Shyam Singh Bisht
श्याम सिंह बिष्ट

श्याम सिंह बिष्ट ग्राम डोटल गाँव (बाखली), जिला - अल्मोड़ा (उत्तराखंड) के रहने वाले हैं । उनके पिता श्री देव सिंह बिष्ट और माता श्रीमती देवकी बिष्ट हैं । उनके शौक कविता लिखना व पढ़ना हैं ।

श्याम सिंह बिष्ट की कविताएँ

  • वीरान मेरा यह गाँव
  • धन, दौलत
  • ॐ हरि भजन
  • माँ
  • तेरा यह शहर
  • आकृतियां
  • हाइकु
  • उफ्फ
  • हम किसी से कम नहीं
  • दुल्हन
  • वो घुमावदार पीपल
  • वसंत गीत
  • प्रेम
  • हृदय
  • इंकलाब
  • जय हिंद, जय भारत
  • वसीयत
  • जय श्री राम
  • ख्वाबों का तकिया
  • प्रेम सुधा बरसाओ ना
  • हाथ मे शिक्षा, मस्तिष्क मैं अंधविश्वास
  • माँ का लाल
  • एक प्यार ऐसा भी
  • चाय की दुकान
  • तलाश गुमशुदा की
  • ताज या कोई राज
  • रीत
  • एक नदी गगास
  • शरद ऋतु
  • तू याद आता है
  • तुम्हारी याद आती है
  • कर्म ही पूजा है
  • गजल
  • कोई अपना सा हो
  • प्रकति
  • देव भूमि लिखूँ या पलायन भूमि
  • राजनीती
  • क्या में तुम्हें याद आऊँगा
  • उफ
  • पहाड़ों की यात्रा
  • तुम ओर मैं
  • गीत कौन सा गाऊँ मैं
  • जमीन
  • मौत
  • जश्न ए आज़ादी
  • याद आयी है
  • खुशियों का घर
  • जिंदगी
  • सावन आया है
  • अजब लिखते हो
  • ऐ पहाड़ - मैन तुझे दिया ही क्या
  • थकना कैसा, रुकना कैसा
  • मानव
  • चिट्ठियां
  • आजादी
  • अजब, गजब
  • बेटियां
  • ऐ खुशी, मेरे घर भी आया कर
  • है नारी तुम महान
  • आज फिर वह मुझसे मिलने आई है
  • रंगोली
  • अच्छा है
  • हरि ॐ
  • पता
  • पतझड़
  • आजादी हमें जान से प्यारी
  • जीवन पथ
  • आओ चल, चलें गाँव की ओर
  • छवि
  • आज इतवार है
  • नव-वर्ष, कुछ यूं मनाएं
  • आरती शिव जी की
  • क्या वो प्यार था
  • पहाड़ी की पीड़ा
  • हाँ मैं पहाड़ी हूँ
  • मैं राही तेरे प्यार का
  • बाल कविता -उफ्फ यह गर्मी
  • सफर
  • आज रो लेने दो
  • फिर समृद्ध होंगे ये पहाड़
  • कोई तो समझें
  • कुछ मेरी, कुछ अपनी -कह गया आज यह चाँद
  • अब में क्रांति लाऊं कहां
  • फिर प्रलय आएगी
  • पथिक
  • तुम बिन, मैं व्यर्थ बेकार
  • बचपन वाली दीवाली
  • दिल में अजब सा आज शोर हुआ है
  • हां मैं हूं प्रकृति प्रेमी
  • नारी शक्ति
  • उठ चल दो कदम
  • मुबारक तुमको तुम्हारी आजादी
  • हां मैं भी कवि हूं
  • मैं और मेरा यह पहाड़
  • कुछ मैं कहूं अपनी, कुछ तुम कहो
  • पहाड़ों की बारिश
  • यादें
  • गुलाब
  • मां
  • पहाड़ों के नारी की व्यथा
  • लौट आना अपने पहाड़
  • यादों के मंजर
  • उफ्फ तेरी ये यादें
  • कौन जाना चाहता है अपना गांव छोड़कर
  • अपना टाइम कब आएगा ?
  • टूटा, टूटा मेरा दिल है
  • दो कदम पीछे तुम चलो
  • बिछड़कर हमसे, वह भी तो रोई होगी
  • अब तो दौड़ कर, आओ हे राम
  • जिंदाबाद, जिंदाबाद ऐ मेरे वतन
  • ओ माही मेरे, ओ माही मेरे
  • या मुझे तू दे, दे ज़हर
  • आना तुम प्रिये
  • इरादा है क्या
  • फूल
  • ओहो !! मेरी यह सोच !!
  • वेदना स्त्री की
  • उफ्फ तेरा यह दर्द