फ़िल्मी गीत/ग़ज़लें : जावेद अख़्तर

Film Songs/Ghazals : Javed Akhtar

1. घनन-घनन घिर-घिर आये बदरा

घनन-घनन घिर-घिर आये बदरा
घन घनघोर कारे छाये बदरा
धमक-धमक गूंजे बदरा के डंके
चमक-चमक देखो बिजुरिया चमके
मन धड़काये बदरवा, मन धड़काये बदरवा
मन-मन धड़काये बदरवा

काले मेघा, काले मेघा, पानी तो बरसाओ
बिजुरी की तलवार नहीं, बूंदों के बान चलाओ
मेघा छाये, बरखा लाये
घिर-घिर आये, घिर के आये

कहे ये मन मचल-मचल, न यूं चल सम्भल-सम्भल
गये दिन बदल, तू घर से निकल
बरसने वाल है अब अमृत जल

दुविधा के दिन बीत गये, भईया मल्हार सुनाओ
घनन-घनन घिर-घिर…

रस अगर बरसेगा, कौन फिर तरसेगा
कोयलिया गायेगी बैठेगी मुण्डेरों पर
जो पंछी गायेंगे, नये दिन आयेंगे
उजाले मुस्कुरा देंगे अंधेरों पर
प्रेम की बरखा में भीगे-भीगे तनमन
धरती पे देखेंगे पानी का दरपन
जईओ तुम जहां-जहां, देखियो वहां-वहां
यही इक समां कि धरती यहां
है पहने सात रंगों की चूनरिया
घनन-घनन घिर-घिर…

पेड़ों पर झूले डालो और ऊंची पेंद बढ़ाओ
काले मेघा, काले मेघा…

आई है रुत मतवाली, बिछाने हरियाली
ये अपने संग में लाई है सावन को
ये बिजुरी की पायल, ये बादल का आंचल
सजाने लाई है धरती की दुल्हन को
डाली-डाली पहनेगी फूलों के कंगन
सुख अब बरसेगा आंगन-आंगन
खिलेगी अब कली-कली, हंसेगी अब गली-गली
हवा जो चली, तो रुत लगी भली
जला दे जो तन-मन वो धूप ढली
काले मेघा, काले मेघा…

(लगान)

2. एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा

एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा
जैसे खिलता गुलाब
जैसे शायर का ख्वाब
जैसे उजली किरण
जैसे वन में हिरन
जैसे चांदनी रात
जैसे नरमी की बात
जैसे मंदिर में हो एक जलता दिया

एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा
जैसे सुबहों का रूप
जैसे सर्दी की धूप
जैसे वीना की तान
जैसे रंगों की जान
जैसे बलखाये बेल
जैसे लहरों का खेल
जैसे खुशबू लिए आये ठंडी हवा

एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा
जैसे नाचता मोर
जैसे रेशम की डोर
जैसे परियों का राग
जैसे संदल की आग
जैसे सोलह श्रृंगार
जैसे रसती फुहार
जैसे आहिस्ता-आहिस्ता बढ़ता नशा

(1942 अ लव स्टोरी )

3. महकी महकी है राहें, है ना

महकी महकी है राहें
बहकी बहकी है निगाहें, है ना
हाय रे, हाय रे, हाय रे, हाय रे
घेरे हैं जो ये बाहें
पाई है मैंने पनाहें, है ना
हाय रे, हाय रे, हाय रे, हाय रे
गा, तू दिल के तारों पे गा
गीत ऐसा कोई नया
जो ज़िन्दगी में कभी हो ना पहले सुना
पलकों पे सपने सजा
सपनों में जादू जगा
तू मेरी राहों में चाहत की शम्में जला
महकी महकी है राहें…

मेरे दिल ने तोहफ़े ये तुमसे पाए
धूप के ग़म की, तुम लाये साये
मेरी अब जो भी ख़ुशी है
मुझे तुमसे ही मिली है, सुनो ना
तुम्हीं वो चांदनी हो जो
मेरी नज़रों में खिली है
कहीं ये तो नहीं है, वो आंखें हसीं
देखती है जो मुझको पिया
जो भी हूं, तेरी हूं, बस यही गुण है मेरा
गा, तू दिल के…

दिल की ये ज़िद है, दिल का है कहना
साथ तुम्हारे इसको है रहना
चलो कहीं दूर ही जाएं
नयी एक दुनिया बसाएं, सुनो ना
वहां बस मैं और तुम हों
मोहब्बत में हम गुम हों
अब हो उलझान कोई, अब हो बंधन कोई
हो नहीं सकते हम अब जुदा
ये तेरा, ये मेरा आखिरी है फैसला
हम्म…

(ज़ुबैदा)

4. धीमे धीमे गाऊं

धीमे-धीमे गाऊं, धीरे-धीरे गाऊं
होले-होले गाऊं, तेरे लिये पिया
गुन-गुन मैं गाती जाऊं
छुन-छुन पायल छनकाऊं
सुन-सुन कब से दोहराऊं
पिया पिया पिया

गुलशन महके-महके, ये मन बहके-बहके
और तन दहके-दहके, क्यों है बता पिया
मन की जो हालत है ये, तन की जो रंगत है ये
तेरी मोहब्बत है ये, पिया पिया पिया

ज़िन्दगी में तू आया तो, धूप में मिला साया तो
जागे नसीब मेरे
अनहोनी को था होना, धूल बन गई है सोना
आ के करीब तेरे
प्यार से मुझको तूने छुआ है
रूप सुनहरा तब से हुआ है
कहूं और क्या, तुझे मैं पिया, ओ
तेरी निगाहों में हूं, तेरी ही बाहों में हूं
ख्वाबों की राहों में हूं, पिया पिया पिया
गुन-गुन मैं गाती…

