दूल्हा निकासी : बुन्देली लोकगीत

Dulha Nikasi : Bundeli Lok Geet

	

दो घोरी साजन लिख भेजीं सो साँवरे

दो घोरी साजन लिख भेजीं सो साँवरे गोरे अत लड़ अंग भले जू। बूझत-बूझत घोरी नगर फिरी ती सो कौन अजुल जू की पौर भले जू। सो कौन बबुल जी की पौर भले जू सो कौन काकुल जू की पौर भले जू। ऊँची अटरियाँ महल चितसारे सो सूरज सामें द्वार भले जू। कौरन कौन लिखीं हैं पुतरियाँ रून झुन करें बहुरियाँ भले जू। आओ मोरी घोरी बँधाओ बछेरी सो बँधाओ सोने के खम्भ भले जू। सोने के खम्भ न बँधे बछेरी सो चाहत पाट गिरैया भले जू। पाट गिरैया न बंधे बछेरी चाहत जौ को पूरा भले जू। जौ कौ पूरा न चरै बछेरी सो चाहत घिया भरी दाल भले जू। घिया भरी दाल न खायं बछेरी सो चाहत गुड़ के पेड़ा भले जू। गुड़ के पेड़ा न खात बछेरी सो चाहत जीन जड़ाऊ भले जू। जीन जड़ाऊ न लदे बछेरी चाहत डेढ़ असवार भले जू। डेढ़ असवार मोरी रानी कौ लड़लड़ौ जिनहि चलत जग मोहै भले जू। सज धज के भयौ असवार लाड़लो से धन धन करैं लुगाई भले जू। कोट तरै होकै चलौ शहजादो सो धन्य धन्य करै लुगाई भले जू। धन्य धन्य उनकी आजी धन्य उनकी माई जिनने के ये लड़े पाये भले जू। धन्य उनकी बहिना सो धन उनकी फुआ जिनने ये लड़लड़े खिलाये भले जू। धन्य उनकी भाभी सो धन्य उनके फूफा जिनने ये लड़लड़े सिंगारे भले जू। धन्य धन्य कहिए वे रूप के सुन्दर राम मूरत पाये भले जू। जाये जो मेले वे गाँव के गेंवड़े सो तम्बू दये है तनाये भले जू। विनती से विनती करै सजनजू सो जो विनती चित देओ भले जू। तनक उसट कै मेलो मेरे सजनजू सो जौ पनिहारिन की गैल भले जू। गड़ गए तम्बू न उखड़े मेरे साजन सो पनिहारिन औ घट जायें भले जू। कै मोरे सजनजू बरिया करहै कै चट मारौ मोरो गाँव भले जू। न मोरे सजनजू बरिया करहै न चट मारौ। तोरो गाँव भले जू। हम तो ब्याहन आये तुमरी अति लड़लड़ी सो सूनी मोरी रसोई भले जू। वे कुलवंती करै रसोई सो जीमें मोरो सब परिवार भले जू। असहड़ दैहों कसहड़ दैहों दैहों तोय सब घरबार भले जू। एक न दैहों अपनी अत लड़लड़ी सो आजी की परम आधार भले जू। सो माई की परम आधार भले जू सो काकी की परम आधार भले जू। असहड़ छोड़ों कसहड़ छोड़ांे सो छोड़ों तोरो सब परिवार भले जू। एक न छोड़ों अपनी अत लड़लड़ी सो सूनी मोरी राम रसोई भले जू। वे कुलवतीं तपें रसोई सो जीमें मोरो सब परिवार भले जू। ब्याहे बहू घर ल्याये अजुल जू सो जिन घर राई न नौन भले जू। ब्याहे बहू घर ल्याये बबुल जू ल्याये काकुल जू सो जिन घर राई न नौन भले जू। कौना कौ पठाये बनारसी जोरे कौना कौ सम्बर भेस भले जू। राजा दूल्हा कौ पठाये बनारसी जोरे सो बउआ कौ सम्बर भेस भले जू। अब करौ आजी निछावरे अत लड़लड़ी बहू उलई है द्वार भले जू। अब करौ माई निछावरे सो मौसी फुआ निछावरे बहू उलई है द्वार भले जू। पहलौ निछवनो मोरे लड़लड़े कौं दूजो सजनजू की धियर भले जू।

