मधुज्वाल : सुमित्रानंदन पंत

Madhujwal Sumitranandan Pant

मधुज्वाल उमर ख़ैयाम की रुबाइयों का अनुवाद

  • प्रिय बच्चन को
  • रे जागो, बीती स्वप्न रात
  • खोलकर मदिरालय का द्वार
  • प्रीति सुरा भर, साक़ी सुन्दर
  • हाय, कोमल गुलाब के गाल
  • मदिराधर कर पान नहीं रहता
  • वह अमृतोपम मदिरा, प्रियतम
  • बैठ, प्रिय साक़ी, मेरे पास
  • वृथा यह कल की चिन्ता, प्राण
  • मदिराधर कर पान सखे
  • राह चलते चुभता जो शूल
  • सुरालय हो मेरा संसार
  • मदिराधर रस पान कर रहस
  • हंस से बोली व्याकुल मीन
  • ज्ञानोज्वल जिनका अंतस्तल
  • मदिर अधरों वाली सुकुमार
  • अधर मधु किसने किया सृजन
  • उमर दिवस निशि काल और दिशि
  • छूट जावें जब तन से प्राण
  • अधर घट में भर मधु मुस्कान
  • तुम ऋतुपति प्रिय सुघर कुसुम चय
  • यहाँ नीलिमा हँसती निर्मल
  • सुनहले फूलों से रच अंग
  • इस जीवन का भेद
  • फेन ग्रथित जल, हरित शष्प दल
  • हृदय जो सदय, प्रणय आगार
  • चपल पलक से कुटिल अलक से
  • भला कैसे कोई निःसार
  • रम्य मधुवन हो स्वर्ग समान
  • वनमाला में जो गुल लाला
  • उमर दो दिन का यह संसार
  • मधुऋतु चंचल, सरिता ध्वनि कल
  • उमर कर सब से मृदु बर्ताव
  • लज्जारुण मुख, बैठी सम्मुख
  • मधुर साक़ी, भर दे मधुपात्र
  • पंचम पिकरव, विकल मनोभव
  • सुरा पान से, प्रीति गान से
  • अधर सुख से हों स्पंदित प्राण
  • अंगों में हो भरी उमंग
  • बंधु, चाहता काल
  • पूछते मुझसे, ‘ए ख़ैयाम
  • कल कल छल छल सरिता का जल
  • उमर मत माँग दया का दान
  • प्रणय लहरियों में सुख मंथर
  • पाप न कर ख़ैयाम
  • सरिता से बहते जाते
  • दुख से मथित, व्यथित यदि तू नित
  • मदिराधर चुंबन, प्रसन्न मन
  • स्तुत्य यदि तेरे काम
  • अपना आना किसने जाना
  • मद से कंपित मदिराधर स्मित
  • कितने ही कल चले गए छल
  • प्रिये, गाओ बहार के गान
  • मुझे यदि मिले स्वर्ग का द्वार
  • चंचल शबनम सा यह जीवन
  • कहाँ वह करुणा, करुणागार
  • हे मेरे अमर सुरा वाहक
  • उमर रह, धीर वीर बन रह
  • राह में यों मत चल, ख़ैयाम
  • तरुण साक़ी भी हो जो साथ
  • उमर पी साँस साँस में चाह
  • विरह व्यथित मन, साक़ी, तत्क्षण
  • ढालता रहता वह अविराम
  • श्यामल, दूर्वा दल स्मित भूतल
  • मीना की ग्रीवा से झरझर
  • चंचल जीवन स्रोत
  • यह जग मेघों की चल माया
  • प्रेम के पांथवास में आज
  • स्वर्गिक अप्सरि सी प्रिय सहचरि
  • विरह मंथित उर का आमोद
  • सुरा में दुरा स्वर्ग का सार
  • विश्व वीणा का जो कल गान
  • प्रणय का हो उर में उन्मेष
  • तुम्हारा रक्तिम मुख अभिराम
