Siraj Paikar Panipati सिराज पैकर पानीपती

सिराज पैकर पानीपती
जन्म तिथि 01/01/1963
मोहल्ला इमाम साहब संजय चौक ۔ पानीपत - हरियाणा
Mobile : 9520387572

सिराज पैकर पानीपती की ग़ज़लें


बच्चों की भूख बाप की दस्तार खा गई

बच्चों की भूख बाप की दस्तार खा गई ये मुफ़लिसी गरीब का किरदार खा गई इंसान का वजूद सड़क पर बिखर गया इंसा को अब के दौर की रफ़्तार गई सदियों से नाज़ था हमें जिस इततहाद पर वो इततहाद सहन की दीवार खा गई लाशों को जैसे नोच के खाते रहे दरिंद मेरे वतन को इस तरह सरकार खा गई बेटी किसी ग़रीब की शिददत में भूख की रोटी समझ के आज का अख़बार खा गई

बहुत उदास बहुत बेकरार बैठे हैं

बहुत उदास बहुत बेकरार बैठे हैं चले भी आओ पए इंतज़ार बैठे हैं हमारे दिल की तबाही का ग़म उन्हें होता मगर वो सात समुंदर के पार बैठे हैं न जाने जोश में कब चश्म ए करम आए हम इंतज़ार में परवरदिगार बैठे हैं अभी से आप की आंखों में बेबसी क्यूँ है अभी तो आप के ख़िदमतगुज़ार बैठे हैं गुरूर जिन को था कल अपनी ज़ो फिशानी पर चराग़ खोके वो अपना वकार बैठे हैं बहार सहन ए गुलिस्तां में आई है लेकिन जब इंतज़ार की मुद्दत गुज़ार बैठे हैं रफ़ूग़रों से कोई इतना कह दे ए पैकर तुम्हारी बज़्म मे सीना फिगार बैठे हैं