दादरे : बुन्देली लोकगीत

Dadre : Bundeli Lok Geet

	

अटरिया चढ़ गई रे भई बदनाम

अटरिया चढ़ गई रे भई बदनाम। पैली सीढ़ी जब चढ़ी दूजौ रिपटो पाँव। लाजन मर गई रे भई बदनाम। अटरिया... तीजी सीढ़ी जब चढ़ी चौथें रिपटो पाँव, लाजन मर गई रे भई बदनाम। अटरिया... पाँचई सीढ़ी जब चढ़ी छँठई रिपटो पाँव, लाजन मर गई रे भई बदनाम। अटरिया... सातई सीढ़ी जब चढ़ी आँठई रिपटो पाँव, लाजन मर गई रे भई बदनाम। अटरिया... नौंवी सीढ़ी जब चढ़ी गोरी उजागर हो गई रे, लाजन मर गई रे भई बदनाम। अटरिया... पाँच रूपैया मृगा कौ माँगे औ दस माँगे कुतवाल, मैं लाजन मर गई रे।

अनबोले रहो न जाए ननद बाई

अनबोले रहो न जाए ननद बाई, बीरन तुम्हारे अनबोला। अरे हां रे ननद बाई, कैसे के बीरन तोरे बोलिहैं, अरे कैसे जतन करो आज ननद बाई। अरे हां रे भौजइया, गैया दुहाऊं जब तुम जैहों, उते बछरा खों दियो छोड़ हो भौजी... बीरन हमारे तबई बोलें अनबोले रहो न जाए...

इन भोंदू के भाग्य में बदी न लुगाई

इन भोंदू के भाग्य में बदी न लुगाई, मैं कैसी करों माई। दौड़े-दौड़े गये कुम्हरा नों हां गये कुम्हारा नों, मट्टी की औरत बनाओ मेरे भाई। मैं कैसी करों माई। वा औरत लया के, छज्जे पे धर दई नीचे गिरी सो फूट गई लुगाई। मैं कैसी... दौड़े-दौड़े गये मिठया नों, शक्कर की औरत बनाओ मोरे भाई। मैं कैसी... वा औरत लया के अंगना में धर दई, पानी परो सो घुल गई लुगाई। मैं कैसी... दौड़े-दौड़े गये बजरा नों, कागज की औरत बनाओ मोरे भाई। मैं कैसी... वा औरत ल्याके छज्जे पे धर दई, आंधी चली सो उड़ गई लुगाई। मैं कैसी...

कहां गिरी राम जाने

कहां गिरी राम जाने, माथे की बिंदिया कहां गिरे कंगना, कहां गिरी किलिया, कहां गिरी राम जाने माथे की बिंदिया। अंगना गिरे कंगना, पौर गिरी कलिया, सेज गिरी राम जाने माथे की बिंदिया। किसे मिला कंगना, किसे मिली किलिया, सेज गिरी राम जाने माथे की बिंदिया। सास मिले कंगना, ननद मिली किलिया, सजन मिली माथे की बिंदिया। कैसे लाऊँ कंकन, कैसे लाऊँ किलिया, कैसे लाऊँ राम जाने माथे की बिंदिया। लड़के लाऊं कंगना, झगड़के लाऊं किलिया, हंसके लाऊं राजा जी से माथे की बिंदिया। कहां गिरी...

गयो-गयो रे सास तेरो राज

गयो-गयो रे सास तेरो राज, जमाना आयो बहुअन का। सास बिचारी चक्की पीसे, बहु देखन खों जाय मोटो-मोटो रे चून, जमाना आयो बहुअन का। सास तोरे... सास बिचारी खाना बनावे, बहु देखन खों जाय छोटी-छोटी सैंको रोटी, जमाना आयो बहुअन का। सास बिचारी बिस्तर बिछावै, बहु देखन खों जाय अच्छा-अच्छा बिस्तर बिछावौ, जमाना आयो बहुअन का।

गोरे ललार दमक रही बिंदिया

गोरे ललार दमक रही बिंदिया। ठंडे से पानी गर्म कर लाये, सपरें न राजा निरख रहे बिंदिया। गोरे... सोने की थाली में भोजन परोसे, जेवें न राजा निरख रहे बिंदिया। गोरे... सोने की झाड़ी गंगा जल पानी, पीवें न राजा निरख रहे बिंदिया। गोरे... लोंगन कील-कील बीड़ा लगाये, चावें नराजा निरख रहे बिंदिया। गोरे... चुन-चुन कलियां सेजे लगाईं, सोवें न राजा निरख रहे बिंदिया। गोरे...