पिया पिया…
मैंने जो खुशी पाई है, झूम के जो रुत आई है
बदले ना रुत वो कभी
दिल को देवता जो लगे, सर झुका है जिसके आगे
टूटे ना बुत वो कभी
कितनी है मीठी, कितनी सुहानी
तूने सुनाई है जो कहानी
मैं जो खो गई, नई हो गई, ओ
आंखों में तारे चमके, रातों में जुगनू दमके
मिट गये निशान गम के, पिया पिया पिया
गुन-गुन मैं गाती…

(ज़ुबैदा)

5. मेंहदी है रचनेवाली

मेंहदी है रचनेवाली, हाथों में गहरी लाली
कहें सखियां, अब कलियां, हाथों में खिलने वाली हैं
तेरे मन को, जीवन को, नई ख़ुशियां मिलने वाली हैं

हो हरियाली बन्नो
ले जाने तुझको गुईयां
आने वाले हैं सैयां
थामेंगे आ के बईयां
गूंजेगी शहनाई
अंगनाई-अंगनाई
मेंहदी है रचनेवाली…

गायें मईया और मौसी, गायें बहना और भाभी
कि मेंहदी खिल जाये, रंग लाये, हरियाली बन्नी
गायें फूफी और चाची, गायें नानी और दादी
कि मेंहदी मन भाये, सज जाये, हरियाली बन्नी
मेंहदी रूप संवारे हो, मेंहदी रंग निखारे हो
हरियाली बन्नी के आंचल में उतरेंगे तारे
मेंहदी है रचनेवाली…

गाजे, बाजे, बाराती, घोड़ा, गाड़ी और हाथी को
लायेंगे साजन, तेरे आंगन, हरियाली बन्नी
तेरी मेंहदी वो देखेंगे तो, अपना दिल रख देंगे वो
पैरों में तेरी चुपके से, हरियाली बन्नी
मेंहदी रूप संवारे, ओ मेंहदी रंग निखारे हो
हरियाली बन्नी के आंचल में उतरेंगे तारें
मेंहदी है रचनेवाली…

(ज़ुबैदा)

6. प्यारा सा गांव

दूर कहीं एक आम की बगिया
बगिया में है ठंडी छांव
छांव में एक कच्चा रस्ता
रस्ते में प्यारा सा गांव
गांव में एक छोटा सा घर
घर में एक उजला सा आंगन
आंगन में चन्दन का पलना
पलने मे चंदा सा मुन्ना
मुन्ने की आंखों में निंदिया
दूर कहीं इक…

नीले-नीले आसमान में
तारों का है एक नगर
जगमग-जगमग इक तारे पर
एक शहज़ादी का है घर
चुपके-चुपके रात को उठ के
ध्यान से देखे कोई अगर
झिलमिल-झिलमिल है तारे में
उस शहज़ादी के ज़ेवर
शहज़ादी इठलाये, शहज़ादी यह गाये
दूर कहीं एक…

आधी रात जब हो जाती है
जब दुनिया सो जाती है
तारों से शहज़ादी उतर के
मुन्ने के घर आती है
मीठे-मीठे सारे सपने
अपने साथ वो लाती है
सोते मुन्ने की पलकों पे
ये सपने वो सजाती है
सिरहाने वो आये, हौले से वो गाये
दूर कहीं एक…

(ज़ुबैदा)

7. मैं अलबेली, घूमूं अकेली

रंगीली हो, सजीली हो
ऊ अलबेली ओ

मैं अलबेली, घूमूं अकेली
कोई पहेली हूं मैं
पगली हवाएं मुझे, जहां भी ले जाए
इन हवाओं की सहेली हूं मैं

तू है रंगीली, हो
तू है सजीली, हो

हिरनी हूं बन में, कली गुलशन में
शबनम कभी हूं मैं, कभी हूं शोला
शाम और सवेरे, सौ रंग मेरे
मैं भी नहीं जानूं, आखिर हूं मैं क्या

तू अलबेली, घूमे अकेली
कोई पहेली है तू
पगली हवाएं तुझे जहां भी ले जाए
इन हवाओं की सहेली है तू

तू अलबेली, घूमे अकेली
कोई पहेली, पहेली

मेरे हिस्से में आई हैं कैसी बेताबियां
मेरा दिल घबराता है मैं चाहे जाऊं जहां
मेरी बेचैनी ले जाए मुझको जाने कहां
मैं एक पल हूं यहां
मैं हूं इक पल वहां

तू बावली है, तू मनचली है
सपनों की है दुनिया, जिसमें तू है पली
मैं अलबेली…

मैं वो राही हूं, जिसकी कोई मंज़िल नहीं
मैं वो अरमां हूं, जिसका कोई हासिल नहीं
मैं हूं वो मौज के जिसका कोई साहिल नहीं मेरा दिल नाज़ुक है
पत्थर का मेरा दिल नहीं

तू अनजानी, तू है दीवानी
शीशा ले के पत्थर की दुनिया में है चली
तू अलबेली…

(ज़ुबैदा)

8. मैं ऐसा क्यूं हूं

मैं ऐसा क्यूं हूं, मैं ऐसा क्यूं हूं
मैं जैसा हूं, मैं वैसा क्यूं हूं
करना है क्या मुझको, ये मैंने कब है जाना
लगता है गाऊंगा, ज़िन्दगी भर बस ये गाना
होगा जाने मेरा अब क्या
कोई तो बताए मुझे
गड़बड़ है ये सब क्या
कोई समझाए मुझे
ओ वे ई आय…
मैं ऐसा क्यूं हूं…

अब मुझको ये है करना, अब मुझे वो करना है
आख़िर क्यूं मैं ना जानूं, क्या है कि जो करना है
लगता है अब जो सीधा, कल मुझे लगेगा उल्टा
देखो ना मैं हूं जैसे, बिल्कुल उल्टा-पुल्टा
बदलूंगा मैं अभी क्या
मानूं तो क्या मानूं मैं
सुधारूंगा मैं कभी क्या ये भी तो ना जानूं मैं
जाने अब मेरा होना क्या
लगता है तुमको क्या
जाने अब मेरा होना क्या है
क्या मैं हूं, जैसा बस वैसा रहूंगा
ओ वे ई आय…
करना है क्या मुझको…

