ सिनगारियो तो

रणुबाई रणुबाई रथ सिनगारियो तो
को तो दादाजी हम गोरा घर जांवा
जांवो वाई जावो बाई हम नहीं बरजां
लम्बी सड़क देख्या भागी मती जाजो
उँडो कुओ देख्या पाणी मती पीजो
चिकनी सिल्ला देखी न पाँव मती धरजो
पराया पुरुष देखनी हसी मती करजो

59. रखडी ऊपर रखडी जाण

रखडी ऊपर रखडी जाण
आगे बोरलो
जाण आगे बोरलो
आगाँ सरको जी पंडत का
बेटा भरवा द्यो चरी
आगाँ सरको जी ज्योश्याँ
रा बेटा भरवा द्यो चरी

60. सात सहेल्यां रे झूलरे

सात सहेल्यां रे झूलरे, पणिहारी जीयेलो मिरगानेणी जीयेलो
पाण्यू चाली रे तालाब, बाला जो
काळी रे कळायण उमडी ए 'पणिहारी जीयेलो, मिरगानेणी जीयेलो',
छोटोडी बूंदां रो बरसे मेह, बालाजो
आज धराऊं धूंधलो ए पणिहारी...
मोटोडो धारां रो बरसे मेह, बाला जो
भर नाडा भर नाडयां ए पणिहारी...
भरियो-भरियो समंद तलाब, बाला जो

61. सूती थी रंग महल में

सूती थी रंग महल में,
सूती ने आयो रे जन जाणु,
सुपना रे बैरी नींद गवाईं रे

सुपने में आग्या जी, म्हारी नींद गवाग्या जी
सूती है सुख नींदा में म्हाने तरसाग्या जी
सुपना रे बैरी नींद गवाईं रे

तब तब महेला ऊतरी,
गई गई नन्दल रे पास,
बाईसा थारो बिरो चीत आयो जी

पूछे भाभी गेली बावली, बीरोजी गया है परदेस,
सुपने तो तने झुटो ही आयो रे

देखो ननद थारी भाईजी की बातां,
लाज शरम नहीं आवे,
सुपने के बाहने नैणां से नैण मिलाग्या जी

सुपने में आग्या जी, म्हारी नींद गवाग्या जी,
सूती है सुख नींदा में म्हाने तरसया गया जी,
सुपना रे बैरी नींद गवाईं रे

62. सोनी गढ़ को खड़को

सोनी गढ़ को खड़को म्हे सुन्यो सोना घड़े रे सुनार
म्हारी गार कसुम्बो रुदियो
सोनी धड़जे ईश्वरजी रो मुदड़ो,
वांकी राण्या रो नवसर्‌यो हार म्हांरी गोरल कसुम्बो रुदियो
वातो हार की छोलना उबरी बाई
सोधरा बाई हो तिलक लिलाड़ म्हारे गोर कसुम्बो रुदियो

63. साल्यो पतली कासूँ पड़गी पीवर बस के

साल्यो पतली कासूँ पड़गी पीवर बस के
जीज्यो पियो बसे परदेसों फीकर करके
साल्यो तार दूँ या चीठी बुलादुं तडके
जीज्यो मत दे तार चीठी गयो है लडके
जीज्यो गोदी धर ले चाल्यो, चोबारो छोटो
साल्यो बोल मत बोलो जीजो है छोटो
जीज्यो चूंदरी रंगादे कमाई करके
साल्यो बोल मत बोलो जीजो है छोटो
जीज्यो पागडी रंगाले कमाई करके
जीज्यो बाँध क्यों न आवे जमाई बनके।

64. हाँजी म्हारे आँगन कुओ

हाँजी म्हारे आँगन कुओ खिनयदो हिवड़ा इतरो पानी
हाँजी जुड़ो खोलर न्हावा बेठी ईश्वरजी री रानी
हाँजी झाल झलके झुमना रल के बोले इमरत बानी
हाँजी इमरत का दो प्याला भरिया कंकुरी पिगानी

65. हरियो रूमाळ

चाहे बिक जाये हरियो रूमाळ
बैठूंगी मोटर कार में

चाहे सास बिको चाहे ससुर बिको
चाहे बिक जाये नणद छिनार
बैठूंगी मोटर कार में

चाहे देवर बिको चाहे देराणी बिको
चाहे बिक जाये सारा रूमाळ
बैठूंगी मोटर कार में

चाहे जेठ बिको चाहे जेठाणी बिको
चाहे बिक जाये हरियो रूमाळ
बैठूंगी मोटर कार में

चाहे बलम बिको चाहे सौंक बिको
चाहे बिक जाये सांस को लाल
बैठूंगी मोटर कार में

66. हमको गुलाबी दुपट्टा

हमको गुलाबी दुपट्टा
हमें तो लग जायेगी नजरिया रे

चाहे राजा मारो चाहे पुचकारो
हम पे ना आवे थारो पनिया
हमारी पतळी सी कमरिया रे

चाहे राजा मारा चाहे पुचकारो
हम पे ना होवे थारो गोबर
हमार सड़ जायेगी उंगलियां रे

चाहे राजा मारो चाहे पुचकारो
हम पे ना हौवे थारी रोटी
हमारी जळ जायेगी उंगलियां रे

चाहे राजा मारो चाहे पुचकारो
हम पे ना हौवे थारो बिस्तेर
हमारी छोटी सी उमरिया रे