जा बालू भींट चढूँ राजा कैसे

जा बालू भींट चढूँ राजा कैसे। ई घर की वे सासो बुरी हैं, बादल सी गरजें नंदू राजा कैसे। जा... ई घर की वे जिठनी बुरी हैं, कोपर सी खनकें नंदू राजा कैसे। जा... ई घर की वे ननदी बुरी हैं, बिजली सी चमके रहें राजा कैसे। जा...

तुम कैसे मन मारें गोरी ठांड़ी अंगना

तुम कैसे मन मारें गोरी ठांड़ी अंगना।। काहे के तोरे बाजूबंदा, काहे के ककना, काहे की तोरी मोहन माला, जप रई अंगना। तुम... सोने के ये बाजूबंदा चांदी के ककना, रूपे की तोरी मोहनमाला जप रईं अंगना। तुम... कौना ले दये बाजूबंदा, कौना ने ककना, ससुरा जी ने ले दई मोहनमाला जप रई अंगना। तुम... कैसे टूटे बाजूबंदा, कैसे के कंगना, कैसे टूटी मोहनमाला जप रई अंगना। तुम... खेलत टूटे बाजूबंदा, निहुरत के ककना, पहिनत टूटी मोहनमाला जप रई अंगना। तुम...

दशरथ राजकिशोर मोपे जादू कीना रे

दशरथ राजकिशोर मोपे जादू कीना रे। मन मुसकाय के सैन चलाके, मन हर लीना रे, निस दिन विकल रहत सखि, जैसे जल बिना मीना रे। हाय दई निरदयी श्याम ने, दरद न चीना रे, जब से अवध गये रघुनंदन, सुधहुं न लीना रे। दशरथ... एक बार निज कर कमलन, लिख पत्र न दीना रे, कंचन कुंअरि प्राण प्यारे बिन, किस विधि जीना रे। दशरथ...

देखो सखि नई साड़ी श्यामलिया ने

देखो सखि नई साड़ी श्यामलिया ने, रनबन की कर डारी मोरे लाल। कौन शहर की जा नई साड़ी, कौना की गोट किनारी मोरे लाल। देखो... बम्बई शहर की जा नई साड़ी, दिल्ली की गोट किनारी मोरे लाल। देखो... किनने बिसा दई जा नई साड़ी, किनने गोट किनारी मोरे लाल। देखो... ससुरा बिसा दई जा नई साड़ी, सासो ने गोट किनारी मोरे लाल। देखो... कैसे के फट गई जा नई साड़ी, कैसे के गोट किनारी मोरे लाल। देखो...

दैहों-दैहों कनक उर दार

दैहों-दैहों कनक उर दार, सिपईरा डेरा तो करो मोरी पौरी में। अरे हां हां री सहेली कहना गये तोरे घर वाले? कहना गये राजा जेठ लटकनी, ऊंचे महल दियरा जारें, अरे हां रे सिपइरा हारे गये हैं घरवारे और परदेश गये मोरे जेठ, डेरा तो करो मोरी पौरी में। अरे हां री सहेली, काहां ल्यावे तोरे घरवारे, और का हो ल्यावे राज जेठ, ऊंचे महल दियरा जारे। अरे हां रे सिपइरा, वो तो लोंगे ल्यावे मोरे घरवारे, और लायची ल्यावें राजा जेठ, सिपइरा डेरा तो करो मोरी पौरी में। दैंहो कनक...