(लक्ष्य)

9. रॉक ऑन

दिल क्या कहता है मेरा
क्या मैं बताऊं
तुम ये समझोगे शायद
मैं पागल हूं

दिल करता है टीवी टावर पे
मैं चढ़ जाऊं
चिल्ला चिल्ला के मैं ये
सबसे कह दूं

रॉक ऑन
है ये वक्त का इशारा
रॉक ऑन
हर लम्हा पुकारा
रॉक ऑन
यूं ही देखता है क्या तू
रॉक ऑन ज़िन्दगी मिलेगी ना दोबारा

दिल करता है सड़कों पर
ज़ोर से गाऊं
सब अपने अपने घर की खिड़की खोलें
फिर मैं ऐसे जोशीले गीत सुनाऊं
मेरे गीतों को सुनके सब ये बोलें

जैसे जीने को दिल चाहे
जी वैसे तू
मेरी तो है बस ये राय की
अपने जितने भी अरमान हैं पूरे कर ले तू

(रॉक ऑन)

10. कैसी है ये उदासी छाई, मेरे दिल

कैसी है ये उदासी छाई, मेरे दिल
कैसी गहरी है ये तन्हाई, मेरे दिल
राहों में यादों की ख़ामोशी बरसे
आँखों में जो गम है, आंसू को तरसे
ये बता ये क्यूँ हुआ
बुझ गया, क्यूँ हर दिया

जो भी मिला, वो खो गया
तुझको पता है ऐसा ही सदा होता है
जाना ही था वो जो गया,
दिल तू अकेला ऐसे क्यूँ भला रोता है
भूले जो हैं तुझको अब उनको भूल जा तू भी
वरना मेरे साथ यादों के ज़ख्म खा तू भी
मान जा, ऐ दिल मेरे
भूल जा, शिकवे गिले
कैसी…

तू ही बता ऐ दिल मेरे
मैंने तो हमेशा तेरा ही कहा मना है
क्यूँ है मुझे ये गम घेरे
मुझे उम्र भर क्या बस यही सज़ा पाना है
सपने बोये मैंने और दर्द मैंने है काटे
गाये गीत मैंने और पाए मैंने सन्नाटे
आरज़ू नाकाम है
सूनी सी हर शाम है
कैसी…

(कार्तिक कॉलिंग कार्तिक)

11. सोचा है

आसमां है नीला क्यूं, पानी गीला गीला क्यूं
गोल क्यों है ज़मीन
सिल्क में है नरमी क्यूं, आग में है गर्मी क्यूं
दो और दो पांच क्यों नहीं
पेड़ हो गए कम क्यों, तीन है ये मौसम क्यूं
चांद दो क्यूं नहीं
दुनिया में है ज़ंग क्यूं, बहता लाल रंग क्यूं
सरहदें है क्यूं हर कहीं
सोचा है, ये तुमने क्या कभी
सोचा है, की है ये क्या सभी
सोचा है, सोचा नही तो सोचो अभी

बहती क्यूं है हर नदी, होती क्या है रोशनी
बर्फ गिरती है क्यूं
लड़ते क्यूं हैं रुठते तारे क्यूं हैं टूटते
बादलों में बिजली है क्यूं
सोचा है, ये तुमने क्या कभी
सोचा है, की है ये क्या सभी
सोचा है, सोचा नही तो सोचो अभी

सन्नाटा सुनाई नहीं देता, और हवाएं दिखायी नहीं देती
सोचा है क्या कभी, होता है ये क्यूं

(रॉक ऑन)

12. तुम हो तो गाता है दिल

तुम हो तो गाता है दिल
तुम नहीं तो गीत कहां
तुम हो तो है सब हासिल
तुम नहीं तो क्या है यहां
तुम हो तो है सपनों के जैसा हसीं एक समा
जो तुम हो तो ये लगता है
के मिल गयी हर खुशी
जो तुम ना हो ये लगता है
के हर खुशी में है कमी
तुम को है मांगती
ये जिंदगी

तुम हो तो राहें भी हैं
तुम नहीं तो रस्ते कहां
तुम हो तो यहां सब ही हैं
तुम नहीं तो कौन यहां
तुम हो तो है हर एक पल मेहरबान
ये जहां
जो तुम हो तो हवा में भी
मोहब्बतों का रंग है
जो तुम ना हो तो फिर कोई
ना जोश ना उमंग है
तुम मिले तो मिली
ये जिंदगी

(रॉक ऑन)

13. ब्रेथलेस

कोई जो मिला तो मुझे ऐसा लगता था
जैसे मेरी सारी दुनिया मैं गीतों की रुत
और रंगों की बरखा है
खुशबु की आंधी है
महकी हुई सी अब सारी फिजायें हैं
बहकी हुई सी अब सारी हवाएं हैं
खोयी हुई सी अब सारी दिशाएं हैं
बदली हुई सी अब सारी अदाएं हैं
जागी उमंगें हैं
धड़क रहा है दिल
सांसों में तूफ़ान हैं, होठों पे नगमे हैं
आखों में सपने हैं, सपनों में बीते हुए सारे वो सारे लम्हे हैं

जब कोई आया था, नज़रों पे छाया था
दिल मैं समाया था, कैसे मैं बताऊं तुम्हें
कैसा उसे पाया था,
प्यारे से चेहरे पे बिखरी जो जुल्फें तो ऐसा लगता था
जैसे कोहरे के पीछे इक ओस मैं धुला हुआ फूल खिला है
जैसे बादल में एक चांद छुपा है और झांक रहा है
जैसे रात के परदे में एक सवेरा है रोशन रोशन
आखों में सपनों का सागर
जिसमें प्रेम सितारों की चादर जैसे झलक रही है
लहरों लहरों बात करे तो जैसे मोती बरसे
जैसे कहीं चांदी की पायल गूंजे
जैसे कहीं शीशे के जाम गिरे और छन से टूटे
जैसे कोई छिप के सितार बजाये
जैसे कोई चांदनी रात में गाए
जैसे कोई हौले से पास बुलाये

