Yuvraj Haritwal
युवराज हरितवाल

मेरा नाम युवराज हरितवाल है । मैंने अभी हाल ही में स्कॉटिश चर्च कॉलेज, कोलकाता से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन की डिग्री पूरी की है। मैं अपनी कविताएं अपने इंस्टाग्राम हैंडल (yuvraj_haritwal) पर भी पोस्ट करता हूं। लिखने के अलावा मेरे अन्य शौक में किताबें पढ़ना और क्रिकेट शामिल हैं। मुझे उम्मीद है कि आपको ये कविताएं पसंद आएंगी और अगर आपको इनमें कोई गलती लगे, तो कृपया मुझे बताएं । धन्यवाद।

युवराज हरितवाल की कविताएँ

  • गंगा हर की जटा से बहती
  • पूरी जिंदगी गुजर जाती है
  • रेल गाड़ी चलती है पटरी पर
  • चोट लगेंगी तो लोग
  • जीवन में धैर्य थोड़ा आप रख लीजिए
  • वक़्त ने बार-बार ख्वाबों को तोड़ा
  • सौ बार मदद कर दो लोग भूल ही जाएंगे
  • फिर क्यों वृद्धाश्रम बने
  • जहाँ थी कभी बस्ती
  • थोड़े पैसे दे दो
  • नई तरह की पढ़ाई
  • प्रथमपूज्य है, देव गणपति
  • गलतियाँ तो जीवन में
  • तैयारी रखेंगे
  • परिस्थितियां हो विपरीत भले
  • अमृत बांट ज़हर पिया
  • गरीब दुखी गरीबी से
  • जिंदगी
  • निज मन में अब हुमको
  • कभी दुख है, तो कभी खुशियाँ अपार है
  • अब मैंने ठाना कि
  • हम व्यर्थ चिंता करते है
  • जिंदगी का सफर
  • अक्सर, जो दिखता है वह होता नहीं
  • बहन-भाई का रिश्ता
  • मरुधर में मृगतृष्णा होगी
  • अवसादों से उभरना होगा
  • जगदम्ब तुम्हारी कृपा से
  • कैलाश के राजा शिव शंकर
  • हमारा साथ निभाने कोई नहीं आता
  • दिन गुज़रा, हो गई है शाम फिर
  • अगर दूरियाँ बनानी है