काना से घोरी चली मनमोहन काना

काना से घोरी चली मनमोहन काना परे हैं मिलान। राजा राम की घोरी श्री किसन की घोरी। मथुरा से घोरी चली मनमोहन सो गोकुल परे हैं मिलान। राजा राम की घोरी श्री किसन की घोरी। जो घेरी अत लड़ चली मनमोहन सो चढ़ ससुराले जायँ। मोर मुकुट अत बनी मनमोहन घोरी सो टिपकी है लाल गुलाल।। राजा राम ...।। चंदन खौरें अत बनी मनमोहन सो टिपकी है लाल गुलाब ।। राजा राम ...।। नैनन सुरमा अत बनी कृस्ना सो भौंहन चढ़ी है कमान।। श्री किसन ...।। मुख भर बिरियाँ सोहें मनमोहन घोरी सो ओठन रेचे हैं तमोल।। राजा राम ...।। कानन कुण्डल सोहें मनमोहन घोरी सो झलकत श्याम कपोल।। राजा राम ...।। कंठन कंठी अत बनी मनमोहन घोरी सो गोपन गुंजे हैं गुंजाव।। राजा राम ...।। कौंचन चूरा अत बने मनमोहन घोरी सो पौंची हैं रतन जड़ाऊ।। राजा राम ...।। नौउ नुगरियन छल्ला सोहै मनमोहन घोरी सो दाहिनी छिंगरिया छाप। पाँवन तोड़ा अत बने मनमोहन सो चूड़ा नगर उज्जैन।। राजा राम ...।। इड़ियन माहुर अत बनो मनमोहन घोरी सो मेंहदी लाल गुलाब। केसरिया बागो अत बना मनमोहन घोरी सो पनरथ लाल गुलाल। पीताम्बर धोती सोहै मनमोहन घोरी सो कस बटुआ की फेंट।। राजा राम ...।। ऐसो सजो मेरो लाड़लो मनमोहन घोरी सो जैसो गोकुल में कान्ह।। राजा राम ...।। कोट तरै होकै निकरौ लाड़लो मनमोहन सो धन धन करै लुगाई।। राजा राम ...।। कौना सी मैया कोख धरे मनमोहन घोरी सो कौना बहनिया के वीर। जसुदा सी मैया उर धरे मनमोहन घोरी सो सुभद्रा बहिनिया के वीर। काना से घोरी चली मनमोहन सो काना परे हैं मिलान। श्रीराम की घोरी श्री किसन की घोरी।

अबेरो दूल्हा क्यों सजौ महाराज

अबेरो दूल्हा क्यों सजौ महाराज। बनाजी के आजुल जू को बड़ौ परिवार, सजत बेरा हो गई महाराज। अबेरो दूल्हा काय सजौ महाराज। बनाजी के बाबुलजू को बड़ौ परिवार, सजत बेरा हो गई महाराज।

कारी बदरिया ऊनई अरे तै जिन बरसो हो

कारी बदरिया ऊनई अरे तै जिन बरसो हो। माथे अजुल जू कै सैरो अरे तैं जिन बरसो हो। माथे बबुलजू के सैरो अरे तैं जिन भिजावैं हो। माथे काकुल जू के सैरो अरे तैं जिन भिजावैं हो। कारी बदरिया ऊनई अरे तैं जिन बरसो हो। माथे दूल्हा राजा के सैरों तू जिन भिजावैं हो।

नौने नीके आजुल जू हो तो जइयो

नौने नीके आजुल जू हो तो जइयो सजन घरै। तुमें सजना बुलावें हौं तो रहियो एका घरी। माथे पगड़िया हो तो सिर पै बेला कली। नौने नीके बाबुल हो तो जइयो सजन घरै। तुमें सजना बुलावें हो तो रहियो एका घरी। नौने नीके काका हो तो जइयो सजन घरै। माथे पगड़िया हो तो सिर पै बेला कली। तुमें सजना बुलावें हो।