कैसी मीठी बातें थी वो
कैसी मुलाकातें थी वो
जब मैंने जाना था
नज़रों से कैसे पिघलते हैं दिल
और
आरजू पाती है कैसे मंजिल
और
कैसे उतरता है चांद जमीन पर
कैसे कभी लगता है स्वर्ग अगर है
तो बस है यहीं पर

उसने बताया मुझे, और समझाया मुझे
हम जो मिले हैं, हमें ऐसे ही मिलना था
गुल जो खिले हैं, उन्हें ऐसे ही खिलना था
जन्मों के बंधन, जन्मों के रिश्ते हैं
जब भी हम जन्मे तो हम यूं ही मिलते हैं
कानों में मेरे जैसे, शहद से घुलने लगे
ख़्वाबों के दर जैसे आखों मैं खुलने लगे
ख़्वाबों की दुनिया भी कितनी हसीं
और
कैसी रंगीन थी ख़्वाबों की दुनिया
जो कहने को थी पर कहीं भी नहीं थी
ख्वाब जो टूटे मेरे, आंख जो खुली मेरी
होश जो आया मुझे
मैंने देखा मैंने जाना
वो जो कभी आया था, नज़रों पे छाया था
दिल मैं समाया था, जा भी चूका है
और दिल मेरा अब तनहा तनहा
न तो कोई अरमान है, न कोई तमन्ना है
और न कोई सपना है
अब जो मेरे दिन और अब जो मेरी रातें हैं
उनमें सिर्फ आंसू हैं
उनमें सिफ दर्द की रंज की बातें हैं
और फरियादें हैं
मेरा अब कोई नहीं
मैं हूं और खोये हुए प्यार की यादें हैं
मैं हूं और खोये हुए प्यार की यादें हैं
मैं हूं और खोये हुए प्यार की यादें हैं

(ब्रेथलेस)

14. गूंजा सा है कोई इकतारा

ओरे मनवा तू तो बावरा है
तू ही जाने तू क्या सोचता है
बावरे
क्यूं दिखाए सपने तू सोते जागते
जो बरसें सपने बूंद-बूंद
नैनों को मूंद-मूंद
कैसे मैं चलूं देख न सकूं
अनजाने रास्ते

गूंजा सा है कोई इकतारा इकतारा
धीमे बोले कोई इकतारा

सुन रही हूं सुधबुध खो के
कोई मैं कहानी
पूरी कहानी है क्या, किसे है पता
में तो किसी की हो के, ये भी न जानी
रुत है यह दो पल की या, रहेगी सदा
किसे है पता..

जो बरसें सपने बूंद-बूंद
नैनों को मूंद-मूंद
कैसे मैं चलूं, देख न सकूं
अनजाने रास्ते

गूंजा सा है कोई इकतारा इकतारा…
धीमे बोले कोई इकतारा…

(वेक अप सिड)

15. सो गया, ये जहाँ, सो गया आसमां

सो गया, ये जहाँ, सो गया आसमां
सो गयीं हैं सारी मंज़िलें ,सो गया है रस्ता

रात आई तो वो जिनके घर थे, वो घर को गये, सो गये
रात आई तो हम जैसे आवारा फिर निकले, राहों में और खो गये
इस गली, उस गली, इस नगर, उस नगर
जाएँ भी तो कहाँ, जाना चाहें अगर
सो गयीं हैं सारी मंज़िलें, सो गया है रस्ता

कुछ मेरी सुनो, कुछ अपनी कहो
हो पास तो ऐसे चुप न रहो
हम पास भी हैं, और दूर भी हैं
आज़ाद भी हैं, मजबूर भी हैं
क्यों प्यार का मौसम बीत गया
क्यों हम से ज़माना जीत गया
हर घड़ी मेरा दिल गम के घेरे में है
जिंदगी दूर तक अब अंधेरे में है
सो गयीं हैं सारी मंज़िलें सो गया है रस्ता

(तेज़ाब)

16. प्यार मुझसे जो किया तुमने तो क्या पाओगी

प्यार मुझसे जो किया तुमने तो क्या पाओगी
मेरे हालत की आंधी में बिखर जओगी
प्यार मुझसे जो किया तुमने तो क्या पाओगी

रंज और दर्द की बस्ती का मैं बाशिन्दा हूँ
ये तो बस मैं हूँ के इस हाल में भी ज़िन्दा हूँ
ख्वाब क्यूं देखूँ वो कल जिसपे मैं शर्मिन्दा हूँ
मैं जो शर्मिन्दा हुआ तुम भी तो शरमाओगी
प्यार मुझसे जो किया …

क्यूं मेरे साथ कोइ और परेशान रहे
मेरी दुनिया है जो वीरान तो वीरान रहे
ज़िन्दगी का ये सफ़र तुमको तो आसान रहे
हमसफ़र मुझको बनओगी तो पछताओगी
प्यार मुझसे जो किया …

एक मैं क्या अभी आयेंगे दीवाने कितने
अभी गूंजेगे मुहब्बत के तराने कितने
ज़िन्दगी तुमको सुनायेगी फ़साने कितने
क्यूं समझती हो मुझे भूल नही पाओगी
प्यार मुझसे जो किया …

(साथ-साथ)

17. तुमको देखा तो ये ख़याल आया

तुमको देखा तो ये ख़याल आया
ज़िन्दगी धूप तुम घना साया

आज फिर दिल ने एक तमन्ना की
आज फिर दिल को हमने समझाया

तुम चले जाओगे तो सोचेंगे
हमने क्या खोया, हमने क्या पाया

हम जिसे गुनगुना नहीं सकते
वक़्त ने ऐसा गीत क्यूँ गाया
(साथ-साथ)