नजर लागी पिया पानी न जैहों

नजर लागी पिया पानी न जैहों। पनिया भरन खों गई पनघट पें, देखत छैला लोट भागी, पिया पानी न जैहों। जब से देखी सांवरी सुरतिया, तब से नैना भये पाजी, पिया पानी न जैहों। करत न बैन बहत दोऊ नैना, कुसमी चुनरिया भई दागी, पिया पानी न जैहों।

नजरिया मोई सों लगइयो मोरे राजा

नजरिया मोई सों लगइयो मोरे राजा। कै मोरे राजा अंगना में कुंअला खुदइयो, के पनिया मोई सों भरइयो मोरे राजा। कै मोरे राजा अंगना में बगिया लगइयो, मलिनिया मोई खों बनइयो मोरे राजा। के मोरे राजा अंगना में चोपड़ डरइयो, के बाजी मोई खों जितइयो मोरे राजा। नजरिया...

न जानू राम कहां गिरी मोरी बेसर

न जानू राम कहां गिरी मोरी बेसर ससुरा जी कहें ढूंढ़ो बेसर, नई तो सासो न पहिने देहें एकऊ जेबर। मोरे जेठा जी कहे बहू ढूंढ़ो बेसर, नई तो जिठनी के देखत बने तेवर। न जानू राम... देवरा जी कहें भौजी ढूंढ़ो बेसर। नई तो भैया जी मारे सरर सरर। न जानू राम... ननदी कहें भौजी ढूंढ़ो बेसर नई तो भैया न बनवायें एकऊ जेबर। न जानू राम... सैयां जी कहें धना जाने दो बेसर मैं तो नये बनबाय दूं तुम्हें जेबर।

नन्हीं सी बुंदिया देख कै

नन्हीं सी बुंदिया देख कै भीजन चली आई औ बलमा। मेरा उड़न खटोला ओ बलमा। सावन रित आई ओ बलमा, तेरी रंग पलकिया देख कै झूलन चली आई ओ बलमा मेरा उड़न खटोला ओ बलमा। सरदी रित आई ओ बलमा। तेरी लाल रजइया देख कै सोवन चली आई ओ बलमा। मेरा उड़न... फागुन रित आई ओ बलमा तेरी रंग पिचकारी देख कै खेलन चली आई ओ बलमा। मेरा... गर्मी रित आई ओ बलमा तेरी लाल बिजनिया देख कै इव डोलन चली आई ओ बलमा। मेरा उड़न खटोला ओ बलमा।

न मारो कंकड़िया लाग जैहे

न मारो कंकड़िया लाग जैहे। कंकड़िया के मारे, कंकड़िया के मारे, हमारी गागरिया फूट जैहें। न मारो... हमारी चुनरिया भीग जैहें। न मारो... हमारी सासो रानी रूठ जैहें। न मारो... हमारे दोऊ नैना भीग जैहें। न मारो... हमारो काजरवा फैल जैहें। न मारो... हमारे पीहरवा छूट जैहें। न मारो... हमारे मैया बाबुल छूट जैहें। न मारो... हमारे भैया भौजी छूट जैहें। न मारो... न मारो कंकड़िया लाग जैहें। गागरिया के फूटे, गागरिया के फूटे।

पायल का इशारा हो गऔ रे पिया

पायल का इशारा हो गऔ रे पिया। ये लम्बी सी धनियां किसकी रे खड़ी वांसा जैसे लग रई मोरे पिया। पायल... ये पतली सी धनिया किसकी रे खड़ी कामिनिया सी लग रई मोरे पिया। पायल... ये गोरी सी धनिया किसकी रे खड़ी चांदनी सी छिटक रही मोरे पिया। पायल... ये काली सी धनिया किसकी रे खड़ी अंधियारी सी लग रई मोरे पिया। पायल...। ये मोटी सी धनिया किसकी रे खड़ी बेलन जैसी लग रई मोरे पिया। पायल... ये छोटी सी धनिया किसकी रे खड़ी गोदी में मचल रई मोरे पिया। पायल...

बलम मोहे चूनर रंगाय दियो रे

बलम मोहे चूनर रंगाय दियो रे। कहत सुनत जो चूनर रंगाई, बलम मोहे सिर से उढ़ाय दियो रे। बलम... कहत सुनत सिर से ओढ़ाई बलम मोहे मायके भिजाय दियो रे। बलम... कहत सुनत जो मायके भिजायो, बलम मोहे जल्दी बुलाय लियो रे। बलम... बाप-महतारी जो मोहे न भेजे, बलम नेक रोके दिखाय दियो रे। बलम... जो बलम तोरे आंसू न आवे, बलम नेक मिरची लगाय लियो रे। बलम...

