डहकन : मैथिली लोकगीत

Dahkan : Maithili Lokgeet

	

उगय उगय इजोरिया राति

उगय उगय इजोरिया राति छिनरो कतय गेली गेली मे गेली छिनरो दर्जीया दोकनमा बगलमे जा कऽ सूति रहली साया-साड़ीसँ देह देलकनि भरि भोरे उठि कऽ चलि एली गेली मे गेली सोनरा दोकान बगलमे जा कऽ सूति रहली बाली झुमका सँ कान देलकनि भरि भोरे उठिकऽ चलि एली गेली मे गेली हलुअइया दोकनमा बगलमे जा कऽ सूति रहली पेरा केरासँ मूह देलकनि भरि भोरे उठिकऽ चलि एली

ऊँचहि घर के नीच दुअरिया

ऊँचहि घर के नीच दुअरिया भले रंग बहय बसात ताहि पैसि सुतली समधिन छिनरो लाले रंग घघरा देल छलकाय घोड़बा चढ़ल अबथिन समधी रसिया लाले रंग देखि रहला लोभाय घुमैते-फिरैते अयलथिन फल्लाँ रसिया पकड़ल जयबे दरबार हम नहि अयलहुँ रसिया अहाँकेँ हवेलिया अहीक बहीन लयली बजाय जीवननाथ एहु डहकन गाओल बरियतियाक बहिन छकल छिनारि

चलही सोनपुर के मेला गे

चलही सोनपुर के मेला गे छिनरो चलही सोनपुर के मेला चुड़ी पहिरेलकौ, लहठी पहिरेलकौ धर बहियाँ झिकझोरा गे छिनरो चलही सोनपुर के मेला छेना खुओलकौ, रसगुल्ला खुओलकौ तरो सऽ रस चुओलकौ गे छिनरो चलही सोनपुर के मेला केरा खुओलकौ पेरा खुओलकौ ऊपर सँ केरा धकेला गे छिनरो चलही सोनपुर के मेला

झिलमिल साड़ी के रेशमी किनारी रे

झिलमिल साड़ी के रेशमी किनारी रे चउपेतल साड़ी सेहो साड़ी पहिरथु फल्लाँ छिनरिया पहिरि ओढ़िए गली ठाढ़ी रे घोड़बा चढ़ल अबथिन फल्लाँ रसिकबा आइ किए गलियामे ठाढ़ी रे चउपेतल साड़ी ठाढ़ि तऽ ठाढ़ि रसिया अपन गलिया तोहरो जीह किए तरसउ रे चउपेतल साड़ी सौंसे बदन छिनरो गोरी-भरी रे तरक सुगबा किए ठाढ़ि-कारी रे चउपेतल साड़ी झिलमिल साड़ी के रेशमी किनारी रे चउपेतल साड़ी

टूटल नैया टूटल करुआरि

टूटल नैया टूटल करुआरि ओहि नैया चढ़ल समधिन छिनारि हो लाल खेबि-खेबि समधी लय गेल मझधार हो लाल बीचे रे यमुना मे छिनरो से माँगय लागल दान हो लाल जओँ हम जनितहुँ रे दैवा समधी होयता घटवार हो लाल खोइछा कऽ लितहुँ पाकल पान सेहो करितहुँ दान हो लाल नहि लेब पाकल पान नहि लेब दान लेबऽमे आहे समधिन ओही दुनू यौवन हो लाल कानय लगली समधिन छिनरो पटवर धुनय केश हो लाल कथी लय दैबा सिरजल नेमुआ सन यौवन हो लाल हँसय लगला समधी रसिया मुख गुआ पान हो लाल हमरे लेल सिरजलक दैवा टिकोलबा सन यौवन हो लाल

पर्वत के ऊपर बसे केराव

पर्वत के ऊपर बसे केराव हो लाल ओहि मे जे भोकरय बुढ़बा साँढ़ हो लाल संढ़िया रोमय गेली समधिन छिनरो हो लाल ओतिह सँ संढ़िया करय लागल जबाव हो लाल अपन देहरी बैसलि कानथि समधी जुआन मोर धनि उढ़रल जाथि हो लाल जुनि कानू जुनि खीजू समधी जुआन जाहि दिन छलै पुरुषक अकाल ताहि दिन कयलिन संढ़िया भतार हो लाल