18. क्यूँ ज़िन्दगी की राह में मजबूर हो गए

क्यूँ ज़िन्दगी की राह में मजबूर हो गए
इतने हुए करीब कि हम दूर हो गए

ऐसा नहीं कि हमको कोई भी खुशी नहीं
लेकिन ये ज़िन्दगी तो कोई ज़िन्दगी नहीं
क्यों इसके फ़ैसले हमें मंज़ूर हो गए

पाया तुम्हें तो हमको लगा तुमको खो दिया
हम दिल पे रोए और ये दिल हम पे रो दिया
पलकों से ख़्वाब क्यों गिरे क्यों चूर हो गए

19. ये बता दे मुझे ज़िन्दगी

ये बता दे मुझे ज़िन्दगी
प्यार की राह के हमसफ़र
किस तरह बन गये अजनबी
ये बता दे मुझे ज़िन्दगी
फूल क्यूँ सारे मुरझा गये
किस लिये बुझ गई चाँदनी
ये बता दे मुझे ज़िन्दगी

कल जो बाहों में थी
और निगाहों में थी
अब वो गर्मी कहाँ खो गई
न वो अंदाज़ है
न वो आवाज़ है
अब वो नर्मी कहाँ खो गई
ये बता दे मुझे ज़िन्दगी

बेवफ़ा तुम नहीं
बेवफ़ा हम नहीं
फिर वो जज़्बात क्यों सो गये
प्यार तुम को भी है
प्यार हम को भी है
फ़ासले फिर ये क्या हो गये
ये बता दे मुझे ज़िन्दगी
(साथ-साथ )

20. ये तेरा घर ये मेरा घर

ये तेरा घर ये मेरा घर, किसी को देखना हो गर
तो पहले आके माँग ले, मेरी नज़र तेरी नज़र
ये घर बहुत हसीन है

न बादलों की छाँव में, न चाँदनी के गाँव में
न फूल जैसे रास्ते, बने हैं इसके वास्ते
मगर ये घर अजीब है, ज़मीन के क़रीब है
ये ईँट पत्थरों का घर, हमारी हसरतों का घर

जो चाँदनी नहीं तो क्या, ये रोशनी है प्यार की
दिलों के फूल खिल गये, तो फ़िक्र क्या बहार की
हमारे घर ना आयेगी, कभी ख़ुशी उधार की
हमारी राहतों का घर, हमारी चाहतों का घर

यहाँ महक वफ़ाओं की है, क़हक़हों के रंग है
ये घर तुम्हारा ख़्वाब है, ये घर मेरी उमंग है
न आरज़ू पे क़ैद है, न हौसले पर जंग है
हमारे हौसले का घर, हमारी हिम्मतों का घर
(साथ-साथ)

21. कुछ ना कहो

कुछ ना कहो, कुछ भी ना कहो
क्या कहना है, क्या सुनना है
मुझको पता है, तुमको पता है
समय का ये पल थम सा गया है
और इस पल में कोई नहीं है
बस एक मैं हूं, बस एक तुम हो

कितने गहरे हलके, शाम के रंग है छलके
परबत से यूं उतरे बादल, जैसे आंचल ढलके
और इस पल में…

सुलगी सुलगी सांसें, बहकी बहकी धड़कन
महके महके शाम के साए, पिघले पिघले तनमन
और इस पल में…

कुछ ना कहो, कुछ भी ना कहो
क्या कहना है, क्या सुनना है
मुझको पता है, तुमको पता है
समय का ये पल थम सा गया है
और इस पल में कोई नहीं है
बस एक मैं हूं, बस एक तुम हो

(1942 अ लव स्टोरी)

22. सपनों से भरे नैना

बगिया बगिया बालक भागे
तितली फिर भी हाथ न लागे
इस पगले को कौन बताये
ढूंढ रहा है जो तू जग में
कोई जो पाए तो मन में पाए
सपनों से भरे नैना
तो नींद है न चैना

ऐसी डगर कोई अगर जो अपनाए
हर राह के वो अंत पे रास्ता ही पाए
धूप का रास्ता जो पैर जलाये
मोड़ तो आये छांव न आये
राही जो चलता है चलता ही जाए
कोई नहीं है जो कहीं उसे समझाए
सपनों से भरे…

दूर ही से सागर जिसे हर कोई माने
पानी है वो या रेत है यह कौन जाने
जैसे के दिन से रैन अलग है
सुख है अलग और चैन अलग है
पर जो यह देखे वो नैना अलग है
चैन है तो अपना सुख है पराये
सपनों से भरे…
लक बाई चांस

23. रुत आ गयी रे

रुत आ गयी रे
रुत छा गयी रे

पीली-पीली सरसों फूले
पीले-पीले पत्ते झूमें
पीहू-पीहू पपीहा बोले
चल बाग़ में

धमक-धमक ढोलक बाजे
छनक-छनक पायल छनके
खनक-खनक कंगना बोले
चल बाग़ में

चुनरी जो तेरी उड़ती है
उड़ जाने दे
बिंदिया जो तेरी गिरती है
गिर जाने दे

गीतों की मौज आयी
फूलों की फौज आयी
नदियां में जो धूप घुली
सोना बहा…
अम्बवा से है लिपटी
एक बेल बैले की
तू ही मुझसे है दूर
आ पास आ…
मुझको तो सांसों से छु ले
झूलूं इन बाहों के झूले
प्यार थोड़ा सा मुझे दे के
मेरे जानों दिल तू ले ले…

तू जब यूं सजती है
इक धूम मचती है
सारी गलियों में
सारे बाज़ार में…
आंचल बसंती है
उसमें से छनती है
जो मैंने पूजी है
मूरत प्यार में…
जान कैसी है ये डोरी
मैं बंधा हूं जिससे गोरी
तेरे नैनों ने मेरी नींदों की
कर ली है चोरी…

