Gurbhajan Gill
गुरभजन गिल

गुरभजन सिंह गिल (२ मई १९५३ -) का जन्म गुरदासपुर ज़िला की बटाला तहसील के गाँव बसंत कोट में पिता सरदार हरनाम सिंह और माता तेज कौर के घर हुआ । वह पंजाबी कवि, साहित्यक टिप्पणीकार और बहुत ही सक्रिय सांस्कृतिक शख्शियत हैं । उनकी मुख्य रचनायें हैं: शीशा झूठ बोलता है (काव्य संग्रह), हर सुलगता गाँव मेरा है (गज़ल संग्रह), सुर्ख़ समुद्र (पहले दो संग्रह एक जिल्द में), दो हर्फ़ रसीदी (गज़लें), अगन कथा (काव्य संग्रह), मन के दरवाज़े बारियां (ग़ज़लें), धरती नाद (काव्य संग्रह), ख़ैर पाँच पानियों की (हिंद पाक रिश्तों पर कवितायें), फूलों की झाँझर (गीत संग्रह), पारदर्शी (काव्य संग्रह), मोरपंख (गज़लें), मन तंदूर (काव्य संग्रह), तारों के साथ बातें करते( गज़लें), गुलनार (गज़लें), मृगावली (ग़ज़लें), सुरताल (गज़लें) और गद्य पुस्तक: कैमरे की आँख बोलती।

आधार भूमि (पंजाबी काव्य-संग्रह) : गुरभजन गिल

अनुवादक राजेंद्र तिवारी, प्रदीप सिंह

  • कविता लिखा करो
  • मिल जाया कर
  • युद्ध का आखिरी दिन नहीं होता
  • परमाणु के ख़िलाफ़
  • अजब सरकस देखते हुए
  • वह कलम कहाँ है जनाब
  • कंक्रीट के जंगल झाड़
  • मेरी माँ
  • मजदूर दिहाड़ा (दिवस)
  • आसिफा तू न जगा
  • पता रखा करो
  • जिनके पास हथियार हैं
  • रंगोली में रंग भरते बच्चे
  • बच्चे नहीं जानते
  • उनसे कहो
  • शबद-अबोल
  • शीशा सवाल करता है
  • लम्बी उम्र इकट्ठे
  • कोरी स्लेट नहीं होते बच्चे
  • पास से गुज़रते हमउम्रों
  • साईं लोग गाते
  • थोड़े से पैसों में
  • मैंने उससे पूछा
  • दीवार पर लिखा पढ़ो
  • सितार वादन सुनते हुए
  • सूरज के साथ खेलते
  • आशीष
  • बहन नानकी भाई को तलाशती
  • अब अगली बात करो
  • पहली बार
  • नेता जी ने मुझसे पूछा
  • वह कुछ भी कर सकते हैं
  • आ गई प्रभात फेरी
  • मिलो तो यूं मिलो
  • धर्म परिवर्तन
  • परवेज़ संधू
  • अब दुश्मन ने भेष बदला
  • किधर गए असवार
  • दर्दनामा
  • शीशा
  • बहुत याद आती है लालटेन
  • दीपिका पादुकोण के जेएनयू के जख़्मियों को मिलने पर
  • काला टीका
  • पत्थर! तू भगवान बनकर
  • बिगड़ता जाता वातावरण
  • डार्विन झूठ बोलता है
  • जाग रही है माँ अभी
  • नंदो बाजीगरनी
  • जो बच्चा बोलता तो
  • बापूजी कहते थे
  • सूरज की जात नहीं होती
  • भाशो जब भी बोलता है
  • पता हो तो बताना
  • हमारी चिंता न करना
  • आप भी अँधे हैं
  • आधार भूमि (पंजाबी काव्य-संग्रह) : गुरभजन गिल

    अनुवादक राजेंद्र तिवारी, प्रदीप सिंह