महुआ के तरैं तरैं रैहों

महुआ के तरैं तरैं रैहों, मरोरा की एकऊ न सैहों। अपने ससुर की सब सुन लैहों, सासों से बीन बीन कैहों। मरोरा की... अपने जेठ की सब सुन लैहों, जिठानी से रार ठान लैहों। मरोरा की... अपने ननदेऊ की सब सुन लैहों, ननदी की विदा कर दैहों। मरोरा की... अपने देवर की सब सुन लैहों, छोटी को घर से भगा दैहों। मरोरा की... महुआ के तरैं तरैं रैहों।

मेरे दस्ते की कील मिलेगी कैसे

मेरे दस्ते की कील मिलेगी कैसे बाहर ससुरा लड़े अन्दर सासो लड़े सेजा सैंया भी लड़े मेरी कदर नहीं ललना गोद भी नहीं जिसकी आस करूँ पैसा पास भी नहीं जहर खायके मरूँ अँगना कुअला भी नहीं जिसमें डूब मरूँ। मेरे दस्ते

मैं बार-बार बगिया न जैहों ननदी

मैं बार-बार बगिया न जैहों ननदी। वा बगिया में मेरे ससुरा को डेरा, मैं बार-बार परदा न करहौं ननदी। मैं... वा बगिया में मेरे जेठा को डेरा, मैं बार-बार घुंघटा न डरिहौं ननदी। मैं... वा बगिया में मेरे देवर का डेरा, मैं बार-बार ररियां न करिहौं ननदी। मैं... वा बगिया में मोरे ननदेऊ का डेरा, मैं बार-बार सैनें न करिहौं ननदी। मैं...

मोती हजार जड़े नथनी में

मोती हजार जड़े नथनी में। ठंडे से पानी गर्म कर लाये, तुम सपरो हम ठांड़े बखरी में। मोती... सोने की थाली में भोजन परोसे, तुम जेलो हम ठांड़े बखरी में। मोती... सोने की झाड़ी गंगा जल पानी, तुम पीलो हम ठांड़े बखरी में। मोती... लोंगन कील-कील बीड़ा लगाये, तुम चाबो हम ठांड़े बखरी में। मोती... चुन-चुन कलियां सेजें लगाऊं, तुम सोलो हम ठांड़े बखरी में। मोती...

मोहे धानी चुनरियाँ मंगाय दो पिया

मोहे धानी चुनरियाँ मंगाय दो पिया। धानी चुनरी खों देख अगर सासो जलें, उन सासो को धीरज बंधा दो पिया। मोहे... मोरी चुनरी खों देख अगर जिठनी जलें, उन जिठनी को न्यारो करा दो पिया। मोहे... धानी चुनरी खों देख अगर ननदी जलें, उन ननदी खों गोनों करा दो पिया। मोहे... मोरी चुनरी खों देख अगर छोटी जले, उन छोटी को मायके भिजा दो पिया। मोहे...

राजा जी की चाल बता गऔ

राजा जी की चाल बता गऔ देवरिया। बेदी ले आओ बड़े भोर लगा ले भौजइया। असमानी रंग है चोली बाकी तंग है तीन वा तिरंगा झंडा काली बाके संग है। राजाजी की... हार ले आओ बड़े भोर पहिर लै भौजइया। राजाजी की... कंगन ले आओ बड़े भोर पहिर लै भौजइया। असमानी रंग है चोली बाकी तंग है तीन व तिरंगा झंडा काली बाके संग है। राजाजी की... करधनी ले आओ बड़े भोर पहिर लै भौजइया। राजाजी की... पायलिया ले आओ बड़े भोर पहिर लै भोजइया। राजाजी की... असमानी रंग है चोली बाकी तंग है तीन वा तिरंगा झंडा काली बाके संग है। राजाजी की...