रुत आ गयी रे
रुत छा गयी रे

(1947 अर्थ)

24. यूं ही चला चल राही

यूं ही चला चल राही
कितनी हसीन है ये दुनिया
भूल सारे झमेले, देख फूलों के मेले
बड़ी रंगीन है ये दुनिया

ये रास्ता है कह रहा अब मुझसे
मिलने को है कोई कहीं अब तुझसे
दिल को है क्यों बेताबी
किससे मुलाक़ात होनी है
जिसका कबसे अरमां था
शायद वही बात होनी है

यूं ही चला चल राही
जीवन गाड़ी है समय पहिया
आंसू की नदिया भी है
खुशियों की बगिया भी है
रस्ता सब तेरा तके भैया

देखूं जिधर भी इन राहों में
रंग पिघलते हैं निगाहों में
ठंडी हवा है ठंडी छांव है
दूर वो जाने किसका गांव है
बादल ये कैसा छाया
दिल ये कहां ले आया
सपना ये क्या दिखलाया है मुझको
हर सपना सच लगे, जो प्रेम अगन जले
जो राह तू चले अपने मन की
हर पल की सीप से मोती ही तू चुने
जो सदा तू सुने अपने मन की

मन अपने को कुछ ऐसे हल्का पाए
जैसे कन्धों पे रखा बोझ हट जाए
जैसे भोला सा बचपन फिरसे आये
जैसे बरसों में कोई गंगा नहाए
खुल सा गया है ये मन
खुल सा गया हर बंधन
जीवन अब लगता है पावन मुझको
जीवन में प्रीत है, होठों पे गीत है
बस ये ही जीत है सुन ले राही
तू जिस दिशा भी जा, तू प्यार ही लूटा
तू दीप ही जला, सुन ले राही

यूं ही चला, चल राही
कौन ये मुझको पुकारे
नदियां पहाड़ झील और झरने, जंगल और वादी
इनमें है किसके इशारे

(स्वदेस)

25. देखा एक ख्वाब तो ये सिलसिले हुए

देखा एक ख्वाब तो ये सिलसिले हुए
दूर तक निगाहों में हैं गुल खिले हुए
ये गिला है आपकी निगाहों से
फूल भी हो दरमियान तो फासले हुए

मेरी सांसों में बसी खुशबू तेरी
ये तेरे प्यार की है जादूगरी
तेरी आवाज़ है हवाओं में
प्यार का रंग है फिजाओं
धडकनों में तेरे गीत हैं मिले हुए
क्या कहूं की शर्म से हैं लब सिले हुए
देखा एक ख्वाब तो…

मेरा दिल है तेरी पनाहों में
आ छुपा लूं तुझे मैं बाहों में
तेरी तस्वीर है निगाहों में
दूर तक रौशनी है राहों में
कल अगर ना रौशनी के काफिले हुए
प्यार के हज़ार दीप हैं जले हुए
देखा एक ख्वाब तो…

(सिलसिला)

26. बस इतना सा ख्वाब है

जो भी चाहूं वो मैं पाऊं
जिंदगी में जीत जाऊं
चांद तारे तोड़ लाऊं
सारी दुनिया पर मैं छाऊं
बस इतना सा ख्वाब है

यार तू भी सुन ज़रा, आरजू मेरी है क्या
मैं क्या बन जाना चाहता हूं
मैं कहां ख़राब हूं, मैं तो लाजवाब हूं
मैं ये मनवाना चाहता हूं
मान जा ऐ खुदा
इतनी सी है दुआ
मैं बन जाऊं सबसे बड़ा
मेरे पीछे, मेरे आगे
हाथ जोड़े दुनिया भागे
बस इतना सा ख्वाब है…

शान से रहूं सदा, मुझ पे लोग हों फ़िदा
हसीनाएं भी दिल हों खोती
दिल का ये कमल खिले, सोने का महल मिले
बरसने लगे हीरे मोती
मान जा ऐ खुदा
इतनी सी है दुआ
मैं ज्यादा नहीं मांगता
सारी दौलत, सारी ताकत
सारी दुनिया पर हुकूमत
बस इतना सा ख्वाब है…

(यस बॉस)

27. एक दो तीन

(एक दो तीन, चार पाँच छै सात
आठ नौ, दस ग्यारह बारह तेरह) – 2,
(तेरा करूं, तेरा करूं दिन गिन गिन के इंतज़ार,
आजा पिया आई बहार ) – 2

चौदह को तेरा सन्देशा आया, पन्द्रह को आऊंगा ये कहलाया
चौदह को आया ना पन्द्रह को तू, तड़पाके मुझको तूने क्या पाया
सोलह को भी
सोलह को भी सोलह किये थे सिंगार, आजा पिया आयी बहार

(तेरा करूं, तेरा करूं दिन गिन गिन के इंतज़ार, आजा पिया आई बहार) – 2
(एक दो तीन, चार पाँच छै सात आठ नौ, दस ग्यारह बारह तेरह) -2,

सत्रह को संगी संग छूट गया, अट्ठारह को दिल टूट गया
रो रो गुज़ारा मैंने सारा उन्नीस
बीस को दिल के टुकड़े हुए बीस
फिर भी नहीं
फिर भी नहीं दिल से गया तेरा प्यार, आजा पिया आयी बहार

(तेरा करूं, तेरा करूं दिन गिन गिन के इंतज़ार, आजा पिया आये बहार) -2
(एक दो तीन, चार पाँच छै सात आठ नौ, दस ग्यारह बारह तेरह) – 2,

इक्कीस बीती, बाइस गई
तेईस गुज़री, चौबीस गई
पच्चीस छब्बीस ने मारा मुझे
बिरहा की चक्की में मैं पिस गई