पाँच रुपैया समधि करजा काढ़लनि

पाँच रुपैया समधि करजा काढ़लनि टिकुली लयलनि गढ़ाय हो लाल टिकुली के सटलनि समधिन पटबर फारलनि चलि भेली गंगा स्नान हो लाल नहाय सोनाय समधिन घुरियो ने तकलनि टिकुली खसल मझधार हो लाल कानय लगली खीजय लगली समधिन छिनरो केये देतै टिकुली भेटाय हो लाल घोड़बा चढ़ल अबथिन फन्ना रसिया हम देब टिकुली भेटाय हो लाल जओं तोहे आहे समधी टिकुली भेटाय देब गंगाजी के पाठी चढ़ायब हो लाल जीवनाथ भल डहकन गाओल बरियतियाक बहिन छकल छिनारि

पीयरे रंग सड़िया पहिरलनि से फल्लाँ

पीयरे रंग सड़िया पहिरलनि से फल्लाँ समधिन छिनरो बाट चलल झटकारि हो लाल रंग विरंग के छिनरो जुटिया गुहओलनि अतरा लेल गमकाय हो लाल घोड़बा चढ़ल अबथिन समधी रसिया आँचर धय बिलमाबे हो लाल छोडू-छोडू आहे रसिया हमरो आँचरबा कि फाटि जायत नव साड़ी हो लाला साड़ी के बदला छिनरो साड़ी पहिरयबौ आजु करब मेहमानी हो लाल छोडू छोडू आहे रसिया हमरो आँचरबा आजु छनि पियाजी के पार हो लाल

फल्लाँ छिनरिया गे तोरो जुआनी

फल्लाँ छिनरिया गे तोरो जुआनी भागलपुर मे शोर जब छिनरो भेली आठ बरिसकेँ, बाली ओ पासा ने सोहाय ऊपर सँ माँगय झुमका ओ टीका, ई घर रहय की जाय फल्लाँ छिनरिया गे तोरो जुआनी भागलपुर मे शोर जब छिनरो भेली चौदह बरिस के, सूती ओ उली ने सोहाय ऊपर सँ माँगय सिल्कक साड़ी, ई घर रहय की जाय फल्लाँ छिनरिया गे तोरो जुआनी भागलपुर मे शोर जब छिनरो भेली सोलह बरिस के, भइया के बोल ने सोहाय ऊपर सँ माँगय कओलिजिया छौंड़ा, ई घर रहय कि जाय फल्लाँ छिनरिया गे तोरो जुआनी भागलपुर मे शोर

फूल फूले सदा कृष्णफूल रे

फूल फूले सदा कृष्णफूल रे, ओहि केओरे के बाग मे घोघट उघारी कऽ छिनरो के देखियनु पूआ समान दुनू गाल रे, ओहि केओरे के बाग मे चोलिया उघारिकऽ छिनरो के देखियनु नेबो-नारंगी सन गोल रे, ओहि केओरे के बाग मे घघरा उघारिकऽ छिनरो के देखियनु दुतियाक चान उगि गेल रे ओहि केओरे के बाग मे फूल फूले सदा कृष्णफूल रे, ओहि केओरे के बाग मे

बल्लम बरछी भेल तैयारी

बल्लम बरछी भेल तैयारी समधिन छिनरो लय भेल फौदारी कहाँ के जे समधिन कहाँ भेल तैयारी कहाँ के जे समधी रसिया मोकदमा भेल बड़ भारी फल्लाँ गाम के समधिन छिनरो पटना भेल तैयारी फल्लाँ गाम के समधी रसिया मोकदमा भेल बड़ भारी रुपैया जमा कयलनि समधी मोकदमा भेल खारीज हारि गेला समधी रसिया लज्जा भेल बड़ भारी साड़ी छै रसदारी चउपेतल साड़ी साड़ी छै मजेदारी चउपेतल साड़ी सेहो साड़ी पहिरथु समधिन छिनरो पहिर चलल लटझाँरी हे चउपेतल साड़ी घोड़बा चढ़ल आबे समधी रसिया आंचर धय बिलमाबे हे चउपेतल साड़ी छोडू-छोडू आहे रसिया हमरो आँचर हे फाटि जायत नब साड़ी हे चउपेतल साड़ी छोड़ब-छोड़ब अपना पलंग पर जहाँ उड़य रसदारी