  • मधुर साक़ी, उर का मधु पात्र
  • यह हँसमुख मृदु दूर्वादल
  • उस हरी दूब के ऊपर
  • मनुज कुछ, धन में जिनके प्राण
  • जिसके प्रति अपनाव
  • यदि तेरा अंचल वाहक
  • इस पल पल की पीड़ा का
  • वह प्याला भर साक़ी सुंदर
  • पान करना या करना प्यार
  • अंबर फिर फिर क्या करता स्थिर
  • हुआ इस जग में ऐसा कौन
  • अगर साक़ी, तेरा पागल
  • स्नेहमय हुआ हृदय का दीप
  • उमर क्यों मृषा स्वर्ग की तृषा
  • जब तुम किसी मधुर अवसर पर
  • बाला सुंदर, हाला घट-भर
  • तन्द्रित तरुतल, छाया शीतल
  • मुख छबि विलोक जो अपलक
  • प्रिया तरुणी हो, तटिनी कूल
  • जगत छलना की उन्हें न चाह
  • मेरी मधुप्रिय आत्मा प्रभुवर
  • पान पात्र था प्रेम छात्र
  • वह हृदय नहीं
  • अगर हो सकते हमको ज्ञात
  • चाँद ने मार रजत का तीर
  • छलक नत नीलम घट से मौन
  • गगन के चपल तुरग को साध
  • मधु के दिवस, गंधवह सालस
  • सलज गुलाबी गालों वाली
  • कितने कोमल कुसुम नवल
  • नवल हर्षमय नवल वर्ष यह
  • फूलों के कोमल करतल पर
  • मादक स्वप्निल प्याला फेनिल
  • मधु के घन से, मंद पवन से
  • सरित पुलिन पर सोया था मैं
  • निभृत विजन में मेरे मन में
  • उमर तीर्थ यात्री ज्यों थक कर
  • तू प्रसन्न रह, महाकाल यह
  • मेरे नयनों के आँसू का
  • यदि मदिरा मिलती हो तुझको
  • छोड़ काज, आओ मधु प्रेयसि
  • वह मनुष्य जिसके रहने को
  • तूस और क़ाऊस देश से
  • बिन्दु सिन्धु से उमर विलग हो
  • वीणा वंशी के दो स्वर जब
  • सुरा पान को, प्रणय गान को
  • प्रिये, तुम्हारी मृदु ग्रीवा पर
  • हे मनुष्य, गोपन रहस्य यह
  • बाहर भीतर ऊपर नीचे
  • तेरा प्रेम हृदय में जिसके
  • लाओ, हे लज्जास्मित प्रेयसि
  • मदिर नयन की, फूल वदन की
  • उस गुलवदनी को पाकर भी
  • अंधकार में लिखा हुआ जो
  • आतप आकुल मृदुल कुसुम कुल
  • उमर न कभी हरित होगा फिर
  • अंध मोह के बंध तोड़कर
  • जिसके उर का अंध कूप
  • साक़ी, ईश्वर है करुणाकर
  • हाय, कहीं होता यदि कोई
  • प्रिये, तुम्हारे बाहुपाश के
  • शीतल तरु छाया में बैठे
  • मेरी आत्मा जो कि तुम्हारी
  • तेरे करुणांबुधि का केवल
  • तेरी क़ातिल असि से मेरा
  • इस जग की चल छाया चित्रित
  • निस्तल यह जीवन रहस्य
  • सौ सौ धर्मान्धों से बढ़कर
  • बुझता हो जीवन प्रदीप जब
  • सुनता हूँ रमजान माह का
  • मधु बाला के साथ सुरा पी
  • लता द्रुमों, खग पशु कुसुमों में
  • यहाँ उमर के मदिरालय में
  • आह, समापन हुई प्रणय की
  • सतत यत्न कर सुख हित कातर
  • हाय, चुक गया अब सारा धन
  • धर्म वंचकों को यदि मुझसे
  • दो शब्दों में कह दूँ तुमसे