दिन बने हफ़्ते, हफ़्ते महीने, महीने बन गये साल
आके ज़रा तू देख तो ले क्या हुआ है मेरा हाल
दीवानी दर दर मैं फिरती हूँ
ना जीती हूँ ना मैं मरती हूँ
तन्हाई की रातें सहती हूँ
आजा आजा आजा के दिन गिनती रहती हूँ
(एक दो तीन, चार पाँच छै सात आठ नौ, दस ग्यारह बारह तेरह) – 2,
(तेरा करूं, तेरा करूं दिन गिन गिन के इंतज़ार, आजा पिया आयी बहार) -2

(तेज़ाब)

28. कह दो कि तुम हो मेरी वरना

कह दो कि तुम हो मेरी वरना
जीना नहीं मुझे है मरना
देखो कभी ना ऐसा करना
यही अदा तो एक सितम है
सुनो तुम्हें मेरी कसम है
कह दो कि तुम हो मेरी …

तुम आज मुझसे एक वादा कर लो
फिर ना कोई शरारत करोगे
जितनी मोहब्बत मैं करती हूँ तुमसे
मुझसे तुम उतनी मोहब्बत करोगे
यही अदा तो एक सितम …

कल दिल दुखाया था मैने तुम्हारा
इस बात का आज तक मुझको ग़म है
ये सोच कर माफ़ कर देना मुझको
मेरी ये पहली मोहब्बत है जानम
यही अदा तो एक सितम …

शिकवे गिले यूं सब हैं कल की कहानी
अब ज़िंदगी भर खफ़ा हम ना होंगे
अब मैं तुम्हारा हूँ और बस तुम्हारा
मर जाऊं भी तो जुदा हम ना होंगे
अब खफ़ा हम ना होंगे बेवफ़ा हम ना होंगे
यही अदा तो एक सितम …

(तेज़ाब)

29. फ़ुटपाथों के हम रहने वाले

फ़ुटपाथों के हम रहने वाले
रातों ने पाला हम वो उजाले – 2
आकाश सर पे पैरों तले
है दूर तक ये ज़मीं
और तो अपना कोई नहीं – 2
फ़ुटपाथों …

कोई नहीं ना सही
हम क्यूं आँसू बहाएं
दुनिया जले ना जले
हम तुम मस्ती में गाएं
ग़म से निकल भूल के चल
क्या होगा कल
अपना वही, इस पल में जो है यहीं
और तो …

माँ नहीं बाप नहीं
जैसे जियें पाप नहीं
ना कोई घर ना कोई डर
है पास क्या जिसका हो डर
न मन्ज़िल है न साहिल है
हम हैं दिल है
ये दिल हमें, ले जाए चाहे कहीं
और तो …

हों बचपन में खेले ग़म से
निर्धन घरों के बेटे
फूलों की सेज नहीं
कांटों पे हम हैं लेटे
भूखे रहे हैं ग़म सही
दिल ये कहे
रोटी जहाँ, है स्वर्ग अपना वहीं
और तो …

(मशाल)

30. ज़िन्दगी आ रहा हूँ मैं

लिये सपने निगाहों में, चला हूँ तेरी राहों में
ज़िंदगी आ रहा हूँ मैं – 2

कई यादों के चेहरे हैं, कई किस्से पुराने हैं
तेरी सौ दास्तानें हैं, तेरे कितने फ़साने हैं – 2
मगर एक वो कहानी है, जो अब मुझको सुनानी है
ज़िन्दगी आ रहा हूँ मैं

मेरे हाथों की गरमी से, पिघल जायेंगी ज़ंजीरें
मेरे कदमों की आहट से, बदल जायेंगी तक़दीरें – 2
उम्मीदों के दिये लेकर, ये सब तेरे लिये लेकर
ज़िन्दगी आ रहा हूँ मैं

कभी तुझको गिला मुझसे, कभी मुझको शिकायत है
मगर फिर भी तुझे मेरी, मुझे तेरी ज़रूरत है – 2
मैं ये इक़रार करता हूँ, मैं तुझसे प्यार करता हूँ
ज़िन्दगी आ रहा हूँ मैं

(मशाल)

31. मुझे तुम याद करना

मुझे तुम याद करना और मुझ को याद आना तुम
मै इक दिन लौट आऊंगा ये मत भूल जाना तुम

अकेली होगी तुम देखो कहीं ऐसा ना हो जाए
जो अब होठों पे है मुसकान वो मुसकान खो जाए
ज़रा लोगों से मिलना तुम ज़रा हंसना हंसाना तुम
मै इक दिन लौट …

अगर लड़की तुम्हें कोई मिले जो खूबसूरत हो
तुम्हारी दोस्ती की शायद उसको भी ज़रूरत हो
अगर वो पास आये मुस्कुराये मुस्कुराना तुम
मगर तुम लौट के आओगे ये मत भूल जाना तुम

(मशाल)

32. देखो होली आई रे

ओ होली आई, होली आई देखो होली आई रे
खेलो खेलो रंग है
कोई अपने संग है
भीगा भीगा अंग है
ओ होली आई रे…
बहकी बहकी चाल है
चेहरा नीला लाल है
दीवाने क्या हाल है
मस्तों पर है मस्ती छाई
देखो होली आई रे…

जो लाये रंग जीवन में
उसे होली में पाया है
बताऊँ क्या तुम्हें यारों
किसे मैंने बुलाया है
या मत बुला, या बता दे दिल की बातें
ना छुपा दुनिया से चोरी है क्या
ये लड़की है या काली माई
देखो होली आई रे…

यही दिन था यही मौसम
ज़ुबान जब हमने खोली थी
कहाँ अब खो गए वो दिन
की जब अपनी भी होली थी
तुम हो तो हर रात दिवाली
हर दिन मेरी होली है
अरे ये क्या चक्कर है भाई
देखो होली आई रे…

हमारा कौन दुनिया में
यहाँ जो है पराया है
मगर अपना लगा कोई
ये ऐसा कौन आया है
इतना क्या मजबूर है
दिल क्यों गम से चूर है
तु ही सबसे दूर है
दिलों के पास बहुत ले आई
देखो होली आई रे…

