हल्दी-तेल के गीत : बुन्देली लोकगीत

Haldi-Tel Ke Geet : Bundeli Lok Geet

	

सो आज मेरे रामजू कौ

सो आज मेरे रामजू कौ तेलो चढ़त है। तेलो चढ़त है फुलेल चढ़त है सो आज मेरे रामजू कौ तेलो चढ़त है। सोने कटोरा में तेलो भरायौ सो हरदी मिला कै कैसो झलकत है। सो आज मेरे रामजू को... भाभी ने मिल तेल चढ़ायो, सो नारिन मंगल गीत मढ़त है। सो आज मेरे रामजू को...

चढ़ गयौ तेल फुलेल

चढ़ गयौ तेल फुलेल छुटक रई पाँखुरियाँ। काये कौ तेल फुलेल काये कीं पाँखुरियाँ। चम्पे कौ तेल फुलेल रूपे की पाखुरियाँ। को ल्याऔ तेल फुलेल को ल्याऔ पाखुरियाँ। तेलन ल्याई तेल फुलेल मालिन ल्याई पाखुरियाँ। भौजी ने चढ़ाऔ तेल वीरन राय बैंहदुलियाँ। चढ़ गयौ तेल फुलेल छुटक रईं पाखुरियाँ।

  • मुख्य पृष्ठ : बुन्देली लोक गीत
  • मुख्य पृष्ठ : हिन्दी लोक गीत
  • मुख्य पृष्ठ : हिन्दी कविता वेबसाइट (hindi-kavita.com)