Mir Taqi Mir
मीर तक़ी मीर
मीर तकी मीर (१७२३-१८१०) का जन्म आगरे में हुआ। उनका बचपन उनके पिता की देख-रेख
में गुज़रा। उन के पिता का मीर के चरित्र निर्माण में बहुत बड़ा योगदान है।अपने पिता की मौत के बाद वह
१७३४ में दिल्ली आ गए। पढ़ाई पूरी करने के बाद वह वहाँ ही दरबारी कवि
बन गए।अहमद शाह अब्दाली के हमलों की तबाही के बाद वह १७८२ में लखनऊ आ गए और अंत
तक यहाँ ही रहे। उन की पूरी रचना 'कुल्लियात' में छह दीवान शामिल हैं। उन की रचना के कुल १३५८५
शेयर हैं। मीर की कविता दर्द के साथ ओतप्रोत है।
हिन्दी में कविता/शायरी मीर तकी मीर
Poetry in Hindi Mir Taqi Mir