(मशाल)

33. तू चाँद नगर की शहज़ादी

( तू चाँद नगर की शहज़ादी
मैं इस धरती का बंजारा ) -2
तू महलों में रहने वाली
मैं गलियों-गलियों आवारा

तू चाँद नगर की शहज़ादी
मैं इस धरती का बंजारा
तू महलों में रहने वाली
मैं गलियों-गलियों आवारा

मैं इक हवा का झोंका तू फूल है
इतना तुझको चाहूँ फ़ुज़ूल है
मैं आज यहाँ और कल हूँ वहाँ
तुझे अपना गुलशन ही प्यारा
तू महलों में रहने वाली
मैं गलियों-गलियों आवारा

तेरा मेरा दो पल का साथ है
सच है ये सब किस्मत की बात है
हर दिल में यहाँ तू है मेहमाँ
मैं बेघर बेदर बेचारा
तू महलों में रहने वाली
मैं गलियों-गलियों आवारा

लब ना हिले तो आँखों से काम ले
जाने वाली मेरा सलाम ले
मेरे पिछले जनम के भले थे करम
तो मिल जाऊँगा दोबारा
तू महलों में रहने वाली
मैं गलियों-गलियों आवारा

(दुनिया)

34. ओ मारिया, ओ मारिया

ओ मारिया, ओ मारिया, ओ मारिया ओ हो ओ
ओ मारिया, ओ मारिया, ओ मारिया हो हो हो हो
जॉनी जब बोला था तुझसे शादी करेगी मुझसे
कैसे कहा था ये बता
ओ मारिया, ओ मारिया …

जॉनी की बातों से दिल धड़का तो होगा
शोला था तन मन में एक भड़का तो होगा
ओ मारिया, ओ मारिया …

ओ माई डार्लिंग कह के क्या गले लगाया था
क्या बोली थी तू जब वो पास आया था,
मम्मी से पूछूँगी, क्या ऐसा बोली थी
ओ मारिया, ओ मारिया …

खोई हुई थी जब तू जॉनी की बातों में
सर्दी के दिन थे य गर्मी की रातें?
थामा हाथ भी था क्या, अपने हाथों में
ओ मारिया, ओ मारिया …

(सागर)

35. जाने दो ना पास आओ ना

जाने दो ना
पास आओ ना
जाने दो ना
पास आओ ना
छुओ ना छुओ ना मुझे
छुओ ना छुओ ना देखो
छुओ ना छुओ ना छुओ ना
पास आओ ना
आओ ना आओ ना पास
आओ ना आओ ना देखो
आओ ना आओ ना आओ ना
जाने दो ना पास आओ ना

छोड़ो कलाई देखो रो दूँगी -2
जाओ मैं तुमसे नहीं बोलूँगी
मान भी जाओ मेरी बात सनम
हाथों में रहने दो ये हाथ सनम
छुओ ना छुओ ना मुझे
छुओ ना छुओ ना देखो
छुओ ना
पास आओ ना
जाने दो ना

प्यासे होंठों की जो कहानी है -2
पास आ के तुम्हें सुनानी है
ये बातें मैं ना कर पाऊँगी
पास ना आना मर जाऊँगी
आओ ना आओ ना पास
आओ ना आओ ना देखो
आओ ना
जाने दो ना
पास आओ ना

दिल जैसे करवटें बदलता है -2
मेरा तो सारा तन जलता है
अरमाँ जो दिल में मचलते हैं
तन यूँही जलते-पिघलते हैं
छुओ ना छुओ ना मुझे
छुओ ना छुओ ना देखो
छुओ ना
पास आओ ना
हो जाने दो ना
आओ ना आओ ना पास
आओ ना आओ ना देखो
आओ ना आओ ना आओ ना
ओ जाने दो ना
पास आओ ना

(सागर)

36. चेहरा है या चाँद खिला है

(हो, चेहरा है या चाँद खिला है
ज़ुल्फ़ घनेरी शाम है क्या ) – 2
सागर जैसी आँखों वाली
ये तो बता तेरा नाम है क्या …

तू क्या जाने तेरी खातिर
कितना है बेताब ये दिल
तू क्या जाने देख रहा है
कैसे कैसे ख्वाब ये दिल
दिल कहता है … तू है यहाँ तो
जाता लम्हा थम जाये
वक़्त का दरिया बहते बहते
इस मंजर में जम जाये
तूने दीवाना दिल को बनाया,
इस दिल पे इल्ज़ाम है क्या,
सागर जैसी आँखों वाली,
ये तो बता तेरा नाम है क्या
चेहरा है या …

हो, आज मैं तुझसे दूर सही
और तू मुझसे अन्जान सही …
तेरा साथ नहीं पाऊं तो
गैर तेरा अरमान सही …
ये अरमान हैं शोर नहीं हो
खामोशी के मेले हों
इस दुनिया में कोई नहीं हो
हम दोनो ही अकेले हों
तेरे सपने देख रहा हूँ,
और मेरा अब काम है क्या
सागर जैसी आँखों वाली,
ये तो बता तेरा नाम है क्या
चेहरा है या …

(सागर)

37. यूं ज़िन्दगी की राह में मजबूर हो गए

यूं ज़िन्दगी की राह में मजबूर हो गए
इतने हुए करीब कि हम दूर हो गए

ऐसा नहीं कि हमको कोई भी खुशी नहीं
लेकिन ये ज़िन्दगी तो कोई ज़िन्दगी नहीं
क्यों इसके फ़ैसले हमें मंज़ूर हो गए,
इतने हुए …

पाया तुम्हें तो हमको लगा तुमको खो दिया
हम दिल पे रोए और ये दिल हम पे रो दिया
पलकों से ख़्वाब क्यों गिरे क्यों चूर हो गए,
इतने हुए …

(साथ-साथ )

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