मिली-जुली कविता गुलज़ार हिंदी कविता
Misc. Poetry Gulzar

  • हम को मन की शक्ति देना, मन विजय करें
  • रात चुपचाप दबे पाँव चली जाती है
  • देखो, आहिस्ता चलो
  • इक इमारत
  • जगजीत: एक बौछार था वो
  • खाली कागज़ पे क्या तलाश करते हो
  • न आने की आहट
  • मेरा कुछ सामान
  • जय हो
  • सपना रे सपना
  • काली काली
  • रोको मत टोको मत
  • जंगल जंगल पता चला है
  • लौटूंगी मैं
  • तोते उड़ गए
  • टैगोर
  • बस एक चुप सी लगी है
  • चौदहवीं रात के इस चाँद तले
  • पूरे का पूरा आकाश घुमा कर
  • जिहाल-ए-मिस्कीं मुकों बा-रंजिश
  • त्रिवेणियाँ
  • हिंदुस्तान में दो दो हिंदुस्तान दिखाई देते हैं
  • चलो ना भटके
  • मैं अपने घर में ही अजनबी
  • क़दम उसी मोड़ पर जमे हैं
  • स्पर्श
  • इक जरा छींक ही दो तुम
  • मौत तू एक कविता है
  • रात भर सर्द हवा चलती रही
  • लैंडस्केप-1
  • लैंडस्केप-2
  • कुछ और मंजर-1
  • आम
  • खुमानी, अखरोट
  • रिश्ते बस रिश्ते होते हैं
  • एक में दो
  • कुछ खो दिया है पाइके
  • वक़्त को आते न जाते न गुज़रते देखा
  • बर्फ़ पिघलेगी जब पहाड़ों से
  • किस क़दर सीधा सहल साफ़ है यह रस्ता देखो
  • ज़ुबान पर ज़ायका आता था जो सफ़हे पलटने का
  • हमें पेड़ों की पोशाकों से इतनी-सी ख़बर तो
  • दरख़्त रोज़ शाम का बुरादा भर के शाखों में
  • एक नदी की बात सुनी
  • बारिश आने से पहले
  • मेरे रौशनदान में बैठा एक कबूतर
  • मकान की ऊपरी मंज़िल पर
  • यारम
  • बोलिये सुरीली बोलियाँ
  • प्यार वो बीज है
  • बस एक लम्हे का झगड़ा था