हिन्दी कविता गुरदीप सिंह सोहल
Hindi Poetry Gurdeep Singh Sohal


कदम कदम पे जंग लड़ी

कदम कदम पे जंग लड़ी। हार कभी न मानी जानो। परिवार लुटाया धर्म कर्म में। इनके जैसा नहीं दानी जानो। बुरी हालत में डटकर रहना। हर मुसीबत पहचानी जानो। नानक ने मिशन शुरु किया। सबको बनाया ज्ञानी जानो। अंधकार से प्रकाश की ओर। यात्रा करने की ठानी जानो। तिलक जनेऊ की रक्षा में। त्यागमल की जुबानी जानो। हिन्द की चादर बन गए वो। तान दी सबपे चांदनी जानो। गुरु ने कटाया बाप बेटों को। गोबिन्द की कुरबानी जानो। बेटों की लाश से धर्म चलाया। की सब पर मेहरबानी जानो। खालिस हुए अमृतपान करके। भुलाकर ये जिंदगानी जानो। पांच ककार से पहचान बनाई। हर सिक्ख की निशानी जानो। कुदरत रब्ब के बन्दे हम सब। यह कहती है गुरबानी जानो। सोहल के गुरुजी रखवाले थे। नहीं की कभी बेईमानी जानो। इतिहास पढ़ो और समझो। सिक्खों की कहानी जानो।

आज नकद कल उधार चलेगा

आज नकद कल उधार चलेगा। अब ऐसे ही ये व्यापार चलेगा। आज ही उधार नहीं करना है। ऐसे तो नहीं कारोबार चलेगा। आज ही उधार कर लिया तो। कैसे अपना ये बेड़ा पार चलेगा। नकदी के बिना भी कुछ नहीं। फलता फूलता परिवार चलेगा। नकदी आती जाती रहेगी तो। ऐसे ही दो दो का चार चलेगा। उधार देके क्यूं रोना उम्र भर। फिर कभी न कोई प्रसार चलेगा। लेन देन जरुरत है हम सबकी। नकदी वाला अपना यार चलेगा। एक नियम बना डाल काम में। लिख बाद में न तकरार चलेगा। सोहल नकदी का ही काम है। नकदी के बिन न गुजार चलेगा।

गैस उड़ रही है तेल जल रहा है

गैस उड़ रही है तेल जल रहा है। अब तो खाना पीना खल रहा है। नमक ने स्वाद खारा कर दिया। कुक्कर में भी बन्दा गल रहा है। मोटर गाड़ी पकड़ में नहीं आती। कहीं आना जाना भी टल रहा है। दवा खासी कड़वी लगने लगी है। डॉक्टर फीस परीक्षण छल रहा है। इतिहास बन रहा है हर अवसर। जाता रहा आज आ कल रहा है। अच्छे दिनों के इंतजार में सोहल। बड़ी बेसब्री से बंदा बहल रहा है।

गऊ सड़क पे चरती है

गऊ सड़क पे चरती है। गऊ सड़क पे मरती है। घर से बाहर भेजा हमने। गऊ सड़क पे अखरती है। माता का दिया है सम्मान। गऊ सड़क पे सड़ती है। तेंतीस करोड़ देव रहते। गऊ सड़क पे खलती है। तीर्थ कर लिए उम्र भर। गऊ सड़क पे जलती है। चारा नहीं मिला ढंग से। गऊ सड़क पे पलती है। सोहल ये बहुत पाक है। गऊ सड़क पे ढलती है।

पीठ पीछे लौटता है कोई

पीठ पीछे लौटता है कोई। पीठ पीछे दौड़ता है कोई। न जाने हममें क्या देखा है। पीठ पीछे भौंकता है कोई। गड़गड़ाती बरसाती रात में। पीठ पीछे कौंधता है कोई। चलता हूं अपनी मस्ती में। पीठ पीछे चौंकता है कोई। मुख पे कभी कह न पाता। पीठ पीछे बोलता है कोई। दुम हिलाता चाकरी करता। पीठ पीछे डौलता है कोई। जहर जिंदगी के बर्तन में। पीठ पीछे घोलता है कोई। खंज़र सब के हाथों में है। पीठ पीछे घौंपता है कोई। चुगली का ईंधन आग मे। पीठ पीछे झोंकता है कोई। हाथी की चाल में मस्ती है। पीछे पीछे मोड़ता है कोई। सामने सब सच्चे अच्छे हैं। पीठ पीछे टोकता है कोई। सोहल ठण्डी रख हरदम। पीठ पीछे खौलता है कोई।

चलो हरि के द्वार चलें

चलो हरि के द्वार चलें। छोड़ घर परिवार चलें। गंगा स्नान तन का है। पापी मन संवार चलें। मन का स्नान राम है। राम नाम से पार चलें। मन तन में नहीं रहता। मन पर ही सवार चलें। तन मन से कब छूटेगा। अभी मन को मार चलें। पंच तत्व को भूल जाएं। अभी सब बिसार चलें। बाद में मोक्ष क्या करना। जीता छोड़ संसार चलें। पिण्डदान को भूल जाएं। छोड़ यहीं तकरार चलें। यमदूत के आने का डर। सोहल मन से उतार चलें।