लालन चलतन कागा हो बोलै

लालन चलतन कागा हो बोलै नीलकंठ सुहावने। लालन चलतन हथिया झूमै बाजत आवै नौनी गिड़गिड़ी। लालन चलतन आजी हो बोलीं वारे दूल्हा घामौ विलमाइये। हम कहा घामौ विलमायें मोरी आजी धनिया के उमये लालन जात है। धनिया के उमये चन्द्रावदनी के उमये घामौ गिने न छाँयरौ। तुमने भये हमने चरूआ धराये चरूआ धराये कछु नेग है। इतने बोल जिन बोलो मोरी आजी इतने बोल नईं होत हैं। दासा दसीली बहुयें ले आयें आजी के चरन पलौटियें। लालन चलतन कागा हो... लालन चलतन माता हो बोली वारे दूल्हा घामौ विलमाइये। हम कहा घामौ विलमाये मोरी मैया धनिया के उमये लालन जात है। धनिया के उमये चन्द्रावदनी के उमये घामौ गिने न छाँयरौ। तुमरे भए हमने दुदुआ पियाये दुदुआ पियाई कछु नेग है। इतने बोल जिन बोलो मोरी माता इतने बोल नईं होत है। छिरिया को मोल गैया को मोल मैया को मोल नईं होत है। दासा दसीली बहुयें ले आयें मैया के चरन पलौटियें। लालन चलतन कागा हो... लालन चलतन फुआ बोली वारे दूल्हा घामौ विलमाइये। हम कहा घामौं विलमाये मोरी फुआ धनिया के उमये लालन जात है। धनिया के उमये चन्द्रावदनी के उमये घामौ गिनै न छाँयरौ। तुमने भये हमने सतिया धराये सतिया धराये कछु नेग है। इतने बोल जिन बोलो मोरी फुआ इतने बोल नईं होत है। दासा दसीली बहुयें ले आयें फुआ के चरन पलौटियें। लालन चलतन कागा हो... लालन चलतन काकी बोली बारे दूल्हा घामौ विलमाइये। हम कहा घामौ विलमाये मोरी काकी धनिया के उमयचे लालन जात है। तुमरे भये हमने लडुआ बंधाये लडुआ बंधाई कछु नेग है। इतने बोल जिन बोलो मोरी काकी इतने बोल नईं होत है। दासा दसीली बहुयें ले आयें काकी के चरन पलौटियें। लालन चलतन कागा हो...

बौ तो सब कोउ चलौ है बरातै

बौ तो सब कोउ चलौ है बरातै ओ कजरौटा लला। दूल्हा के मामा घर रये कजरौटा लला। अपनी बहिना कों रखावे घर रये कजरौटा लला। दूल्हा के जीजा घर रये कजरौटा लला, अपनी सारी साराज रखावे घर रये कजरौटा लला। दूल्हा के काका घर रये कजरौटा लला, अपनी भौजी कों रखावे घर रये कजरौटा लला।

तूने कौना के भरोसे घर छोड़ो रे बना

तूने कौना के भरोसे घर छोड़ो रे बना। मैंने आजी के भरोसे घर छोड़ो रे बना। तोरी आजी कौ भरोसो मोय नइया रे बना। तारौ दै कुची लै अइयो रे बना। तूने कौना के ... मैंने मइया के भरोसे घर छोड़ो रे बना। तोरी मइया कौ भरोसो मोय नइया रे बना। वे तो अटरिया पै सेजें लगावें औ सोवें बना। तूने कौना के ... मैंने काकी के भरोसे घर छोड़ो रे बना। तोरी काकी कौ भरोसो मोय नइया रे बना। वे तौ थारन भर-भर लड्डू बनावे औ खावें बना। तूने कौना के ... मैंने भौजी के भरोसे घर छोड़ो रे बना। तोरी भौजी कौ भरोसे मोय नइया रे बना। तारौ दै कुची लै लइयो रे बना। वे तौ सैनन से यार बुलावे रे बना। तूने कौना के ... वे तो सब मौज उड़ावें औ उजाड़े रे बना।

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