रोये रोये नैना बिगारे बलम

रोये रोये नैना बिगारे बलम कजरौटी न ल्याये। ठंडौ री पानी गरम कर ल्याई सपरत में समझाये। बलम कजरौटी न ल्याये। ताती जलेबी दूदा लडुआ ल्याई सो जेवत में समझाये। बलम कजरौटी... झंझन झारी गंगा जल पानी सो पीवत में समझाये। बलम... पाना पचासी कौ बीड़ा लगाओ चावत में समुझाये। बलम... नौरंग पलका बिछे सोने पाये पौढ़त में समुझाये। बलम...

सुनो री जीजी जीजा कौ बिलैया लै गई

सुनो री जीजी जीजा कौ बिलैया लै गई टार कै। अरतन ढूँढो बरतन ढूँढो सो हड़िया में ढूँढो चमचा डार के। सुनो री... मटका में देखो घिनोचिन देखो सो नरदा में देखे पानी डार कैं। सुनो री... छत्तन देखे अटारी में देखे सो चकिया में देखे छन्ना झार कै। सुनो री... आरे में देखे टिपारे में देखे सो तक्का में देखे बेड़ो डार के। झाँसी में देखे लश्कर में देखे तो देख लिये सारे बाजार में। सुनो री... इड़ियन देखे छिड़ियन देखे सो हमने देखे मोटर कार में।

सूरज मुख न खोलूंगी

सूरज मुख न खोलूंगी, मोरी बेंदी का मीना झड़ जाय, सोने की झाड़ी गंगा जल पानी, पति से पहिले न पियूं रे, मोरा नारी धर्म घट जाय। सूरज... सोने की थाली में भोजन परोसे, पति से पहिले न खाऊं रे मोरा नारी धर्म घट जाय। सूरज... लोंगे इलायची पानों का बीड़ा, पति से पहिले न खाऊं रे मोरा नारी धर्म घट जाय। सूरज... चुन-चुन कलियां सेजें लगाऊं, पति से पहले न सोऊं रे, मोरा नारी धर्म घट जाय। सूरज मुख न खोलूंगी, मोरी बेंदी का मीना झड़ जाय।

हमसें बलम सें ऐसी बिगरी

हमसें बलम सें ऐसी बिगरी मोरी कतरी सुपारी न खायें। सोने की थारी में जेवनार परोसा हमसें बलम सें ऐसी बिगरी वे तो जेवै बहना घर जायें। चाँदी के लोटा में पानी परोसो हमसें बलम सें ऐसी बिगरी वे तौ पीवे बुआ के घर जायें। हमसें बलम सें ऐसी बिगरी मोरी कतरी सुपारी न खायें। पाना पचासी कौ बीरा लगायौ। हमसें... वे तो चावन तमोलिन के घर जायें। फूलों की सेज मोती झालर कौ तकिया हमसें बलम सें ऐसी बिगरी वे तो सोवै सोतन घर जायें।

हमारो दिल तुमसे नाराज महाराज

हमारो दिल तुमसे नाराज महाराज। ठांड़े बाग में कलियां तुड़ावें, हमें क्या मालिन बनाई महाराज। हमारो... ठांड़े कुंअला में झाड़ी भरावें, हमें क्या कहारिन बनाई महाराज। हमारो... ठांड़े ताल पे कपड़ा धुलावे, हमें क्या धोबिन बनायी महाराज। हमारो... ठांड़े रसोई में खाना बनवायें, हमें महराजिन बनाई महराज। हमारो...

हेजी नई लड़ो सासो, हमें न्यारा करा दो

हेजी नई लड़ो सासो, हमें न्यारा करा दो। न चहिए हमें अर्तन बर्तन, न चहिए हमें थारी रे मोरी अम्मा की परांत, हमें वापस कर दो। ऐजी... न चहिए हमें अहने गहने, न चहिए हमें जेवर रे मेरी अम्मा की नथुनियां हमें वापस कर दो। ऐजी... न चहिए हमें कपड़े लत्ते, न चहिए हमें साड़ी रे मोरी अम्मा की चुनरिया, हमें वापस कर दो। ऐजी... न चहिए हमें जेठा ननदी, न चहिए हमें देवर रे मोरे अम्मा के जमाई हमें वापस कर दो। ऐजी...

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