घर बचाना है तो बेटी बचा लो

(अंर्तराष्ट्रीय पुत्री दिवस) घर बचाना है तो बेटी बचा लो। वर बचाना है तो बेटी बचा लो। सबका बचना बहुत जरुरी है। गर बचाना है तो बेटी बचा लो। आज बेटी है कल नानी मां है। कल बचाना है तो बेटी बचा लो। किससे कब हाथ मागोगे भइया। कर बचाना है तो बेटी बचा लो। कुदरत कैसे चलेगी इसके बिना। नर बचाना है तो बेटी बचा लो। हम सबका सरताज है बेटियां। सर बचाना है तो बेटी बचा लो। बेटी से ही घर परिवार होता है। मर बचाना है तो बेटी बचा लो। संतान बेशकीमती जायदाद है। ज़र बचाना है तो बेटी बचा लो। बेटी पार्वती है दुर्गा है चण्डी है। यर बचाना है तो बेटी बचा लो। नन्ही परियों से घर जन्नत बना। सुर बनाना है तो बेटी बचा लो। घर से बाहर निकल कर देखो। डर भगाना है तो बेटी बचा लो। एक बेटी पढ़े तो सात पीढ़ी तरे। तम भगाना है तो बेटी बचा लो। सोहल बाहर क्यों भटकता है। दर बचाना है तो बेटी बचा लो। English Version (International Daughters Day) If you want to save the house, save the daughter. If you want to save the groom, save the daughter. It is very important for everyone to survive. If you want to save, then save the daughter. Today is daughter, tomorrow is grandmother. If you want to save tomorrow, save your daughter. When did you ask for your hand? If you want to save hand, save your daughter. How can nature run without it? If you want to save the male, then save the daughter. The ruler of all of us is daughters. If you want to save the sir, then save the daughter. The family is the family from the daughter itself. If you want to save death, save the daughter. Children are a valuable asset. If you want to save, then save the daughter. Daughter is Parvati, Durga is Chandi. If you want to save, then save the daughter. From the little fairies, the house became a paradise. If you want to make music, then save your daughter. Look outside the house. If you want to drive away fear, then save the daughter. If one daughter studies, then there are seven generations. If you want to get rid of Tama, then save the daughter. Why does Sohal wander outside? If you want to save the rate, then save the daughter.

लिख दिया इतिहास धर्म का

लिख दिया इतिहास धर्म का। हाथ में भाला तलवार न होते। बलिदानों का क्रम चलता रहा। वो शहीदों के मुख्तार न होते। दो भाई जंग में काम आ गए। दो सरहिंद की दीवार न होते। अजीत अगर जुझार न होते। शहीदों में उनके दीदार न होते। जंगलों में भटकते रहते सदा। किसी के संग परिवार न होते। आगे बढ़े तो कारवां बन चला। सरदारों के वो किरदार न होते। जीत का कहीं जज्बा न होता। यूं ही घोड़ो के असवार न होते। घण्टियां न खनकती मंदिर में। प्रकट कभी भी विचार न होते। पाठ पूजा कर लेते कैसे कैसे। देवालय कहीं साकार न होते। कुर्बानियां उनकी बेहिसाब हैं। पास सबके हथियार न होते। सुन्नत हो जाती सब तबकों की। सोहल जहां में सरदार न होते।

दस्तार पहन ले सरदार बन जा

दस्तार पहन ले सरदार बन जा। दस्तार पहन ले किरदार बन जा। ककार पहनकर पहचान बनाले। प्यारे रब्ब का बरखुरदार बन जा। सच्चाई की डगर पर बढ़ते जाना। इंसाफ का खबरदार बन जा। राह पकड़ उस रब्ब के घर की। तकरार छोड़ सरकार बन जा। पालन कर कुदरती उसूलों का। हर खुशी का हकदार बन जा। दस्तार से बड़ा ताज नहीं कोई। ताज पहन ले सरताज बन जा। अपनी ताकत की पहचान कर। सिक्ख बन असरदार बन जा। नज़्म लिख लिख दे फतेह की। कवि बन कवि दरबार बन जा। सोहल सब की हिफाजत कर। कुदरत का चौकीदार बन जा।

कैसे राज करेगा खालसा

कैसे राज करेगा खालसा। कैसे काज करेगा खालसा। कदम कदम पर झांसा है। कैसे अंदाज करेगा खालसा। पांच दुष्टों से हरदम लड़कर। कैसे आगाज करेगा खालसा। अमृत के ऊसूलों की पालना। कैसे आज करेगा खालसा। हर दिन के बदले हालातों में। कैसे रियाज करेगा खालसा। मजहब के दुश्मन लोगों को। कैसे नाराज करेगा खालसा। फिर नया जीवन नया नाम। कैसे लाज करेगा खालसा। सोहल मजहब कायम रख। कैसे नाज करेगा खालसा।