भालरि मूनि कऽ

भालरि मूनि कऽ भालरि मूनि कऽ उघारि कऽ बैसली फल्लाँ छिनरो हे भालरि मूनि कऽ सात बाल्टी पानि लऽ कऽ दौड़ल आबथि फल्लाँ भइया आइ भालरि मूनी कऽ दौड़ल आबथि फल्लाँ भइया आइ भालरि मूनि कऽ उघारिकऽ बैसली फल्लाँ छिनरो हे भालरि मूनि कऽ सात पासा साबुन लऽ कऽ दौड़ल अबथिन फल्लाँ भइया आइ भालरि मूनि कऽ बैसली फल्लाँ बहिनो हे भालरि मूनि कऽ सात टा कैंची नेने दौड़ल अबथिन फल्लाँ भइया आइ भालरि मूनि कऽ जगमूड़न हेतनि हे भालरि मूनि कऽ भालरि मूनि कऽ उघारि कऽ बैसली फल्लाँ छिनरो हे भालरि मूनि कऽ सात टा तौलिया नेने दौड़ल अबथिन फल्लाँ भइया आइ भालरि मूनि कँ रगड़ि कऽ पोछबनि हे भालरि मूनि कऽ भालरि मूनि कऽ उघारि कऽ बैसली फल्लाँ छिनरो हे भालरि मूनि कऽ

माधवपुर बजार हुलमहुल छै रे

माधवपुर बजार हुलमहुल छै रे ललना ओहिमे बुढ़बा बिकाइ छै रे ललना केओ नहि बुढ़बा के मोलबइ छै रे ललना मोलबय गेली फन्ना छिनरो कय रुपैया तोहर दाम छौ रे ललना कय रुपैया तोरा साथ छौ रे ललना पांच रुपैया हमर दाम छै रे ललना दस रुपैया हमरा साथ छै रे ललना आंखि आन्हर छै कान बहीर छै हाथ पयर लुल्ह ठक हिजरा छै रे ललना

मोरो चित बसय समोलिया रे

मोरो चित बसय समोलिया रे ओहि कुंज गलीमे तीन रंग साड़ी पहिरलनि फल्लां छिनरो लाल-पीअर हरिअर रे ओहि कुंज गलीमे तीन रंग बर लग सुतलनि फल्लाँ छिनरो भइया-सइँया ननदोसिया हे ओहि कुंज गलीमे तीन रंग बेटा जनमौलनि फल्लाँ छिनरो अबरा-झबरा चितकबरा हे ओहि कुंज गलीमे

विरह के मातलि फल्लाँ छिनरो

विरह के मातलि फल्लाँ छिनरो निपय रे अंगना-अंगनी माझे अंगना मे पलंगा ओछओलनि सूतल रे उढ़रा-उढ़री हमरा तऽ माँग लागल घोटना-घोटनी हम तऽ दारू पीयब चिखना चिखनी आइ तऽ कहइ छी भैया उढ़रा-उढ़री प्रात देखब भगिना-भगिनी

समधि अपने छथि गोर

समधि अपने छथि गोर, हिनक बहिनी बड़ बेजोर हिनकर घर मे पइसल चोर, अवधपुर मे समधि करथि सेवकाइ, हिनका माय-बाप नहि भाइ छनि आजु बहिनिक सगाइ, अवधपुर मे हिनकर माय बकलेल, बहिनी बातक ढहलेल दुलहा केँ देलनि नहि तेल, अवधपुर मे

संचरि चतुर चतुर गण आगरि

संचरि चतुर चतुर गण आगरि संचरि चतुर सेयानि सोलहो सिंगार कय चलली हे फल्लाँ समधिन चलि भेली दड़िभंगा बजार हो लाल टिकुली के ज्योति देखि साहेबा लोभयलकनि लय गेलनि दरोगबा के दरबार देहरी बैसल कानथि फल्लाँ बेटबा मोर मइया उढ़रल जाय हो लाल जुनि कानीय जुनि खीजीय फल्लाँ बेटबा जुनि ढ़ारीय नयना सऽ नोर देबउ रे बउआ तोरा लड्डू रे मिठइया चुपहि चुप रहि जाउ हो लाल जीवनाथ भल डहकन गाओल बरियतियाक बहिन छकल छिनारि

सुनू समधी मिनती हमार यो

सुनू समधी मिनती हमार यो ओतऽ कोठा ऊपर अँटारी, एतऽ टुटली मरैया परकारी ओतऽ तरह-तरह तरकारी, एतऽ अनोने साग गेनहारी ओतऽ अरबे चाउर सचारे, एतऽ उसनो नै परकारे ओतऽ झारि पखारि गंगाजल, एतऽ बुजकट सेहो नै उसरल ओतऽ खोआ औंटल दूधे, एतऽ उसिने भात अछि छूछे एतऽ बट्टा भरल अदौरी, ओतऽ समधिन छिनरो करथि चिरौरी एतऽ बट्टा भरल बताससा, ओतऽ समधिन छिनरो करथि तमासा

  • मुख्य पृष्ठ : मैथिली लोकगीत
  • मुख्य पृष्ठ : हिन्दी लोक गीत
  • मुख्य पृष्ठ : हिन्दी कविता वेबसाइट (hindi-kavita.com)